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बाजार का शोर

बाजार का शोर
शोर व्यापारी एक ऐसा व्यक्ति है जो स्टॉक के मौलिक या तकनीकी विश्लेषण के बजाय गपशप या अफवाहों के आधार पर व्यापार करता है। इसलिए, ये तर्कहीन व्यापारी अपर्याप्त और गलत डेटा के आधार पर दांव लगाते हैं। उनके बिना, बाजार वर्णनात्मक और प्रभावी होगा।

Samsung और Vivo की बैंड बजाने आ गया Nokia का जबरदस्त फास्ट चार्जिंग स्मार्टफोन, ग्राहक देखकर हुए गदगद

Nokia G60 5G : फोन निर्माता कंपनी Nokia भारतीय बाजार में फिर से अपना दबदबा बनाने के लिए एक और जबरदस्त स्मार्टफोन को लॉन्च कर दिया है भारतीय फोन बाजार में अब यह Nokia G60 5G मोबाइल लाखों के लिए आकर्षित कर रहा है, नोकिया फोन निर्माता कंपनी अपने इस मोबाइल की बिक्री को बढ़ाने के लिए जोर शोर से इसकी चर्चाएं कर रहा है |

साथ ही साथ अपने इस स्मार्टफोन को सितंबर में आईफा 2022 के इवेंट में भी दिखाया गया था ऐसा बताया जा रहा है कि नोकिया का यह फोन पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है तो अगर आप भी इस दमदार और जबरदस्त स्मार्टफोन को खरीदना चाहते हैं और इसके फीचर्स के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपको यहां पर नोकिया के जबरदस्त स्मार्टफोन के बारे में विस्तार से बता रहे हैं |

पोस्ट में क्या है?

Nokia G60 5G स्मार्ट फोन के फीचर्स

स्मार्टफोन में सभी फीचर्स डाले गए हैं जिसके स्क्रीन साइज की बात की जाए तो इसमें 6.58 इंच का डिस्प्ले लगाया गया है जो एक फुल एचडी डिस्प्ले हैं और यह 800*2461 रेजोल्यूशन के साथ आता है. इस मोबाइल में कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 5 प्रोडक्शन का प्रयोग किया गया है और इस मोबाइल में बेहतरीन प्रदर्शन दिखाने के लिए स्नैप ड्रैगन 695 5G चिपसेट प्रोसेसर को लगाया गया है |

Nokia G60 5G Camera जबरदस्त कैमरा क्वालिटी

मोबाइल के अंदर जबरदस्त कैमरा क्वालिटी गई है इसके अंदर आपको ट्रिपल कैमरा सेटअप मिल जाता है जिसमें एलईडी फ्लैश लाइट भी मौजूद है जिसका 50MP मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा है और 5MP मेगापिक्सल का एक अन्य ultra-wide कैमरा लगाया गया है साथ ही साथ इसमें 2MP मेगापिक्सल का Depth कैमरा सेंसर लगाया गया है | साथ ही साथ सेल्फी लेने के लिए 8MP मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा लगाया गया है |

अगर हम बैटरी बैकअप की बात करें तोआपको इसमें 4500 mAh कि नॉन रिमूवल बैटरी मिल जाती है जोकि फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है साथ ही साथ इसमें आपको यूएसबी टाइप सी चार्जिंग का सपोर्ट मिल जाता है इसमें आपको ब्लूटूथ वाईफाई इत्यादि फीचर्स मिल जाते हैं |

Nokia G60 5G

क्या है मोबाइल की कीमत Nokia G60 5G Price.

भारतीय बाजार में Nokia G60 5G Price ₹29999 रहेगी इसके साथ-साथ दूसरे आउटलेट पर इसकी कीमतों में थोड़ा सा अंतर आ सकता है अगर आप इसे ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से खरीद रहे हैं तो वहां पर आपको कुछ डिस्काउंट भी दिया जा सकता है |

