क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी

ED searches the Director of WazirX Crypto-Currency Exchange & freezes its Bank assets worth Rs 64.67 Crore for assisting accused Instant Loan APP Companies in laundering of fraud money via purchase & transfer of virtual crypto assets. — ED (@dir_ed) August 5, 2022
भारत के टॉप Crypto Exchange ईडी के रडार पर, 8 करोड़ लोगों का लगा है पैसा
Crypto Exchange: ED ने वजीरएक्स के 65 करोड़ रुपये सीज किए तो एक अन्य एक्सचेंज के 370 करोड़ रुपये सीज किए.
केंद्रीय एजेंसी ED जिसने कई विपक्षी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी नेताओं को डरा रखा है इस वक्त सुर्खियों में हैं, नेता ही नहीं ईडी के निशाने पर अब क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Currency Exchange) भी हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज मतलब जहां क्रिप्टो करेंसी खरीदी और बेची जाती है. भारत के 10 क्रिप्टो एक्सचेंज और सैकड़ों इंस्टेंट लोन एप्स भी ED के रडार पर हैं. इसकी वजह क्या है? क्या गलती हुई है? इन सारे सवालों का जवाब देंगे इस वीडियो में और सरकार से भी पूछेंगे कुछ सवाल.
नमस्कार मैं हूं प्रतीक वाघमारे..क्रिप्टो पर किचकिच से पहले आपकी जेब से जुड़ी हफ्ते की खबरों पर नजर डालते हैं-
RBI ने महंगाई को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि इस वित्त वर्ष महंगाई को नियंत्रण में लाना मुश्किल है और इसे कम करना तो और भी मुश्किल. संकेत साफ है ब्याज दरों में फिर बढ़ोतरी हो सकती है.
RBI पेमेंट इकोसिस्टम में बदलाव करने की तैयारी में है, इसके तहत आप जो UPI ट्रांजेक्शन करते हैं उस पर चार्ज लग सकता है और NEFT, RTGS पर लगने वाले चार्ज में भी बदलाव आ सकता है.
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में $2 बिलियन की कमी के साथ अब इसमें $570 बिलियन बचे हैं
पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा कि कंपनी सितंबर 2023 तक मुनाफे में आ जाएगी. बता दें कि लंबे समय से कंपनी घाटे में चल रही है.
शुक्रवार को क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन तेजी से गिरा और 3 हफ्ते के निचले स्तर पर आ गया. यह 8% से ज्यादा फिसलकर $22,000 स्तर से भी नीचे आ गया है.
लग रहा है क्रिप्टो के दिन अच्छे नहीं चल रहे. हुआ ये है कि ED ने देश की 10 क्रिप्टो एक्सचेंज को जांच के दायरे में रखा है. और ये एक्सचेंज देश के नामी और बड़े एक्सचेंज हैं. इसमें वजीरएक्स, कॉइन डीसीएक्स, कॉइनस्विच कुबेर समेत कई बड़े नाम हैं. ED ने वजीरएक्स के 65 करोड़ रुपये सीज किए तो एक अन्य एक्सचेंज के 370 करोड़ रुपये सीज किए. आरोप है कि ये एक्सचेंज FEMA यानी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट का उल्लंघन कर रहे थे और मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त रहे. आपने फटाफट लोन देने वाले एप्स और उनके फर्जीवाड़े की खबरें तो सुनी है, अब ऐसी 300 एप्स ED की रडार पर है जो 10 क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए कथित तौर पर 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे थे. ED की जांच में पाया गया कि इन लोन एप्स को चलाने वाली कंपनियों ने क्रिप्टो एक्सचेंज से 100 करोड़ रुपये से अधिक की एसेट्स खरीदने के लिए संपर्क किया, इसे विदेशी वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया. इन एक्सचेंज के अलावा ये कई अन्य नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट का भी सहारा ले रहे थे. इन एप्स को चाइना की कंपनियों की बैकिंग है, इनके पास फंड भी काफी है. इन इंस्टेंट लोन एप ने अपने प्रॉफिट को अवैध रूप से बाहर भेजने के लिए ये तिगड़म अपनाया.
