पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं?

(नोट: राधिका गुप्ता एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट की एमडी और सीईओ हैं. इस लेख में दिए गए विचार उनके निजी हैं. ईटी मार्केट्स हिंदी का उनके विचारों के साथ सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
रिटेल निवेशकों को थीम आधारित पैसिव इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करना चाहिए?
मार्च 2020 तक, 110 पैसिव फंडों और 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक एयूएम के साथ, निष्क्रिय फंडों की ग्रोथ काफी उत्साहवर्धक रही है.
बीते कई सालों में वैश्विक स्तर पर पैसिव इनवेस्टिंग विकसित हुई है. यह साधारण मार्केटकैप आधारित फंडों से भौगोलिक क्षेत्रों, बाजार सेगमेंट, बहुकारक फंडों और थीम आधारित फंडों जैसे कि प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, खपत आदि की दिशा में बढ़ रही है.
हालांकि, भारत में पैसिव निवेश काफी हद तक मार्केटकैप आधारित कारक तक ही सीमित है, जबकि काफी कम संख्या में पैसिव फंड गुणवत्ता और अस्थिरता जैसे अन्य कारकों पर आधारित हैं.
क्या हैं Index Funds और कैसे कर सकते हैं निवेश, जानिए इससे जुड़ी खास बातें
Index Funds: ज्यादा जोखिम के बिना हाई रिटर्न का फायदा उठाने के लिए इंडेक्स फंड एक अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं. इंडेक्स फंड ऐसे म्यूचुअल पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? फंड हैं, जहां किसी विशेष इंडेक्स के स्टॉक्स में ही निवेश किया जाता है.
Index Funds: म्यूचुअल फंड की ही एक मशहूर कैटेगोरी है इंडेक्स फंड जिसमें कम जोखिम में हाई रिटर्न का फायदा उठाया जा सकता है. इंडेक्स फंड का पोर्टफोलियो फॉलो किए जाने वाले इंडेक्स की तरह ही होता है. इंडेक्स फंड में SIP भी किया जा सकता है, इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए आप फंड ऑफ हाउस की आधिकारिक वेबसाइट या किसी ऐप का उपयोग कर सकते हैं. इंडेक्स फंड कम लागत में किया जा सकने वाला इनवेस्टमेंट माना जाता है. यहां निवेशक कम लागत में आसानी से शेयरों में निवेश कर सकते हैं. इन्हें पैसिव फंड भी कहा जाता है. ये फंड उसी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं जिस इंडेक्स को ये ट्रैक करते हैं. इंडेक्स शेयर बाजार के प्रदर्शन को ट्रैक करने वाला वेटेज एवरेज कंपोजिट स्कोर होता है. इसका कैलकुलेशन करने के लिए कुछ चुनिंदा ऐसे शेयरों की कीमतों को लेकर किया जाता है जो बाजार के रिप्रेजेन्टेटिव होते हैं. जैसे कि BSE का सेंसेक्स और NSE का NIFTY.
इंडेक्स फंड में होती है मॉडरेट रिस्क
इंडेक्स फंड, एक्टिवली मैनेज्ड फंड की तुलना में कम रिस्की होते हैं यानि कि मध्यम जोखिम निवेश हैं. जहां सक्रिय फंडों में मार्केट से बेहतर परफॉर्म करने की होड़ में ज्यादा रिस्क ली जाती है, वहीं इसके विपरीत इंडेक्स फंड का रिटर्न इसके अंडरलाइंग इंडेक्स से जुड़ा होता है. इसे ट्रैक किया जाता है.
एक्सचेंज फंड पर इंडेक्स फंड का कारोबार नहीं होता है इसलिए नियमित फंड की तुलना में इंडेक्स फंड की लिक्विडिटी कम है. साथ ही साथ इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो कम होता है. इससे इसकी लागत भी कम होती है.
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Money Guru: आखिर क्या होता है पैसिव फंड और कैसे कम लागत में भी इन्वेस्टर्स को इससे अधिक रिटर्न मिल सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ.
Money Guru: पिछले कुछ महीनों में निवेशकों की रुचि पैसिव निवेश की तरफ ज्यादा बढ़ी है. AMFI के हाल ही में आए आंकड़ों में भी इसके संकेत मिलते हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर क्या होते हैं ये पैसिव फंड. इंडेक्स फंड, ETF फंड और फंड ऑफ फंड के आखिर क्या फायदे हैं और कौन इसमें निवेश कर सकता है. इसके साथ ही यह भी सवाल उठता है कि कैसे कम लागत में ये फंड अधिक मुनाफा दे सकते हैं. हमारे इन सवालों का जवाब देंगे Edelweiss MF के सेल्स हेड दीपक जैन और वाइजइन्वेस्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ हेमंत रुस्तगी.
Index Fund: कम रिस्क में भी बाजार की तेजी से उठा सकते हैं फायदा, जानिए क्या है इंडेक्स फंड की खूबी और कैसे बढ़ जाता है इसमें रिटर्न
अगर आप इक्विटी में पैसे लगाना चाहते हैं लेकिन बाजार की उतार-चढ़ाव से डर लगता है तो इंडेक्स फंड बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं.
