क्रिप्टो करेंसी से पैसा कैसे कमाए?

आवर्ती जमा

आवर्ती जमा

निवेश करना सीखें

मेटा विवरण : निवेशन और निवेश करना क्यों जरूरी है, इस बारे में हम जान चुके हैं. निवेशन वह प्रक्रिया है जिसमें आपका धन आपके लिए क्रियाशील रहता है और बढ़ता जाता है. हमने निवेश के अलग-अलग विकल्पों के बारे में भी जाना है. इस पाठ में हम सबसे सबसे प्रचलित निवेशों में से एक यानी बैंक जमा (बैंक डिपॉजिट्स) को समझेंगे.

निवेशन एक ऐसा शानदार माध्यम है जिसके सहारे आपके विशेष परिश्रम के बगैर आपकी बचत राशि बढ़ती जाती है. निवेश करने से आपको ब्याज और लाभांश के माध्यम से आमदनी अर्जित करने में मदद मिलती है. अपनी बचत में वृद्धि करने और इस पर अतिरिक्त आमदनी कमाने का यह सबसे बढ़िया तरीका है. (अधिक जानकारी के लिए ‘निवेशन क्या है’ पढ़ें).

किसी भी व्यक्ति के लिए निवेश करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. निवेश करने का सबसे अधिक ज़रूरी कारण यह है कि मुद्रास्फीति यानी महँगाई के असर से पैसों का मूल्य हर साल घट जाता है. हर साल वस्तुओं और सेवाओं की लागत बढ़ जाती है. इसका सीधा मतलब यह है कि 100 रुपये में आप आज जितना सामान खरीद सकते हैं, एक साल के बात उतना नहीं खरीद पायेंगे. मुद्रास्फीति की दर के आधार पर एक साल बाद उसी 10 रुपये के उसी सामान के लिए आपको 105 या 110 रुपये देने पड़ सकते हैं. इस घाटे की भरपाई के लिए निवेश करना ज़रूरी है. (अधिक जानकारी के लिए ‘निवेश क्यों करें’ पढ़ें).

निवेश के सर्वाधिक प्रचलित तरीकों में से एक तरीका है बैंक में जमा रखना. (निवेश के अन्य विकल्पों के लिए ‘निवेश कहाँ करें’ पढ़ें). आप अपना फण्ड बैंक में विभिन्न खातों में रख सकते हैं और बैंक उसके बदले आपको ब्याज देगा. आपका खाता किस प्रकार का है, उसके आधार पर ब्याज की दर में भिन्नता होगी. हर एक खाता अलग प्रकार से काम करता है. आइये, बैंक जमा खातों के विभिन्न प्रकारों पर गौर करें.

जमा रखने के लिए बचत बैंक खाता सबसे आम बैंक खाता है. आप पैसे जमा कर सकते हैं और अपने बचत खाता से भुगतान कर सकते हैं. आप अपने बचत खाता को दूसरे निवेशों के साथ और अपने डीमैट खाते से सम्बद्ध भी कर सकते हैं. ऐसा करने से आप जो भी निवेश करते हैं उसकी राशि आपके बचत खाते से स्वतः निकल जायेगी और निवेश की अवधि पूरी होने, यानी निवेश के परिपक्व होने पर जो देय राशि होगी वह आपके बचत खाते में जमा हो जायेगी. बचत खाता किसी भी व्यक्ति द्वारा खोला जाने वाला सबसे बुनियादी जमा खाता होता है. जमाकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर अपनी मर्जी से जब चाहे तब अपने बचत खाते से राशि की निकासी कर सकता है. चूंकि जमाकर्ता को बैंक यह नकदी सुविधा (लिक्विडिटी) देती है, इसलिए बचत बैंक खाता पर ब्याज की दर 3.5% से 4% तक होती है. कोटक महिंद्रा बैंक जैसे कुछ बैंक 6% की दर पर ब्याज देते हैं, बशर्ते कि बचत खाते में हर समय 1 लाख रुपये से ज्यादा का अधिशेष (बैलेंस) रहे.

बचत खाता सबसे बुनियादी और सबसे साधारण खाता होता है. इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन भी खोल सकते हैं और बैंक की शाखा में जाकर भी.