इन क्रिप्टो एक्सचेंज ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि ये देश के सभी नियम कानूनों का पालन कर रहे हैं. लेकिन ED ने अपनी जांच में बताया कि केवाईसी यानी ‘नो यॉर कस्टमर’ के नियम को भी ठीक से लागू नहीं किया गया है. केवाईसी में ऐसे लोगों का डेटा मिला है जिनका क्रिप्टो से कोई लेना देना नहीं है. ED ने बताया कि ऐसा होने पर एक्सचेंज को संदिग्ध ट्रांजेक्शन रिपोर्ट फाइल करनी थी वो नहीं की गई है.
सोचिए क्रिप्टो में कितना पैसा लगा हुआ है, मार्केट एंड मार्केट्स समेत कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि क्रिप्टो का मार्केट साइज 2021 में 1.6 बिलियन डॉलर था जो 2026 तक बढ़कर 2.2 बिलियन डॉलर का हो सकता है. यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में देश की 7 फीसदी आबादी से भी ज्यादा लोगों के पास क्रिप्टो है.
इसलिए बात चिंता की है और सवाल सरकार से है जिसकी आंखों के सामने क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी लंबे समय से ये सब चल रहा है-
2017-18 में जब से क्रिप्टो का बूम शुरू हुआ तो दुनिया की बड़ी एजेंसी IMF और FATF ने चेताया था कि क्रिप्टो में मनी लॉन्ड्रिंग का गहरा रिस्क है.
इसके अलावा पिछले दो साल से लगातार RBI भी कह रहा है कि क्रिप्टो में पार्दर्शिता नहीं है.
क्रिप्टो को लेकर भारत में कोई रेग्युलेटर नहीं है. कोई नियम कायदा नहीं है. ये एक्सचेंज ठीक से केवाईसी जैसी बेसिक सी व्यवस्था लागू नहीं कर पाए
फिर क्रिप्टो में होने वाले ट्रांजेक्शन क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी को ट्रेस करना मुश्किल है.
यहां तक की सरकार खुद भी क्रिप्टो के फेवर में कभी दिखाई नहीं दी.
इन सबके बावजूद सरकार ने क्रिप्टो को देश में फलने फुलने दिया, दो बार इसे लेकर बिल पेश किया और तो और क्रिप्टो में प्रॉफिट पर 30% का टैक्स लगाकर उससे कमाई भी कर रही है. क्या सरकार को क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग होने के रिस्क के बारे में नहीं मालूम था.
Cryptocurrency Job Loss: क्रिप्टो के टूटने का असर! क्रिप्टो-एक्सचेंज Coinbase ने एक झटके में 1100 कर्मचारियों को निकाला
Cryptocurrency: दुनिया के तीसरे सबसे बड़े क्रिप्टो-एक्सचेंजों कॉइनबेस (Coinbase) ने एक झटके में ही अपने 18 फीसदी कर्मचारियों को निकाल दिया. इन सभी कर्मचारियों के सिस्टम में एक्सेस तुरंत लॉक कर दिए गए.
By: ABP Live | Updated at : 16 Jun 2022 07:42 AM (IST)
Job Loss Cryptocurrency: जब कोई इंडस्ट्री बूम करती है तो वहां नौकरियों (Jobs) की भी बहार आ जाती है और जब किसी इंडस्ट्री के बुरे दिन शुरू होते हैं तो तुरंत नौकरियां छीन (Lay off) भी ली जाती हैं. यह नियम लगभग हर इंडस्ट्री पर लागू होता है. इस बार यह लागू हो रहा है क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) पर. जब बूम था तो नए-नए प्लेटफॉर्म खुले और खूब नौकरियां दी गईं, अब जबकि बाजार गिर रहा तो छंटनियां शुरू हो गई हैं.
एक खबर के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो-एक्सचेंजों में से एक कॉइनबेस (Coinbase) ने मंगलवार को एक झटके में ही अपने 18 फीसदी कर्मचारियों को निकाल दिया. कंपनी के सिंगापुर (Singapore) स्थित एक सीनियर एग्जिक्यूटिव्स ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी Coinbase ने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की सूचना देने से पहले उनके लॉग-इन एक्सेस को ब्लॉक कर दिया था.
