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ब्रोकरेज खाता

ब्रोकरेज खाता
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ब्रोकरेज खाता Meaning in hindi / ब्रोकरेज खाता का हिन्दी अर्थ

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One of the widely spoken languages across the globe is English. Especially English language becomes common and connects people across the globe with each other. English is the 2nd Language learned by most of the people.

About Hindi Language

Hindi languages is one of the oldest language which has roots laid back in around 10th Century AD. One of the Official Language of India is Hindi. It is widely spoken by 10 million people living North Indian States like Delhi, Haryana, Uttar Pradesh, Bihar, Jharkhand, Madhya Pradesh and Parts of Rajasthan. This English to Hindi Dictionary helps you to improve your Hindi as well as English.

ब्याज भी मिलेगा, आसानी भी रहेगी: जिन ब्रोकरेज हाउस के खुद के बैंक हैं, उसमें डिमैट अकाउंट खोलने से होंगे ब्रोकरेज खाता ब्रोकरेज खाता फायदे

अगर आप शेयर बाजार में कारोबार करते हैं यानी शेयरों को खरीदते बेचते हैं तो आपको अपना ट्रेडिंग और डिमैट अकाउंट खोलते समय सावधान रहना चाहिए। आपको चाहिए कि आप उन्हीं ब्रोकरेज हाउसों के पास डिमैट अकाउंट खोलें जिनकी बैंकिंग सेवाएं भी हों। इससे आपको कई फायदे हो सकते हैं।

कई सारे लाभ हैं

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD CEO) धीरज रेली कहते हैं कि जिन ब्रोकरेज हाउसों के पास बैंकिंग सुविधा है, या उनकी पैरेंट कंपनी के पास बैंकिंग है तो उनमें निवेशकों को डिमैट अकाउंट खोलने के कई सारे लाभ हैं। एक तो फंड को रखने और उसे रिलीज करने की सुविधा होती है। दूसरा आपका पैसा अगर बैंक में है तो उस पर आपको ब्याज भी मिलता है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के पास खुद बैंक है जो एचडीएफसी बैंक के रूप में है।

निवेशक बैंकिंग वाले ब्रोकरेज हाउस को पसंद करते हैं

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के पास भी बैंक है। आईसीआईसीआई बैंक इसी ग्रुप का है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि ज्यादातर निवेशक उन ब्रोकरेज हाउसों को पसंद करते हैं जिनकी खुद की बैंकिंग सेवाएं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के ब्रोकरेज हाउसों का विश्वास का लेवल काफी ज्यादा रहता है। साथ ही कुछ मामलों में इस तरह के निवेशकों का इन्हीं बैंकों के साथ रिश्ता भी रहता है जिससे उन्हें आसानी होती है।

एक्सिस और कोटक के पास भी है बैंकिंग सुविधा

कई सारे ब्रोकरेज हाउस जैसे एक्सिस, कोटक के पास भी बैंकिंग सुविधा हैं। इसके अलावा जिरोधा, अपस्टॉक्स, मोतीलाल ओसवाल जैसे ब्रोकरेज हाउस हैं जिन्हें बैंकों ने प्रमोट नहीं किया है। बाजार के जानकार मानते हैं कि इस समय कुछ ब्रोकरेज हाउसों ने टेक्नोलॉजी या कम ब्रोकरेज के कारण निवेशकों को खींचा जरूर है, पर इसमें निवेशकों का घाटा है।

ब्रोकरेज हाउसों के पास पैसे रखने की जरूरत नहीं

उदाहरण के लिए मान लीजिए आपका डिमैट अकाउंट आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस बैंक या एचडीएफसी सिक्योरिटीज में है तो आपको इन सिक्योरिटीज के पास पैसे रखने की जरूरत नहीं होती है। इन ब्रोकरेज हाउसों के जो प्रमोटेड बैंक हैं, उसमें आपके जो सेविंग अकाउंट हैं, उसी में पैसे रहेंगे। इस पैसे पर ब्याज भी मिलता रहेगा। फिर जब आपको शेयर खरीदना हो तो आप शेयर खरीद सकते हैं और तब पैसा अकाउंट से कटेगा।

गैर बैंकिंग वाले ब्रोकरेज हाउस में हो सकती है दिक्कत

पर अगर आपका डिमैट अकाउंट जिरोधा में है या किसी और ब्रोकरेज हाउस के पास है, जिनकी खुद की बैंकिंग नहीं है तो आपको किसी बैंक से इनके खाते में पैसा ट्रांसफर करना होगा। इसके बाद आप शेयर खरीद पाएंगे। ऐसे में अगर आपने शेयर नहीं खरीदा और पैसा इन्हीं के पास रहा तो आपको ब्याज भी नहीं मिलेगा। यहां तक कि कुछ मामलों में इनके डिमैट अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने में भी परेशानी होती है।

