शेयर बाज़ार के प्रकार

ग्रोथ या डिविडेंड?

ग्रोथ या डिविडेंड?
बाजार में दर्जनों इक्विटी फंड उपलब्ध हैं जिसमें किसी ग्रोथ या डिविडेंड? का भी NAV खरीदा जा सकता है. जैसे टाटा इंडेक्स ग्रोथ या डिविडेंड? सेंसेक्स फंड, एचडीएफसी इंडेक्स सेंसेक्स फंड, मीरे असेट इमर्जिंग ब्लूचिप फंड, पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश किया जा सकता है.

Dividend Yield- डिविडेंड यील्ड

क्या है डिविडेंड यील्ड?
डिविडेंड यील्ड (Dividend Yield), जिसे प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है, एक वित्तीय अनुपात है जो प्रदर्शित करता है कि कंपनी प्रति वर्ष अपनी स्टॉक कीमत के अनुपात में लाभांश में कितना भुगतान करती है। प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित डिविडेंड यील्ड धन की वह मात्रा है जो कोई कंपनी अपने शेयरधारक को उसके वर्तमान शेयर मूल्य द्वारा विभाजित शेयर के हिस्से के लिए भुगतान करती है। परिपक्व कंपनियों द्वारा लाभांश दिए जाने के आसार अधिक होते हैं। ग्रोथ या डिविडेंड? यूटिलिटी और कंज्यूमर स्टैपल उद्योगों से जुड़ी कंपनियां के अक्सर अधिक डिविडेंड यील्ड होते हैं। निवेशकों के लिए इसे ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि उच्चतर डिविडेंड यील्ड हमेशा आकर्षक निवेश अवसरों का संकेत नहीं देते क्योंकि किसी स्टॉक का डिविडेंड यील्ड गिरते स्टॉक मूल्य के परिणामस्वरूप बढ़ सकता है।

ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन्स के बीच क्या अंतर है?

कुछ निवेशक ग्रोथ या डिविडेंड? म्यूचुअल फंड्स में इसलिए निवेश करते हैं क्योंकि वे लंबी अवधि में पैसे बनाना चाहते हैं। वे अपने करियर की शुरुआत में ही निवेश करना शुरू कर देते हैं। फिर ऐसे निवेशक होते हैं जो रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) के करीब होते हैं या जिनके पास निवेश करने के लिए रिटायरमेंट की रकम होती है जो सेवानिवृत्ति के दौरान उनकी आय के स्रोतों की पूरक हो सकती है। इन दोनों विपरीत निवेश-संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स दो विकल्प पेश करते हैं।

ग्रोथ ऑप्शन भावी विकास और फंड वैल्यू को बढ़ाने के लिए फंड में होने वाले मुनाफ़े को उसकी ग्रोथ या डिविडेंड? अंतर्निहित सिक्योरिटीज़ में पुनः निवेश करता है। ग्रोथ प्लान की ग्रोथ या डिविडेंड? NAV ज़्यादा होती है क्योंकि सिक्योरिटीज़ से होने वाले मुनाफ़े को वापस स्कीम में निवेश कर दिया जाता है और चक्रवृद्धि ब्याज अपना कमाल दिखाता है।

डिविडेंड से ग्रोथ फंड में स्विच करते समय निवेशकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

What should investors consider while switching from Dividend to Growth option?

कल्पना कीजिए कि आपने फ्लाई इंडिया एयरलाइंस की बंगलुरु से चेन्नई की सुबह 8 बजे की फ्लाइट बुक की है। आपको एहसास होता है आपने गलत फ्लाइट बुक की है और आपको फिर से बुक करना होगा। आपको ग्रोथ या डिविडेंड? क्या लगता है कि फ्लाई इंडिया किस तरह के चार्ज लगाएगा? आपको अपना मन बदलने की पेनल्टी चुकानी होगी फिर चाहे वही एयरलाइन हो, यात्रा की वही तारीख हो, उसी जगह जाना हो और वही यात्री हो!

म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में भी ऐसा ही है, अपने निवेश को उसी स्कीम में एक विकल्प से दूसरे विकल्प में स्विच ग्रोथ या डिविडेंड? करना एक तरह से बिक्री (रीडेंप्शन) है इसलिए, इस स्विच पर एक्जिट लोड के साथ ही कैपिटल गेन टैक्स लगेगा जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितने समय तक निवेश किया है।

Mutual Funds में करते हैं निवेश तो आज जान लीजिए डिविडेंड फंड और ग्रोथ फंड ग्रोथ या डिविडेंड? में कौन बेहतर?

