विश्लेषण और योजना

विशेष कार्यक्रम- प्रत्येक कृषक के म्रदा स्वास्थ कार्ड उपलब्ध कराया जाता है जिसमे कृषक द्वारा मिट्टी परीक्षण समय-समय पर प्रस्तुत मिट्टी नमूनो के विशलेषण के जानकारी उपलब्ध रहती है। कार्यरत प्रयोगशाला- ( विभागीय मिट्टी परीक्षण केन्द्र)- भोपाल, सीहोर, पवारखे
मिटटी परीक्षण योजना
मिटटी परीक्षण योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है जिसका उद्देश्य- तत्वो की मृदा मे उपस्थित मात्रा की जाच परीक्षण की जाच मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओ द्वारा उपयुक्त अनुशंसाये कृषको को प्रेषित की जाती है। समस्त प्रदेश लागु है मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट एक अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी है,जिसका प्रभाव फसल उपादन की प्रक्रिया से जुडा हुआ है।
विभाग के अंतर्गत 24 मिट्टी परीक्षक प्रयोग शालाए, मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अंतर्गत, जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 09 एवं राजमाता कृ विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा 16 प्रयोगस्शाल्ये चलाई जा रही है। इस प्रकार प्रदेश के सभे जिलो मे कुल 75 प्रयोगशालाये कार्यरत है, जिनमे विभागीय समस्त प्रयोगशालाये मे सुक्ष्म तत्वो के परीक्षण की भी व्यवस्था है।
लाभ प्राप्त करने के शर्तें
निर्धारित शुल्क- मुख्य तत्व विश्लेषण हेतु सामान्य कृषको के लिये 5 रूपये प्रति नमूना, तथा अ.जा./अ.जा.जा. कृषको के लिये 3 रूपये प्रति नमूना की दर शासन द्वारा निर्धारित की गई है। इसी प्रकार सुक्ष्म तत्व विश्लेषण के लिये सामान्य कृषको के लिये 40 रूपये प्रति नमूना।
मिट्टी परीक्षण के लिये सबसे ज़रूरी होता है कि मिट्टी का सही नमूना इकठ्ठा करना । इसके लिये जरूरी होता है कि नमूना इस प्रकार लिया जाये कि वह जिस खेत या क्षेत्र से लिया गया हो उसका पूर्ण प्रतिनिधित्व करता हो । इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु मिट्टी के प्रतिनिधि नमूने एकत्र किये जाते है । प्रतिनिधि नमूना लेने के लिये ध्यान दे विश्लेषण और योजना कि -
- नमूना लेने से पूर्व खेत में ली गई फसल की बढवार एक ही रही हो ।
- उसमें एक समान उर्वरक उपयोग किये गये हो ।
- जमीन समतल व एक ही हो तो विश्लेषण और योजना ऐसी स्थिति में पूरे खेत से एक ही संयुक्त या प्रतिनिधि नमूना ले सकते है ।
मुख्य तत्व
- नत्रजन,
- स्फुर,
- पोटाश,
- सुक्ष्म तत्व जिंक,
- कॉपर,
- मेंगनीज
- आयरन
- खुरपी,
- फावडा,
- बाल्टी या ट्रे,
- कपडे एवं प्लास्टिक की थैलियां ,
- पेन,
- धागा,
- सूचना पत्रक ,
- कार्ड आदि ।
31 मार्च को आएगी इस योजना की चौथी किस्त
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राज्य के किसानों के हितार्थ राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और गोधन न्याय योजना चला रखी हैं। इन योजनाओं के माध्यम से खेती और पशुपालन से जुड़े किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। राज्य की भूपेश बघेल सरकार की ओर से इन योजनाओं के तहत सभी लाभार्थियों को मदद राशि प्रदान करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान करते हुए कहा कि 31 मार्च 2022 को हितग्राहियों के खाते में रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। यह इस योजना की चौथी किस्त के होगी जिसमें 1500 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज विश्लेषण और योजना का सही दाम दिलाने के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ शुरू की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि यानि 21 मई 2020 को पर इस योजना को लॉन्च किया था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना योजना के तहत राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना और गोधन न्याय योजना भी चलाई जा रही है। इस तरह इस योजना के माध्यम से राज्य के सभी किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
अब तक इस योजना में किसानों को कितना किया गया भुगतान
राजीव गांधी न्याय योजना के तहत अब तक 4548 करोड़ रुपए की राशि का हुआ भुगतान राज्य की भूपेश बघेल सरकार की ओर से किसानों को किया जा चुका है। यदि 31 मार्च को 2022 को दी जाने वाली चौथी यानी अंतिम किस्त को मिला लें तो यह राशि छह हजार करोड़ रुपए हो जाएगी। किसानों को भुगतान के साथ राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के लाभार्थियों को भी वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन राशि का भुगतान किया जाएगा।
राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत 30 नंवबर 2021 तक 4,41,000 से अधिक मजदूरों ने योजना के लिए पंजीकरण कराया था। आवेदनों का विश्लेषण करने के बाद इन्हें पात्र मानते हुए इन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया गया। बता देें कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को सालाना 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। जो कृषि भूमिहीन मजदूर किसान इस योजना में पंजीकृत हैं उन्हें भी इस योजना के तहत मिलने वाली राशि का भुगतान 31 मार्च 2022 को किया जाएगा।
अगले वित्तीय वर्ष से कृषि भूमिहीन किसानों को मिलेगी 7 हजार रुपए की सहायता
बता दें कि अब तक राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत पात्र किसानों को 6 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। लेकिन अभी बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से राज्य का वित्तीय बजट 2022-23 पेश किया गया जिसमें भूमिहीन कृषि मजदूर किसानों को मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ा दिया गया है। अब भूमिहीन कृषि मजदूर किसानों को 6 हजार की जगह 7 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। यह राशि किसानों को नए वित्तीय सत्र से प्रदान की जाएगी। अभी मार्च माह में मिलने वाली चौथी किस्त की राशि का भुगतान 6 हजार रुपए ही किया जाएगा।
किसानों को मिलेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी योजना) का भी लाभ
उक्त योजनाओं के अलावा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी योजना के तहत खरीदे गए धान का 2500 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान करने का वादा भी पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसकी चौथी किस्त भी लाभार्थियों के खाते में 31 मार्च 2022 को जारी की जाएगी।
वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों को 9 हजार प्रति एकड़ आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक किसानों को प्रदान की जाएगी। इसके अलावा यदि वर्ष 2020-21 में किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था और किसान धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, केला, पपीता आदि की फसल लगाता है या फिर वृक्षारोपण करता है तो इस स्थिति में किसान को 10 हजार प्रति एकड़ आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसान को 3 वर्ष विश्लेषण और योजना तक आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
ग्रामीण विकास
ग्रामीण विकास का अर्थ लोगों का आर्थिक सुधार और बड़ा समाजिक बदलाव दोनों ही है। ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में लोगों का बढ़ी हुई भागीदारी, योजनाओं का विकेन्द्रीकरण, भूमि सुधारों को बेहतर तरीके से लागू करना और ऋण की आसान उपलब्धि करवाकर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का लक्ष्य होता है।
प्रारंभ में, विकास के लिए मुख्य जोर कृषि, उद्योग, संचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और संबंधित क्षेत्रों पर दिया गया था। बाद में यह समझने पर कि त्वरित विकास केवल तभी संभव है जब सरकारी प्रयासों के साथ साथ पर्याप्त रूप से जमीनी स्तर पर लोगों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भागीदारी हो, सोच बदल गई।
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निम्नलिखित बड़े कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं:
स्वोट (SWOT) विश्लेषण
स्वोट (SWOT) विश्लेषण एक प्रकल्प या एक व्यावसायिक उद्यम में शामिल श क्तियों, क मजोरियों, अ वसरों और ख तरों के मूल्यांकन के लिए इस्तेमाल किया गया एक सामरिक योजना क्रम है। इसमें व्यवसाय उद्यम या परियोजना का लक्ष्य उल्लिखित करना और आंतरिक और बाह्य कारक, जो उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुकूल और प्रतिकूल हैं, उनको पहचानना शामिल है। इस तकनीक का श्रेय अल्बर्ट हम्फ्री को जाता है, जिसने ऐश्वर्य 500 कंपनियों से डाटा प्रयोग करके 1960 और 1970 के दशक में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक सम्मेलन का नेतृत्व किया था। एक स्वोट (SWOT) विश्लेषण पहले एक वांछित अंत राज्य या उद्देश्य को परिभाषित करने के साथ प्रारंभ होना चाहिए। एक स्वोट (SWOT) विश्लेषण विश्लेषण और योजना एक रणनीतिक योजना मॉडल में शामिल किया जा सकता है। स्वोट (SWOT) एंव स्केन (SCAN) विश्लेषण सहित सामरिक योजना काफी शोध का विषय रहा है। स्वोटस (SWOTs) की पहचान करना जरूरी है क्योंकि चयनित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए योजना बनाने की प्रक्रिया में उत्तरगामी कदम स्वोटस (SWOTs) से प्राप्त किए जा सकते हैं। पहले, निर्णय निर्माताओं को पता लगाना होता है कि क्या उद्देश्य साध्य है, निश्चित स्वोटस (SWOTs) से.