  • सावधि जमा (फिक्स्ड डिपाजिट) खाता :

सावधि जमा, जो अंग्रेज़ी भाषा के फिक्स्ड डिपाजिट के नाम से प्रचलित है, एक ऐसा खाता होता है जिसमें जमा राशि निर्धारित अवधि के लिए, यानी परिपक्वता तक बंद हो जाती है. सावधि जमा की अवधि निर्धारित रहती है और एक बार राशि का निवेश कर देने पर वह ब्लाक हो जाती है. तथापि, जमाकर्ता अवधि तय कर सकता है. यह अवधि अलग-अलग बैंकों के आधार पर 7 दिनों से लेकर 10 वर्ष तक की होती है. सावधि जमा पर, जमा अवधि के अनुसार 6% से 8% के बीच ब्याज दर होती है. सावधि जमा का ब्याज का भुगतान मासिक या त्रैमासिक हो सकता है, या इसे लेने के बजाय दोबारा निवेश किया जा सकता है. सावधि जमा के ब्याज को दोबारा निवेश कर देने से आपको अतिरिक्त आमदनी होती है क्योंकि बैंक ब्याज की गणना हर तीन महीने पर करता है. चूंकि पिछली तिमाही का ब्याज मूल में जोड़ दिया जाता है, इसलिए आप ब्याज पर ब्याज अर्जित करते रहते हैं. इसे चक्रवृद्धि कहते हैं.

सावधि जमा के बारे में एक बात याद रखनी चाहिए कि पूरी राशि परिपक्वता यानी अवधि पूरी होने पर चुकता की जाती है. आपके पास मूल धन को या पूरी की पूरी परिपक्वता राशि को पुनः निवेश में नवीकरण का विकल्प रहता है. अगर आप यह विकल्प चुनते हैं तो परिपक्वता पर बैंक अपने-आप आपके सावधि जमा का नवीकरण कर देता है. अगर आप सावधि जमा को भुनाने का विकल्प चुनते हैं तो परिपक्वता की राशि आपके बचत खाते में डाल दी जायेगी.

सावधि जमा खाता खोलने के पहले, जिस बैंक में यह खाता खोला जा रहा है, उस ख़ास बैंक में बचत बैंक खाता होना ज़रूरी नहीं है. मतलब यह कि आप किसी भी बैंक में सावधि जमा खाता खोल सकते हैं, भले ही उस बैंक में आपका बचत खाता नहीं हो. किन्तु, उस बैंक में बचत खाता हो तो अच्छा रहता है. सावधि जमा इन्टरनेट बैंकिंग के सहारे ऑनलाइन या फिर बैंक की शाखा में जाकर खोला जा सकता है.

  • आवर्ती जमा (रेकरिंग डिपाजिट) खाता :

आवर्ती जमा यानी रेकरिंग डिपाजिट खाता एक ऐसा खाता है जहां पहले से तय अवधि के लिए एक निश्चित अंतराल पर खाते में एक निश्चित क़िस्त चुकता किया जाता है. ये सभी किस्तें एक ही दिन परिपक्व होतीं हैं. साधारण शब्दों में आवर्ती जमा खाता एक ही राशि के एक से अधिक सावधि जमा खातों के समान है जो एक ही दिन परिपक्व होते हैं.

कुछ बैंक लचीली किस्तों की सुविधा देते हैं, लेकिन अधिकतर बैंकों में आवर्ती जमा में जमा राशि निश्चित होती है. सबसे आम आवर्ती जमा है मासिक क़िस्त पद्धति. कुछ बैंकों में तिमाही और छमाही किस्तों की भी सुविधा उपलब्ध है.

आवर्ती जमा आम तौर पर छोटी शुरुआती निवेश से आरम्भ किये जाते हैं. इस कारण से छोटी बचत करने के इच्छुक लोगों के लिए यह एक शानदार विकल्प है. आवर्ती जमा पर सावती जमा के समान ब्याज दर ही मिलता है, यानी 6% से 8% तक. किन्तु, चूंकि मूल राशि एक बार में नहीं बल्कि किस्तों में जमा की जाती है, इसलिए आवर्ती जमा पर अर्जित कुल ब्याज सावधि जमा पर अर्जित कुल ब्याज से कम होता है. इस प्रकार, आवर्ती जमा के लिए आपको नियमित मासिक अंतराल पर पैसा निवेश करना पड़ता है जिससे जमा का अनुशासन बढ़ता है. शुरुआत करने वालों के लिए यह निवेश का एक शानदार विकल्प है.

