वैकल्पिक निवेश

New Delhi उच्चायुक्तों एवं राजदूतों के बीच अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष का प्री-लांचिंग उत्सव
New Delhi: पोषक-अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए भी महत्वपूर्ण- विदेश मंत्री श्री जयशंकर
by Mahesh Kumar Shiva
New Delhi /एस एन वर्मा; केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर की अध्यक्षता में आज दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में उच्चायुक्तों और राजदूतों के बीच, अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष का प्री-लांचिंग उत्सव हुआ। इस अवसर पर श्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष (आईवाईओएम) घोषित किया है। इसके माध्यम से मिलेट की घरेलू व वैश्विक खपत बढ़ाना हमारा उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि यह वर्ष वैश्विक उत्पादन बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण तथा फसल रोटेशन के बेहतर उपयोग एवं फूड बास्केट के प्रमुख घटक के रूप में मिलेट को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, सभी राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारक संस्थानों के साथ मिलकर मिलेट्स का उत्पादन तथा खपत बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है।
New Delhi News
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मिलेट्स सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन व खनिजों का भंडार है। आईवाईओएम, खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए मिलेट्स के योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा व सतत उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करेगा एवं अनुसंधान तथा विकास सेवाओं में निवेश बढ़ाने के लिए ध्यान आकर्षित करेगा। शाकाहारी खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के दौर में मिलेट वैकल्पिक खाद्य प्रणाली प्रदान करता है। मिलेट संतुलित आहार के साथ-साथ सुरक्षित वातावरण में भी योगदान देता है। ये मानव जाति के लिए प्रकृति के उपहार हैं। कम पानी की खपत, कम कार्बन उत्सीर्जन व सूखे में भी जलवायु अनुकूल मिलेट को उगाया जा सकता है।
भारत के अधिकांश राज्य एक या अधिक मिलेट फसल प्रजातियों को उगाते हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा स्थायी उत्पादन का समर्थन करने, उच्च खपत के लिए जागरूकता पैदा करने, मंडी व मूल्य श्रृंखला विकसित करने तथा अनुसंधान-विकास गतिविधियों के लिए वित्तपोषण भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य वैकल्पिक निवेश सुरक्षा मिशन के तहत, मिलेट के लिए पोषक अनाज घटक 14 राज्यों के 212 जिलों में क्रियान्विदत किया जा रहा। साथ ही, राज्यों के जरिये किसानों को अनेक सहायता दी जाती है। मिलेट के वैकल्पिक निवेश पोषण महत्व के मद्देनजर सरकार ने अप्रैल-2018 में इसे पोषक-अनाज के रूप में अधिसूचित किया था और मिलेट को पोषण मिशन अभियान के तहत भी शामिल किया गया है।
