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क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है?

क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है?
ऐसे लोगों पर अभियोग चलाने के साथ इनकी संपत्ति ज़ब्त क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? की जा सकती है. इसके अलावा उन से संपत्ति के मूल्य के 300% तक की पेनल्टी वसूली जा सकती है. साथ ही ब्लैक मनी एक्ट के तहत कारावास भी भुगतना पड़ेगा. दुबई में संपत्ति खरीदने के रूट को मनी लॉन्डरर्स, स्मगलर, अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर्स और नशीले पदार्थों के कारोबारी भी करते रहे हैं.

विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर, लगातार सातवें हफ्ते आई कमी

मुंबई- देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें हफ्ते गिरा है। 16 सितंबर को समाप्त हफ्ते में यह 5.22 अरब डॉलर घटकर 545.65 अरब डॉलर पर आ गया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2 अक्तूबर, 2020 के बाद यह सबसे कम भंडार है।

इस बार इसकी विदेशी मुद्रा में 4.70 अरब डॉलर की जबकि सोने के भंडार में 45.8 करोड़ डॉलर की कमी दर्ज की गई और यह 38.19 अरब डॉलर रहा। विश्लेषकों का मानना है कि इस साल भारत के विदेशी मुद्रा क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? भंडार में और कमी आ सकती है, क्योंकि चालू खाता घाटा तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही रुपये की गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई लगातार डॉलर छोड़ रहा है।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के अनुमान के मुताबिक, अगर वित्त वर्ष 2023 में चालू खाता घाटा 4 फीसदी से ज्यादा होता है तो भारत का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 510 अरब डॉलर तक जा सकता है। हालांकि, यह मई, 2013 में बेचे गए डॉलर की तुलना में फिर भी ज्यादा रहेगा। उस समय विदेशी भंडार 300 अरब डॉलर था।

विदेशी करंसी रखने पर हो सकती है सजा

ट्रैवलर चेक भी विदेशी करंसी ही माना जाता है। अगर कोई बिजनेसमैन बिजनेस के सिलसिले में विदेश जा रहा हो तो उसे कंपनी के स्टेटस क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? से संबंधित कागज पेश करना होता है या फिर अगर वह कुछ खरीदने के लिए विदेश जा रहा हो तो उसे सरकार से लिया गया परमीशन लेटर बैंक के सामने पेश करना होता है और उस आधार पर बैंक उसे डॉलर जारी करती है। इस डॉलर के बदले उस शख्स को रुपये बैंक में डिपॉजिट करने होते हैं।

जुर्माना भी, सजा भी
अगर कोई आदमी बैंक से विदेशी करंसी जारी करा ले और 15 दिनों के भीतर विदेश न जा पाए तो उसे 15 दिनों के भीतर वह करंसी आरबीआई के ऑथराइज्ड डीलर के पास जमा करनी होगी। कानूनी जानकार नवीन माटा के मुताबिक अगर किसी शख्स के पास क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? से विदेशी करंसी बरामद की जाती है तो उसके खिलाफ फेमा (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। प्रवर्तन निदेशालय केस दर्ज करता है और प्राप्त रकम से तीन गुणा पेनाल्टी लगाता है। साथ ही रकम भी जब्त की जा सकती है।

भारत का क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? विदेशी मुद्रा भंडार 6 अरब डॉलर गिरा, अक्टूबर 2020 के बाद से सबसे कम

Published: August 27, 2022 8:52 PM IST

RBI

मुंबई: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया है. प्रभुदास लीलाधर में अर्थशास्त्री और क्वांट विश्लेषक ऋतिका छाबड़ा ने कहा, “भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को घटकर 564 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो अक्टूबर 2020 के बाद सबसे कम क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? है. आरबीआई (Reserve Bank of India) के साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों से पता चलता है कि 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया. इस गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मौजूदा परिसंपत्तियों में गिरावट है, जिसका उपयोग आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये में गिरावट को कम करने के लिए कर रहा है.”

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इससे पहले के सप्ताह में 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रह गया था. जुलाई के अंतिम सप्ताह में वृद्धि को छोड़कर हर एक सप्ताह में रिजर्व में गिरावट आई है. फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से यह 26 सप्ताहों में से 20 के लिए गिर गया है.

