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FOMC क्या है

FOMC क्या है
⏫#USFed ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की
🔸US फेड ने ब्याज दर 0.75% बढ़ाया
🔸ब्याज दरें 0.75% बढ़ाकर 3-3.25% की
🔸इससे पहले 27 जुलाई को ब्याज दरें बढ़ाई थी
🔸US फेड महंगाई को लेकर चिंतित
🔸US फेड महंगाई को 2% तक लाने के लिए प्रतिबद्ध pic.twitter.com/8U1UnLJmCa — Zee Business (@ZeeBusiness) September 21, 2022

US Fed द्वारा ब्याज दर बढ़ाने से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों पर प्रभाव

अमेरिका में महंगाई के आंकड़े जारी होने के बाद फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में जल्द इज़ाफ़ा करने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जारी किये आंकड़ों में अनुमान से भी कम गिरावट देखी गई है। इस चिंता के कारण अमेरिका के साथ ही भारतीय शेयर बाज़ार में भी बड़ा उतार- चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

तो आखिर अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से दुनिया भर के बाज़ारों पर क्यों प्रभाव पड़ता है। ख़ास तौर से भारत पर?

अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का सीधा असर विकासशील देशों के बाज़ारों पर पड़ता है जैसे की भारत । इससे अमेरिका में बॉन्ड यील्ड पर सकारात्मक प्रभाव होता है और निवेशक अपने ही देश में पूंजी लगाने के लिए प्रेरित होते हैं।

हम सभी जानते है कि किसी भी विकासशील देश में विकसित देशों की तुलना में विकास की असीमित संभावनाएं होती है। इसी कारण अमेरिका में ब्याज दरें भारत की तुलना में काफी कम है। जिसका फ़ायदा निवेशक उठाते है। वे अधिक रिटर्न के लिए बैंकों से पैसा निकलकर भारतीय बाज़ारों में निवेश करते हैं। लेकिन जब ब्याज दरें बढ़ती है तो यही निवेशक अपने देश में निवेश करने लगते है। नतीजतन भारतीय बाज़ार को घाटे का सामना करना पड़ता है।

इतना ही नहीं, ब्याज दर बढ़ने का नकारात्मक प्रभाव रुपये पर भी पड़ता है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट आती है। इससे विदेश में निवेश करने वालों का रिटर्न भी कम हो जाता है।

ऐसा नहीं है कि अमेरिका के बाज़ार ने हमेशा ही भारत पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। जब भी अमेरिका में ब्याज दर घटी है तो इसका सकारात्मक प्रभाव भी भारतीय बाज़ारों पर पड़ा है।

बता दें, 30 अक्टूबर 2019 में अर्थव्यवस्था को मंदी में जाने से रोकने के लिए फेड ने 25 आधार अंक अमेरिका में ब्याज दर घटाई थी, जिसके अगले ही दिन सेंसेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया FOMC क्या है था।

सैमको सिक्योरिटीज के मार्केट पर्सपेक्टिव्स के प्रमुख अपूर्व शेठ का कहना है कि इस सप्ताह FOMC की बैठक और प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विश्व नज़र होगी। वैश्विक स्तर पर, फेड के ब्याज दर के फैसले से बाज़ारों में उथल-पुथल हो सकती है। हालांकि, भारत ने सभी की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। अन्य प्रमुख बाज़ारों में इसके अस्थिर रहने की उम्मीद कि जा रही है।

Fed Rate Hike: US फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में की 0.75% की बढ़ोतरी, लगातार तीसरी बार बढ़ी दरें

Fed Rate Hike: अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने बुधवार को लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में 0.75% की बढ़ोतरी की. ब्याज दरें बढ़ाकर 3-3.2 फीसदी की. महंगाई को नियंत्रित करने के लिए लगातार तीसरी बार ब्याज दरें बढ़ी हैं.

यूएस फेड महंगाई को 2% तक लाने के लिए प्रतिबद्ध है.

Fed Rate Hike: अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने बुधवार को लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में 0.75% की बढ़ोतरी की. ब्याज दरें बढ़ाकर 3-3.2 फीसदी की. महंगाई को नियंत्रित करने के लिए लगातार तीसरी बार ब्याज दरें बढ़ी हैं. साथ ही यूएस फेड ने संकेत दिए हैं कि वह आने वाली बैठक में भी ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है.

इससे पहले 27 जुलाई को ब्याज दरें बढ़ाई थी. US फेड महंगाई को लेकर चिंतित है. यूएस फेड महंगाई को 2% तक लाने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि वह ब्याज दरों को साल 2023 तक 4.6 फीसदी तक ले जा सकता है. बेंचमार्क रेट साल के आखिर तक 4.4 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है. इसके बाद साल 2023 में इसे बढ़ाकर 4.6 फीसदी ले जाने का अनुमान है.

⏫#USFed ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की
🔸US फेड ने ब्याज दर 0.75% बढ़ाया
🔸ब्याज दरें 0.75% बढ़ाकर 3-3.25% की
🔸इससे पहले 27 जुलाई को ब्याज दरें बढ़ाई थी
🔸US फेड महंगाई को लेकर चिंतित
🔸US फेड महंगाई को 2% तक लाने के लिए प्रतिबद्ध pic.twitter.com/8U1UnLJmCa

— Zee Business (@ZeeBusiness) September 21, 2022

बता दें कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हैं. अमेरिकी केंद्रीय बैंक के बाद अब आरबीआई (RBI) भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है.

अमेरिकी बाजार टूटे

फेड के झटके से अमेरिकी बाजार भारी गिरावट के साथ दिन के निचले स्तरों पर बंद हुआ. डाओ जोंस 522 अंक गिरकर 30184 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं नैस्डैक 205 अंक टूटकर 11,220 के स्तर पर क्लोज हुआ. S&P पौने दो परसेंट टूटा.

US Fed Hike Rates: महंगाई से परेशान फेडरल रिजर्व ने फिर बढ़ाई ब्याज दरें, 2008 के बाद सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंचे रेट्स

Federal Reserve Hikes Rates: Jerome Powell ने कहा कि फेडरल रिजर्व देश में बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है.

By: ABP Live | Updated at : 22 Sep 2022 09:49 AM (IST)

अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने बढ़ाई ब्याज दर (PC: ANI)

US Federal Reserve Bank Hikes Interest Rates: कोरोना महामारी और रूस यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine) के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था बेहद कठिन दौर से गुजर रही है. भारत समेत पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है. दुनिया का महाशक्ति अमेरिका (United States of America) पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ा है. अमेरिका में पिछले सालों का महंगाई का रिकॉर्ड टूट गया है और इससे आम लोगों के जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ा है. ऐसे में देश की मुद्रास्फीति दर (US Inflation Rate) को कंट्रोल करने के लिए अमेरिका के फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने बड़ा फैसला लेते हुए अपनी ब्याज दरों में इजाफे का फैसला किया है. फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने ब्याज दरों में 0.75% का इजाफा किया है. इसके बाद यह 3 से 3.25% के बीच में पहुंच गया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि साल 2008 की मंदी के बाद से अबतक का सबसे ज्यादा ब्याज दर है.

बुधवार को लिया गया फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में बढ़ती महंगाई को लेकर फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने उच्चस्तरीय मीटिंग की थी. इस मीटिंग में देश में बढ़ती मुद्रास्फीति दर को कंट्रोल करने के तरीकों (Inflation Control) के बारे में चर्चा हुई. इसके बाद फेडरल बैंक ने यह ऐलान कर दिया कि बैंक की ब्याज दरों में 0.75% की वृद्धि की गई है. इसकी जानकारी बैंक के चेयरमैन Jerome Powell ने दी है. इस फैसले से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगने की संभावना है.

At today's meeting, Federal Open Market Committee raised its policy interest rate by 3/4 percentage points, bringing target range to 3-3.25%. We're moving our policy stance that will be sufficiently restrictive to return inflation to 2%: Jerome Powell, chair of US Federal Reserve pic.twitter.com/hYhfdLK7lS

— ANI (@ANI) September 21, 2022

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कर्ज होंगे महंगे
इस मामले पर जानकारी देते हुए Jerome Powell ने कहा कि फेडरल रिजर्व देश में बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगे भी बैंक महंगाई को कंट्रोल करने के लिए इस तरह के कदम उठाता रहेगा. कई एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि फेडरल बैंक अपनी ब्याज दरों को इस साल के अंत तक 4.40% और अगले साल तक 4.60% तक बढ़ा सकता है. इससे मार्केट में चीजों की डिमांड कम होगी और महंगाई को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही इस फैसले से कर्ज भी महंगे हो जाएंगे और इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर और ज्यादा दबाव बढ़ेगा. ब्याज दरों में बढ़ोतरी से देश में बेरोजगारी भी बढ़ सकती है.

फेडरल रिजर्व बैंक ने तीसरी बार बढ़ाई ब्याज दर
यूएस फेडरल रिजर्व देश में बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए लगातार अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है. बैंक ने लगातार तीसरी बार अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया है और अब यह 3.00% से लेकर 3.25% तक पहुंच गया है. बता दें कि अमेरिका में जनता का महंगाई से बहुत बुरा हाल है. मुद्रास्फीति ने पिछले 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस कारण बाइडन प्रशासन लगातार दबाव में हैं.

अमेरिकी अर्थव्यवस्था सिर्फ 0.2% से बढ़ेगी
फेडरल रिजर्व के अधिकारियों का यह अनुमान है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर इस फैसले का बुरा प्रभाव पड़ने वाला है और यह इस साल सिर्फ 0.2 प्रतिशत से बढ़ेगा. पहले एक्सपर्ट्स ने यह उम्मीद जताई थी कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था 1.7 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ेगी, लेकिन फेडरल बैंक द्वारा लगातार बढ़ाएं जा रहे ब्याज दर का असर अगले कुछ दिनों में साफ दिखने लगेगा. देश में नौकरियों में कटौती के साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ेगी. इस FOMC क्या है कारण अगले साल तक मंदी भी आ सकती है.

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Published at : 22 Sep 2022 09:40 AM (IST) Tags: US economy usa news USA Federal Reserve Bank Inflation in USA हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

US Fed द्वारा ब्याज दर बढ़ाने से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों पर प्रभाव

अमेरिका में महंगाई के आंकड़े जारी होने FOMC क्या है के बाद फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में जल्द इज़ाफ़ा करने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जारी किये आंकड़ों में अनुमान से भी कम गिरावट देखी गई है। इस चिंता के कारण अमेरिका के साथ ही भारतीय शेयर बाज़ार में भी बड़ा उतार- चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

तो आखिर अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से दुनिया भर के बाज़ारों पर क्यों प्रभाव पड़ता है। ख़ास तौर से भारत पर?

अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का सीधा असर विकासशील देशों के बाज़ारों पर पड़ता है जैसे की भारत । इससे अमेरिका में बॉन्ड यील्ड पर सकारात्मक प्रभाव होता है और निवेशक अपने ही देश में पूंजी लगाने के लिए प्रेरित होते हैं।

हम सभी जानते है कि किसी भी विकासशील देश में विकसित देशों की तुलना में विकास की असीमित संभावनाएं होती है। इसी कारण अमेरिका में ब्याज दरें भारत की तुलना में काफी कम है। जिसका फ़ायदा निवेशक उठाते है। वे अधिक रिटर्न के लिए बैंकों से पैसा निकलकर भारतीय बाज़ारों में निवेश करते हैं। लेकिन जब ब्याज दरें बढ़ती है तो यही निवेशक अपने देश में निवेश करने लगते है। नतीजतन भारतीय बाज़ार को घाटे का सामना करना पड़ता है।

इतना ही नहीं, ब्याज दर बढ़ने का नकारात्मक प्रभाव रुपये पर भी पड़ता है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट आती है। इससे विदेश में निवेश करने वालों का रिटर्न भी कम हो जाता है।

ऐसा नहीं है कि अमेरिका के बाज़ार ने हमेशा ही भारत पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। जब भी अमेरिका में ब्याज दर घटी है तो इसका सकारात्मक प्रभाव भी भारतीय बाज़ारों पर पड़ा है।

बता दें, 30 अक्टूबर 2019 में अर्थव्यवस्था को मंदी में जाने से रोकने के लिए फेड ने 25 आधार अंक अमेरिका में ब्याज दर घटाई थी, जिसके अगले ही दिन सेंसेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।

सैमको सिक्योरिटीज के मार्केट पर्सपेक्टिव्स के प्रमुख अपूर्व शेठ का कहना है कि इस सप्ताह FOMC की बैठक और प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विश्व नज़र होगी। वैश्विक स्तर पर, फेड के ब्याज दर के फैसले से बाज़ारों में उथल-पुथल हो सकती है। हालांकि, भारत ने सभी की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। अन्य प्रमुख बाज़ारों में इसके अस्थिर रहने की उम्मीद कि जा रही है।

Market Outlook This Week: ब्याज दर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से तय होगी बाजार की चाल, क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

Market Outlook This Week: एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले सप्ताह में संस्थागत निवेशक भी अहम भूमिका निभाएंगे, क्योंकि विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी बाजार में विक्रेता बन गए हैं.

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शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह ब्याज दर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से तय होगी.

Market Outlook This Week: शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह ब्याज दर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय दी. इसके अलावा, शेयर बाजार में विदेशी पूंजी की आवक और कच्चे तेल के रुझान से भी प्रमुख शेयर सूचकांक प्रभावित होंगे. स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्ट हेड संतोष मीणा ने कहा, ”अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े के बाद वैश्विक बाजार घबराए हुए दिख रहे हैं. इस वजह से डॉलर सूचकांक 110 के आसपास पहुंच गया है.” कारोबारियों की नजर अब अमेरिकी संघीय मुक्त बाजार समिति (FOMC) की आगामी बैठक के नतीजे पर है.

पिछले हफ्ते 1.59 फीसदी टूटा सेंसेक्स

पिछले हफ्ते सेंसेक्स 952.35 अंक यानी 1.59 फीसदी टूटा, जबकि निफ्टी 302.50 अंक यानी 1.69 फीसदी की गिरावट रही. सेंसेक्स शुक्रवार को 1,093.22 अंक या 1.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,840.79 पर बंद हुआ था.

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