महत्वपूर्ण लिंक – Nokia G60 5G

-: Disclaimer :-

प्रिय पाठको ध्यान दे इस Blog का किसी भी प्रकार से केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी सरकारी संस्था से कोई लेना देना नहीं है| हमारे द्वारा सभी जानकारी विभिन्न सम्बिन्धित योजना की आधिकारिक वेबसाइड तथा समाचार पत्रो से एकत्रित की जाती है इन्ही सभी स्त्रोतो के माध्यम से हम आपको सभी राज्य तथा केन्द्र सरकार की योजनाओं के बारे केवल सही सही प्रकार जानकारी/सूचनाएं प्रदान कराने का प्रयास करते हैं| और सदैव यही प्रयत्न करते है कि हम आपको अपडेटड खबरे तथा समाचार प्रदान करे| हम आपको अन्तिम निर्णय लेने से पहले संबंधित योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करने की सलाह देते हैं| हमारा सुझाव है कि प्रदान की गई जानकारी को अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सत्यापित कर ले हम केवल आप तक सही सही सूचनाएं पहुंचाने का प्रयास करते हैं योजना की सत्यता की जांच आपको स्वयं आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करके सत्यापित करनी होगी| और हम इस ब्लॉग पर विज़िटर द्वारा इसे इस शर्त पर स्वीकार किया जाता है कि त्रुटियों या चूक को किसी भी दावे, मांग या कार्रवाई के कारण का आधार नहीं बनाया जाएगा।

शोर व्यापारी

शोर व्यापारी एक ऐसा व्यक्ति है जो स्टॉक के मौलिक या तकनीकी विश्लेषण के बजाय गपशप या अफवाहों के आधार पर व्यापार करता है। इसलिए, ये तर्कहीन व्यापारी अपर्याप्त और गलत डेटा के आधार पर दांव लगाते हैं। उनके बिना, बाजार वर्णनात्मक और प्रभावी होगा।

उदाहरण

  1. जेम्स को विज्ञान में स्नातक किया गया है, और उनके पास वित्तीय बाजार में पर्याप्त ज्ञान और अनुभव नहीं है। उन्होंने 15/04/2020 को $ 3,00,000.00 में बर्कशायर हैथवे के कुछ शेयर खरीदे। आज उन्हें खबर मिली कि कॉर्पोरेट एक्ट का पालन न करने पर बर्कशायर हैथवे को सरकार को जुर्माना देना होगा। उन्होंने सोचा था कि कंपनी के प्रतिकूल समाचारों के कारण इसका शेयर मूल्य गिर जाएगा, और उन्होंने $ 3,10,000.00 के लिए शेयर की कीमत बुक की, जो बाजार में अस्थिरता पैदा करता है।
  2. Apple ने एक बड़ा शुद्ध लाभ अर्जित किया है; श्री मार्टिन एक शोर व्यापारी हैं और उन्होंने Apple के शेयर खरीदे हैं, इसके शेयर की कीमत को और अधिक बढ़ाया है। एक घंटे के कारोबार के बाद, शेयर की कीमत में वृद्धि को अस्वीकार कर दिया जाता है, और स्टॉक को खुली कीमत के निचले मूल्य पर बंद कर दिया जाता है। यह स्टॉक की अस्थिरता को दर्शाता है।
  3. पॉल के पास वॉलमार्ट के 5,000 शेयर हैं, और वे वर्तमान में $ 100 प्रति शेयर पर व्यापार करते हैं। यदि शोर व्यापारी कंपनी या देश से संबंधित बुरी खबरों से आगे निकल जाते हैं और मान लेते हैं कि कीमत बिना किसी तकनीकी या मूलभूत औचित्य के घटकर 80 डॉलर प्रति शेयर हो गई है। इसमें निवेशकों को 1,00,000 डॉलर का खर्च आएगा।

शोर व्यापारी की पहचान करना

  • ये वे व्यापारी हैं जो बाजार में शोर या अफवाह के आधार पर व्यापार करते हैं। ये व्यापारी व्यापारियों के विपरीत हैं, जो व्यापार के आधार पर पर्याप्त जानकारी, ज्ञान, मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करते हैं।
  • वे ब्रोकर या स्टॉक विशेषज्ञ की सलाह / मार्गदर्शन के बिना शेयरों में निवेश करते हैं।
  • वे खुदरा व्यापारी हो सकते हैं, और वे इंट्राडे आधार पर व्यापार करते हैं।
  • यदि शोर व्यापारी स्टॉक स्टॉक शुरू करते हैं तो अस्थिरता बढ़ जाती है।
  • उनका मानना ​​है कि उनके पास शेयरों के भविष्य के मूल्य के बारे में विशेष ज्ञान और जानकारी है और उपलब्ध जानकारी के आधार को खरीदते या बेचते हैं।