उपसंहार :

बैंक जमा, निवेश करने का सबसे आम तरीकों में से एक है. बचत खाता किसी व्यक्ति द्वारा खोला जाने वाला सबसे बुनियादी खाता होता है. सावधि जमा या आवर्ती जमा में पैसों का निवेश करना किसी ख़ास अल्पकालिक लक्ष्य के लिए धन एकत्र करने का एक शानदार तरीका है. भले ही इन सभी पर ब्याज सबसे अधिक नहीं मिलता है, तो भी ये आमदनी अर्जित करने के भरोसेमंद और सुनिश्चित माध्यम हैं.

निवेश करना सीखें

मेटा विवरण : निवेशन और निवेश करना क्यों जरूरी है, इस बारे में हम जान चुके हैं. निवेशन वह प्रक्रिया है जिसमें आपका धन आपके लिए क्रियाशील रहता है और बढ़ता जाता है. हमने निवेश के अलग-अलग विकल्पों के बारे में भी जाना है. इस पाठ में हम सबसे सबसे प्रचलित निवेशों में से एक यानी बैंक जमा (बैंक डिपॉजिट्स) को समझेंगे.

निवेशन एक ऐसा शानदार माध्यम है जिसके सहारे आपके विशेष परिश्रम के बगैर आपकी बचत राशि बढ़ती जाती है. निवेश करने से आपको ब्याज और लाभांश के माध्यम से आमदनी अर्जित करने में मदद मिलती है. अपनी बचत में वृद्धि करने और इस पर अतिरिक्त आमदनी कमाने का यह सबसे बढ़िया तरीका है. (अधिक जानकारी के लिए ‘निवेशन क्या है’ पढ़ें).

किसी भी व्यक्ति के लिए निवेश करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. निवेश करने का सबसे अधिक ज़रूरी कारण यह है कि मुद्रास्फीति यानी महँगाई के असर से पैसों का मूल्य हर साल घट जाता है. हर साल वस्तुओं और सेवाओं की लागत बढ़ जाती है. इसका सीधा मतलब यह है कि 100 रुपये में आप आज जितना सामान खरीद सकते हैं, एक साल के बात उतना नहीं खरीद पायेंगे. मुद्रास्फीति की दर के आधार पर एक साल बाद उसी 10 रुपये के उसी सामान के लिए आपको 105 या 110 रुपये देने पड़ सकते हैं. इस घाटे की भरपाई के लिए निवेश करना ज़रूरी है. (अधिक जानकारी के लिए ‘निवेश क्यों करें’ पढ़ें).

निवेश के सर्वाधिक प्रचलित तरीकों में से एक तरीका है बैंक में जमा रखना. (निवेश के अन्य विकल्पों के लिए ‘निवेश कहाँ करें’ पढ़ें). आप अपना फण्ड बैंक में विभिन्न खातों में रख सकते हैं और बैंक उसके बदले आपको आवर्ती जमा आवर्ती जमा ब्याज देगा. आपका खाता किस प्रकार का है, उसके आधार पर ब्याज की दर में भिन्नता होगी. हर एक खाता अलग प्रकार से काम करता है. आइये, बैंक जमा खातों के विभिन्न प्रकारों पर गौर करें.

जमा रखने के लिए बचत बैंक खाता सबसे आम बैंक खाता है. आप पैसे जमा कर सकते हैं और अपने बचत खाता से भुगतान कर सकते हैं. आप अपने बचत खाता को दूसरे निवेशों के साथ और अपने डीमैट खाते से सम्बद्ध भी कर सकते हैं. ऐसा करने से आप जो भी निवेश करते हैं उसकी राशि आपके बचत खाते से स्वतः निकल जायेगी और निवेश की अवधि पूरी होने, यानी निवेश के परिपक्व होने पर जो देय राशि होगी वह आपके बचत खाते में जमा हो जायेगी. बचत खाता किसी भी व्यक्ति द्वारा खोला जाने वाला सबसे बुनियादी जमा खाता होता है. जमाकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर अपनी मर्जी से जब चाहे तब अपने बचत खाते से राशि की निकासी कर सकता है. चूंकि जमाकर्ता को बैंक यह नकदी सुविधा (लिक्विडिटी) देती है, इसलिए बचत बैंक खाता पर ब्याज की दर 3.5% से 4% तक होती है. कोटक महिंद्रा बैंक जैसे कुछ बैंक 6% की दर पर ब्याज देते हैं, बशर्ते कि बचत खाते में हर समय 1 लाख रुपये से ज्यादा का अधिशेष (बैलेंस) रहे.

बचत खाता सबसे बुनियादी और सबसे साधारण खाता होता है. इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन भी खोल सकते हैं और बैंक की शाखा में जाकर भी.