फोन पे भी शुरू करेगा ब्रोकिंग हाउस

इस समय फोन पे भी ब्रोकिंग बिजनेस शुरू करने की योजना बना रहा है। वह सेबी से लाइसेंस का इंतजार कर रहा है। डिजिटल पेमेंट में भारत में यह दूसरा सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। वह कोशिश कर रहा है कि उसके पास जो ग्राहक पहले से बने हैं, उन्हें शेयर बाजार में लाए। मार्च में इसने यूपीआई से 1.19 अरब लेन देन को प्रोसेस किया था। इसकी कुल रकम 2.31 लाख करोड़ रुपए थी। यूपीआई बाजार में इसकी हिस्सेदारी 44 पर्सेंट है। गूगल पे ने 95 करोड़ लेन देन प्रोसेस किया था और उसकी हिस्सेदारी 35 पर्सेंट है।

फोन पे फाइनेंशियल सर्विसेस वाला प्लेटफॉर्म बन रहा है

फोन पे अब पूरी तरह से एक विविधीकृत वित्तीय सेवा देने वाला प्लेटफॉर्म बन रहा है। इसने म्यूचुअल फंड में भी कारोबार शुरू किया है। यह आने वाले समय में निवेश और मर्चेंट सेवा भी देने की योजना बना रहा है। फोन पे की टक्कर पेटीएम से है जो पहले से ही सेबी से स्टॉक ब्रोकिंग के लिए मंजूरी पा चुका है। इसने कुछ निवेश उत्पाद भी लांच कर दिया है। पेटीएम 10 रुपए के चार्ज पर ट्रेडिंग की सुविधा देता है।

कई फिनटेक कंपनियां हैं ब्रोकिंग हाउस बिजनेस में

ब्रोकिंग हाउस में पहले से ही फिनटेक कंपनियां आई हैं। इसमें जिरोधा और अपस्टॉक्स जैसे ब्रोकर हाउस इस समय टॉप पर हैं। ये निवेशकों को डिस्काउंट ब्रोकरेज की सेवा देते हैं। भारत का रिटेल निवेश का बाजार अभी भी विकसित नहीं हो पाया है। अभी भी 2 करोड़ भारतीय हैं जो पहली बार निवेशक बन सकते हैं। पिछले 5 सालों की बात करें तो जिरोधा और अपस्टॉक्स ने बाजार में अच्छी हिस्सेदारी अपनाई है। ये 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज लेते हैं चाहे ट्रांजेक्शन की रकम कितनी भी हो। यही कारण है कि निवेशक इन ब्रोकरेज हाउसों की ओर जा रहे हैं।

शेयर बाजार में निवेश के लिये जरूरी है डीमैट खाता, जानिये इससे जुड़ी सभी अहम जानकारियां

आईपीओ मार्केट में मिल रहे शानदार रिस्पॉन्स और शेयर बाजार में लगातार जारी तेजी के रुख से छोटे निवेशकों की बाजार में हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: September 21, 2021 16:13 IST

कैसे शुरू करें शेयर. - India TV Hindi News

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कैसे शुरू करें शेयर बाजार में निवेश

नई दिल्ली। शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले रजिस्टर्ड निवेशकों के संख्या आज 8 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। शेयर बाजार में कारोबार को लेकर बढ़ती पारदर्शिता, बाजारों से मिलने वाले आकर्षक रिटर्न और निवेश की बेहद आसान प्रक्रिया की वजह से बाजार में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। नये निवेशकों में बड़ी संख्या खुदरा या छोटे निवेशकों की है। हाल के ही दिनों में आईपीओ बाजार के आंकड़े भी यही संकेत दे रहे हैं कि अब खुदरा या छोटे निवेशक पहले से कही ज्यादा संख्या के साथ बाजार में जुड़ रहे हैं। अगर आपने बाजार में कदम नहीं रखा है और चाहते हैं कि आप भी निवेश का फायदा उठाये तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि बाजार में निवेश की प्रक्रिया क्या है।

कैसे शुरू कर सकते हैं बाजार में निवेश

शेयर बाजार में निवेश के लिये आपके पास बाजार की समझ और कारोबार के लिय़े ट्रेडिंग, डीमैट और बैंक खाता होना आवश्यक है। कई बड़े ब्रोकरेज हाउस एक ही बार में ये तीनों खाते खोलने की सुविधा देते हैं। वहीं कुछ ब्रोकरेज हाउस आपके लिये ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं और आप अपने पहले से मौजूद किसी बैंक खाते को इससे लिंक करा सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट वो अकाउंट होता है जिससे आप सौदे के लिये बोली लगा सकते हैं। शेयर खरीदने पर वो इलेक्ट्रॉनिक रूप में डीमैट खाते में जमा होते हैं। शेयर की बिक्री पर मिली रकम आपके बैंक खाते में जमा होती है। वहीं आप इस बैंक खाते से जरूरत के हिसाब से रकम को ट्रेडिंग के लिये जारी कर सकते हैं।

