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ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण

ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण

चेंबर ने बिलासपुर के व्यापार विहार जैसे रायपुर के व्यापारियों के लिए निर्धारित स्थान के लिए की बैठक…सुझावों-मांगों पर लिखित सूचना के बाद तय होगी अगली रणनीति

रायपुर, 24 नवबंर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने चेम्बर कार्यालय, चै.देवीलाल व्यापार उद्योग भवन, बाम्बे मार्केट में थोक बाजार के लिए स्थान सुनिश्चित करने एक आवश्यक बैठक मंगलवार को रखी गई थी। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में व्यापारियों मौजूद रहे।

चेम्बर के प्रेदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बैठक में सभी संघ/एसोसियेशन के प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि प्रदेश के संवेदनशील मुखिया भूपेश बघेल सब्जियों व फल मार्केट की तरह ही व्यापारियों को भी एक निर्धारित स्थल मुहैया करवाएगा। ऐसा आश्वासन CM बघेल ने हाल ही में व्यापारियों के साथ हुई बैठक में दिया। परवानी ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने थोक बाजार स्थल ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण के लिये तत्काल स्वीकृति प्रदान की।

चेम्बर की मांग व्यापारियों को शहर के बाहर मिले उचित स्थान

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के पहल पर प्रदेश के सभी जिलों में राजधानी स्थित डूमरतराई जहां थोक सब्जी विक्रेताओं एवं बिलासपुर स्थित व्यापार विहार की तर्ज पर होलसेल ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण कॉरीडोर निर्माण किया उसी तरह रायपुर के व्यापारियों के लिए शहर के बाहर उचित स्थान उपलब्ध करवाए। इसके लिए CM भूपेश बघेल त्वरित कार्यवाही करते हुए स्वीकृति दी है।

शहर के बाहर थोक दुकानों के गिनाये लाभ

पारवानी ने कहा कि थोक बाजार शहर से बाहर होने से रायपुर शहर के नागरिक भी लाभान्वित होंगे। शहर की यातायात में सुगमता होगी। रायपुर नगर के फुटकर व्यापारियों को सुविधा ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण होगा। होलसेल मार्केट बाहर जाने से आम जनता सहित सभी का अच्छा होगा। क्योंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश सात समीपवर्ती राज्यों से घिरा हुआ है, जिससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और नये रोजगार का सृजन होगा।

व्यापारियों से दुकानों के प्रारूप की लिखित में मांग

बैठक में उपस्थित व्यापारिक संघों/एसोशिएशन के पदाधिकारियों ने अपने सदस्यों के लिये आवश्यकतानुसार दुकानों की मांगे रखी तथा अपने-अपने सुझाव भी दिये। जिसके प्रत्युत्तर पारवानी ने सभी संघों के पदाधिकारियों से अनुरोध किया कि उन्हें कितनी दुकानें, दुकान की साइज, दुकान का स्वरूप आदि के बारे में विस्तृत जानकारी लिखित में चेम्बर कार्यालय में भिजवायें ताकि इस संबंध में उचित निर्णय लिया जा सके।

पारवानी ने कहा कि थोक बाजार के स्थल के संबंध में यह चेम्बर की पहली बैठक है। इस संबंध में कार्यवाही पूरा होने तक और भी लगातार बैठकें आयोजित की जायेगी। सभी एसोसियेशनों की मांग के अनुरूप दुकान उपलब्ध कराने हेतु प्रशासन का सहयोग लिया जायेगा।

एसोसियेशन की मांग 1459 दुकानों की

बैठक में सोलर एसोसियेशन, रायपुर मोटर मर्चेन्ट एसोसियेशन, रायपुर फुटवेयर एसोसियेशन, स्वीट्स एंड नमकीन एसोसियेशन, छत्तीसगढ़ प्लास्टिक निर्माता एवं विके्रता संघ, छत्तीसगढ़ ग्लास एसोसियेशन, छत्तीएगढ़ अगरबत्ती एसोसियेशन, जीवनबीमा मार्ग व्यापारी संघ, डूमरतराई थोक सब्जी व्यापारी संघ, छत्तीसगढ़ चाय व्यापारी संघ, रायपुर इलेक्ट्रिकल मर्चेन्ट एसोसियेशन, छत्तीसगढ़ साबुन निर्माता संघ, मेडिकल एसोसियेशन, रायपुर मिल मशीनरी एसोसियेशन, छत्तीसगढ़ एफएमसीजी एसोसियेशन के पदाधिकारियों ने थोक बाजार में दुकान प्रदान करने हेतु अपना प्रस्ताव रखा तथा कुल 1459 दुकानों की मांग की। बाकी 100 से अधिक एसोसियेशन ने अपने व्यापारियों के साथ बैठक कर, उनकी मांग के अनुसार चेम्बर में लिखित आवेदन करेंगे।