  • सावधि जमा (फिक्स्ड डिपाजिट) खाता :

सावधि जमा, जो अंग्रेज़ी भाषा के फिक्स्ड डिपाजिट के नाम से प्रचलित है, एक ऐसा खाता होता है जिसमें जमा राशि निर्धारित अवधि के लिए, यानी परिपक्वता तक बंद हो जाती है. सावधि जमा की अवधि निर्धारित रहती है और एक बार राशि का निवेश कर देने पर वह ब्लाक हो जाती है. तथापि, जमाकर्ता अवधि तय कर सकता है. यह अवधि अलग-अलग बैंकों के आधार पर 7 दिनों से लेकर 10 वर्ष तक की होती है. सावधि जमा पर, जमा अवधि के अनुसार 6% से 8% के बीच ब्याज दर होती है. सावधि जमा का ब्याज का भुगतान मासिक या त्रैमासिक हो सकता है, या इसे लेने के बजाय दोबारा निवेश किया जा सकता है. सावधि जमा के ब्याज को दोबारा निवेश कर देने से आपको अतिरिक्त आमदनी होती है क्योंकि बैंक ब्याज की गणना हर तीन महीने पर करता है. चूंकि पिछली तिमाही का ब्याज मूल में जोड़ दिया जाता है, इसलिए आप ब्याज पर ब्याज आवर्ती जमा अर्जित करते रहते हैं. इसे चक्रवृद्धि कहते हैं.

सावधि जमा के बारे में एक बात याद रखनी चाहिए कि पूरी राशि परिपक्वता यानी अवधि पूरी होने पर चुकता की जाती है. आपके पास मूल धन को या पूरी की पूरी परिपक्वता राशि को पुनः निवेश में नवीकरण का विकल्प रहता है. अगर आप यह विकल्प चुनते हैं तो परिपक्वता पर बैंक अपने-आप आपके सावधि जमा का नवीकरण कर देता है. अगर आप सावधि जमा को भुनाने का विकल्प चुनते हैं तो परिपक्वता की राशि आपके बचत खाते में डाल दी जायेगी.

सावधि जमा खाता खोलने के पहले, जिस बैंक में यह खाता खोला जा रहा है, उस ख़ास बैंक में बचत बैंक खाता होना ज़रूरी नहीं है. मतलब यह कि आप किसी भी बैंक में सावधि जमा खाता खोल सकते हैं, भले ही उस बैंक में आपका बचत खाता नहीं हो. किन्तु, उस बैंक में बचत खाता हो तो अच्छा रहता है. सावधि जमा इन्टरनेट बैंकिंग के सहारे ऑनलाइन या फिर बैंक की शाखा में जाकर खोला जा सकता है.

  • आवर्ती जमा (रेकरिंग डिपाजिट) खाता :

आवर्ती जमा यानी रेकरिंग डिपाजिट खाता एक ऐसा खाता है जहां पहले से तय अवधि के लिए एक निश्चित अंतराल पर खाते में एक निश्चित क़िस्त चुकता किया जाता है. ये सभी किस्तें एक ही दिन परिपक्व होतीं हैं. साधारण शब्दों में आवर्ती जमा खाता एक ही राशि के एक से अधिक सावधि जमा खातों के समान है जो एक ही दिन परिपक्व होते हैं.

कुछ बैंक लचीली किस्तों की सुविधा देते हैं, लेकिन अधिकतर बैंकों में आवर्ती जमा में जमा राशि निश्चित होती है. सबसे आम आवर्ती जमा है मासिक क़िस्त पद्धति. कुछ बैंकों में तिमाही और छमाही किस्तों की भी सुविधा उपलब्ध है.

आवर्ती जमा आम तौर पर छोटी शुरुआती निवेश से आरम्भ किये जाते हैं. इस कारण से छोटी बचत करने के इच्छुक लोगों के लिए यह एक शानदार विकल्प है. आवर्ती जमा पर सावती जमा के समान ब्याज दर ही मिलता है, यानी 6% से 8% तक. किन्तु, चूंकि मूल राशि एक बार में नहीं बल्कि किस्तों में जमा की जाती है, इसलिए आवर्ती जमा पर अर्जित कुल ब्याज सावधि जमा पर अर्जित कुल ब्याज से कम होता है. इस प्रकार, आवर्ती जमा के लिए आपको नियमित मासिक अंतराल पर पैसा निवेश करना पड़ता है जिससे जमा का अनुशासन बढ़ता है. शुरुआत करने वालों के लिए यह निवेश का एक शानदार विकल्प है.

