दिन व्यापारी रणनीतियाँ

ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है?

ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है?
इस्लामाबाद: पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम करता रहा है और इससे सबसे ज्यादा प्रभावित भारत रहा है। आतंकवाद को फंडिग देने के कारण ही उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में चार साल पहले शामिल किया गया था। भारत को अपना दोस्त और सहयोगी होने का दावा करने वाले देश पाकिस्तान को ये संकेत दे रहे हैं, कि वह FATF की ग्रे लिस्ट से निकल सकता है। जाहिर तौर पर भारत इससे खुश नहीं होगा। पाकिस्तान ने कहा है कि उसने FATF की शर्तों का पालन किया है। जबकि भारत ने इसे सफेद झूठ बताया है।

News18 की रिपोर्टे के मुताबिक एक वरिष्ठ भातीय अधिकारी ने कहा, 'पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आज भी आतंकवादी शिविर मौजूद हैं। उन मदरसों में आज भी जेहाद मॉडल चल रहा है।' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी लगातार आतंकियों को बढ़ावा दे रही है। वह सर्दियों से पहले ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को कश्मीर में भेजना चाहती है, ताकि दुनिया को दिखा सके कि घाटी में अस्थिरता है। FATF की ग्रे लिस्ट में किसी देश का होना दिखाता है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग को नहीं रोक पा रहा है। FATF ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? की बैठक 18 से 21 अक्टूबर तक पेरिस में होगी। इस बैठक में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हीना रब्बानी खार भी शामिल होंगी। पाकिस्तान यहां एशिया-प्रशांत समूह की 11 शर्तों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करेगा।
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क्या है FATF की ग्रे लिस्ट में होने का मतलब
ग्रे लिस्ट में होने से किसी भी देश की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय प्रणाली तक पहुंच प्रतिबंधित हो जाती है। देश को अंतर्राष्ट्रीय ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? संगठन जैसे IMF या वर्ल्ड बैंक से लोन लेने में दिक्कतें आती हैं। FATF की ग्रे लिस्ट में होना सुधार के लिए कदम उठाने की चेतावनी है। अगर कोई देश सुधार नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में भी डाला जा सकता है। पाकिस्तान के अलावा सीरिया, तुर्की, म्यांमार, फिलीपींस, दक्षिणी सूडान, युगांडा और यमन समेत 23 देश FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल हैं। पाकिस्तान का दावा है कि उसने FATF की 11 शर्तों का पालन किया है।
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FATF की 11 शर्तें
1- आतंकवाद की फंडिग रोकने के लिए पाकिस्तान की सभी फेडरल इकाइयों के बीच सहयोग सुनिश्चित करना।
2- हर स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी करना और दोषियों को सजा दिलाना।
3- प्रतिबंधित संगठनों के प्रमुखों की संपत्ति को पहचानना और उन्हें हिरासत में लेना।
4- आतंकवाद की फंडिग से स्थायी रूप से निपटना।
5- मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग में शामिल बैंकों और संस्थानों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना।
6- आतंकवाद की फंडिग रोकने के लिए लगातार नए कानून और उपायों को पेश करना।
7- अवैध धन उगाही को रोकना।
8- कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध विदेशी मुद्रा की जानकारी देना।
9- बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों और शेयर बाजार से निवेशकों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना।
10- वित्तीय संस्थानों को गुमनाम खाते खोलने पर रोक लगाना।
11- वित्तीय संस्थान कम से कम 5 साल के लिए देश में विदेश से आने वाले धन का रेकॉर्ड रखेंगे।

शेयर बाजार की गिरावट के बीच आज इन 5 स्टॉक्स ने निवेशकों को किया मालामाल! क्या आप खरीदना चाहेंगे?

Multibagger penny stocks 2022: शेयर बाजार के लिए आज का दिन 'ब्लैक मंडे' रहा, जहां देखते ही देखते निवेशकों के लाखों-करोड़ों रुपये स्वाहा हो गए। लेकिन कुछ निवेशक लकी भी रहे, क्योंकि आज कुछ.

शेयर बाजार की गिरावट के बीच आज इन 5 स्टॉक्स ने निवेशकों को किया मालामाल! क्या आप खरीदना चाहेंगे?