Mutual Funds में करते हैं निवेश तो आज जान लीजिए डिविडेंड फंड और ग्रोथ फंड में कौन बेहतर?

रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए इन्वेस्टमेंट स्कीम का रिटर्न महंगाई के मुकाबले ज्यादा होना चाहिए. वर्तमान में महंगाई दर 5-6 फीसदी के बीच है. ऐसे में अगर निवेश के परंपरागत साधनों में निवेश करते हैं तो नेट रिटर्न कम होगा. म्यूचुअल फंड में आपका पैसा शेयर बाजार में भी निवेश होता है जिसके कारण रिटर्न ज्यादा मिलता है और आपका नेट रिटर्न ज्यादा होगा.

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Jan 26, 2022 | 8:20 AM

अगर आप Mutual Funds में निवेश करते हैं तो ग्रोथ ऑप्शन और डिविडेंड ऑप्शन में कौन बेहतर है, यह सामान्य सवाल है. आपके लिए यह जानना भी जरूरी है ग्रोथ या डिविडेंड? कि आपका पोर्टफोलियो कैसा होना चाहिए साथ ही इसमें म्यूचुअल फंड का कितना योगदान होना चाहिए. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की सलाह होती है कि अगर आप करियर के शुरू में निवेश की शुरुआत करते हैं तो 75 फीसदी तक इक्विटी में निवेश किया जा सकता है. इक्विटी में डेट फंड के मुकाबले ज्यादा रिफंड मिलता है. अगर आप इक्विटी मार्केट में लंबे समय के लिए निवेश करते हैं तो हर हाल में बंपर रिटर्न मिलेगा.

ग्रोथ और डिविडेंड में किसी भी विकल्प को चुन सकते हैं

जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो ग्रोथ ऑप्शन के अलावा डिविडेंड ऑप्शन मिलता है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर डिविडेंड ऑप्शन का चयन करते हैं तो समय-समय पर आपको डिविडेंड मिलेगा, लेकिन फाइनल रिटर्न कम रहता है. ऐसे में शॉर्ट टर्म की जरूरतों के लिए म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा डिविडेंड ऑप्शन वाला होना चाहिए. हालांकि डिविडेंड इनकम पर आपको डिविडेंड टैक्स चुकाना पड़ता है. निवेश के समय इस बात को भी याद रखना चाहिए. वहीं, लॉन्ग टर्म के लिए ग्रोथ फंड का सलेक्शन करना चाहिए. इसमे आपका निवेश तेजी से बढ़ता है. आपका म्यूचुअल फंड जितना रिटर्न पा रहा है, वह दोबारा निवेश कर दिया जाता है. कम्पाउंडिंग नेचर के कारण यह मल्टीबैगर रिटर्न देता है.

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इक्विटी एक असेट क्लास है. यह काफी वोलाटाइल रहता है. शुरुआत में इसमें निवेश करने पर आपका पोर्टफोलियो नेगेटिव रिटर्न दे सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह कई गुना रिटर्न देगा. वहीं, अपनी शॉर्ट टर्म जरूरतों को पूरा करने के लिए पोर्टफोलियो में कुछ हिस्सा डेट फंड में भी जमा करें. यह डेट फंड 5 सालों ग्रोथ या डिविडेंड? तक का हो सकता है. इसके अलावा इमरजेंसी फंड भी तैयार रखें.

म्यूचुअल फंड की ग्रोथ और डिविडेंड स्कीम में कौन बेहतर ?

म्यूचुअल फंड की ग्रोथ और डिविडेंड स्कीम में कौन बेहतर ?

ग्रोथ ऑप्शन का मतलब क्या है?
इस ऑप्शन का चुनाव करने पर आपको छोटी अवधि में स्कीम से कोई आय नहीं होती है. इसका मतलब है कि आपकी स्कीम पर मिलने वाला डिविडेंड आपकी जेब में नहीं जाता है. आपको पैसा तभी मिलता है, जब आप अपनी यूनिट्स रिडीम करते हैं. यानी उन्हें बेचते हैं. इसका फायदा यह है कि इस विकल्प में आपका निवेश बढ़ता रहता है. उदाहरण ग्रोथ या डिविडेंड? के लिए अगर आपने 15 रुपये एनएवी की दर से म्यूचुअल फंड की 1000 यूनिट्स खरीदी है और आप इसे दो साल बाद 20 रुपये की एनएवी पर बेचते हैं तो 5 हजार रुपये इस निवेश पर आपका रिटर्न हुआ.

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