उपसंहार :

बैंक जमा, निवेश करने का सबसे आम तरीकों में से एक है. बचत खाता किसी व्यक्ति द्वारा खोला जाने वाला सबसे बुनियादी खाता होता है. सावधि जमा या आवर्ती जमा में पैसों का निवेश करना किसी ख़ास अल्पकालिक लक्ष्य के लिए धन एकत्र करने का एक शानदार तरीका है. भले ही इन सभी पर ब्याज सबसे अधिक नहीं मिलता है, तो भी ये आमदनी अर्जित करने के भरोसेमंद और सुनिश्चित माध्यम हैं.

सिर्फ ₹10 से यहां खुलता है अकाउंट, सेविंग अकाउंट से अधिक ब्याज कमायें

अगर आप भी छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसे सही जगह निवेश कर बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं.

invest-20-thinkstock (1)

अगर आप मासिक बचत पर अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस के रेकरिंग डिपॉजिट को चुन सकते हैं. पोस्ट ऑफिस के रेकरिंग डिपॉजिट (RD) पर इस समय 7.3 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.

PORD

अगर आप भी अपने या अपने बच्चों के नाम पर फिक्स्ड इनकम वाले रिटर्न में निवेश करना चाहते हैं मामूली रकम से Post Office Recurring Deposit Account खुलवा सकते हैं.

सैलरी क्लास और महिलाएं पोस्ट ऑफिस के मंथली सेविंग स्कीम या रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट खोल सकते हैं. आप इस निवेश पर अधिकतम रिटर्न कमा सकते हैं.

बचत खाते से यहां मिल रहा है ज्यादा रिटर्न
पोस्ट ऑफिस के रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में इस वक्त 7.3% का सालाना ब्याज मिल रहा है. इस समय ज्यादातर बैंक एसबीआई, देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इलाहाबाद बैंक जैसे बैंक 1 से 5 साल तक की RD पर 6.5 से 7% तक ब्याज दे रहे हैं.

बैंकों से ज्यादा फायदा आप पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में कमा सकते हैं. आम तौर पर आपको बैंक के बचत खाते में 4-4.5% तक ही ब्याज मिलता है.

10 रुपये से खुलता है रेकरिंग अकाउंट
पोस्ट ऑफिस की आरडी का अकाउंट 10 रुपये से खुल जाता है. इस रेकरिंग अकाउंट में हर महीने आप 10 रुपये और ज्यादा से ज्यादा कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं. जैसे आप बचत के लिए गुल्लक का इस्तेमाल करते हैं उसी तरह PORDA का इस्तेमाल कर सकते हैं.

बहुत फायदेमंद है पोस्ट ऑफिस की यह स्कीम
आप अगर अपने मासिक खर्च से रकम बचाकर Post Office Recurring Deposit Account में 100 रुपये रोज का निवेश करते हैं तो आपका मासिक निवेश 3000 रुपये हो जाएगा. इस हिसाब से आप पांच साल में PORDA में 1.80 लाख रुपये का निवेश करते हैं. आपको 5 साल बाद ब्याज के साथ कुल 2.20 लाख रुपये मिल जायेंगे.

PORDA में 5 साल में कुल जमा पर आपको 37,511 रुपये का ब्याज मिलेगा.

ऑनलाइन कर सकते हैं निवेश
डाकघर ने PORDA में निवेश की सुविधा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के जरिये दी है. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को डाकघर में एक बार जाकर आरडी खाते से आईपीपीबी से लिंक करना होगा.

इसके बाद आईपीपीबी खाते से ऑनलाइन या आईपीपीबी एप से आरडी की मासिक किस्त (EMI) का भुगतान किया जा सकता है.

सिर्फ ₹10 से यहां खुलता है अकाउंट, सेविंग अकाउंट से अधिक ब्याज कमायें

अगर आप भी छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसे सही जगह निवेश कर बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं.

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अगर आप मासिक बचत पर अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस के रेकरिंग डिपॉजिट को चुन सकते हैं. पोस्ट ऑफिस के रेकरिंग डिपॉजिट (RD) पर इस समय 7.3 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.

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अगर आप भी अपने या अपने बच्चों के नाम पर फिक्स्ड इनकम वाले रिटर्न में निवेश करना चाहते हैं मामूली रकम से Post Office Recurring Deposit Account खुलवा सकते हैं.

सैलरी क्लास और महिलाएं पोस्ट ऑफिस के मंथली सेविंग स्कीम या रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट खोल सकते हैं. आप इस निवेश पर अधिकतम रिटर्न कमा सकते हैं.

बचत खाते से यहां मिल रहा है ज्यादा रिटर्न
पोस्ट ऑफिस के रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में इस वक्त 7.3% का सालाना ब्याज मिल रहा है. इस समय ज्यादातर बैंक एसबीआई, देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इलाहाबाद बैंक जैसे बैंक 1 से 5 साल तक की RD पर 6.5 से 7% तक ब्याज दे रहे हैं.

बैंकों से ज्यादा फायदा आप पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में कमा सकते हैं. आम तौर पर आपको बैंक के बचत खाते में 4-4.5% तक ही ब्याज मिलता है.

10 रुपये से खुलता है रेकरिंग अकाउंट
पोस्ट ऑफिस की आरडी का अकाउंट 10 रुपये से खुल जाता है. इस रेकरिंग अकाउंट में हर महीने आप 10 रुपये और ज्यादा से ज्यादा कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं. जैसे आप बचत के लिए गुल्लक का इस्तेमाल करते हैं उसी तरह PORDA का इस्तेमाल कर सकते हैं.

बहुत फायदेमंद है पोस्ट ऑफिस की यह स्कीम
आप अगर अपने मासिक खर्च से रकम बचाकर Post Office Recurring Deposit Account में 100 रुपये रोज का निवेश करते हैं तो आपका मासिक निवेश 3000 आवर्ती जमा रुपये हो जाएगा. इस हिसाब से आप पांच साल में PORDA में 1.80 लाख रुपये का निवेश करते हैं. आपको 5 साल बाद ब्याज के साथ कुल 2.20 लाख रुपये मिल जायेंगे.

PORDA में 5 साल में कुल जमा पर आपको 37,511 रुपये का ब्याज मिलेगा.

ऑनलाइन कर सकते हैं निवेश
डाकघर ने PORDA में निवेश की सुविधा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के जरिये दी है. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को डाकघर में एक बार जाकर आरडी खाते से आईपीपीबी से लिंक करना होगा.

इसके बाद आईपीपीबी खाते से ऑनलाइन या आईपीपीबी एप से आरडी की मासिक किस्त (EMI) का भुगतान किया जा सकता है.

आवर्ती खाता

आपकी छोटी और नियमित बचत को एक निश्चित अवधि में आपके लिए पूंजी इकट्ठी करना इस योजना का उद्देष्य है। इस योजना में 12 माह से 60 माह तक की अधिक के लिए प्रतिमाह रूपये 50/- या इसके गुणक में जमा कर आप अपने भविष्य के लिए अच्छी रकम एकत्र कर सकते है। यह रकम भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों और संचालक मण्डल के निर्णयों अंतर्गत ब्याज सहित आपको उक्त अवधि पूर्ण होने पर वापिसी योग्य रहेगी।

रू. 50 या इसके गुणक को पूर्व लिखित निश्चित अवधि के लिए प्रतिमाह जमा की जा सकती है। यह रकम माह के दिनांक 01 से माह समाप्ति के दिन तक जमा हो जाना चाहिए। मासिक किश्त नियमित जमा न होने की दशा में संबंधित किश्त चूक के महीने का ब्याज अदा नहीं किया जाकर आवर्ती खाते में जमा धन पर बचत खाते की प्रणाली अनुसार मासिक गुणनफल के आधार पर ब्याज गणना की जाकर वास्तविक ब्याज की अदायगी देयतिथि पर की जावेगी।

(अ) निश्चित अवधि के पूर्ण होने के पश्चात रकम वापिस लेकर खाता साधारणतया बन्द किया जा सकता है। आवर्ती जमा की रकम अहस्तान्तरणीय है।

(ब) निर्धारित अवधि के पूर्व रकम वापिस निकाली जाने पर आवर्ती जमा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्देशित नियम एवं ब्याजदर के अनुसार ब्याज राशि का भुगतान किया जावेगा।

आवर्ती खाते की जमा राशि के तारण(Lien) पर मियादी जमा तारण(Lien) खाते के नियमों के अन्तर्गत जमा राशि के 90 प्रतिशत तक ऋण दिया जा सकता है। बशर्तें कि ऋण की मात्रा रूपया 500/- से कम न हो। इस ऋण पर ब्याज की दर जमा की ब्याज दर से 1 प्रतिशत अधिक रहेगी।

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