समीक्षाधीन सप्ताह में एफसीए 5.779 अरब डॉलर गिरकर 501.216 अरब डॉलर हो गया. आगे बढ़ते हुए, छाबड़ा ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार निकट अवधि में दबाव में रहने की संभावना है क्योंकि डीएक्सवाई जुलाई के मध्य में अपने उच्च स्तर पर वापस आ गया है और तेल की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है.

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विदेशियों के लिए जमीन खरीदना हुआ मुश्किल

 विदेशियों के लिए जमीन खरीदना हुआ मुश्किल

देश में हवाला के जरिए बढ़ रही विदेशी मुद्रा और बेनामी परिसंपत्तियों के चलते केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को रड अलर्ट जारी किया है। इस मामले में वित्त मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को विदेशियों की देशी अचल परिसंपत्तियों के अधिग्रहण क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? अथवा परिसंपत्तियों की खरीद को लेकर विशेष सतर्कता से काम लेने के लिए आगाह किया है। ऐसी किसी भी परिसंपत्ति की रािस्ट्री से पहले उन्हें विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के लिहाज से भी मामले की पड़ताल करनी चाहिये। यह कानून हवाला के जरिए देश में विदेशी पूंजी रोकने के लिए बनाया गया है। सरकार की जानकारी में आया है क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? कि बहुत से विदेशी देश में गोवा और अन्य स्थानों पर अवैधानिक तरीके से अचल परिसंपत्तियां खरीद रहे हैं। इस प्रक्रिया पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह सतर्कता और कानूनी लिहाज से पड़ताल परिसंपत्तियों की खरीद और बिक्री दोनों में ही करनी होगी। ऐसी परिसंपत्तियों की खरीद और बिक्री से पहले भारत की यात्रा पर आये लोगों के ट्रैवेल दस्तावेज और वीजा आदि की वैधानिकता की भी पड़ताल करनी जरूरी होगी। यही नहीं संबंधित प्राधिकरण संपत्तियों की पुरानी खरीद और बिक्री के मामलों की समीक्षा भी कर सकते हैं ताकि कानून के सही अनुपालन को सुनिश्चित किया जा सके। कानूनी तौर पर विदेशी कंपनी के लिए ऐसे काम को लेकर भारत में उसकी शाखा अथवा कोई और व्यवसाय होना जरूरी है। अगर कोई विदेशी यहां रोगार अथवा व्यवसाय आदि के लिए 182 दिनों से अधिक रुकता है तो उसके दस्तावेजों की पड़ताल भी काूननी लिहाज से की जाएगी। कानूनी लिहाज से विदेश में रहने वाला कोई भी भारतीय नागरिक अथवा भारतीय मूल का कोई भी विदेशी नागरिक ऐसी परिसंपत्ति खरीद सकते हैं। लेकिन क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? उनके लिए कृषि योग्य जमीन, प्लांटेशन के लिए जमीन अथवा फार्म हाउस खरीदने से मनाही है।

ब्लैक मनी पर चोट, सबसे ज्यादा मुंबई के लोगों की दुबई में अवैध संपत्ति

कालेधन के खिलाफ सरकार की मुहिम जारी

  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2020,
  • (अपडेटेड 12 फरवरी 2020, 11:35 PM IST)
  • कुछ लोगों के लिए कालेधन को खपाने के लिए दुबई सबसे बेहतर जगह
  • आयकर विभाग ब्लैक मनी एक्ट के तहत आरोपियों पर करेगा कार्रवाई
  • आयकर विभाग को सही जवाब नहीं मिलने पर संपत्ति हो सकती है जब्त

आयकर विभाग के आपराधिक जांच प्रकोष्ठ ने 2000 भारतीय नागरिकों की पहचान की है जिनके पास दुबई में संपत्तियां हैं. लेकिन उन्होंने अपने आईटी रिटर्न में इसे घोषित नहीं किया. काले धन के खिलाफ जारी मुहिम के तहत एजेंसी ने ये कदम उठाया है. एजेंसी की जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों ने हाल फिलहाल के वर्षों में विदेश में संपत्तियां खरीदीं और शेल कंपनियों को ट्रांसफर कीं. ये सब गलत तरीके से कमाए पैसे को छुपाने रखने और आयकर बचाने के मकसद से किया गया.

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