बैठक में प्रमुख रूप से चेम्बर सलाहकार परमानंद जैन, दीपक बल्लेवार, सुरिन्दर सिंह अजय अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष -राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, उपाध्यक्ष- हीरा माखीजा, कन्हैया लाल गुप्ता, विजय पटेल, टी.श्रीनिवास रेड्डी, पृथ्वीपाल सिंह छाबड़ा, जय नानवानी, मंत्री- शंकर बजाज, जयराम कुकरेजा, विक्रांत राठौर, कार्यकारिणी सदस्य- सतीश श्रीवास्तव सहित अनेक व्यापारिक एसोसियेशनों /संघों के पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

MP: टोक्यो ओलंपिक में सबसे ज्यादा जलवा दिखाएंगे मध्य प्रदेश के खिलाड़ी

tokyo olympics

भोपाल। टोक्यो में 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए मध्य प्रदेश के सर्वाधिक खिलाड़ी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे। ओलंपिक में भागीदारी करने वाले मध्य प्रदेश से प्रशिक्षित खिलाड़ियों में एश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (शूटिंग), प्राची यादव (पैरा कयाकिंग केनोइंग), विवेक सागर प्रसाद और नीलाकांता शर्मा (पुरूष हॉकी) सुशीला चानू, मोनिका, वन्दना कटारिया (महिला हॉकी) शामिल हैं।

ओलम्पिक में और भी कई खिलाड़ी लेंगे भाग

इसके अलावा मध्य प्रदेश से प्रशिक्षित रिजर्व खिलाड़ी के रूप में चिंकी यादव एवं सुनिधि चौहान (शूटिंग), रीना खोखर एवं ई. रजनी (महिला हॉकी) का भी चयन किया गया है। साथ ही पैरा शूटिंग खिलाड़ी रूबिना फ्रांसिस भी ओलम्पिक में भागीदारी की प्रबल दावेदार हैं। क्योंकि हाल ही में पेरू में आयोजित विश्व पैरा शूटिंग चैंपियनशिप में रूबिना फ्रांसिस ने रिकार्ड प्रदर्शन करते हुए भारत को स्वर्ण पदक के साथ ओलम्पिक कोटा भी दिलाया है।

खेल के क्षेत्र में प्रदेश को कई पुरस्कार मिल चुके हैं

मालूम हो कि मध्य प्रदेश खेलों के मामले में काफी आगे हैं। पिछले साल दिसंबर में ही फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा मध्य प्रदेश को ‘बेस्ट स्टेट प्रमोटिंग स्पोर्टस अवार्ड’ से नवाजा गया था। इसके अलावा मप्र को खेलों के क्षेत्र में किए जा रहे कामों के लिए पूर्व में भी कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। याटिंग एसोसियेशन ऑफ इंडिया द्वारा मध्य प्रदेश में नौकायन खेल को बढ़ावा देने के लिए नेशनल सेलिंग स्कूल भोपाल को वर्ष 2012, 2015 और 2018 में एडमिरल कोहली अवार्ड से सम्मानित किया जा गया है। वर्ष 2017 में नेशनल सेलिंग स्कूल को बेस्ट क्लब ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से नवाजा गया।

सेलिंग खिलाड़ी हर्षिता तोमर को 2015, 2017 और 2018 में याट्स पर्सन ऑफ द ईयर, वर्ष 2017 में राम मिलन यादव और 2018 में गोविंद बैरागी को मोस्ट प्रमोसिंग ऑफ द ईयर तथा उमा चौहान को बेस्ट वूमेन सेलर का ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण अवॉर्ड मिल चुका है। इसी तरह वर्ष 2014-15 में महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर को हॉकी इंडिया द्वारा प्रेसीडेंट अवार्ड से भी नवाजा गया था।

हॉकी अकादमी से तैयार हो रहे हैं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

मालूम हो कि प्रदेश में वर्ष 2006 से महीला हॉकी अकादमी के माध्यम से खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण एवं खेल सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। जिसका परिणाम है कि अकादमी से अंतर्राष्ट्रीय महिला खिलाड़ी तैयार हुई हैं। महिला हॉकी अकादमी के अलावा वर्ष 2007-08 में भोपाल में पुरूष हॉकी अकादमी की भी स्थापना की गई थी। इस अकादमी के माध्यम से भी कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार हुए हैं।

खेल विभाग द्वारा युवाओं का दिया जा रहा शारीरिक प्रशिक्षण

भोपाल। प्रदेश के युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण देकर उन्हें पुलिस, भारतीय सेना, रेल्वे आदि में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किया जा रहा है। इसके तहत युवाओं को 800 तथा 1600 मीटर दौड, हॉय जम्प, लॉंग जम्प, गोला फेंक आदि का शारीरिक दक्षता प्रशिक्षण एनआईएस कोच गोविन्द जाट एवं सहायक प्रशिक्षक भगवान सिंह लोधी द्वारा युवाओं को दिया जा रहा है।

खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की पहल पर युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ किया गया। इस केन्द्र के माध्यम से युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इसके तहत अभी तक 354 युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।

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खेल संचालक पवन जैन ने बताया कि टीटी नगर स्टेडियम परिसर में संचालित भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से अभी तक युवाओं को मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंसपेक्टर सूबेदार, प्लाटून कमांडर और आरक्षक के 303, बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और असम रायफल में 12, भारतीय सेना में 9 रेल्वें में 8 तथा अन्य सेवाओं में 22 विभिन्न पदों पर युवाओं को नियुक्ति मिली है। भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र में अभी तक दो हजार आठ सौ से अधिक युवा प्रशिक्षण हासिल कर चुके हैं और प्रशिक्षण का यह क्रम निरंतर जारी है।

उन्होंने बताया कि भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र में तीन माह का प्रशिक्षण सत्र प्रारम्भ हो गया है। पूर्व में प्रत्येक युवा से तीन हजार रुपये का प्रशिक्षण शुल्क लिया जाता था, जिसे कोरोना काल ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए घटाकर बारह सौ रूपये कर दिया गया है। भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण के इच्छुक युवा टीट. नगर स्टेडियम के मुख्य द्वारा पर स्थित कार्यालय पर संपर्क कर जानकारी एवं फार्म प्राप्त कर सकते हैं। (एजेंसी, हि.स.)

शिक्षक दिवस स्पेशल: ये हैं राजनांदगांव के द्रोणाचार्य. जिन्होंने 26 साल की उम्र में तैयार किए 45 राष्ट्रीय तीरंदाज

शिक्षक दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आपको राजनांदगांव के 26 साल के राहुल साहू से मिलवा रहा है. राहुल होटल में समोसे बेचते हैं और साथ ही ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण खिलाड़ियों को निशुल्क तीरंदाजी का प्रशिक्षण दे रहे हैं. अब तक राहुल ने 45 खिलाड़ियों को नेशनल खेलने के लिए तैयार किया है, जिनमें 2 लोगों ने मेडल जीतकर राजनांदगांव का नाम रोशन किया है.

राजनांदगांव. कहते हैं ज्ञान बांटने से बढ़ता है. इस कहावत को सही साबित कर दिखाया है जिले से लगे फरहद गांव के राहुल साहू ने. राहुल ने महज 26 साल की उम्र ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण में 45 राष्ट्रीय तीरंदाज तैयार कर दिए. राहुल पेशे से होटल संचालक हैं और खासतौर पर वे समोसे बेचते हैं. लेकिन इस काम के बीच में भी उन्होंने अपने हुनर को बांटने से परहेज नहीं किया और आज निशुल्क तीरंदाजी का प्रशिक्षण वे लोगों को दे रहे है.

राजनांदगांव शहर से लगे फरहद गांव में रहने वाले 26 साल के युवा राहुल साहू ने ETV भारत से चर्चा करते हुए बताया कि कॉलेज में पढ़ने के दौरान ही उन्होंने तीरंदाजी का गुर सीखा था. लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें होटल का व्यापार करने की तरफ मोड़ दिया. इसके बाद भी उन्होंने तीरंदाजी से लगाव नहीं छोड़ा. उन्होंने बताया कि तीरंदाजी का गुर सीखने के बाद उनके मन में हमेशा यह कसक रहती थी कि जो कुछ भी उन्होंने सीखा है उसे दूसरों को भी सिखाया जाए.

इस सोच के साथ उन्होंने निशुल्क तीरंदाजी प्रशिक्षण शिविर शुरू किया और खिलाड़ियों को तीरंदाजी का हुनर सिखाने लगे. अब उनके प्रशिक्षण शिविर में तकरीबन 40 खिलाड़ी हैं जो उनसे प्रशिक्षण ले रहे हैं. अब तक राहुल ने 45 खिलाड़ियों को नेशनल खेलने के लिए तैयार किया, जिनमें 2 लोगों ने मेडल जीतकर राजनांदगांव का नाम रोशन किया है.

जो सीखा वो बांटा

ETV भारत से चर्चा करते हुए राहुल ने बताया कि जो कुछ भी तीरंदाजी का हुनर उन्होंने सीखा उसे वे लगातार खिलाड़ियों को सिखा रहे हैं. कैंप में तकरीबन 40 खिलाड़ी लगातार प्रशिक्षण ले रहे हैं. इन खिलाड़ियों में नेशनल प्लेयर भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि वे लगातार खिलाड़ियों ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण को नेशनल और इंटरनेशनल खेलने के लिए भी प्रोत्साहित करते रहते हैं और उन्हें इस स्तर पर तैयार करने के लिए वे खुद भी फील्ड पर पसीना बहा रहे हैं.