प्रभाव

  • यह बाजार को काफी प्रभावित करता है क्योंकि वे अफवाह समाचार के आधार पर व्यापार करते हैं।
  • यह शेयर की कीमत को बढ़ा या घटा सकता है, जो स्टॉक का वास्तविक नहीं है।
  • उन्होंने ट्रेडिंग बढ़ने के कारण स्टॉक की मांग में अस्थिरता पैदा की।
  • ये वे व्यापारी हैं जो अत्यधिक जोखिम लेते हैं और स्टॉक की अधिक खपत करते हैं, जो स्टॉक की कीमत में काफी बदलाव करता है।

शोर ट्रेडर जोखिम

  • यदि एक नॉइज़ निवेशक पर्याप्त ज्ञान और अनुभव के बिना निर्णय लेता है, तो कुछ संभावनाएं हो सकती हैं कि शोर निवेशक ट्रेडिंग पर नुकसान को बुक कर सकते हैं।
  • यह तब भी कीमत को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है जब कोई निश्चितता मूल सिद्धांतों और तकनीकी नहीं है।
  • ऐसे व्यापारियों से निवेश / व्यापार पर नुकसान का जोखिम।

निष्कर्ष

वित्तीय बाजार बनाने की व्यवहार्यता के लिए शोर व्यापारियों की उपस्थिति वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है। यह अन्य निवेशकों के लाभ या हानि में वृद्धि या कमी कर सकता है। यह शेयर बाजार की अस्थिरता को बढ़ाता है। ऐसे व्यापारियों द्वारा लिया गया निर्णय सही हो सकता है।

अनुशंसित लेख

यह लेख वॉट्सएप ट्रेडर और इसकी परिभाषा के लिए एक मार्गदर्शक रहा है। यहां हम शोर व्यापारी, प्रभाव और जोखिम के उदाहरणों पर चर्चा करते हैं। आप निम्नलिखित लेखों के बारे में अधिक जान सकते हैं -

श्रद्धा मर्डर केस के जैसी है प्रियंका मर्डर केस की कहानी, पुलिस ने किया खुलासा

बिलासपुर। (Bilaspur Priyanka Murder Case) बिलासपुर में प्रियंका मर्डर केस की तुलना दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस से की जा रही है। भिलाई सेक्टर 7 में रहने वाली 24 वर्षीय प्रियंका सिंह बिलासपुर क्षेत्र के टिकरापारा मन्नू चौक के पास गर्ल्स हॉस्टल में रहकर PSC की तैयारी कर रही थी। उसके पिता बैंक में मैनेजर है। परिवार साधन संपन्न है, लेकिन बेटी की PSC तैयारी से अधिक दिलचस्पी पैसे कमाने में थी। इसलिए वह आशीष साहू जैसे इंसान के चक्कर में फंस गई।

ये है दोनों की कहानी

बिलासपुर के दयालबंद में सिटी फार्मेसी के नाम से कस्तूरबा नगर निवासी आशीष साहू अपना मेडिकल स्टोर चलाता था, लेकिन उसका मेडिकल स्टोर कामयाब नहीं था। (Bilaspur Priyanka Murder Case) लिहाजा वह शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने लगा। प्रियंका सिंह जिस गली में पढ़ने जाती थी, वहां सड़क सकरी होने की वजह से वह अक्सर अपनी स्कूटी आशीष साहू के दुकान के बाहर खड़ा कर देती और अपनी चाबी उसकी दुकान पर छोड़ देती। जिस वजह से धीरे-धीरे प्रियंका और आशीष साहू की नजदीकियां बढ़ीं। इस दौरान प्रियंका सिंह को पता चला कि आशीष साहू शेयर बाजार का काम करता है। इसी वर्ष मई में प्रियंका ने आशीष के माध्यम से एक लाख रुपए शेयर बाजार में निवेश किया, तो उसे 46 हज़ार का मुनाफा मिला। जिससे उसकी लालच बढ़ती चली गई और उसने जान पहचान वालों से उधार लेकर 12 लाख रुपये रुपए इन्वेस्ट कर दिए। इसकी जानकारी प्रियंका के परिवार को भी थी।

बताया जा रहा है कि प्रियंका के भाई और बॉयफ्रेंड ने भी आशीष साहू की मदद से शेयर बाजार में इन्वेस्ट किया था। लेकिन पिछले कुछ समय से शेयर बाजार में नुकसान होने के चलते आशीष साहू और प्रियंका के बीच बार-बार विवाद होने लगा था। पुलिस को पता चला है कि आशीष साहू और प्रियंका के खातों में 19 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। इसके बावजूद घाटे के प्रियंका 40% मुनाफे के साथ कुल 17 लाख रुपए की मांग आशीष से कर रही थी लेकिन आशीष साहू इसे देने की स्थिति में नहीं था।

इस तरह दिया अंजाम

शिव पार्वती हॉस्टल में रहने वाली प्रियंका 15 नवंबर की दोपहर करीब 1:30 बजे एक बार फिर आशीष साहू की एजेंसी पहुंची और अपना पैसा मांगने लगी। दुकान के बाहर शोर मचाने पर आशीष साहू उसे दुकान के भीतर ले गया और शटर गिरा कर धीरे बात करने की बात कही लेकिन प्रियंका चिल्लाती रही। आशीष साहू का कहना है कि प्रियंका की हत्या करने का उसका कोई इरादा नहीं था लेकिन अचानक परिस्थितियां ऐसी बन गई जो उसकी खुद समझ में नहीं आयी। पहले तो उसने प्रियंका की आवाज दबाने उसके मुंह में दुकान में मौजूद रूई ठूंस दिया और फिर भी जब वह नहीं मानी तो उसका गला दबा दिया। प्रियंका का जिस्म शांत हो गया तो आशीष साहू के होश उड़ गए। उसने प्रियंका की लाश को अपने ही दुकान में फ्रिज के पीछे छुपा दिया।

जब परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई

15 नवंबर को प्रियंका के अचानक गायब हो जाने के बाद उसके परिजन परेशान होने लगे। सहेलियों से भी कुछ पता नहीं चला तो प्रियंका का भाई हिमांशु सिंह 16 तारीख को बिलासपुर पहुंचा। दिलचस्प बात यह है कि कोतवाली थाने में जब हिमांशु , प्रियंका की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने गया तो उसके साथ उसका कातिल आशीष साहू भी था। (Bilaspur Priyanka Murder Case)

जब पुलिस ने तलाशी शुरू की

सीसीटीवी में प्रियंका आशीष साहू की एजेंसी में जाती नजर आई। पुलिस को शुरू से ही आशीष पर शक था लेकिन वह पुलिस को बरगलाने में कामयाब रहा। कोतवाली पुलिस की टीम जब आशीष साहू बाजार का शोर के एजेंसी गई थी, उस वक्त वहां प्रियंका की लाश फ्रिज के पीछे पड़ी थी। बताया जा रहा है कि उस वक्त एजेंसी में बदबू भी महसूस की गई तो आशीष ने बताया कि दुकान में चूहे मर गए हैं , इसलिए बदबू आ रही है । बदबू छुपाने वह लगातार रूम फ्रेशनर और अगरबत्तियों का इस्तेमाल करता रहा, लेकिन उसे पता चल गया कि अधिक दिन तक ऐसा करना संभव नहीं इसलिए उसने लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। आशीष साहू प्रियंका की लाश को कहीं सुनसान में ले जाकर जला देना चाहता था।

राज का पर्दाफाश

(Bilaspur Priyanka Murder Case) शनिवार तड़के करीब 4 बजे वह अपनी कार लेकर एजेंसी पहुंचा, जहां उसने प्रियंका सिंह की 4 दिन पुरानी लाश को चादर में लपेटा और उसे अपनी कार की पिछली सीट पर रखकर कस्तूरबा नगर स्थित अपने बाड़ी में ले गया। पता चला कि आशीष साहू शनिवार रात को प्रियंका सिंह की लाश को जलाकर ठिकाने लगाने की योजना बना चुका था, लेकिन वह ऐसा कर पाता इससे पहले ही पकड़ा गया। 4 दिन पुरानी लाश को उसने कार में रखकर मोहल्ले में छोड़ दिया। जिससे उठती बदबू ने उसका राज का पर्दाफाश हो गया। पता चला है कि सबूत छुपाने के लिए आशीष साहू ने प्रियंका का मोबाइल तारबाहर अंडर ब्रिज के पास नाली में फेंक दिया था। पुलिस ने उसे भी बरामद कर लिया है। कस्तूरबा नगर निवासी आशीष साहू ने चौकसे कॉलेज से फार्मेसी किया है जिसके बाद उसने दयालबंद में सिटी फार्मेसी के नाम से मेडिकल स्टोर खोला था। वही साल 2020 में उसकी शादी हो गई थी । शुरू में कहा जा रहा था कि प्रियंका और आशीष साहू के बीच प्रेम संबंध है लेकिन अब पता चला है कि प्रियंका और उसके बीच केवल व्यापारिक संबंध थे। प्रियंका का बॉयफ्रेंड कोई और है। इस घटना की जानकारी होने पर बॉयफ्रेंड खुद बिलासपुर पहुंचा था। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि प्रियंका के बॉयफ्रेंड ने भी आशीष साहू की बाजार का शोर मदद से शेयर बाजार में 3 लाख रुपये निवेश किए थे।

इस तरह हुई दोस्ती

प्रियंका होनहार विद्यार्थी थी इसीलिए वह PSC की तैयारी कर रही थी। बताते हैं कि प्रियंका सबकी खूब मदद भी करती थी। अपने उदार स्वभाव के लिए प्रियंका सहेलियों के बीच भी लोकप्रिय थी । (Bilaspur Priyanka Murder Case) पंजाबी कॉलोनी में टुटेजा ट्यूटोरियल्स में पढ़ाई करने के दौरान प्रियंका अपनी गाड़ी सिटी फार्मेसी मेडिकल स्टोर के सामने खड़ा करती थी। जिस वजह से उसकी आशीष से दोस्ती हुई थी। प्रियंका होशियार होने के बावजूद यह नहीं समझ पाई कि शेयर बाजार में केवल मुनाफा नहीं होता। कभी-कभी घाटा भी होता है, लेकिन उसने नासमझी दिखाते बाजार का शोर हुए घाटे के बावजूद पहले की ही तरह 40% लाभांश के साथ पैसा देने की जिद जारी रखी। इतना ही नहीं, वह अकेले ही आशीष की एजेंसी में जाकर वसूली करने का दुस्साहस कर बैठी, जो उसकी मौत की वजह बनी।

पुलिस मर्डर सीन किया रीक्रिएट

(Bilaspur Priyanka Murder Case) रविवार को प्रियंका का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंपा गया है। वहीं पुलिस मर्डर सीन रीक्रिएट करने आशीष साहू को लेकर दयालबंद उसके सिटी फार्मेसी पहुंची। वैसे दिल दहला देने वाली इस घटना से बहुत कुछ सबक लिया जा सकता है। इस मामले का दिलचस्प पहलू यह है कि प्रियंका की हत्या करने के बाद शातिर आशीष साहू उसके भाई और बॉयफ्रेंड के साथ थाने रिपोर्ट लिखाने जाता रहा। प्रियंका को ढूंढने में उनकी मदद करता रहा। बार-बार पुलिस की पूछताछ में भी पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन पुलिस को उस पर शक होने लगा था। घटना के बाद से उसकी दुकान बंद थी। उसके दुकान से से बदबू भी महसूस की गई थी । सीसीटीवी फुटेज में प्रियंका आखरी बार उसके एजेंसी में जाती दिखी थी। बयान के बाद जब पुलिस ने सीसीटीवी देखी तो शनिवार तड़के आशीष साहू लाश को ठिकाने लगाता भी नजर आ गया।

छुट्टी के दिन डैम घूमने गए थे चार दोस्त, डूबने से दो स्कूली बच्चों की मौत

News18 हिंदी लोगो

News18 हिंदी 1 दिन पहले News18 Hindi

© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "छुट्टी के दिन डैम घूमने गए थे चार दोस्त, डूबने से दो स्कूली बच्चों की मौत"

रिपोर्ट- एजाज अहमद

गिरिडीह: जिले के जमुआ प्रखंड के शिवसिंहडीह जंगल स्थिति डैम में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई हैं. मृतकों में जमुआ निवासी सुभाष अग्रवाल के 13 वर्षीय पुत्र वैभव कुमार और नकुल साव के 12 वर्षीय पुत्र नवनीत कुमार शामिल है. दोनों बच्चे संत जोसेफ स्कूल जमुआ के छात्र थे. बताया जा रहा है कि रविवार को स्कूल बंद रहने के कारण वैभव और नवनीत अपने दो अन्य साथी अर्पित और शिवम के साथ डैम के पास गए थे.

