एसेट क्लासेस

Top News Of The Day: Get Ready With Vaccine Infrastructure, PM Modi To States
Prime Minister Narendra Modi on Tuesday told the chief ministers of all states to be ready with vaccine infrastructure; Russia has said its vaccine candidate has shown over 90 per cent efficacy; Cyclone Nivar has intensified into severe cyclone; A controversy has erupted over the Reserve Bank of India's proposal to allow corporate entities to own banks; Haryana-Punjab border has been sealed; Punjab farmers have announced 'Delhi Chalo' rally and other top news of the day.
दुबई की इन्वेस्टमेंट ऑफिस के शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम और CTEX ने सबसे पहले ब्लॉक चैन आधारित डिसेंट्रलाइज्ड डाटा मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म की स्थापना की
दुबई की इन्वेस्टमेंट ऑफिस के शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम और CTEX ने सबसे पहले ब्लॉक चैन आधारित डिसेंट्रलाइज्ड डाटा मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म की स्थापना की
दुबई की प्राइवेट ऑफिस के माननीय शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहन देने के लिए विश्व के सबसे पहले ब्लॉकचेन आधारित डिसेंट्रलाइज डाटा मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म लॉन्च करने के लिए क्रिप्टो टैक्स (CTEX) टोकन के साथ पार्टनरशिप की।
CTEX उभरते बाजारो का लाभ उठाने के लिए विश्व की अन्य तको के लिए माननीय शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम द्वारा स्थापित की गई प्राइवेट ऑफिस से निवेश प्रतिबद्धता हासिल की है। उन्नत क्रिप्टोग्राफिक तकनीक का उपयोग करते हुए क्रिप्टो टैक्स ने एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाया है जहां खरीदार और विक्रेता शांति से लेनदेन कर सकते हैं। डिजिटल आर्बिट्रेज सिस्टम की संभावनाओं के अलावा एसेट प्लेटफार्म सबसे तेज और सबसे अनुकूलनीय प्लेटफार्म एसेट क्लासेस में से एक है। तमाम कंपनी के कर्मचारियों की व्यक्तिगत और व्यवसाय सेट को एक ब्लॉकचेन इकोसिस्टम में एकीकृत करना अंतिम लक्ष्य है। या कंपनी को अधिक पारदर्शक कार्य सक्षम और विश्वास पात्र बनाते हैं।CRYPTO TEX उपयोगकर्ता उन्मुख, सुरक्षित और कुशल ब्लॉकचेन आधारित क्रिप्टो समाधान प्रदान करता है।
क्रिप्टो टैक्स ने ब्लॉकचेन CTEX CFAN लॉन्च किया है। जो डिसेंट्रलाइज्ड और सेंट्रलाइज्ड (विकेंद्रीकृत और केंद्रीकृत) समाधानों के बीच अंतर संबंध को धीरे-धीरे लागू करके आर्थिक और तकनीकी चिंताओं को संबोधित करता है। CTEX स्कैन समाधान लागत प्रभावी और समझने में आसान हैं। सरल और उन जोखिमों से बचते हुए डिजिटल संपत्ति के मालिकों के एक बड़े और विस्तारित पुल के लक्ष्य निष्क्रिय लाभ को पूरा करने में सक्षम। आर्थिक या तकनीकी पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना हर कोई डिजिटल परिसंपत्ति बाजारों की भावी पीढ़ी में भाग ले सकता है।
सीटेक्स स्कैन इनोवेशन सबसे सुरक्षित स्केलेबल और लागत प्रभावी ब्लॉकचेन और क्रिप्टो परियोजनाओं का उपयोग करके एक अद्वितीय इकोसिस्टम के निर्माण से प्राप्त होता है।CTEX स्कैन एक ब्लॉकचेन है जो लेनदेन की गति और सुरक्षा साथ ही महत्वपूर्ण मापनीयता प्रदान करके ब्लॉकचेन पहेली को हल कर सकता है।
DU Hostels Re-opening: दिल्ली यूनिवर्सिटी में हॉस्टल खुलने में लग सकता है थोड़ा समय, जानें कब तक खुलेंगे DU के हॉस्टल
Delhi University Hostel Reopening Latest Update: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) में आने वाली 17 फरवरी से ऑफलाइन क्लासेस शुरू हो जाएंगी. एक लंबे समय से छात्र डीयू (DU Reopening) के फिर से खुलने का इंतजार कर रहे थे. इसके लिए कई छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी किए. हालांकि अब दिल्ली यूनिवर्सिटी में कुछ ही दिनों में ऑफलाइन क्लासेस शुरू हो जाएंगी. इस बीच ताजा जानकारी ये है कि डीयू (DU) में फिजिकल क्लासेस तो शुरू हो जाएंगी लेकिन यहां के हॉस्टल (Delhi University Hostel) खुलने में अभी थोड़ा वक्त और लग सकता है. ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि इस तारीख तक हॉस्टल तैयार नहीं किए जा सकेंगे.
