शेयर बाज़ार के प्रकार

किस ब्रोकर का उपयोग करना है?

किस ब्रोकर का उपयोग करना है?
शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है. सिक्योरिटी एक्सचेंज किस ब्रोकर का उपयोग करना है? बोर्ड ऑफ इंडिया ने डीमैट खाते को लेकर नियमों में कुछ बदलाव कर दिए हैं. डीमैट किस ब्रोकर का उपयोग करना है? खाते खोलने वाले ब्रोकर्स की सही पहचान के लिए सेबी की तरफ से नियम कड़े कर दिए गए हैं.सेबी के नियम के अनुसार, जिन लोगों के पास डीमैट अकाउंट है उन्हें अब कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा. सेबी के एक सर्कुलर के मुताबिक सभी ब्रोकर्स को सभी कैटेगरी के डीमैट खातों का नामकरण करना होगा. ताकि पता चल सके कि ब्रोकर ने जो डीमैट खाता खोला है वो किस मकसद के लिए है. सेबी ने इसके लिए ब्रोकर्स को 30 जून तक का मौका दिया है.

स्टॉक ब्रोकर नौकरी| सैलरी| 2022| Stock Broker Kya Hota Hai

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है – stock broker kya hota hai, शेयर मार्केट में ब्रोकर का क्या काम होता है?

दोस्तों, इस लेख में हम शेयर मार्किट में उपयोग होने बाले ब्रोकर (broker) के बारे में जानकरी प्राप्त करेंगे. क्योकि बिना ब्रोकर के शेयर को खरीद या बेच नहीं सकते है. इस समय सभी लोग share market की तरफ आना चाहते है और काफी लोग निवेश भी कर चुके है. जब से इन्टरनेट का दौर आया है तब से ज्यादातर कार्य ऑनलाइन होने लगे है.

पहले के लोग सिटी में ही निवेश करते थे लेकिन अब गाँव के लोग भी निवेश करने लगे है यह सिर्फ इन्टरनेट के करण संभव हुआ है. इसलिए शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए बेसिक जानकारी पता होना चाहिए जिससे आगे आपको कोई समस्या ना हो.

Stock broker kya hota hai के बारे मे अच्छे से समझाने की कोशिश करेंगे ताकि आपको एक बेसिक ज्ञान मिलते रहे। तो चलिए मे आपको step by step जानकारी इस पोस्ट के जरिये बता रहे है.

स्टॉक ब्रोकर किस तरह से काम करता है (Stock Broker Kya Hota Hai)

शेयर मार्किट में शेयर को sell और buy के लिए stock broker में ट्रेडिंग account बनाना होता है. इसके जरिये ही हम मार्किट मे आप आर्डर लगाते है की हमें किस शेयर को किस समय ख़रीदे और कब बेचे, कितनी क्वांटिटी ख़रीदे. ये कुछ ही सेकंड में अपने आर्डर को मार्किट में पंहुचा देते है.Stock broker kya hota hai

इसका प्रोसेस कुछ इस तरह है –

मान लीजिये की आपने अपने ट्रेडिंग अकाउंट से TCS कंपनी के 20 शेयर खरीदने का आर्डर दिया अब आर्डर को प्लेस करते ही stock ब्रोकर आपके आर्डर को शेयर मार्किट में ले जायगा. और जो व्यक्ति TCS कंपनी के शेयर को बेचने के लिए खोज रहा होगा. इस प्रोसेस किस ब्रोकर का उपयोग करना है? में आप शेयर को खरीद रह है और वो व्यक्ति शेयर को बेच रहा है. ये मैचिंग आर्डर हुआ जिसमे वह आपके आर्डर को आप तक पंहुचा देगा ये काम stock broker करते है.

Stock broker कितने प्रकार के होते है?

स्टॉक ब्रोकर 2 प्रकार के होते है-

1.फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full-Service Broker)

2.डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर (Discount Stock Broker)

1.फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full-Service Broker)-

ये ब्रोकर फुल सर्विस प्रोवाइड करते है लेकिन इसमें sell और buy की सुविधा नहीं मिलती है. इसमें कई अन्य सर्विस प्रोवाइड होती है जैसे कौनसा शेयर खरीदना है, कितने शेयर खरीदना है, और उसे कब बेचना है ये सभी जानकारी Full-Service Broker में मिलती है.

यदि जब भी आप कोई stock खरीद रह है और पैसे कम है तो ऐसे में आपको margin money की सुविधा मिलती है. यदि आप “इनिशियल पब्लिक ओफ्फेरिंग” के जरिये शेयर को खरीद रह है तो आप फ़ोन से कॉल करके या इन्टरनेट एप्लीकेशन की मदद से अपने दिय गय आर्डर को प्लेस कर सकते है. इस ब्रोकर में आपको पोर्टफोलियो मैनेज की सुविधा मिलती है.

शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? ब्रोकरेज चार्जेस की गणना किस प्रकार की जाती है?