श्री तोमर ने बताया कि भारत में मिलेट मूल्यवर्धित श्रृंखला में 500 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं, भारतीय मिलेट अनुसंधान संस्थान ने आरकेवीवाई-रफ्तार में 250 स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया है। 66 से अधिक स्टार्टअप्स को सवा छह करोड़ रु. से ज्यादा दिए गए हैं, वहीं 25 स्टार्टअप्स को भी राशि की की मंजूरी दी है। मिलेट की खपत बढ़ाने वाले व्यंजनों व मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए स्टार्ट-अप-उद्यमियों को भी सहायता दी जा रही है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अब खाद्य वितरण कार्यक्रमों का ध्यान आधारभूत कैलोरी से हटाकर अधिक विविध फूड बास्केपट प्रदान करने में होना चाहिए, जिसमें प्री-स्कूकल के बच्चों व प्रजनन आयु की महिलाओं की पोषण स्थिति में सुधार करने के लिए मिलेट्स शामिल हैं। नीति आयोग व विश्व खाद्य कार्यक्रम का इरादा चुनौतियों को व्यवस्थित- प्रभावी तरीके से पहचानकर समाधान करने का है। यह साझेदारी मिलेट को मुख्यधारा में लाने पर ध्यान केंद्रित करेगी व वर्ष के रूप में मिलेट के लिए अवसरों का उपयोग कर ज्ञान के आदान-प्रदान में विश्व स्तर पर नेतृत्व करने में भारत का समर्थन करेगी।
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विदेश मंत्री डा. जयशंकर ने कहा कि मिलेट्स आत्मनिर्भरता में सुधार करेगा, विकेंद्रीकृत उत्पादन को बढ़ावा देगा और किसानों की आय में वृद्धि करेगा। इस प्रकार वे वैश्विक खाद्य सुरक्षा के जोखिम को कम करेंगे। भारत की कल्पना के अनुरूप यह वर्ष जागरूकता और उपयोग के मायने में वास्तव में वैश्विक साझेदारी है। उन्होंने कहा कि कोविड, जलवायु परिवर्तन और संघर्षों की पृष्ठभूमि में आज दुनिया में मिलेट्स की प्रासंगिकता बढ़ रही है। श्री जयशंकर ने जोर देकर कहा कि पोषक-अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड एक ऐसा दौर था, जिसने दुनिया को याद दिलाया कि एक महामारी खाद्य सुरक्षा के लिए क्या कर सकती है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पादन कम हो सकता है और व्यापार बाधित हो वैकल्पिक निवेश सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में खाद्य सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी व कृषि राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे भी विशेष रूप से उपस्थित थीं। कृषि सचिव मनोज अहूजा ने स्वागत भाषण दिया व संयुक्त सचिव श्रीमती शुभा ठाकुर ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से आईवाईओएम के संबंध में जानकारी दी। अपर सचिव श्री अभिलक्ष लिखी ने आभार माना। यहां विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) श्री डी. रवि, सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर लंच में भारतीय मिलेट्स की विविधता व व्यंजनों को प्रदर्शित करने के लिए विस्तृत क्यूरेटेड मिलेट्स बुफे शामिल किया गया। मिलेट्स पाक अनुभव व औपचारिक चर्चा के साथ, मिलेट्स आधारित 30 भारतीय स्टार्टअप्स ने रेडी-टू-ईट व रेडी-टू-कुक मिलेट्स आइटम सहित विभिन्न खाद्य उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी में भाग लिया।
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टाटा: नमक से लेकर सैन्य विमान तक, हर किसी के घर में एक टाटा उत्पाद
कितना बड़ा है टाटा ग्रुप: आज हर किसी के घर में टाटा ग्रुप का कुछ न कुछ मिल सकता है। आप चाहे घर से बाहर हों, रेगिस्तान में हों या पहाड़ों में, आपको अपने आसपास कुछ न कुछ टाटा जरूर नजर आता है। टाटा नमक हो, टाटा कार हो, चाय हो या ट्रक यहां तक कि आपके घर तक बिजली… टाटा समूह देश भर में और वैश्विक स्तर पर 10 क्लस्टर में 30 कंपनियों के साथ काम करता है। इसका कारोबार 100 से ज्यादा देशों में फैला है। अब सबसे बड़े बोतलबंद पानी ब्रांड बिसलेरी का अधिग्रहण टाटा ग्रुप करने जा रहा है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि टाटा वैकल्पिक निवेश ग्रुप कैसे काम करता है.
