दिन व्यापारी रणनीतियाँ

क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है?

क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है?
उसने कहा था, ‘‘इस फर्जीवाड़े का साजिशकर्ता चंद्रशेखर है। वह 17 साल की उम्र से अपराध की दुनिया का हिस्सा है। उसके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं।’’

RSS का स्वदेशी जागरण मंच क्या है और कितना असरदार है?

RSS का स्वदेशी जागरण मंच क्या है और कितना असरदार है?

देश के सियासी गलियारों में स्वदेशी जागरण मंच (SJM) का नाम अक्सर सुर्खियों में आता रहा है. हाल में एक बार फिर ये नाम खबरों में था. बताया गया कि सुभाष चन्द्र गर्ग का करियर समय से पहले खत्म करने में इस मंच का हाथ था. गर्ग, मार्च से जुलाई 2019 तक, यानी सिर्फ पांच महीने भारत के वित्त सचिव रह पाए. इसके बाद उनका तबादला ऊर्जा मंत्रालय में हो गया.

कहा जाता है कि RSS और SJM अधिकारियों ने सलाह-मशविरा करने के लिए सरकार से मुलाकात की. मुद्दा था कि भारत को विदेशी मुद्रा हासिल करने के लिए देश से बाहर बॉन्ड बेचने चाहिए या नहीं. पुराने समय में RBI के गवर्नरों ने हमेशा इस प्रस्ताव को खारिज किया था.

संगठन का जन्म कैसे हुआ?

1991 में स्थापित SJM को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का आर्थिक विभाग कहा जाता है. ठीक उसी प्रकार, जैसे बीजेपी, संघ का राजनीतिक विभाग है.

संगठन खुद को स्वदेशी जागरण का वंशज मानता है, जो भारत की आजादी की जंग का अहम हिस्सा था और जिसका मकसद भारतीय राष्ट्रीयता का विकास करना था.

स्वदेशी आंदोलन और इसकी विचारधारा के समर्थक बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और महात्मा गांधी जैसे दिग्गज थे. इस विचारधारा में घरेलू उत्पादन पर जोर दिया जाता था और ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार किया जाता था.

आजादी के बाद आर्थिक रूप से भारत की हालत नाजुक रही और क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? 1991 में तो सरकार करीब-करीब दिवालिया हो गई. एक समझौते के तहत IMF ने भारत को 500 मीलियन अमेरिकी डॉलर दिये और क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? बदले में समाजवादी विचारधारा के अनुरूप चलने वाली अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोलना पड़ा.

उसी साल 22 नवम्बर को नागपुर में पांच राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक की और स्वदेशी जागरण मंच का गठन किया, ताकि आम लोगों को बताया जा सके कि सरकार का ये कदम आर्थिक साम्राज्यवाद है.

RSS का स्वदेशी जागरण मंच क्या है और कितना असरदार है?

RSS का स्वदेशी जागरण मंच क्या है और कितना असरदार है?

देश के सियासी गलियारों में स्वदेशी जागरण मंच (SJM) का नाम अक्सर सुर्खियों में आता रहा है. हाल में एक बार फिर ये नाम खबरों में था. बताया गया कि सुभाष चन्द्र गर्ग का करियर समय से पहले खत्म करने में इस मंच का हाथ था. गर्ग, मार्च से जुलाई 2019 तक, यानी सिर्फ पांच महीने भारत के वित्त सचिव रह पाए. इसके बाद उनका तबादला ऊर्जा मंत्रालय में हो गया.

कहा जाता है कि RSS और SJM अधिकारियों ने सलाह-मशविरा करने के लिए सरकार से मुलाकात की. मुद्दा था कि भारत को विदेशी मुद्रा हासिल करने के लिए देश से बाहर बॉन्ड बेचने चाहिए या नहीं. पुराने समय में RBI के गवर्नरों ने हमेशा इस प्रस्ताव को खारिज किया था.

संगठन का जन्म कैसे हुआ?

1991 में स्थापित SJM को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का आर्थिक विभाग कहा जाता है. ठीक उसी प्रकार, जैसे बीजेपी, संघ का राजनीतिक विभाग है.

संगठन खुद को स्वदेशी जागरण का वंशज मानता है, जो भारत की आजादी की जंग का अहम हिस्सा था और जिसका मकसद भारतीय राष्ट्रीयता का विकास करना था.

स्वदेशी आंदोलन और इसकी विचारधारा के समर्थक बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और महात्मा क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? गांधी जैसे दिग्गज थे. इस विचारधारा में घरेलू उत्पादन पर जोर दिया जाता था और ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार किया जाता था.

आजादी के बाद आर्थिक रूप से भारत की हालत नाजुक रही और 1991 में तो सरकार करीब-करीब दिवालिया हो गई. एक समझौते के तहत IMF ने भारत को 500 मीलियन अमेरिकी डॉलर दिये और बदले में समाजवादी विचारधारा के अनुरूप चलने वाली अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोलना पड़ा.

उसी साल 22 नवम्बर को नागपुर में पांच राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक की और स्वदेशी जागरण मंच का गठन किया, ताकि आम लोगों को बताया जा सके कि सरकार का ये कदम आर्थिक साम्राज्यवाद है.

बिटकॉइन में भुगतान करने वाली कंपनियां भी रडार पर

फाइल फोटो

बिटकॉइन या साइबर करेंसी में भुगतान करने वाली ऑनलाइन ट्रेडिंग से जुड़ी कई कंपनियां यूपी एसटीएफ और जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। दरअसल, वेबवर्क कंपनी ने भी इसी तरह भुगतान की बात कही थी। इसके अलावा ऑनलाइन ट्रेडिंग करने वाली अन्य कंपनियां इसी तरह भुगतान कर रही हैं। इनकी लिखित शिकायत एसटीएफ के साथ अन्य विभागों में हुई है। इसके बाद बिटकॉइन का इस्तेमाल करने वाली ऐसी 10 कंपनियां चिह्नित की जा चुकी हैं, जिनके पूरे कारोबार का रिकॉर्ड देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला है कि इन कंपनियों ने छह माह के दौरान बड़ी संख्या में अपने बड़े ग्राहकों को सिंगापुर, मलेशिया और थाइलैंड जैसे देशों का टूर कराया। इसके जरिये ये कंपनियां विदेश में रकम खर्च होना बता रही हैं। बिटकॉइन से भुगतान सीधे विदेशी कंपनियों को किया जा रहा है, जिसके पीछे जांच एजेंसियां को मनी लांड्रिंग की आशंका है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इसकी आड़ में विदेश में नया कारोबार खड़ा कर काले धन के वैध करने का खेल चल रहा हो। ऐसे में केंद्र और राज्य की एजेंसियां हर पहलू को लेकर जांच कर रही हैं।

देश की खबरें | ‘ठग’ सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ पीएमएलए मामले में नोरा फतेही का बयान दर्ज

देश की खबरें | ‘ठग’ सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ पीएमएलए मामले में नोरा फतेही का बयान दर्ज

नयी दिल्ली, दो दिसंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर और उसके सहयोगियों के खिलाफ जारी धनशोधन जांच के सिलसिले में शुक्रवार क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? को अभिनेत्री नोरा फतेही का बयान लगभग पांच घंटे तक दर्ज किया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

फतेही (30) से इस मामले में पूर्व में भी संघीय एजेंसी कई बार पूछताछ कर चुकी है। कनाडाई मूल की अभिनेत्री लगभग सात-आठ साल पहले हिंदी फिल्म उद्योग में काम करने के लिए भारत आई थीं।

सूत्रों ने बताया कि कई बॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुकीं अभिनेत्री से चंद्रशेखर से संबंधित कुछ और मामलों में पूछताछ की जाएगी और उनका बयान धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है।

देश की खबरें | सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ पीएमएलए मामले में नोरा फतेही ईडी के सामने फिर पेश हुईं

देश की खबरें | सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ पीएमएलए मामले में नोरा फतेही ईडी के सामने फिर पेश हुईं

नयी दिल्ली, दो दिसंबर अभिनेत्री नोरा फतेही कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर और सहयोगियों के खिलाफ चल रही धन शोधन की जांच के सिलसिले में अपना बयान नए सिरे से दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुईं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

फतेही (30) से इस मामले में पूर्व में भी संघीय एजेंसी कई बार पूछताछ कर चुकी है। कनाडाई मूल की अभिनेत्री करीब सात-आठ साल पहले हिंदी फिल्म उद्योग में काम करने के लिए भारत आई थीं।

सूत्रों ने कहा कि कई बॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुकीं अभिनेत्री से चंद्रशेखर से संबंधित कुछ और मामलों में पूछताछ की जाएगी और उनका बयान धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जा रहा है।

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