शेयर मार्केट में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयर की खरीद बेच होती है जिसके लिए हमारे पास डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट का होना आवश्यक है परंतु हमें पता होना चाहिए कि हम सीधे तौर पर शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर की खरीद बेच नहीं कर सकते हैं इसके लिए हमें एक माध्यम की आवश्यकता होती है जिसे ब्रोकर (Broker) किस ब्रोकर का उपयोग करना है? कहा जाता है। ब्रोकर द्वारा हमें इंटरनेट पर एक ब्रोकिंग प्लेटफार्म प्रदान किया जाता है जिसकी मदद से हम शेयर संबंधित लेन देन कर पाते हैं।

ब्रोकर(Broker) एक वित्तीय माध्यम बिचौलिया अथवा एजेंट होता है जिसके माध्यम से हम शेयर मार्केट में शेयर को खरीद बेच कर पाते हैं। ब्रोकर हमें विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे Stocks Futures तथा derivative की खरीद बेच में मदद करता है।

शेयर ब्रोकर क्या है?

ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं?

वे शुल्क जो ब्रोकर द्वारा अपनी सुविधाओं के एवज में लिया जाता है उसे ब्रोकिंग चार्जेस कहते हैं सभी ब्रोकरो के चार्ज एक से नहीं होते हैं यह इस पर भी निर्भर करते हैं कि किस प्रकार के ट्रांजैक्शन हमारे द्वारा किए जाते हैं यह शुल्क ब्रोकर द्वारा समय समय पर घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।

भारत में ब्रोकर द्वारा बता दो प्रकार के प्लान प्रदान किए जाते हैं

  1. Monthly Unlimited trading plan इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को एक निश्चित मासिक राशि शुल्क के रूप में ब्रोकर(Broker) को प्रदान की जाती है इसके तहत वे एक माह में असीमित stocks तथा securities की खरीद बेच कर सकते हैं।
  2. Flat per trade brokerage इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को प्रति सौदा के हिसाब से ब्रोकर को शुल्क चुकाना पड़ता है।

ट्रेडिंग हेतु ब्रोकरेज चार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है?

ब्रोकर(Broker) शुल्क या ब्रोकरेज की गणना शेयर की खरीद बेच पर कुल कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय की जाती है यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है

  • Intraday Trading जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर की खरीद तथा बेच एक ही दिन में की जाती है उस स्थिति में व्यक्ति द्वारा किए गए सौदे पर Intraday Trading शुल्क चुकाया जाता है।

जैसे किसी व्यक्ति द्वारा शेयर को खरीद कर उसी दिन ट्रेडिंग सेशन की समाप्ति के पूर्व शेयर को बेच दिया जाता है एसएसबी में ब्रोकर(Broker) शुल्क की गणना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत की जाती है इस स्थिति के लिए बेचे गाए और खरीदे गाए शेयर की संख्या समान होना आवश्यक है। इस प्रकार के सौदे पर ब्रोकर द्वारा लगाया गया intraday Trading शुल्क 0.01% से 0.05% के मध्य किस ब्रोकर का उपयोग करना है? खरीद बेच किए गए शेयर की संख्या पर आधारित होता है। Intraday ब्रोकिंग शुल्क की गणना के लिए शेयर की बाजार कीमत को शेयर की संख्या तथा इंट्राडे शुल्क प्रतिशत के साथ गुणा कर की जाती है

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?

ब्रोकर के सभी चार्ज

  • Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
  • Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
  • Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
  • Stamp duty (स्टांप शुल्क) यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
  • GST (goods and service tax)वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान में यह 18% है।
  • SEBI turnover charges यह शुल्क बाजार नियामक संस्था किस ब्रोकर का उपयोग करना है? सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
  • DP( Depository Participants)

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?

ब्रोकर के सभी चार्ज

  • Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
  • Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
  • Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
  • Stamp duty (स्टांप शुल्क)किस ब्रोकर का उपयोग करना है? यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
  • GST (goods and service tax)वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान में यह 18% है।
  • SEBI turnover charges यह किस ब्रोकर का उपयोग करना है? शुल्क बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
  • DP( Depository Participants)

शेयर ब्रोकर चुनने में इन पांच बातों का रखें ध्यान

शेयर ब्रोकर चुनने में इन पांच बातों का रखें ध्यान

1. डिस्काउंट ब्रोकर पर दांव!
डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद फरोख्त करते हैं. फुल सर्विस ब्रोकर आपको निवेश आइडिया भी देते किस ब्रोकर का उपयोग करना है? हैं. इसलिए यदि आप बाजार की उथल-पुथल और हलचल को समझते हैं, जो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं. अन्यथा फुल सर्विस ब्रोकर ही बेहतर है.

2. फोन या ऑनलाइन कारोबार की सेवा
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं. ब्रोकर का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है. हालांकि, हाइब्रिड ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.

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