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सोने में निवेश कैसे करें?

सोने में निवेश कैसे करें?

Gold Price: लगातार गिर रहा सोना क्या और गिरेगा, खरीदें, बेचें या होल्ड करें?

Gold: इंटरनेशनल मार्केट में सोना ढाई साल के निचले स्तर पर क्यों?

अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) के ब्याज दर बढ़ाते ही भारत समेत अंतररार्ष्ट्रीय बाजार में सोने (Gold) की चमक फीकी पड़ गई है. शेयर बाजार में निवेश करने को सोने में निवेश कैसे करें? लेकर उत्साही रहने वाले भारतीय सोने को खरा समझते हैं और उसमें निवेश का मौका तलाशते हैं.

एमसीएक्स पर सोने की कीमतों में पिछले सात महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है तो वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना ढाई साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है.

आइए जानते हैं क्या है सोने का भाव और क्या सोना खरीदने का सही समय आ गया है?

क्या है सोने का भाव?

घरेलू बाजार एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोना की कीमतों में 0.25 फीसदी की गिरावट देखी गई है, जो पिछले सात महीने का निचला स्तर है. अब इसकी कीमत 49,321 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. यहां इसकी कीमत 1656 डॉलर प्रति औंस पर है.

क्यों गिर रही है सोने की कीमत?

इसके पीछे सबसे बड़ी वजह अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी को माना जा रहा है. फेड ने महंगाई को नियंत्रण में लाने के लिए तीसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है और 0.75 फीसदी रेट बढ़ा दिया है.

IIFL सिक्यॉरिटीज के कमॉडिटी और करेंसी में रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने क्विंट हिंदी से कहा कि, "जो ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है उसके बाद नकदी में कमी आई है और लोगों का जो निवेश है वो डॉलर की तरफ शिफ्ट हो रहा है. डॉलर इस वक्त पिछले 20 साल के उच्चतम स्तर को छू चुका है और इसके उलट जो बाकी बड़ी करेंसी हैं वो सब सोने में निवेश कैसे करें? गिरावट का दौर झेल रही है."

क्या सोना खरीदने का यही सही समय है?

क्विंट हिंदी से बातचीत में आईआईएफएल सिक्यॉरिटीज के अनुज गुप्ता कहते हैं कि, "इंटरनेशनल मार्केट में सोने का भाव ढाई साल के निचले स्तर पर आ चुका है. हालांकि घरेलू बाजार में कोई बड़ी गिरावट नहीं हुई है क्योंकि यहां रुपया काफी कमजोर है."

निवेशक होने के नाते देखे तो खरीदारी से पहले थोड़ा और वेट एंड वॉच करना चाहिए. इसमें अभी और गिरावट देखने को मिल सकती है. इंटरनेशनल मार्केट में इसका भाव 1600 डॉलर प्रति औंस हो सकता है और एमसीएक्स पर अभी ये 48,000 के आसपास आ सकता है. गोल्ड आपको लॉन्ग टर्म में बढ़िया रिटर्न देगा.

वहीं मनी कंट्रोल से बातचीत में ओरिगो ई मंडी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) तरुण तत्संगी कहते हैं कि, साल के अंत तक स्पॉट मार्केट में सोने का भाव 46,000 रुपये तक आ सकता है. 50,000 से नीचे आने पर सोना खरीद सकते हैं. सोने का रेट अगले एक साल में रिटर्न दे सकता है लेकिन अगले तीन से चार महीनों में इसमें बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है.

सोने में निवेश के तरीके

सर्राफा बाजार से सोने के आभूषण खरीदने के अलावा इसमें निवेश के कई और भी तरीके हैं.

एक है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड- इसमें किया गया निवेश पूरी तरह सुरक्षित है क्‍योंकि इसमें रिजर्व बैंक की सुरक्षा गारंटी मिलती है. सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में 2.5% सालाना ब्याज के साथ सोने की कीमत बढ़ने का लाभ भी मिलता है. लेकिन इसमें किया गया निवेश 5 साल के लिए लॉक हो जाता है.

दूसरा, गोल्ड ईटीएफ- एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए सोने में छोटा निवेश कर सकते हैं. यहां सोना यूनिट में खरीदा जाता है, एक यूनिट एक ग्राम होता है. इससे कम मात्रा में या SIP के जरिए भी सोना खरीदना आसान हो जाता है. गोल्ड ETF से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है इसे संभालने की जरूरत भी नहीं होती क्योंकि यह डीमैट अकाउंट में होता है. जरूरत पड़ने पर इसे कभी भी स्टॉक एक्सचेंज पर बेचा जा सकता है.