टाइट शेड्यूल के बावजूद प्रशिक्षण के लिए निकालते हैं वक्त
राहुल ने बताया कि वह ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण होटल का संचालन करते हैं. पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्होंने इस व्यापार को शुरू किया और अब नाश्ता बेचकर वे अपना परिवार चलाते हैं. उन्होंने बताया कि होटल चलाने के दौरान उन्हें समय का काफी अभाव रहता है. उनका शेड्यूल काफी टाइट रहता है. कभी-कभी स्वयं के काम के लिए भी वक्त निकालना मुश्किल हो जाता है, लेकिन इन सबके बावजूद भी उन्होंने तीरंदाजी का प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों के लिए समय निकालना बंद नहीं किया. वे लगातार खुद फील्ड पर मौजूद रहकर बच्चों को प्रशिक्षण देते हैं.

ओलंपिक में मेडल लाने की तमन्ना
राहुल का कहना है कि उनका सपना है कि तीरंदाजी में खिलाड़ी देश के लिए ओलंपिक में अपना हुनर दिखाए और देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आएं. इस सपने के साथ वे लगातार खिलाड़ियों के साथ फील्ड में मेहनत करते रहते हैं, ताकि खिलाड़ियों को हर संभव गुर सिखाया जा सके. उनका कहना है कि अभाव के बावजूद वे खिलाड़ियों का हौसला कम होने नहीं देते हैं.

परेशानी से जूझते हुए भी दे रहे प्रशिक्षण
शिविर का संचालन करने वाले डॉक्टर विकास अग्रवाल का कहना है कि तीरंदाजी का गुर सीखने वाले खिलाड़ी लगातार अभाव से जूझ रहे हैं. प्रशिक्षण में काफी गरीब तबके के बच्चे आते हैं और उनके पास तीर कमान लेने के लिए भी पैसे नहीं होते. ऐसी स्थिति में उन्हें सामूहिक मदद करते हुए सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है ताकि वे इस खेल में आगे बढ़ते हुए देश का नाम रोशन कर सकें.

धान की तरह ही है तेंदूपत्ता का व्यापार: डीएफओ

नगरी।कुछ माह पश्चात ही तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू होने वाला है जिसकी तैयारी धरातल पर जारी है। 23 फरवरी को धमतरी वनमंडल के द्वारा दुगली सभाहाल में शाखकर्तन, फूड ग्रेड महुआ फूल एवं अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न हुआ। प्रबंध संचालक सातोविशा समाजदार ने इस अवसर पर सभा को संबोधित करते कहा कि तेंदूपत्ता व्यापार भी धान के व्यापार जैसा ही है। धान उत्पादन के लिए जिस तरह किसान क्यारी बनाता है, फसल तैयार करने के बाद शासन को विक्रय करता है और कुछ दिनों पश्चात बोनस पाता है ठीक उसी प्रकार शाखकर्तन कार्य को ग्रामीण अपनी कृषि जमीन समझे और तैयारी करे रोजी ना देखे, जितना अच्छा पूर्णिग कार्य होगा उतना ही गुणवत्ता वाला पत्ता प्राप्त होगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला यूनियन अध्यक्ष अकबर कश्यप ने रापा, फावड़ा से ही बूटा कटाई करने पर जोर दिया ग्रामीणों एवं फड़ मुंशियों से ईमानदारी व जवाबदारी से शाखकर्तन कार्य करने की अपील की। जिला यूनियन उपप्रबन्ध संचालक एफआर कोसरिया ने आगामी तेंदूपत्ता सीजन के व्यापार, लक्ष्य, अग्रिम क्रेता के संबंध में जानकारी दी। एसडीओ हरीश पांडे ने ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण शाखकर्तन की महत्ता समझाया।

मास्टर ट्रेनर सुखराम नेताम ने मॉडल और ड्राइंग के माध्यम से बूटा कटाई कब करे, कैसे करे विस्तार से छत्तीसगढ़िया अंदाज में जानकारी दी। श्री नेताम ने बताया कि शाखकर्तन के लिए उपयुक्त औजार फावड़ा है क्यो की इसकी धार 30 सेंटीमीटर होती है जबकि कुल्हाड़ी की 8 से 10 इसलिए कुल्हाड़ी के बजाए फावड़ा से कार्य करने में मेहनत कम लगती है। महुआ फूल, ईमली संग्रहण का विशेष मॉडल भी इन्होंने तैयार किया था। मंच संचालन प्रबंधक सुरेश साहू एवं आभार प्रदर्शन लेखापाल के.नागवंशी ने की।

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