कैसा खुलता है डीमेट अकाउंट
डीमैट अकाउंट की सुविधा कई छोटे बड़े ब्रोकरेज हाउस देते हैं, अधिकांश ब्रोकेरज हाउस ऑनलाइन या ऑफलाइन डीमैट खाते खुलवाने की सुविधा दे रहे हैं। आप आवेदन भर कर जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर या फिर सीधे ब्रांच जाकर भी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। खाता खोलने के लिये ब्रोकरेज हाउस का भरा हुआ फार्म, पैन नंबर, बैंक खाते से जुड़ी जानकारी, फोटोग्राफ आदि देने होते हैं। अकाउंट खोलने से पहले ब्रोकरेज हाउस वेरीफेकशन करती हैं, जिसके बाद आपको डीमैट अकाउंट का पासवर्ड और पिन नंबर जारी कर दिया जाता है। ब्रोकरेज खाता आपके द्वारा दिया गया बैंक खाता भी इस अकाउंट से लिंक होता है।

कैसे करते हैं बाजार में खरीदारी
ट्रेडिंग अकाउंट में निवेशकों के पास शेयर को खरीदने बेचने, आईपीओ में निवेश करने, म्यूचुअल फंड में निवेश करने जैसे निवेश के विकल्प दिये होते हैं। हर ब्रोकरेज हाउस का ऑनलाइन सिस्टम कुछ अलग होता है जिसे कुछ समय देकर समझा जा सकता है। इसके साथ ही ब्रोकरेज हाउस फोन बैंकिंग की तर्ज पर फोन के द्वारा भी निवेश के विकल्प देते हैं। ब्रोकरेज हाउस आपको खरीदारी की सुविधा देने के बदले एक ब्रोकरेज वसूलते हैं, इसके साथ ही खरीदारी पर टैक्स भी लगता है। निवेश का नफा नुकसान शेयर की कीमत के साथ इन अतिरिक्त शुल्क के आधार पर भी तय होता है। ऐसे में ब्रोकरेज हाउस का चुनाव करते वक्त सेवा, भरोसे के साथ साथ ब्रोकरेज की दर भी अहम हो जाती है।

क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया

वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।

लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।

10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?

दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार

मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।

दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:

क्रमांक कितने तरह के चार्जेज कितना चार्ज रकम
1 ब्रोकरेज 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो 0
2 सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.1% 100/-
3 ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.00325% 3.25/-
4 GST ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज 0.585/-
5 SEBI चार्ज 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर 0.1/-
कुल 103.93/-

तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।

उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज ब्रोकरेज खाता देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।

दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार

जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।

अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।

इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।

दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार

तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।

अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।

इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।

10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?

जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।

शेयरों में निवेश शुरू करना चाहते हैं? जानिए कैसे खोलें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

अब आप फिजिकल डॉक्‍यूमेंट जमा किए बगैर ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. शेयरों में निवेश के लिए इन्‍हें खुलवाना जरूरी है.

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डिजिटल फॉर्म भरें
पहले ब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं. फिर अकाउंट खोलने का फॉर्म भरें. इसमें आपको नाम, पता, पैन और उस बैंक अकाउंट की डीटेल्‍स भरनी होंगी जिन्‍हें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जोड़ना है. साथ ही सबसे उपयुक्‍त ब्रोकरेज प्‍लान को सेलेक्‍ट करने की जरूरत होती है.

डॉक्‍यूमेंट अपलोड करें
आधार, पैन, कैंसिल्‍ड चेक जैसे डॉक्‍यूमेंट की स्‍कैन कॉपी अपलोड करने की जरूरत पड़ती है. निवेशक की तस्‍वीर के साथ स्‍कैन किए हुए सिग्‍नेचर की भी जरूरत हो सकती है.

इन-पर्सन वेरिफिकेशन
इन-पर्सन वेरिफिकेशन ब्रोकर करते हैं. इसे डिजिटल कॉल या व्‍यक्ति की वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्‍यम से किया जाता है. इसके लिए निवेशकों को स्‍क्रीन पर दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाता है.

आधार ई-वेरिफिकेशन
व्‍यक्ति अब दोबारा फॉर्म चेक करके उसे जमा कर सकता है. इस फॉर्म को ओटीपी के जरिये आधार ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया का इस्‍तेमाल करते हुए इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से साइन किया जा सकता है. एक बार जमा की गई जानकारी, स्‍कैंन्‍ड दस्‍तावेज और आईपीवी हो जाने पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाता है. आप ट्रेडिंग अकाउंट में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं और किसी अन्‍य डीमैट अकाउंट में रखी गई प्रतिभूतियों को नए अकाउंट में ला सकते हैं.

किन बातों का रखें ध्‍यान
- ब्रोकरेज फर्मों के अलग-अलग प्‍लानों का अध्‍ययन करें और तुलना करें कि कौन सबसे अच्‍छे रेट और सर्विस ऑफर कर रहा है.

- डिस्‍काउंट ब्रोकर्स के ब्रोकरेज चार्ज फुल सर्विस ब्रोकरों के मुकाबले कम होते हैं. फुल सर्विस ब्रोकर्स तमाम तरह की ऐड-ऑन सर्विस भी देते हैं. इनमें एडवाइजरी, ट्रेडिंग प्‍लेटफॉर्म इत्‍यादि शामिल ब्रोकरेज खाता हैं.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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