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गोल्ड ETFs और गोल्ड फंड्स के फायदे

गोल्ड ETF 99.5% शुद्धता वाले गोल्ड बुलियन (सोने की ईंट) में निवेश करते हैं जो भौतिक धातु में निवेश करने के समान है। अगर आप लंबी-अवधि के लिए सोना एकत्रित करने के बारे में सोच रहे हैं, तो भौतिक रूप में उसे रखने या गोल्ड फंड में निवेश करने के मुकाबले गोल्ड ETF में निवेश करना ज़्यादा समझदारी वाला विकल्प है।

गोल्ड म्यूचुअल फंड्स सोने के खनन, प्रोसेसिंग, फैब्रिकेशन और वितरण में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। गोल्ड फंड्स का प्रदर्शन इन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। यद्यपि गोल्ड ETF सीधे धातु के प्रदर्शन से जुड़े रिटर्न पेश करते हैं, गोल्ड फंड्स सोने के उद्योग के प्रदर्शन से जुड़े रिटर्न प्रस्तुत करते हैं।

गोल्ड म्यूचुअल फंड्स को फंड मैनेजर्स सक्रियता से मैनेज करते हैं, इनमें गोल्ड ETF जो मार्केट इंडेक्स को कॉपी करते हैं, से ज़्यादा बेहतर रिटर्न देने की क्षमता होती है। क्योंकि ETFs इंडेक्स को कॉपी करते हैं, गोल्ड ETFs का एक्सपेंस रेश्यो गोल्ड फंड से कम होता है। गोल्ड ETF भौतिक धातु की कीमतों में उतार-चढ़ाव को गोल्ड म्यूचुअल फंड्स के मुकाबले ज़्यादा सटीक तरीके से ट्रैक करते हैं। चूँकि ETF एक्सचेंज में लिस्टेड होते हैं, इसलिए वे अधिक नकदी प्रस्तुत करते हैं। आप दिन में किसी भी समय सोने की रीयल-टाइम कीमत पर अपनी होल्डिंग्स खरीद या बेच सकते हैं। इसलिए गोल्ड ETF भौतिक सोना रखने से अच्छा विकल्प हैं। गोल्ड फंड एसआईपी के जरिए लंबी अवधि के लिए गोल्ड इंडस्ट्री में निवेश का अच्छा मौका देते हैं।

सोना में निवेश से पहले कुछ सोने में निवेश कैसे करें? जरूरी बातें जान लीजिए, फायदे में रहेंगे आप

Here are key benefits of investing in gold

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सोने को हमेशा से सुरक्षित निवेश माना गया है। सोने में निवेश करने मतलब सिर्फ गहने ही खरीदना नहीं होता है, बल्कि आप समझदारी से सोने में निवेश करें तो कुछ सालों के दौरान बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। लोगों को सोने में फाइनेंशियल असेट के तौर पर निवेश करना चाहिए। सेबी रजिस्‍टर्ड इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं सोने में निवेश करने वाले पेपर गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और डिजिटल गोल्ड को बेहतर विकल्प के तौर पर माना जाता है।

सोलंकी के अनुसार, सोना 10-15 फीसद के बीच किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। जैसे अगर कोई 100 रुपये बचा रहा है, तो 15 रुपये निश्चित रूप से सोने में जाना चाहिए।

महंगाई से राहत: जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, सोना शेयर बाजार की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार नहीं है, इसलिए इसे बाजार से जुड़े निवेश साधनों से जुड़े जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है।

लंबी अवधि के लिए निवेश करने पर अच्छा रिटर्न: सोलंकी के अनुसार, सोना लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। कई बार सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई है, लेकिन यह हमेशा मजबूती के साथ वापसी करता है, यहां तक कि कुछ समय तो आउटपरफॉर्मिंग बॉन्ड और शेयरों को भी पीछे छोड़ देता है। सोना स्टॉक और बॉन्ड जैसे अन्य एसेट क्लास से अलग प्रदर्शन करने के लिए जाना जाता है। जब वे नीचे जाते हैं, तो सोना ऊपर जा सकता है।