जानिए क्यों ड्रिंक्स पार्टी के लिए बुक कराया था होटल
कॉइनबेस के पूर्व रिक्रूटमेंट मैनेजर (एशिया पैसेफिक), क्लिंटन ग्लीव (Clinton Gleave) ने बताया कि नौकरी से निकालने की सूचना देने से पहले हमारे सिस्टम्स के एक्सेस बंद कर दिए गए. उन्होंने कहा कि यह जानकारी ऐसे वक्त में मिली, जब मैंने अपनी टीम को प्रोत्साहित करने के लिए कल एक होटल में ड्रिंक्स पार्टी के लिए रिजर्वेशन कराया था. ग्लीव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन (LinkedIn) पर लिखी एक पोस्ट में इस छंटनी की खबर को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने लिखा कि कैसे उन्होंने एशिया पैसेफिक रीजन में कॉइनबेस की टीम को खड़ा करने और उसे शून्य से लेकर इस मुकाम तक लाने में अपना योगदान दिया था.
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उनके मुताबिक एशिया पैसेफिक रीजन में पूरी टीम को शुरुआत से खड़ा करने और यहां तक कि दूसरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें कॉइनबेस से निकाल दिया गया है और अब मुझे 12 साल एशिया में बिताने के बाद सिंगापुर छोड़ने और अपनी पूरी जिंदगी को समेटने के लिए 30 दिन दिए गए हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि मुझे पता है कि हमारे CEO के लिए यह फैसला लेना इतना आसान नहीं रहा होगा और मेरे मन में सीईओ ब्रायन आर्मस्ट्रांग के लिए सम्मान के अलावा कुछ भी नहीं है, लेकिन फिर भी इससे फैसले पर कोई असर नहीं होने वाला.
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो-एक्सचेंज है कॉइनबेस
गौरतलब है कि कॉइनबेस दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो-एक्सचेंज हैं. क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में लगातार गिरावट और इसमें घटते निवेश के बीच कॉइनबेस ने मंगलवार को अपने 1,100 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था.
Published at : 16 Jun 2022 11:55 AM (IST) Tags: India Money Cryptocurrency Investment Bitcoin Price market हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
क्रिप्टो मार्केट में सुनामी: क्रिप्टोकरेंसीज क्रैश के बीच हजारों लोगों की नौकरी पर लटकी तलवार, छंटनी का ऐलान
क्रिप्टो मार्केट (Crypto market) में इस समय कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। बिटकाॅइन समेत क्रिप्टोकरेंसीज में रिकाॅर्ड गिरावट आई है। इस बीच क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस इंक ग्लोबल छंटनी का ऐलान किया।।
क्रिप्टो मार्केट (Crypto market) में इस समय कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। बिटकाॅइन समेत क्रिप्टोकरेंसीज में रिकाॅर्ड गिरावट आई है। इस बीच क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस इंक (Coinbase) ग्लोबल छंटनी का ऐलान कर दिया है। कंपनी ने मंगलवार को कहा कि वह अस्थिर बाजार स्थितियों के बीच लागत पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत अपने कर्मचारियों की संख्या का 18% यानी लगभग 1,100 नौकरियों को कम करेगा।
क्या कहा कंपनी ने?
मंगलवार को एसईसी फाइलिंग में कॉइनबेस ने कहा, "कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में लगभग 1,100 कर्मचारियों की कमी की जाएगी। यह 10 जून 2022 तक कंपनी के ग्लोबल वर्कफोर्स का लगभग 18% का है।" इसके बाद कॉइनबेस को 30 जून 2022 को अपनी चालू वित्तीय तिमाही के अंत तक लगभग 5,000 कुल कर्मचारियों की कमी उम्मीद है।
क्या है कंपनी की योजना?
अमेरिका में सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज 2022 की दूसरी तिमाही में बड़ी छंटनी करने जा रहा है। कॉइनबेस ने कहा, "इन कार्रवाई के संबंध में कंपनी का अनुमान है कि कुल स्ट्रक्चर एक्सपेंस में लगभग 40 मिलियन डॉलर से 45 मिलियन डॉलर खर्च होंगे। यह सभी भविष्य के नकद-आधारित एक्सपेंडिचर हैं और जिनमें से सभी कर्मचारी टर्मिनेशन और अन्य से संबंधित हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट से पूरी दुनिया में हाहाकार, लेकिन भारत पर असर नहीं, जानिए क्यों
भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का काम जारी है. सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ केंद्रीय बैंक के सतर्क रुख की वजह से भारत में क्रिप्टो का बड़ा बाजार नहीं खड़ा हो सका. अगर भारतीय संस्थाएं क्रिप्टो में शामिल हो गई होतीं, तो देश में कई लोगों के पैसे डूब जाते.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Nov 14, 2022 | 5:12 PM
क्रिप्टोकरेंसी में आई बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. वहीं भारत में इसका ख़ास असर नहीं हुआ है. इसका श्रेय सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सतर्क रुख को जाता है. आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है. वहीं सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए टैक्स का रास्ता चुना है.