कहा जा रहा है कि वैभव और नवनीत डैम में नहाने लगा और अर्पित और शिवम आसपास जंगल में बैर तोड़ने लगे. वहीं, जब दोनों बच्चे डूबने लगे तो वहां गोबर चुन रही एक महिला ने शोर मचाना शुरू किया. शोर सुनकर अर्पित और शिवम के अलावा कुछ अन्य लोग भी वहां पहुंचे लेकिन तब तक बच्चे पानी के अंदर समा चुके थे.

इसके बाद अर्पित और शिवम वहां से भागते हुए जमुआ पहुंचे और पूरे गांव में शोर मचाना शुरू कर दिया. इसके बाद परिजन सहित गांव के बड़ी संख्या में लोग दौड़े भागे डैम पहुंचे और कई लोगों ने एक साथ डैम में छलांग लगाकर बच्चों की खोजबीन शुरू की, यह बात आग की तरह पूरे बाजार में फैल गई. इसके बाद सैकड़ों की संख्या में भीड़ डैम के पास जमा हो गई. शव निकालने में जमुआ के स्थानीय लोगों की अहम भूमिका रही. इधर शव निकलते ही परिजनों के चीत्कार से पूरा इलाका गमगीन हो गया.

काफी मशक्कत के बाद दोनों शवों को पानी से बाहर एक-एक कर निकालने के बाद लोग आनन-फानन में लेकर क्रेस्ट केयर अस्पताल पहुंचे जहां, चिकित्सक डॉक्टर सुशील कुमार ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. संत जोसेफ स्कूल के फादर स्टीफन, शिक्षक कन्हैया कुमार, सिस्टर आदि भी सूचना पाकर बच्चों को देखने अस्पताल पहुंचे. देर शाम में दोनों बच्चे के शव को थाना लाया गया.

ये हैं इंडिया के Top 5 ‘चोर बाजार’, यहां मिलता हैं सब कुछ, मोबाईल से लेकर गाडी तक

आज हम आपको देश के 5 ऐसे बड़े बाजारों के बारे में बता रहे हैं, जहां चोरी का सामान मिलता है। यहां चोरी के जूते, फोन, मोबाइल, गैजेट्स, ऑटो पार्ट्स से लेकर कार तक बेची जाती है। देश के इन चोर बाजार में चोरी की गाडी को मॉडिफाई करके बेचा जाता है। यहां अपनी गाड़ी या बाइक खड़ी करना खतरे से खाली नहीं हैं। गलती से आप अपनी गाड़ी पार्क कर देंगे, तो हो सकता है कि उसके स्पेयर पार्ट्स चोर बाजार की दुकानों पर नजर आएं। जानते हैं देश के ऐसे बाजारों के बारे में…..


मुंबई चोर बाजार (Mumbai Chor Bazaar) :-

मुंबई का चोर बाजार दक्षिणी मुंबई के मटन स्ट्रीट मोहम्मद अली रोड के पास है। ये मार्केट करीब 150 साल पुराना है। ये बाजार पहले ‘शोर बाजार’ के नाम से शुरू हुआ था क्योंकि यहां दुकानदार तेज आवाज लगाकर सामान बेचते थे, तो यहां काफी शोर रहता था। लेकिन अंग्रेज लोगों के ‘शोर’ को गलत बोलने के कारण इसका नाम ‘चोर’ बाजार पड़ गया।

यहां सेकंड हैंड कपड़े, ऑटोमोबिल पार्ट्स और चुराई हुई घड़ियां और ब्रांडेड घड़ियों की रेप्लिका, चोरी के विंटेज और एंटीक सजावटी सामान मिलते हैं। इस मार्केट के लिए कहावत कही जाती है कि यहां आपके घर से चोरी हुआ सामान भी मिल जाएगा। मुंबई जाने पर ‘चोर बाजार’ जरूर घूमें।

क्या है फेमस
यहां के रेस्तरां और कबाब काफी फेमस है। यहां जेबकाटने वालों से सावधान रहें।

कब खुलता है?
ये मार्केट रोजाना सुबह 11 बजे से शाम के 7.30 तक खुला रहता है।

यहां के किस्से भी फेमस हैं
यहां के बारे में कहा जाता है कि मुंबई की यात्रा के दौरान क्वीन विक्टोरिया का सामान शिप में लोड करते समय चोरी हो गया था। यही सामान बाद में मुंबई के चोर बाजार में मिला।
दिल्ली का चोर बाजार (Chor Bazaar, Delhi) :-