प्रतिस्पर्धात्मक समझ
प्रतिस्पर्धात्मक समझ (जानकारी), व्यापक तौर पर किसी संगठन के अधिकारियों और प्रबंधकों द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करने के लिए आवश्यक परिवेश के किसी भी पहलू, उत्पादों, ग्राहकों और प्रतिस्पर्धियों के बारे में समझ (जानकारी) को परिभाषित, एकत्रित, विश्लेषित और वितरित करने की क्रिया है। इस परिभाषा के मुख्य बिंदु.
यूनियनपीडिया एक विश्वकोश या शब्दकोश की तरह आयोजित एक अवधारणा नक्शे या अर्थ नेटवर्क है। यह प्रत्येक अवधारणा और अपने संबंधों का एक संक्षिप्त परिभाषा देता है।
इस अवधारणा को चित्र के लिए एक आधार के रूप में कार्य करता है कि एक विशाल ऑनलाइन मानसिक नक्शा है। यह प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र है और प्रत्येक लेख या दस्तावेज डाउनलोड किया जा सकता है। यह शिक्षकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों या छात्रों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है कि एक उपकरण, संसाधन या अध्ययन, अनुसंधान, शिक्षा, शिक्षा या शिक्षण के लिए संदर्भ है, अकादमिक जगत के लिए: स्कूल, प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च विद्यालय, मध्य, महाविद्यालय, तकनीकी डिग्री, कॉलेज, विश्वविद्यालय, स्नातक, मास्टर या डॉक्टरेट की डिग्री के लिए; कागजात, रिपोर्ट, परियोजनाओं, विचारों, प्रलेखन, सर्वेक्षण, सारांश, या शोध के लिए। यहाँ परिभाषा, विवरण, विवरण, या आप जानकारी की जरूरत है जिस पर हर एक महत्वपूर्ण का अर्थ है, और एक शब्दकोष के रूप में उनके संबद्ध अवधारणाओं की एक सूची है। हिन्दी, अंग्रेज़ी, स्पेनी, पुर्तगाली, जापानी, चीनी, फ़्रेंच, जर्मन, इतालवी, पोलिश, डच, रूसी, अरबी, स्वीडिश, यूक्रेनी, हंगेरियन, कैटलन, चेक, हिब्रू, डेनिश, फिनिश, इन्डोनेशियाई, नार्वेजियन, रोमानियाई, तुर्की, वियतनामी, कोरियाई, थाई, यूनानी, बल्गेरियाई, क्रोएशियाई, स्लोवाक, लिथुआनियाई, फिलिपिनो, लातवियाई, ऐस्तोनियन् और स्लोवेनियाई में उपलब्ध है। जल्द ही अधिक भाषाओं।
विदेशी मुद्रा विश्लेषण और समीक्षा: NZDUSD Potential for Bearish Drop | 22nd November 2022
On the H4 chart, the price is moving above the Ichimoku cloud and has broken out of the ascending channel. If this bullish momentum continues, the price may break the 1st resistance at 0.61632, which is in line with the previous swing high and 0% fibonacci line, before heading towards the 2nd resistance line at 0.62504, where the 78.6% Fibonacci line is. Alternatively, the price may head back towards the 1st support at 0.59998, where the 61.8% Fibonacci projection line is located.
Reason for Entry:
1st resistance line
Take Profit: 0.59998