Multibagger penny stocks 2022: शेयर बाजार के लिए आज का दिन 'ब्लैक मंडे' रहा, जहां देखते ही देखते निवेशकों के लाखों-करोड़ों रुपये स्वाहा हो गए। लेकिन कुछ निवेशक लकी भी रहे, क्योंकि आज कुछ स्टॉक्स में शानदार तेजी दिखी। इन स्टॉक्स पर मार्केट के गिरावट का रत्ती भर भी असर नहीं दिखा। जी हां! हम आपको ऐसे 5 स्टॉक्स के बारे में बता रहे हैं, जिसमें आज 5 फीसदी तक की मजबूती नजर आई और इन शेयरों ने अपने शेयरधारकों को महीने भर में मल्टीबैगर रिटर्न (Multibagger stock return) देकर मालामाल कर दिया। तो आइए जानते हैं डिटेल्स में-

1. Ak spintex ltd: शेयर बाजार में लगातार हो रही गिरावट के बीच ऐके स्पिनटेक्स (AK Spintex) के शेयरों में तेजी देखी जा रही है। टेक्सटाइल की इस कंपनी के शेयरों में आज 24 जनवरी को 4.95% की तेजी रही। ऐके स्पिनटेक्स का शेयर आज बीएसई पर 89.10 रुपये पर बंद हुआ है। बता दें कि टेक्सटाइल की इस कंपनी में पिछले पांच सत्रों से लगातार अपर सर्किट लग रहा था। एक महीने पहले 27 दिसंबर 2021 को बीएसई पर इस स्टॉक की कीमत 24.95 रुपये थी और अब यह बढ़कर 89.10 रुपये हो गया है। इस दौरान निवेशकों को 257.11 फीसदी का रिटर्न मिला है। यानी एक महीने पहले किसी निवेशक ने इस स्टॉक में 1 लाख रुपये लगाए होते तो आज यह रकम 3.57 लाख रुपये होती।

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2. KIFS Financial Services: KIFS फाइनेंसियल सर्विस के शेयरों में आज 24 जनवरी को 4.99% की तेजी रही। यह आज बीएसई पर 140.05 रुपये पर बंद हुआ है। एक महीने पहले 27 दिसंबर 2021 को इस स्टॉक की कीमत 40 रुपये थी। इस दौरान निवेशकों को 250.13 फीसदी का रिटर्न मिला है। यानी एक महीने पहले किसी निवेशक ने इस स्टॉक में 1 लाख रुपये लगाए होते तो आज यह रकम 3.50 लाख रुपये हो जाती।

3.SEL Manufacturing Company Ltd: यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹34.90 (27 दिसंबर 2021 को एनएसई पर बंद कीमत) से बढ़कर ₹91.80 (24 जनवरी 2022 को एनएसई पर बंद कीमत) हो गया है। यानी 1 महीने में यह शेयर 163.04% की तेजी से भागा है। इसके मुताबकि, अगर एक निवेशक एक महीने पहले इस पेनी स्टॉक में ₹1 लाख का निवेश किया होता तो आज वह ₹1 लाख करीब ₹2.63 लाख हो गया होता।

4. Tine Agro: यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹5.61 (27 दिसंबर 2021 को बीएसई पर बंद कीमत) से बढ़कर ₹14.74 (24 जनवरी 2022 को बीएसई पर बंद कीमत) हो गया है। यानी 1 महीने ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? में इस स्टॉक ने अपने शेयरधारकों को 162.75 का रिटर्न दिया है। इसके मुताबकि, अगर एक निवेशक एक महीने पहले इस पेनी स्टॉक में ₹1 लाख का निवेश किया होता तो आज वह ₹1 लाख करीब ₹2.62 लाख हो गया होता।

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5. Vegetable products: यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹20.17 (27 दिसंबर 2021 को बीएसई पर बंद कीमत) से बढ़कर ₹52.80 (24 जनवरी 2022 को बीएसई पर बंद कीमत) हो गया है। यानी 1 महीने में इस स्टॉक ने अपने शेयरधारकों को 161.77% का रिटर्न दिया है। इसके मुताबकि, अगर एक निवेशक एक महीने पहले इस पेनी स्टॉक में ₹1 लाख का निवेश किया होता तो आज वह ₹1 लाख करीब ₹2.62 लाख हो गया होता।

Most Preferred Car: भारत नें सफेद रंग की कार पसंद करने वालों की संख्या घटी, और इस कलर की डिमांड बढ़ी