अगर आप पेपर गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ खरीदना है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग सोने में निवेश कैसे करें? अकाउंट की आवश्यकता होती है। ETF में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है।

सोवरिन गोल्ड बॉन्ड्स कागज के सोने में निवेश का दूसरा तरीका है। भारत सरकार ने 5 नवंबर 2015 को गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम शुरू की, ताकि जनता को बैंक सोने में निवेश कैसे करें? लॉकर्स में बेकार पड़े सोने पर ब्याज के तौर पर कमाई करने का रास्ता मिल सके। सरकार एसजीबी जारी करती है, जो हर कुछ महीनों में खास अंतराल के दौरान खरीदने के लिए उपलब्ध होते हैं और ये रीडम्प्शन पर टैक्स-फ्री हैं।

भारतीय उपभोक्ता सोने में कैसे करें निवेश

भारत में सोने को गहनों, आभूषणों के साथ निवेश व कठिनाई के समय काम आने वाले उत्पाद के रूप में देखा जाता है। अनेकों उत्पाद होने के बाद भी सोने का महत्त्व कम नहीं हुआ है। अस्थिर परिस्तिथियों जैसे वर्तमान रूस-यूक्रेन युद्ध के समय में लोगों का झुकाव सोने की ओर और अधिक बढ़ जाता है। सोने के विभिन्न रूप में 24 कैरेट सोना यह सोने का सबसे शुद्ध रूप है। इसमें किसी अन्य धातु का मिश्रण नहीं होता और यह 99.9 प्रतिशत शुद्धता का प्रतीक है।

लेखक : करुणेश देव

22 कैरेट सोना: इसमें 22 भाग सोने के और उसे भाग अन्य धातुओं के होते हैं। अन्य धातुओं के मिश्रण से ये आभूषण बनाने के काम आता है।

18 कैरेट सोना: इसमें 75 प्रतिशत भाग सोना और 25 प्रतिशत अन्य धातुओं का मिश्रण होता है। इसकी कठोरता, स्थायित्व के कारण इसका उपयोग हीरे जडि़त आभूषण बनाने के लिए किया जाता है

सोने में निवेश के पांच प्रमुख तरीके हैं।

गोल्ड ईटीएफ : गोल्ड ईटीएफ, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) हैं जो घरेलू 24 कैरट सोने के भाव को ट्रैक करते हैं। एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट उच्च शुद्धता वाले सोने द्वारा समर्थित 1 ग्राम सोने के बराबर होता है।
गोल्ड ईटीएफ की विशेषताएं :

1.गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट खाता अनिवार्य है।
2. इनमें न्यूनतम निवेश एक ग्राम सोने के बराबर है।
3. ईटीएफ की इकाइयों का स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार किया जा सकता है।
4.गोल्ड ईटीएफ वास्तविक सोने द्वारा समर्थित हैं।
गोल्ड म्यूचुअल फंड: गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं को गोल्ड म्यूचुअल फंड के रूप में जाना जाता है। ये ईटीएफ के माध्यम से निवेश करते हैं और श्फंड ऑफ फंड्स श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। ये फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं, जिनके पास डीमैट खाता नहीं है और जो पेशेवर रूप से प्रबंधित सोने के दाम में बढ़ोतरी का लाभ उठाना चाहते हैं।
गोल्ड म्यूचुअल फ्रंड की विशेषताएं:
1. इसमें निवेश के लिए डीमैट खाते की आवश्यकता नहीं होती
2. निवेशक एसआईपी के ज़रिए निवेश कर सकते हैं जो ईटीएफ में संभव नहीं है
3. कम राशि से निवेश आरम्भ किया जा सकता है।
सॉवरेन गोल्ड बांड: भौतिक सोने की मांग कम करने के लिए 2015 में सरकार द्वारा श्सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना आरंभ की गई थी। आरबीआई इन्हें सोने में निवेश कैसे करें? भारत सरकार की ओर से जारी करता है।
सॉवरेन गोल्ड बांड की विशेषताएं: 1. ये सोने के प्रति ग्राम बाजार मूल्य के बराबर बांड के रूप में जारी की जाती हैं
2. ये सोने में निवेश का अपेक्षाकृत सुरक्षित उपाय है।
3. इनकी परिपक्वता अवधि आठ वर्ष है (5वें वर्ष के बाद बाहर निकलने का विकल्प है)।
डिजिटल सोना: सोने में ऑनलाइन निवेश के सुविधाजनक साधनों में से एक है डिजिटल सोना। डिजिटल सोना बिना लॉकर के वस्तुत: सोना रखने का एक तरीका है। निवेशकों द्वारा खरीदा गया डिजिटल सोना भौतिक 24 कैरेट सोने के भाव से जुड़ा होता है।

डिजिटल सोने की कुछ विशेषताएं:
1. छोटी मात्रा में निवेश
2. सुरक्षित निवेश
3. उच्च तरलता
4. कम सृजन.शुल्क
भौतिक सोना : ऐसे निवेशक जो केवल भौतिक स्वरूप में ही सोना खरीदना चाहते हैं, वे सोने के सिक्के या बार खरीदकर ऐसा कर सकते हैं। सोने के सिक्के और बार 24 कैरेट शुद्धता के साथ आते हैं और और इनका मूल्य 24 कैरट सोने के भाव से जुड़ा रहता है। निवेशकों को बीआईएस मानकों के अनुपालन के साथ इनकी शुद्धता (हॉलमार्क के साथ) सुनिश्चित करनी चाहिए।

भौतिक सोने के लाभ:
1.ये आसान निवेश है।
2.डीमैट खाते की आवश्यकता नहीं है।
3.आवश्यकता होने पर आसानी से ऋण किया जा सकता है।

चलते चलते

भारत में सोना शुभ माना जाता है और इसे कई अवसरों पर खरीदा जाता है। जैसे दीपावली, अक्षय तृतीया, विवाह-शादी आदि। आम धारणा यह है कि सोने की कीमतें शेयर बाजार की तुलना में अलग दिशा में चलती हैं। इसलिए यह निवेश का अच्छा साधन है, लेकिन यह पोर्टफोलियो का एक बड़ा हिस्सा नहीं होना चाहिए। अन्य निवेश माध्यमों की भांति सोने में निवेश से पहले उद्देश्य, सोने में निवेश कैसे करें? अवधि, जोखिम क्षमता और भविष्य की रणनीति का आकलन आवश्यक है।

नोट : यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। किसी भी निवेश से पहले उसकी पूरी जानकारी अवश्य लें।

How to Invest in Gold in Hindi | सोने में निवेश कैसे करें?

हेलो दोस्तों आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे की सोने में कैसे निवेश किया जाये, गोल्ड यानि में निवेश करने का कौन सा तरीका अच्छा होता है हमे असली में सोनार से सोना खरीद कर इन्वेस्ट करना चाहिए या फिर ऑनलाइन गोल्ड यानि सोना खरीद कर इन्वेस्ट कर सकते हैं? हमे किस में ज्यादा व्याज मिलेगा तो चलिए देखते हैं।

WHAT IS GOLD IN HINDI

सोना एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक Au और परमाणु संख्या 79 है, जो इसे प्राकृतिक रूप से होने वाले उच्च परमाणु संख्या तत्वों में से एक बनाता है। शुद्ध रूप में, यह एक चमकीला, थोड़ा लाल रंग का पीला, घना, मुलायम, निंदनीय और नमनीय धातु है। रासायनिक रूप से, सोना एक संक्रमण धातु और एक समूह 11 का तत्व है।

सोने में कई गुण होते हैं जिसने इसे पूरे इतिहास में असाधारण रूप से मूल्यवान बना दिया है। यह रंग और चमक में आकर्षक है, आभासी अविनाशीता के बिंदु तक टिकाऊ है, अत्यधिक निंदनीय है, और आमतौर पर तुलनात्मक रूप से शुद्ध रूप में प्रकृति में पाया जाता है। सोने का इतिहास किसी भी अन्य धातु से अतुलनीय है क्योंकि यह प्राचीन काल से ही मूल्यवान है। और इन्ही वजह से लोग इनमे निवेश करते हैं।

अपने शुद्धतम रूप में सोना हल्के लाल पीले रंग का होता है। हालांकि, इसका उपयोग कई अन्य रंगों में रंगीन सोने के उत्पादन के लिए किया जा सकता है। हम जानते हैं कि आभूषण बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सोना 24k शुद्ध सोना नहीं है। यह मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए अन्य धातुओं के साथ सोने का एक मिश्र धातु है।