उपभोक्ता और खुदरा
टाटा टी, टाटा साल्ट से लेकर टाटा केमिकल्स, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, वोल्टास, टाइटन, इन्फिनिटी रिटेल का क्रोमा ब्रांड, ट्रेंट का स्टार बाजार कुछ प्रमुख ब्रांड हैं। कई स्टारबक्स जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं, टाटा स्टारबक्स भी है।
इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (Information Technology)
टीसीएस के नेतृत्व में समूह की आईटी कंपनियां दुनिया भर में फैली हुई हैं।
मोटर वाहन
ऑटोमोटिव क्षेत्र में भी टाटा का उल्लेखनीय कार्य है। टाटा मोटर्स यात्री वाहनों से लेकर कमर्शियल वाहनों और रक्षा वाहनों का निर्माण करती है।
स्टील और इंफ्रास्ट्रक्चर
टाटा स्टील भी प्रसिद्ध ब्रांडों में से एक है। वे ऑटोमोटिव स्टील, हैंड टूल्स, स्टील पाइप आदि के क्षेत्र में काम करते हैं। टाटा पावर, टाटा प्रोजेक्ट्स, टाटा हाउसिंग, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, टाटा रियल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी समूह कंपनियां इस क्षेत्र में काम कर रही हैं।
आर्थिक सेवा (Financial Services)
टाटा समूह ने 1919 में न्यू इंडिया एश्योरेंस के माध्यम से वित्तीय सेवाओं में प्रवेश किया। वे टाटा एआईए लाइफ और टाटा एआईजी, टाटा एसेट मैनेजमेंट कंपनी म्युचुअल फंड, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं, वैकल्पिक निवेश फंड और ऑफशोर फंड की पेशकश करते हैं।
पर्यटन और यात्रा
टाटा समूह 1903 से पर्यटन और यात्रा के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। वह इंडियन होटल्स कंपनी के जरिए काम करती हैं। एयर इंडिया टाटा एयरलाइंस बन गई। 1956 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया और सरकार के हाथों में आ गई। अब एयर इंडिया एक बार फिर निजी हाथों में चली जाएगी और टाटा ग्रुप भी इस रेस में है। एयर इंडिया फिर से टाटा हो सकती है।
दूरसंचार और मीडिया
टाटा समूह इस क्षेत्र में टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा स्काई और टाटा टेलीसर्विसेज के माध्यम से काम करता है।
व्यापार और निवेश
इस क्षेत्र में ये टाटा इंटरनेशनल, टाटा इंडस्ट्रीज और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन हैं।
एयरोस्पेस और रक्षा
टाटा समूह भारतीय सेना के लिए मेड इन इंडिया उत्पादों का निर्माण कर रहा है। यह एयरोस्पेस, यूएवी, मिसाइल, रडार, कमांड और कंट्रोल और मातृभूमि सुरक्षा के क्षेत्र में काम करता है।
अटल पेंशन योजना
भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:
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और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
- कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
- असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
- नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
- जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
- कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना
अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।
सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।
वर्तमान वैकल्पिक निवेश में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।
- बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
- बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
- आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
- मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें
योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख
निरंतर चूक के मामले में
ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 वैकल्पिक निवेश वैकल्पिक निवेश रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की जाएगी।
रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।
उप्र को 'पर्यटन प्रदेश' बनाएगी योगी सरकार, 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश को 'पर्यटन प्रदेश' के रूप में विकसित करने जा रही है। इसके लिए प्रमुख पर्यटन स्थलों के साथ कम ज्ञात पर्यटन स्थलों को संवारने और प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निजी निवेशकों को 40 करोड़ रुपए तक की छूट प्रदान करने का फैसला किया गया है। बुद्धवार को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी गई है, जिसमंर निवेशकों को फोकस पर्यटन स्थलों के विकास में योगदान देने पर राहतों की बड़ी सौगात दी गई है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई तरह की पहल की हैं। इनमें एक जैसे धार्मिक, भौगोलिक और प्राकृतिक स्थलों को जोड़कर सर्किट बनाने के अलावा नए वैकल्पिक पर्यटन केंद्रों की स्थापना का खाका तैयार किया गया है। साथ ही, पर्यटन के क्षेत्र में 20 हजार करोड़ के निवेश के साथ-साथ 10 लाख रोजगार सृजित करने का लक्ष्य भी तय किया गया है।
हर तरह के निवेशकों को मिलेगी सब्सिडी
नई नीति के तहत प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों को कई तरह के अनुदान देने की बात कही गई है। इसके तहत, 10 लाख से लेकर 10 करोड़ रुपए तक का निवेश करने वालों को 25 प्रतिशत या 2 करोड़ रुपए तक की छूट मिलेगी। वहीं, 10 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक का निवेश करने वाले उद्यमियों को 20 प्रतिशत या 7.5 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसी तरह 50 करोड़ रुपए से 200 करोड़ रुपए के बीच निवेश पर उद्यमियों को 15 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं 200 करोड़ से 500 करोड़ रुपए के बीच के निवेशकों को 10 प्रतिशत या 25 करोड़ रुपए तक की छूट प्रदान वैकल्पिक निवेश की जाएगी। 500 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी का निवेश करने वाले प्रीमियर निवेशकों को 10 प्रतिशत या 40 करोड़ रुपए में जो भी अधिक हो, सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
महिलाओं और एससी-एसटी को 5 प्रतिशत अतिरिक्त छूट
फोकस टूरिज्म डेस्टिनेशन (एफटीओ) में पर्यटन इकाई के प्रस्तावों हेतु महिला उद्यमी तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के उद्यमियों को सब्सिडी में अतिरिक्त 5 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, पर्यटन इकाइयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपए तक की बैंक ऋण राशि पर पात्र पर्यटन इकाइयां अधिकतम 5 साल की अवधि के लिए प्रति वर्ष ऋण राशि के 5 प्रतिशत या अधिकतम 25 लाख की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी। पंजीकृत पर्यटन इकाइ ब्याज सब्सिडी अथवा कैपिटल सब्सिडी में से किसी एक अनुदान हेतु ही अनुमन्य होगी।
स्टांप शुल्क और पंजीकरण में 100 प्रतिशत छूट
नई पर्यटन नीति में पर्यटन इकाइयों की स्थापना या विस्तारीकरण हेतु भूमि के प्रथम क्रय, लीज, ट्रांसफर पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दिए जाने का भी प्रावधान है। सभी नई और विस्तार कर रही पर्यटन इकाइयों के लिए भू उपयोग परिवर्तन और विकास शुल्क में भी पूर्ण छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा रोजगार सृजन पर ईपीएफ सब्सिडी, दिव्यांग अनुकूल इकाइयों के लिए विशेष प्रोत्साहन, सूचना और प्रौद्योगिकी सक्षमता के लिए विशिष्ट प्रोत्साहन, नवाचार विशिष्ट हेतु 50 हजार रुपए तक का प्रोत्साहन, पर्यटन, आतिथ्य उद्योग में शोध के लिए 10 लाख रुपए तक की सहायता के अलावा राज्य वैकल्पिक निवेश की दुर्लभ एवं लुप्तप्राय कला, संस्कृति और व्यंजनों का संरक्षण, संवर्धन, पुनर्जीवित किए जाने हेतु 5 लाख तक प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है।
हेरिटेज होटलों के लिए विशेष प्रोत्साहन
हेरिटेज इकाई को लेकर भी नीति में कई प्रोत्साहन दिए गए हैं। हेरिटेज इकाई के मूल स्वरूप में बिना बदलाव लाए इकाई के संरक्षण, विस्तार, रेनोवेशन के जरिए हेरिटेज होटलों का संचालन करने वाले उद्यमियों को पूंजीगत निवेश के 25 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 5 करोड़ के ऋण पर 5 वर्ष तक 5 प्रतिशत तक का ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। हेरिटेज इकाइयों को पूंजीगत एवं ब्याज अनुदान दोनों अनुमन्य होगा। हेरिटेज होटल की स्थापना या विस्तारीकरण हेतु क्रय की गई भूमि पर स्टांप ड्यूटी में छूट दिए जाने का प्रावधान है। वहीं हेरिटेज होटल की स्थापना हेतु भू उपयोग परिवर्तन आवश्यक होने पर ऐसा परिवर्तन निशुल्क किए जाने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में हेरिटेज होटलों के परिसर में बार लाइसेंस हेतु लाइसेंस शुल्क में 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति किए जाने का भी प्रावधान है। वहीं राज्य सरकार हेरिटेज होटल्स तक सर्वऋतु मार्ग तथा अतिक्रमण मुक्त लिंक रोड की व्यवस्था कराएगी। निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत सब स्टेशन, ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था की जाएगी तथा आकर्षक साइनेज लगाए जाएंगे।
युवाओं में विकसित करेंगे पर्यटन की समझ
नीति में युवाओं एवं बच्चों में प्रारंभ से ही पर्यटन व संस्कृति की समझ, आवश्यक्ता तथा महत्व को विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत युवा पर्यटन क्लबों को देश में उत्तरदायी और सतत पर्यटन विकसित करने के साधन के रूप में चिन्हित किया गया है। इसके अलावा राज्य में विभिन्न पर्यटन व्यवसायों द्वारा संचालित असाधारण पहलों और सेवा की गुणवत्ता को मान्यता प्रदान करने के लिए बेस्ट टूर ऑपरेटर, बेस्ट वेलनेस सेंटर, बेस्ट होटल, बेस्ट हेरिटेज होटल, बेस्ट इको टूरिज्म ऑपरेटर, बेस्ट इको रिसॉर्ट, बेस्ट होमस्टे, बेस्ट एडवेंचर टूर ऑपरेटर आदि राज्य पर्यटन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
अगर आपको Free राशन मिलने में कोई समस्या है तो फटाफट यहां करें शिकायत, घर बैठे मिलेगा अनाज..
डेस्क : अगर आप भी मुफ्त राशन पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं तो आपके लिए वैकल्पिक निवेश एक अहम खबर है। अगर आपको मुफ्त राशन मिलने में परेशानी हो रही है तो ऑनलाइन शिकायत करें इससे न सिर्फ आपको फायदा होगा बल्कि आपके घर तक राशन पहुंचा दिया जाएगा। आपको बता दे की कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए सरकार ने ‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ शुरू की है, जो लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रही है. राशन कार्ड के लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, या आधार कार्ड के साथ भी योजना का लाभ उठा सकते हैं।
अगर आप भी इस योजना का लाभ लेने के पात्र हैं और नहीं ले रहे हैं, या आपको मुफ्त राशन प्राप्त करने में समस्या आ रही है, तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, आराम से आप अपने घर से ही ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं इन मुफ्त राशन की डिलीवरी की जाएगी आपके घर तक।
कैसे शिकायत कर सकता हूं? राशन नहीं मिलने की स्थिति में आप वेबसाइट और ई-मेल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आप शिकायत करने के लिए वैकल्पिक निवेश हेल्पलाइन नंबर डायल कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आप यहां पर जाकर आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ई-मेल के माध्यम से शिकायत करने के लिए, आपको अपनी शिकायत लिखनी होगी। आपको राशन कार्ड नंबर के साथ राशन डिपो का नाम देना होगा। दोनों जानकारी पहचान के उद्देश्य से प्रदान की जाती हैं।
ई-मेल के माध्यम से शिकायत कैसे करें : ई-मेल के माध्यम से शिकायतों के लिए, [email protected] पर मेल करें। हालांकि, कृपया ध्यान दें कि इस आईडी पर केवल दिल्ली राशन कार्ड धारक ही मेल कर सकते हैं। दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए ही शिकायत की जा सकती है। आप सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (http://fs.delhigovt.nic.in) पर भी शिकायत कर सकते हैं
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टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत : दिल्ली सरकार द्वारा टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध कराए जाते हैं। टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करने के लिए आपको (1800110841) पर कॉल करना होगा। यदि आपको अभी भी लाभ नहीं मिल रहा है तो आप अपने कार्यालय के पते पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं। वहीं, राशन काला होने की शिकायत कर सकते हैं।