टैक्स के चलते लोगों क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल में कमी देखी जा रही है. इस साल के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स का नया नियम लाया गया था. बजट में इस बात का प्रावधान किया गया कि क्रिप्टो ट्रांजैक्शन से होने वाली इनकम पर 30 परसेंट टैक्स लगेगा जिसमें 1 परसेंट टीडीएस भी शामिल है.
‘भाषा’ की एक रिपोर्ट बताती है कि क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब डॉलर था, जिसका कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब डॉलर से भी कम रह गया है. इससे पता चलता है कि क्रिप्टोकरेंसी के प्रति लोगों का मोहभंग हुआ है. दूसरी ओर, भारत में जिन लोगों ने क्रिप्टो में निवेश किया है, उन पर दुनिया के हालातों का कम असर देखा जा रहा है. क्रिप्टो बाजार में आई उठा-पटक से भारतीय निवेशक काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार क्रिप्टो की बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है.
RBI का विरोध कारगर
भारत में आरबीआई पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का विरोध कर रहा है, जबकि सरकार शुरू में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को रेगुलेट करने का विचार कर रही थी. हालांकि, सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्चुअल करेंसी के संबंध में वैश्विक सहमति की जरूरत है क्योंकि ये सीमाहीन हैं और इसमें शामिल जोखिम बहुत अधिक हैं. आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से रेगुलेटेड फाइनेंशियल सिस्टम से बचकर निकल जाने के लिए विकसित किया गया है और यह उनके साथ सावधानी बरतने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए.
इसलिए बच गया भारत
उद्योग का अनुमान है कि भारतीय निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी में निवेश केवल तीन प्रतिशत है. वैश्विक क्रिप्टो बाजार में गिरावट के बावजूद, भारत की क्रिप्टोकरेंसी कंपनियां अभी तक किसी जल्दबाजी में नहीं हैं. भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का काम जारी है. सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ केंद्रीय बैंक के सतर्क रुख की वजह से भारत में क्रिप्टो का बड़ा बाजार नहीं खड़ा हो सका. अगर भारतीय संस्थाएं क्रिप्टो में शामिल हो गई होतीं, तो देश में कई लोगों के पैसे डूब जाते.
एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह के अनुसार, आरबीआई और सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देने के लिए उठाए गए कदम इस समय उचित हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को स्पष्ट खतरा बताया था.
Crypto-Currency Exchange WazirX के डायरेक्टर पर ईडी का शिकंजा, 64.67 करोड़ रुपए की बैंक संपत्ति जब्त
ED ने जैनमाई लैब प्राइवेट लिमिटेड (Zanmai Lab Pvt Ltd) के एक डायरेक्टर के ठिकानों की तलाशी ली है. ईडी ने कंपनी के जिस डायरेक्टर के यहां तलाशी ली है, वह WazirX नाम की मशहूर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का मालिक है.
WazirX क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED की बड़ी कार्रवाई (PTI)
WazirX Crypto-Currency Exchange: प्रवर्तन निदेशालय ने जैनमाई लैब प्राइवेट लिमिटेड (Zanmai Lab Pvt Ltd) के एक डायरेक्टर के ठिकानों की तलाशी ली है. ईडी (Enforcement Directorate) ने कंपनी के जिस डायरेक्टर के यहां तलाशी ली है, वह WazirX नाम की मशहूर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी मालिक है. ईडी ने डायरेक्टर के बैंक खातों को फ्रीज करने के आदेश भी दे दिए हैं, जिसमें 64.67 करोड़ रुपये जमा हैं. आरोप है कि वजीरएक्स क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी एक्सचेंज के निदेशक ने वर्चुअल क्रिप्टो एसेट्स की खरीद और ट्रांसफर के माध्यम से धोखाधड़ी के पैसों की लॉन्ड्रिंग में आरोपी इंस्टेंट लोन ऐप कंपनियों की मदद की है.
3 अगस्त को हैदराबाद में हुई थी छापेमारी
जांच एजेंसी ने कहा कि उन्होंने 3 अगस्त को हैदराबाद में जानमाई लैब प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर और वजीरएक्स के मालिक के खिलाफ छापेमारी की थी. ईडी ने बताया कि डायरेक्टर ने पूछताछ के दौरान जांच में मदद नहीं की थी. बता दें कि क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ ईडी की ये जांच भारत में काम कर रहे तमाम चीनी लोन ऐप (मोबाइल एप्लिकेशन) के खिलाफ चल रही जांच से जुड़ी है. एजेंसी ने वजीरएक्स पर पिछले साल विदेशी मुद्रा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया था.
डेटाबेस का एक्सेस होने के बावजूद समीर म्हात्रे ने नहीं की ईडी की मदद
ईडी ने कहा कि वजीरएक्स के निदेशक समीर म्हात्रे के पास वजीरएक्स के डेटाबेस का पूरा रिमोट एक्सेस है, इसके बावजूद वह क्रिप्टो एसेट्स से संबंधित लेनदेन का ब्यौरा नहीं दे रहा है जो कि इंस्टेंट लोन ऐप द्वारा धोखाधड़ी की आय से खरीदा गया है.
ईडी ने कहा कि क्रिप्टो-एक्सचेंज ने अस्पष्टता को प्रोत्साहित करके और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग नॉर्म्स को कमजोर बनाकर करीब 16 आरोपी फिनटेक कंपनियों की क्रिप्टो रूट के माध्यम से गलत तरीके से कमाई गई रकम को वैध बनाने में सक्रिय रूप से मदद की है. इसलिए, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत वजीरएक्स के पास पड़ी 64.67 करोड़ रुपये की बराबर चल संपत्ति को जब्त कर लिया गया है.
बताते चलें कि भारतीय जांच एजेंसी ईडी, देश में काम करने वाली तमाम NBFC कंपनियों और उनके फिनटेक पार्टनर्स के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और निजी डेटा का दुरुपयोग करने वालों के लिए खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच कर रही है.
चीनी फंड द्वारा समर्थित फिनटेक कंपनियों को नहीं मिला था एनबीएफसी लाइसेंस
चीनी फंड द्वारा समर्थित विभिन्न फिनटेक कंपनियों को उधार कारोबार करने के लिए आरबीआई से एनबीएफसी लाइसेंस नहीं मिल सका था. इसलिए उन्होंने बंद हो चुकी एनबीएफसी कंपनियों के साथ एमओयू का रास्ता तैयार किया ताकि उनके लाइसेंस के जरिए कारोबार किया जा सके. आपराधिक जांच शुरू होने के बाद इनमें से कई फिनटेक ऐप ने अपना बोरिया-बिस्तर बांध लिया और गलत तरीके से कमाई गई रकम को छिपा लिया.
ED searches the Director of WazirX Crypto-Currency Exchange & freezes its Bank assets worth Rs 64.67 Crore for assisting accused Instant Loan APP Companies in laundering of fraud money via purchase & transfer of virtual crypto assets.
— ED (@dir_ed) August 5, 2022
क्रिप्टो एसेट्स खरीदने के लिए खर्च की गई मोटी रकम
फंड ट्रेल की जांच करते हुए ईडी ने पाया कि फिनटेक कंपनियों ने क्रिप्टो एसेट्स खरीदने में मोटा पैसा खर्च किया और फिर उन्हें विदेशों में ट्रांसफर कर दिया. इन कंपनियों और इनके वर्चुअल एसेट्स को फिलहाल ट्रेस नहीं किया जा सकता. क्रिप्टो-एक्सचेंज को समन जारी कर दिया गया है.
जांच में पाया गया कि अधिकतम रकम को वजीरएक्स एक्सचेंज को भेज दिया गया था और इस तरह खरीदे गए क्रिप्टो-एसेट्स को अज्ञात विदेशी वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया गया था.