Most Preferred Car: जर्मनी की केमिकल और ऑटोमोटिव सॉल्यूशन कंपनी बीएएसफ की वार्षिक कलर रिपोर्ट-2021 से यह सूचना मिली है। हालांकि, इस खबर के अनुसार, एक ट्रेंड यह भी है कि कार का आकार जितना बड़ा होता जाता है, उसके ब्लैक या ग्रे कलर के होने की संभावना उतनी ही बढ़ती जाती है।

नई दिल्ली। आज कल हर व्यक्ति कार खरीदना चाहता है और खरीदे भी क्यों न कार हमारे लिए बहुत फायदेमंद भी होता है। हमें अगर अपनी फैमिली के साथ कहीं जाना है तो दोपहिया वाहन में एक साथ सारी फैमिली का आना संभव नहीं होता है। ऐसे में व्यक्ति कार खरीदने की सोचता है अगर वह नई कार नहीं खरीद पाता तो सेकेंड हैंड कार खरीदने की सोचता है। पुरानी कार खरीदने के अपने फायदे और नुकसान होते हैं लेकिन इसके बाद भी बहुत से लोग पुरानी कार खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि ऐसा करके वह कम कीमत में कार खरीद पाते हैं। जब भी लोग कार खरीदते हैं तो उसके फीचर्स से लेकर कार के कलर तक सब कुछ के बारे नें वह काफी सोचते होंगे कि कौन से कलर की कार खरीदी जाए या फिर वह पहले से ही मन बनाकर रखते होंगे कि उन्हें किस कलर की कार खरीदनी है। लेकिन, अगर पूरी दुनिया में देखा जाए तो सबसे ज्यादा सफेद रंग की गाड़ियां पसंद की जाती हैं। जर्मनी की केमिकल और ऑटोमोटिव सॉल्यूशन कंपनी बीएएसफ की वार्षिक कलर रिपोर्ट-2021 से यह सूचना मिली है। हालांकि, इस खबर के अनुसार, एक ट्रेंड यह भी है कि कार का आकार जितना बड़ा होता जाता है, उसके ब्लैक या ग्रे कलर के होने की संभावना उतनी ही बढ़ती जाती है।

ब्लैक कलर की बढ़ी डिमांड

गौरतलब है कि, बीएएसएफ हर साल गाड़ियों के कलर के हिसाब से लोकप्रियता की रिपोर्ट तैयार करता है। मिली जानकारी के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा व्हाइट कलर की गाड़ियां हैं लेकिन ब्लैक की डिमांड भी बढ़ी है। साल 2020 के मुकाबले ब्लैक की लोकप्रियता में 7 फीसदी का मुनाफा हुआ है। वहीं, सफेद कलर की ब्रिकी में कमी आई है, यह 3% घटी है। एसयूवी में खासतौर पर ब्लैक कलर को काफी पसंद किया जा रहा है। हाल के सालों में एसयूवी सेगमेंट की लोकप्रियता अधिक बढ़ी है और इसमें लोगों को ब्लैक रंग की कार काफी पसंद आ रही है।

ग्रीन कलर की कार की डिमांड

हालांकि, खबरो के अनुसार, भारत में ग्रीन कलर को लेकर पूरी दुनिया में एक अलग ही ट्रेंड है। 2020 में भारत में ग्रीन कलर की पॉपुलैरिटी सिर्फ 1% थी, जो 2021 में बढ़कर 3% हो गई है। वहीं, अगर SUV सेगमेंट में इस कलर की बात करें तो इसमें इसकी लोकप्रियता 4% है। बता दें कि बीते कुछ वक्त में भारत में एसयूवी सेगमेंट ने काफी रफ्तार से पकड़ी है और इस सेगमेंट में ब्लैक कलर को पसंद करने वालो की संख्या भी बढ़ी है।

चार साल बाद FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर होगा पाकिस्तान? टेरर फाइनेंसिंग पर रोक के दावे को भारत ने बताया सफेद झूठ

Pakistan FATF Black List: आतंकवादियों को पनाह और फंडिंग देने के मामले में पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में है। लेकिन अब पाकिस्तान दावा कर रहा है कि उसने अवैध फंडिंग रोकने के लिए FATF की सभी ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? शर्तों का पालन किया है। भारत की ओर से इसे सफेद झूठ बताया जा रहा है।