हॉस्टल एलॉटमेंट में लग सकता है समय –
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक हॉस्टल एलॉटमेंट में अभी समय लग सकता है. इस बारे में डीयू के अधिकारियों (DU Officials) का कहना है कि हॉस्टल में एडमिशन के लिए आवेदनों को छांटने आदि के काम में समय लग सकता है. इसलिए हॉस्टल जल्दी एलॉट नहीं किए जा सकेंगे. हालांकि उनकी पूरी कोशिश है कि जितनी जल्दी हो सके हॉस्टल फिर से खोल दिए जाएं.
दो साल से बंद हैं एसेट क्लासेस हॉस्टल –
डीयू के हॉस्टलों को खोलना इतना आसान नहीं है क्योंकि वे पिछले दो सालों से बंद हैं. हॉस्टल रीओपेन करने के पहले बहुत से पहलुओं पर विचार करना होगा और बहुत सी तैयारियां भी करनी होंगी.
डीडीएमए से इजाजत मिलने के बाद दिल्ली के स्कूल, कॉलेज वगैरह सब खोले जा रहे हैं और लगभग सभी शिक्षण संस्थानों में ऑफलाइन क्लासेस शुरू कर दी गईं हैं. हालांकि जेएमआई में अभी भी क्लासेस शुरू नहीं हुई हैं और वहां के छात्र इसकी मांग जोरों पर उठा रहे हैं.
PFRDA New Rule: PFRDA ने जारी किया गाइडलाइन, निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। PFRDA New Rule: एसेट क्लासेस अगर आप भी एनपीएस में निवेश किया है तो आपके लिए खुशखबरी है. अब आपको नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की योजनाओं में होने वाले जोखिम के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. PFRDA ने इसके लिए नया नियम बनाया है. अब नए नियम एक अनुसार, पेंशन फंडों को अब प्रत्येक तिमाही की समाप्ति से पहले 15 दिन के भीतर अपनी वेबसाइटों पर सभी एनपीएस योजनाओं की जोखिम की जानकारी देनी होगी.
दरअसल, एनपीएस में वाले कई बार इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि किस एसेट में निवेश करे. PFRDA के इस कदम का उद्देश्य एनपीएस सब्सक्राइबर्स को यह फैसला करने में मदद करना है कि किस एसेट्स में निवेश करना उनके लिए फायदेमंद रहेगा.
पेंशन फंड नियामक पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने इसके लिए गाइडलाइन जारी किया है. इसके अनुसार, निवेशकों को जागरूक करने के लिए नियामक ने छह रिस्की लेवल को चुना है. ये विभिन्न एनपीएस योजनाओं में निवेश से पहले उनसे जुड़े रिस्कों के बारे में साड़ी जानकारी देंगे. आपको बता दें कि नए नियम 15 जुलाई, 2022 से लागू होंगे. साथ ही ये ई, सी, जी और ए श्रेणियों की सभी मौजूदा योजनाओं पर भी लागू होंगे.
एफआरडीए की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक, 'पेंशन फंड की योजनाओं के विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों (एसेट्स क्लासेस) के तहत निवेश में सब्सक्राइबर्स के लिए विभिन्न स्तर के जोखिम शामिल होंगे. इसलिए यह जरूरी है कि एनपीएस की विभिन्न योजनाओं में शामिल जोखिमों की जानकारी ग्राहकों को उपलब्ध कराई जाए. जोखिम के छह स्तर तय किए गए हैं. पहला है कम एसेट क्लासेस जोखिम, दूसरा कम से मध्यम जोखिम, तीसरा मध्यम जोखिम, चौथा मध्यम उच्च जोखिम, पांचवा उच्च जोखिम और छठा बहुत अधिक जोखिम.'
इतना ही नहीं, नियामक ने सर्कुलर में यह भी कहा है कि टियर-1 और टियर-2 एसेट क्लासेस एसेट क्लास इक्विटी (ई), कॉरपोरेट डेट (सी), सरकारी सिक्योरिटीज (जी), और स्कीम ए का प्रबंधन करने वाले पेंशन फंड को योजनाओं के जोखिम प्रोफाइल को रखना और उसे बताना चाहिए.
- इसके अनुसार, योजना की विशेषताओं के आधार पर पेंशन फंड ई-टियर 1, ई-टियर 2, सी-टियर 1, सी-टियर -2, जी-टियर -1, जी-टियर -2 और योजना ए के रिस्क लेवल तय किये एसेट क्लासेस जाएंगे.
- प्रत्येक तिमाही खत्म होने से पहले 15 दिन के भीतर जोखिम स्तर की जानकारी पेंशन फंड के वेबसाइट के 'पोर्टफोलियो डिस्क्लोजर' सेक्शन में देना अनिवार्य होगा.
- पेंशन फंड द्वारा निर्धारित जोखिम स्तर की तिमाही आधार पर जांच की जाएगी. अगर इसमें कोई बदलाव होता है तो उसकी जानकारी पेंशन फंड की वेबसाइटों के साथ-साथ एनपीएस ट्रस्ट की वेबसाइटों पर भी दी जाएगी.
- एक वर्ष के दौरान जितनी बार भी जोखिम स्तर में बदलाव किया जाएगा उतनी बार इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा.