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भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार

भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार
विदेशी मुद्रा भंडार पर असर: रुपया कमजोर होने से विदेशी मुद्रा भंडार कमजोर होता है। देश को आयात के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं तो जाहिर सी बात है कि खजाना खाली होगा। यह आर्थिक लिहाज से ठीक बात नहीं है।

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वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार: आर्थिक मामलों के सचिव

आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा है कि विदेशी मुद्रा भंडार कम होने का कारण मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है। भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की चिंताओं को मंगलवार को खारिज करते हुए कहा कहा कि भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए काफी मजूबत भंडार है। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया जा रहा है।

विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह के लिए नीचे रहा। 16 सितंबर को यह 545.65 अरब अमेरिकी डालर तक गिर गया। मुद्रा भंडार में कमी का एक प्रमुख कारण वैश्विक गतिविधियों की वजह से रुपये की विनिमय दर में गिरावट को थामने के लिए आरबीआइ की तरफ से किया गया डालर का उपयोग है।

देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार

आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह कोई चिंता वाली बात है। भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा पिछले हफ्ते बेंचमार्क उधार दर को 75 आधार अंकों से बढ़ाकर 3-3.25% करने के बाद दुनिया भर की मुद्राएं प्रभावित हुईं। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि सरकार का इरादा मार्च 2023 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार के लक्ष्य 6.4 प्रतिशत पर बरकरार रखने का है।

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बेहतर है रुपये की स्थिति

आपको बता दें कि डालर के मुकाबले रुपया सोमवार को 81.67 के रिकार्ड निचले स्तर पर आ गया था। हालांकि, मंगलवार को यह कुछ सुधरकर 81.58 पर बंद हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से रुपये की स्थिति बेहतर है। डालर के मुकाबले अन्य देशों की मुद्राओं में जिस दर से गिरावट आई है, वह भारतीय रुपये की तुलना में कहीं अधिक है। सरकार ने बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए 14.31 लाख करोड़ रुपये का सकल बाजार उधारी लक्ष्य रखा है। इसमें से 8.45 लाख करोड़ रुपये पहली छमाही या अप्रैल-सितंबर की अवधि में उधार लिए जाने का अनुमान है।

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सोमवार को डॉलर के मुकाबले 81.67 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बाद मंगलवार को रुपया सुधर गया और ग्रीनबैक के मुकाबले 81.58 पर बंद हुआ।

Indian Foreign Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट, इसके पीछे की असली वजह आई सामने

India TV Business Desk

Edited By: India TV Business Desk
Published on: August 27, 2022 12:39 IST

 भारत के विदेशी मुद्रा. - India TV Hindi

Photo:INDIA TV भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट

Highlights

  • भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट
  • गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा एसेट्स (FCA) और स्वर्ण भंडार का कम होना है
  • यूक्रेन-रूस युद्ध भी है इसका कारण

Indian Foreign Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह जानकारी दी भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार है। इससे पहले 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 करोड़ डॉलर भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार घटकर 570.74 अरब डॉलर रहा था।

इसे पीछे का असली कारण स्वर्ण भंडार का कम होना है

रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा एसेट्स (FCA) और स्वर्ण भंडार का कम होना है। साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, एफसीए 5.77 अरब डॉलर घटकर 501.216 अरब डॉलर रह गयी। आंकड़ों के अनुसार, स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.4 करोड़ डॉलर घटकर 39.914 अरब डॉलर रह गया। उस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.6 करोड़ डॉलर घटकर 17.987 अरब डॉलर पर आ गया। जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 5.8 करोड़ डॉलर गिरकर 4.936 अरब डॉलर रह भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार गया।

विदेशी मुद्रा भंडार घटने के पीछे विश्व में आर्थिक मंदी आने के संकेत भी है। भारतीय रिजर्व भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार बैंक इसे कंट्रोल करने की लगातार कोशिशें कर रहा है। उसके हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की दर में कमी आई है। आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है। केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है। केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है। हालांकि, रिजर्व बैंक मुद्रा को लेकर कभी भी लक्षित स्तर नहीं देता है।