हाइलाइट्स

  • पाकिस्तान टेरर फाइनेंसिंग के मामले में FATF की ग्रे लिस्ट में है
  • पाकिस्तान का कहना है कि उसने सभी शर्तों को माना है
  • भारत ने पाकिस्तान के दावे को सफेद झूठ बताया है

इस्लामाबाद: पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम करता रहा है और इससे सबसे ज्यादा प्रभावित भारत रहा है। आतंकवाद को फंडिग देने के कारण ही उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में चार साल पहले शामिल किया गया था। भारत को अपना दोस्त और सहयोगी होने का दावा करने वाले देश पाकिस्तान को ये संकेत दे रहे हैं, कि वह FATF की ग्रे लिस्ट से निकल सकता है। जाहिर तौर पर भारत इससे खुश नहीं होगा। पाकिस्तान ने कहा है कि उसने FATF की शर्तों का पालन किया है। जबकि भारत ने इसे सफेद झूठ बताया है।

News18 की रिपोर्टे के मुताबिक एक वरिष्ठ भातीय अधिकारी ने कहा, 'पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आज भी आतंकवादी शिविर ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? मौजूद हैं। उन मदरसों में आज भी जेहाद मॉडल चल रहा है।' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी लगातार आतंकियों को बढ़ावा दे रही है। वह सर्दियों से पहले ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को कश्मीर में भेजना चाहती है, ताकि दुनिया को दिखा सके कि घाटी में अस्थिरता है। FATF की ग्रे लिस्ट में किसी देश का होना दिखाता है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग को नहीं रोक पा रहा है। FATF की बैठक 18 से 21 अक्टूबर तक पेरिस में होगी। इस बैठक में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हीना रब्बानी खार भी शामिल होंगी। पाकिस्तान यहां एशिया-प्रशांत समूह की 11 शर्तों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करेगा।
पाकिस्तान दुनिया ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? का सबसे खतरनाक देश, बाइडन ने चेताया- बिना कंट्रोलिंग सिस्टम के बना रहा परमाणु बम
क्या है FATF की ग्रे लिस्ट में होने का मतलब
ग्रे लिस्ट में होने से किसी भी देश की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय प्रणाली तक पहुंच प्रतिबंधित हो जाती है। देश को अंतर्राष्ट्रीय संगठन जैसे IMF या वर्ल्ड बैंक से लोन लेने में दिक्कतें आती हैं। FATF की ग्रे लिस्ट में होना सुधार के लिए कदम उठाने की चेतावनी है। अगर कोई देश सुधार नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में भी डाला जा सकता है। पाकिस्तान के अलावा सीरिया, तुर्की, म्यांमार, फिलीपींस, दक्षिणी सूडान, युगांडा और यमन समेत 23 देश FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल हैं। पाकिस्तान का दावा है कि उसने FATF की 11 शर्तों का पालन किया है।
दुनिया को खत्म कर देगा परमाणु हमला, पुतिन के करीबी लुकाशेंको की धमकी- विनाश सिर्फ यूक्रेन में नहीं होगा
FATF की 11 शर्तें
1- आतंकवाद की फंडिग रोकने के लिए पाकिस्तान की सभी फेडरल इकाइयों के बीच सहयोग सुनिश्चित करना।
2- हर स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी करना और दोषियों को सजा दिलाना।
3- प्रतिबंधित संगठनों के प्रमुखों की संपत्ति को पहचानना और उन्हें हिरासत में लेना।
4- आतंकवाद की फंडिग से स्थायी रूप से निपटना।
5- मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग में शामिल बैंकों और संस्थानों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना।
6- आतंकवाद की फंडिग रोकने के लिए लगातार नए कानून और उपायों को पेश करना।
7- अवैध धन उगाही को रोकना।
8- कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अवैध विदेशी मुद्रा की जानकारी देना।
9- बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों और शेयर बाजार से निवेशकों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना।
10- वित्तीय संस्थानों को गुमनाम खाते खोलने पर रोक लगाना।
11- वित्तीय संस्थान कम से कम 5 साल के लिए देश में विदेश से आने वाले धन का रेकॉर्ड रखेंगे।

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LIC का IPO खुलते ही टूट पड़े निवेशक, 1 घण्टे में बिक गए 17 लाख से ज्यादा शेयर

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एलआईसी का आईपीओ खुलते ही निवेशक आईपीओ खरीदने के लिए टूट पड़े और पहले एक ही घण्टे में 17 लाख से ज्यादा शेयर बिक चुके थे। एलआईसी (लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन) का मेगा आईपीओआज बुधवार 4 मई से 9 मई तक निवेश के लिए खुला रहेगा। एलआईसीने आईपीओके लिए प्राइस बैंड 902-949 रुपये प्रति शेयर तय किया है। वहीं इसमें लॉट साइज 15 शेयरों का है। अधिकतम 14 लॉट के लिए निवेशक बिड कर सकते हैं। एलआईसीके आईपीओका साइज 21,000 करोड़ रुपये का है। इस इश्यू को लेकर निवेशकों में जमकर क्रेज रहा है। 2 मई को ऐकर निवेशकों ने भी इसे जबरदस्त रिस्पांस दिया था और कंपनी ने उनसे 5627 करोड़ रुपये जुटाए। सवाल यह उठता है कि एलआईसीके आईपीओमें पैसा लगाना फायदे का सौदा होगा या नहीं। क्या अपर प्राइस बैंड 949 रुपये पर दांव लगाना चाहिए। जानते हैं एक्सपर्ट की क्या है इस पर सलाह।

ग्रे मार्केट में एलआईसीके शेयर का भाव घट गया है। यह 3 मई को 85 रुपये की तुलना में आज 65 रुपये पर आ गया है। जबकि पिछले हफ्ते इसका भाव ग्रे माकेट में 90 रुपये पर पहुंच गया था। फिलहाल आज इश्यू खुलने के दिन यह 65 रुपये पर आ गया है। इस लिहाज से शेयर की लिस्टिंग 1014 रुपये (949 + 65 = 1014) यानी 10 फीसदी से कम प्रीमियम पर हो सकती है। हालांकि शेयर की लिस्टिंग होने तक आगे ग्रे मार्केट के भाव में बदलाव देखने को मिलेगा।

विभन्न ब्रोक्रेज हाउसेस का कहना है कि प्रोडक्ट में आगे सुधार की उम्मीद है। वहीं आने वाले सालों में शेयरधारकों के खाते में सरप्लस के अधिक से अधिक ट्रांसफर से मौजूदा समय में लो लेवल से प्रॉफिट बढ़ने की उम्मीद है। इश्यू का वैल्युएशन आकर्षक है। इसके अलावा, रिटेल निवेशकों और पॉलिसीधारकों के लिए 45 रुपये और 60 रुपये की छूट उनके लिए इस इश्यू को और अधिक आकर्षक बनाती है। इसलिए, एलआईसीके आईपीओमें सब्सक्राइब करने की सलाह है।

कुछ ब्रोकर्स का कहना है किसभी फैक्टर्स को ध्यान में रखें तो एलआईसीके आईपीओमें सब्सक्राइब करने की सलाह है। उनका कहना है कि वैल्युएशन के लिहाज से देखें तो अपर प्राइस बैंड पर एलआईसी1.1x एम्बेडेड वैल्यू पर प्राइस्ड है। यह पियर्स की तुलना में डिस्काउंट पर है। आकर्षक वैल्यूएशन को देखते हुए यहां से गिरावट सीमित नजर आ रही है। इसके अलावा रिटेल निवेशकों को भी डिस्काउंट की पेशकश की गई है।

ब्रोकर्स का कहना है कि भारत जैसे देश में अभी इंश्योरेंस की पहुंच बहुत कम है, जिससे सेक्टर में ग्रोथ की बड़ी संभावनाएं हैं। एलआईसीकी बात करें तो यह GWP और NBP के टर्म में मार्केट लीडर है। इससे सेक्टर में आने वाली ग्रोथ का सबसे ज्यादा फायदा इसे मिलेगा। एक फैक्ट यह है कि एलआईसीमार्केट शेयर खो रहा है और साथ ही इंडस्ट्री से कम VNB मार्जिन है, लेकिन कंपनी ने दोनों में सुधार करने की अपनी योजना का संकेत दिया है। बीमा दिग्गज का लक्ष्य अपनी वेबसाइट पर अपने उत्पादों की प्रत्यक्ष बिक्री बढ़ाने और बैंक इंश्योरेंस पर अधिक ध्यान देकर अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की है। इसके अलावा, कंपनी का फोकस नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स और प्रोटेक्शन प्लान के अपनी हिस्सेदारी में सुधार करने के साथ मार्जिन में सुधार करने पर है।

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