विभिन्न पाए गए सोने के रंग बनाने के लिए सोने को चांदी, तांबा, जस्ता, पैलेडियम और निकल के साथ मिश्रित किया जा सकता है। सबसे आम सोने के रंग पीले, सफेद और गुलाब हैं, जबकि आप हरे और भूरे रंग में भी सोना पा सकते हैं।

प्राचीन सभ्यताओं के समय से लेकर आधुनिक युग तक सोना दुनिया की पसंदीदा मुद्रा रही है। आज, निवेशक मुख्य रूप से राजनीतिक अशांति और मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में सोना खरीदते हैं। इसके अलावा, कई शीर्ष निवेश सलाहकार समग्र पोर्टफोलियो जोखिम को कम करने के लिए सोने सहित वस्तुओं में पोर्टफोलियो आवंटन की सलाह देते हैं।

1. भौतिक सोना कैसे खरीदें ?(Investing in Physical Gold) :-

तो चलिए देखतें है की भौतिक गोल्ड में कैसे निवेश करते हैं तो जैसा की आपको पता होगा की भौतिक गोल्ड में हम सोने से सिक्के में निवेश करते हैं, या फिर हम कोई सोने का गहना भी खरीद कर निवेश कर सकते हैं लेकिन इसमें ये प्रॉब्लम होता है की अगर हम सोने को कभी पहन लेते हैं और फिर उसे बेचते है तो उसमे कुछ मिली ग्राम वो काट लेता हैं।

तो फिजिकल गोल्ड यानि भौतिक सोना खरीदने का सही तरीका यही हैं की हम एक सुनार के दूकान पर जाकर उससे कोई अच्छा वाला सोना का सिक्का खरीद सकते हैं।

2. डिजिटल सोना कैसे खरीदें? (Investing in Digital Gold) :-

डिजिटल गोल्ड खरीदना बहुत ही आसान हैं क्योंकि आप किसी भी Fintech Companies के अप्प् की सहायता से आसानी से गोल्ड खरीद कर निवेश कर सकते हैं, तो चलिए देखतें हैं की वे कौन से अप्प हैं जहाँ से हम डिजिटल गोल्ड खरीद कर निवेश कर सकते हैं।

डिजिटल गोल्ड खरीदने के तरीके –

अगर आप डिजिटल गोल्ड खरीदकर इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए ऍप्लिकेशन्स की सहायता से आसानी से निवेश कर सकते हैं –

वैसे तो पहले लोग फिजिकल गोल्ड ही खरीदते थे लेकिन अब लोग डिजिटल भी खरीदते हैं और फिजिकल भी, अब आप पूछेंगे सोने में निवेश कैसे करें? की खरीदना कहाँ से चाहिए डिजिटल से या फिजिकल से तो मैं आपको बता दूँ की गोल्ड कहीं से भी खरीद सकते हैं और दोनों से अपने अपने फायदे और नुक्सान हैं।

अगर आप फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो आप उस सोने के गहने को जब मन करें पहन सकते हैं, ये तो फायदा है लेकिन नुक़्सान से है की अगर आप फिसिकल खरीदते हैं तो आपको १० से १५ % मेकिंग चार्जेज देनी पड़ती हैं और इसके आलावा ३ % GST भी देना पड़ता है। और फिजिकल गोल्ड का चोरी होने का भी डर होता हैं। और जब आप इस गोल्ड को बेचने जाते हैं तो इसे आप गोल्ड से एक्चुअल रेट पर नहीं बेच सकते क्योंकि अगर आप पहनते होंगे इस सोने के गहने को तो ये गन्दा हो जाता है जिसकी वजह से अच्छे रेट में नहीं बेच सकते , सोने में निवेश कैसे करें? और फिजिकल गोल्ड को आप १०० और २०० रुपये में नहीं खरीद सकते।

तो चलिए जब बात करते हैं डिजिटल गोल्ड की तो इसमें जब हम कोई डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं तो हमे कोई गोल्ड का सिक्का या कोई सोना फिजिकली नहीं मिलता, बल्कि हमे केवल एक सर्टिफिकेट मिलता है की हमने डिजिटल गोल्ड खरीदें हैं। और डिजिटल गोल्ड का चोरी होने का डर भी नहीं रहता और हम डिजिटल गोल्ड १०० रुपये में भी खरीद सकते हैं। और डिजिटल गोल्ड में भी 3% GST लगता है।

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