यूक्रेन-रूस युद्ध है इसका कारण

आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार कम हुआ था। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें व्यक्त विचार लेखकों के हैं और यह कोई जरूरी नहीं है कि यह केंद्रीय बैंक की सोच से मेल खाए।

रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर अपने हस्तक्षेप उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहा है। यह विदेशी मुद्रा भंडार में घटने की कम दर से पता चलता है। अध्ययन के अनुसार, निरपेक्ष रूप से 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के कारण मुद्रा भंडार में 70 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई। जबकि कोविड-19 अवधि के दौरान इसमें 17 अरब डॉलर की ही कमी हुई। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इस वर्ष 29 जुलाई तक 56 अरब डॉलर की कमी आई है।

विदेशी मुद्रा भंडार ने फिर लगाया गोता, सात दिनों में 3.007 अरब डॉलर की आई गिरावट, समझें पूरी बात

Foreign भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार Exchange Reserves of India: विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) में महत्वपूर्ण हिस्सा रखने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में गिरावट से कुल मुद्रा भंडार नीचे आया.

Foreign Exchange Reserves of India: भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 26 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान 3.007 अरब डॉलर भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इससे पिछले 19 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रहा था. पीटीआई की खबर के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) में महत्वपूर्ण हिस्सा रखने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में गिरावट से कुल मुद्रा भंडार नीचे आया. समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 2.571 अरब डॉलर घटकर 498.645 अरब डॉलर रह गईं. आंकड़ों के मुताबिक, स्वर्ण भंडार (gold reserve of India August 2022) भी 27.1 करोड़ डॉलर घटकर 39.643 अरब डॉलर पर आ गया.

इस वजह से आई गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक, 26 अगस्त को खत्म समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA), समग्र भंडार (Foreign Exchange Reserves of India) का एक प्रमुख घटक और स्वर्ण भंडार में गिरावट के कारण थी. समीक्षाधीन सप्ताह में FCA 2.571 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 498.645 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया. आईएमएफ (IMF) के साथ देश की स्थिति भी समीक्षाधीन सप्ताह में 10 मिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 4.926 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई.

भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, निरपेक्ष रूप से 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के चलते मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves of india) में 70 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई. जबकि कोविड-19 अवधि के दौरान इसमें 17 अरब डॉलर की ही कमी हुई. वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते इस वर्ष 29 जुलाई 2022 तक 56 अरब डॉलर की कमी (Foreign Exchange Reserves) आई है.

2 साल के निचले स्तर पर विदेशी मुद्रा भंडार, डॉलर के आगे रेंग रहा रुपया, आप पर क्या असर?

2 साल के निचले स्तर पर विदेशी मुद्रा भंडार, डॉलर के आगे रेंग रहा रुपया, आप पर क्या असर?

अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने के बाद भारतीय करेंसी रुपया एक बार फिर रेंगने लगा है। इस बीच, विदेशी मुद्रा भंडार ने भी चिंता बढ़ा दी है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह गिरा है और अब यह 2 साल के निचले स्तर पर आ चुका है।

रुपया की स्थिति: डॉलर के मुकाबले रुपया ने पहली बार 81 के स्तर को पार किया है। शुक्रवार को कारोबार के दौरान गिरावट ऐसी रही कि रुपया 81.23 के स्तर तक जा पहुंचा था। हालांकि, कारोबार भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार के अंत में मामूली रिकवरी हुई। इसके बावजूद रुपया 19 पैसे गिरकर 80.98 रुपये प्रति डॉलर के लेवल पर बंद हुआ। यह पहली बार है जब भारतीय करेंसी की क्लोजिंग इतने निचले स्तर पर हुई है।

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  • इक्विटी के मोर्चे पर, शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला सूचकांक 36 अंक या 0.32% गिरकर 58,620.77 पर आ गया. इसी तरह निफ्टी 46.65 अंक या 0.27% फिसलकर 17,470.20 पर बंद हुआ.
  • एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने बृहस्पतिवार को भारतीय इक्विटी से शुद्ध आधार पर ₹1,585.55 करोड़ की निकासी भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार की थी.

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