Index Fund: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते दुनिया भर के बाजारों में उतार-चढ़ाव है. ऐसे में निवेशक ऐसे विकल्पों की तलाश में हैं जिसमें कम रिस्क में ही बाजार की तेजी से शानदार मुनाफा कमा सकें. ऐसा ही एक विकल्प इंडेक्स फंड्स है जो इक्विटी फंड की ही तरह होते हैं और सेंसेक्स या निफ्टी जैसे इंडेक्स की तेजी को ट्रैक करते हैं. इसका मतलब हुआ कि अगर कोई इंडेक्स फंड निफ्टी 50 को ट्रैक करता है तो निफ्टी 50 जितना मजबूत होगा, उतना ही इंडेक्स फंड भी.
ऐसे काम करता है Index Fund
अगर कोई इंडेक्स फंड निफ्टी 50 को ट्रैक करता है तो इसका मतलब है कि इसमें पैसे लगाए गए पैसे उसी अनुपात में शेयरों में लगाए जाएंगे जिसमें ये निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल हैं. इसका मतलब हुआ कि इंडेक्स फंड के जरिए पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? निवेशक अलग-अलग शेयर खरीदने की बजाय एक अनुपात में उनमें पैसे लगा रहे हैं. निफ्टी 50 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले इंडेक्स फंड में पैसे लगाने का मतलब है कि 50 शेयरों में पैसे लगा रहे हैं और इनमें तेजी का फायदा ले सकते हैं.
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बीते 1 साल की बात करें तो निवेशकों का ध्यान इंडेक्स फंड पर बढ़ा है.
Mutual Fund Investment: बीते 1 साल की बात करें तो निवेशकों का ध्यान इंडेक्स फंड पर बढ़ा है. इसी वजह से HDFC म्यूचुअल फंड, ICICI प्रू, IDFC म्यूचुअल फंड, Axis म्यूचुअल फंड, ABSl और Nippon Life ज्यादातर म्यूचुअल फंड हाउस ने भी इंडेक्स फंड प्रोडक्ट पर फोकस किया है.बीते दिनों आए ज्यादातर एनएफओ इसी कटेगिरी के रहे हैं. वहीं जब इस साल बाजार में उथल पुथल का दौर है तो इंडेक्स फंड डिमांड में हैं. एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया के आंकड़ों पर नजर डालें तो इंडेक्स फंड में फोलियो की संख्या मार्च 2021 से फरवरी 2020 के दोगुनी होकर 23 लाख से ज्यादा हो गई है. यह पिछले साल मार्च के अंत तक 10 लाख से कुछ ज्यादा थी. आखिर इस तरह की अनिश्चितता की स्थिति में इंडेक्स फंड की डिमांड क्यों बढ़ रही है.
क्यों इंडेक्स फंड में कम है जोखिम
BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि जो निवेशक बाजार में ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, उनके लिए इंडेक्स फंड बेहतर विकल्प है. इंडेक्स फंड में निवेया की लगात कम होती है और यह रिस्क फ्री कटेगिरी में है. हालांकि ऐसा नहीं है कि इसमें रिस्क बिल्कुल भी नहीं है. इंडेक्स फंड उन शेयरों में पैसे लगाते हैं जो निफ्टी 50 या सेंसेक्स 30 या इस तरह के इंडेक्स में शामिल हों. ऐसे फंडों का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है. आमतौर पर इन इंडेथ्स में स्थापित कंपनियां शामिल होती हैं और वे बाजार के वोलेटिलिटी को दूसरों के मुकाबले पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? बेहतर तरीके से हैंडल करती हैं.
इंडेक्स म्यूचुअल फंड को पैसिव फंड्स कहा जाता है. ये फंड उसी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, जिस इंडेक्स को ये ट्रैक करते हैं. और इस तरह ये पैसिवली मैनेज्ड फंड होते हैं. चूंकि फंड मैनेजर सिर्फ अंडरलाइंग इंडेक्स के एसेट एलोकेशन की तर्ज पर चलता है, इसलिए फंड के द्वारा कोई निवेश की रणनीति नहीं होती है. एकमात्र शर्त यह है कि निवेश का कम से कम 95 फीसदी की सिक्योरिटीज में होना चाहिए.
कुछ बेहतर प्रदर्शन करने पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं? वाले इंडेक्स फंड
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 11.13%, 14.51%, 13.86%
Nippon India Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 11.97%, 15.32%, 14.88%
ICICI Prudential Nifty Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 13.20%, 15.14%, 14.03%
UTI Nifty Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 13.23%, 15.14%, 14.25%
SBI Nifty Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 13.13%, 14.83%, 13.99%
IDBI Nifty Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 12.48%, 14.86%, 13.88%
इंडेक्स फंड में एक्सपेंस रेश्यो कम होता है. यानी निवेश की लगात कम आती है. सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों रेगुलेशन के अनुसार, इंडेक्स फंड के लिए एक्सपेंस रेश्यो डेली नेट एसेट के 1 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है.
किसी एक शेयर में पैसा लगाने की बजाए इंडेक्स में शामिल शेयरों में लगाया जाता है. इसलिए आपका पोर्टफोलियो क्वालिटी शेयरों के साथ डाइवर्सिफाई होता है. .