ये देश का सबसे पुराना चोर बाजार है। पहले ये संडे मार्केट के तौर पर लाल किले के पीछे लगता था। अब ये दरियागंज में नावेल्टी और जामा मस्जिद के पास लगता है। ये बाजार मुंबई से अलग है। इसे कबाड़ी बाजार भी कहा जाता है। यहां हार्डवेयर से लेकर किचन इलेक्ट्रॉनिक का सामान मिलता है।


कब लगती है मार्केट
ये मार्केट जामा मस्जिद के पास संडे के दिन लगती है। यहां खरीदते समय प्रोडक्ट जांच ले क्योंकि जैसा वेंडर कहते हैं, वैसा प्रोडक्ट नहीं निकलता।

यहां का किस्सा भी फेमस हैं
यहां के लिए एक स्टोरी फेमस है कि एक आदमी ने यहां गाड़ी पार्क की थी। उसे अपनी गाड़ी के टायर दुकान में बारगेन करते समय मिले।

सोती गंज, मेरठ, यूपी (Soti Ganj, Meerut):-

यूपी के मेरठ में सोती गंज मार्केट काफी फेमस है। इस मार्केट को चोरी की गाड़ियों और स्पेयर पार्ट्स का गढ़ माना जाता है। यहां सभी गाड़ियों के ऑटो पार्ट्स मिल जाएंगे। यहां चोरी, पुरानी और एक्सीडेंट में खराब हुई गाड़ियां आती है। मेरठ की सोतीगंज मार्केट एशिया की सबसे बड़ी स्क्रैप मार्केट भी है।

कब खुलती है मार्केट
ये मार्केट मेरठ सिटी में सुबह 9 बजे से शाम को 6 बजे तक खुलती रहती है। यहां सामान खरीदने के लिए आपको सही डीलर मिलना जरूरी है।

यहां क्या है फेमस
सोतीगंज में 1979 की अंबेस्डर का ब्रेक पिस्टन, 1960 की बनी महिंद्रा जीप क्लासिक का गेयर बॉक्स, वर्ल्ड वार II की विलिज जीप के टायर मिल जाएंगे।
चिकपेटे, बेंगलुरु (Chickpet market, Banglore) :-

दिल्ली और मुंबई के चोर बाजार के मुकाबले बेंगलुरु कम फेमस है। ये मार्केट बेंगलुरु में चिकपेटे जगह पर संडे के दिन लगती है। यहां सेकेंड हैंड गुड्स, ग्रामोफोन, चोरी के गैजेट्स, कैमरा, एंटीक, इलेक्ट्रॉनिक आइटम और सस्ते जिम इक्विपमेंट मिलते हैं। ये मार्केट लोकल मार्केट की ही तरह है।

कब लगती है मार्केट
ये मार्केट एक गांव के मार्केट की ही तरह संडे के दिन लगती है।

कहां लगती है मार्केट
ये मार्केट बीवीके अयंगर रोड पर एवेन्यू रोड के पास लगती है।
पुदुपेत्ताई, चेन्नई (Pudhupettai, Chennai) :-

सेंट्रल चेन्नई में स्थित ‘ऑटो नगर’ में पुरानी और चोरी की कारों को मॉडिफाई करते हैं। यहां हजारों की संख्या में दुकानें हैं। ये दुकानें गाड़ियों के ऑरिजनल पार्ट्स और कार को बदलने के लिए फेमस है। इन्हें इस काम में इंटरनेशनल एक्सपर्टीज है। यहां गाड़ियों के तमाम स्पेयर पार्ट्स से लेकर कार मॉडिफाई का सामान और सर्विस मिलती है। ये चोर बाजार गाड़ियों को बदलने का सबसे सस्ता जरिया है। इस मार्केट में कई बार पुलिस की रेड़ पड़ी है लेकिन ये तब भी कभी बंद नहीं हुई है।

कब खुलती है मार्केट
ये मार्केट एग्मोर ट्रेन स्टेशन से 1 किलोमीटर दूर है। ये सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक खुली रहती है।

यहां क्या है फेमस
यहां अपनी गाड़ी या बाइक कभी भी पार्क न करे। हो सकता है कि आपको अपनी गाड़ी के पार्ट्स मार्केट की दुकानों पर मिले।
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