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विदेशी मुद्रा फैलता

विदेशी मुद्रा फैलता
नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत का विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त के अंतिम सप्ताह में 3 अरब डॉलर गिर गया।

पाकिस्तान के करेंसी मार्केट में 'दहशत', एक अमेरिकी डॉलर 228 पाकिस्तानी रुपए के बराबर

पाकिस्तानी रुपये में सोमवार को 2% और मंगलवार को 3% की गिरावट आई, बुधवार सुबह को इसकी कीमत एक डॉलर के मुकाबले घटकर 225 पाकिस्तानी रुपये पर पहुंच गई

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया (Pakistan Rupee) बुधवार को और नीचे फिसल गया। पाकिस्तान के स्थानीय विदेशी एक्सचेंज एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि इस सप्ताह आई तेज गिरावट के बाद करेंसी मार्केट में दहशत फैल रही है।

न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी रुपये में सोमवार को 2 फीसदी और मंगलवार को 3 फीसदी की गिरावट आई थी। यह गिरावट इसके बावजूद आई कि पाकिस्तान और विदेशी मुद्रा फैलता इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) पिछले हफ्ते शुरुआती स्तर की सहमति पर पहुंच चुके हैं, जिससे पाकिस्तान को 1.17 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिलने का रास्ता साफ होता दिख रहा है।

बुधवार सुबह को पाकिस्तानी रुपये की कीमत एक डॉलर के मुकाबले घटकर 225 पाकिस्तानी रुपये पर पहुंच गई, जो शुक्रवार को 228.41 पाकिस्तानी रुपया था। रेटिंग एजेंसी फिच ने बुधवार सुबह को जारी एक रिपोर्ट में पाकिस्तान के सॉवरेन डेट की रेटिंग स्थिर से घटाकर नेगेटिव कर दी। हालांकि उसने पाकिस्तान की लंबी अवधि की फॉरेन-करेंसी और इश्यू डिफॉल्ट रेटिंग "B-" पर बरकरार रखी है।

विदेश मंत्री दोरजी ने बताया- श्रीलंका को देखते हुए ‘भूटान अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहा है’

भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने कहा कि भारत 'सबसे करीबी दोस्त' है, लेकिन चीन के साथ उसके संबंध 'आपसी हित , सरोकार' पर आधारित हैं. बीजिंग के साथ सीमा वार्ता जारी है.

टांडी दोरजी, भूटान के विदेश मंत्री | ट्विटर, @tandidorji

नई दिल्ली: दक्षिण एशिया में तेजी से कमजोर होती अर्थव्यवस्थाओं – खासतौर पर श्रीलंका के दिवालिया होने और बांग्लादेश के विश्व बैंक के दरवाजे पर दस्तक देने– को देखते हुए भूटान अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए कई ‘कदम’ उठा रहा है, उनमें से एक हिमालयी साम्राज्य को पूरी तरह पर्यटन के लिए फिर से खोलना है. दिप्रिंट को दिए एक विशेष साक्षात्कार में भूटान के विदेश मंत्री ने यह बात कही.

दोरजी ने कहा, हालांकि भूटान की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में ‘छोटी’ है. लेकिन कोविड -19 ने इसे भी काफी प्रभावित किया है. मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद से, थिम्पू ने सख्त सीमा नियंत्रण उपायों और सुरक्षा प्रोटोकॉल को लागू किया, जिसके चलते पर्यटन, निर्माण और विनिर्माण जैसे प्रमुख आर्थिक क्षेत्र ‘गंभीर रूप से प्रभावित’ हुए.

दोरजी बताते हैं, ‘पर्यटन सेक्टर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ जो धीरे-धीरे अपने संबद्ध क्षेत्रों जैसे परिवहन, निर्माण और विनिर्माण क्षेत्रों में फैल गया. भूटान अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।’ वह आगे कहते हैं, ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की संभावना को देखते हुए हमें सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है. विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, सार्वजनिक ऋण में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति सरकार के लिए प्रमुख चिंताएं हैं.

भूटान की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार रहे टूरिज्म सेक्टर पर पड़े नकारात्मक प्रभाव ने भी बड़े पैमाने पर नौकरियों का नुकसान किया है.

उन्होंने कहा कि विदेशों से लौटने वाले भूटानियों की बढ़ती संख्या, कर्मचारियों के विस्थापन और रोजगार बाजार में नए लोगों की बढ़ती संख्या ने देश में बेरोजगारी की स्थिति को और बढ़ा दिया है.

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वह बताते हैं कि 2020 में भूटान में बेरोजगारी ने 5 फीसदी के शिखर को छू लिया था, जबकि युवा बेरोजगारी 22.6 फीसदी तक पहुंच गई.

दोरजी ने कहा, ‘हालांकि हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आ रही है, लेकिन हम इस स्तर पर एक आरामदायक स्थिति में हैं. चूंकि भूटान कम से कम एक वर्ष की आवश्यक आयात की लागत को पूरा करने के लिए सवैंधानिक जरूरत के मुताबिक भंडार बनाए रखने में सक्षम है.’

उनके मुताबिक, जितना संभव हो सके देश आयात कम करने के लिए स्थानीय उत्पादों के इस्तेमाल को तेजी के साथ बढ़ावा दे रहा है.

दोरजी के अनुसार, थिम्फू नगुलट्रम (भूटान की मुद्रा) के मुकाबले अमरीकी डालर के तेजी से बढ़ने को लेकर भी चिंतित है. इससे मुद्रास्फीति और ऋण सेवा की लागत में वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा, ‘मौजूदा आर्थिक स्थिति के बने रहने से व्यापक आर्थिक अस्थिरता पैदा होगी जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था को उच्च मुद्रास्फीति और लगातार आर्थिक मुद्दों का सामना करना पड़ेगा.’

भूटान और भारत हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट

दोरजी ने कहा कि देश जहां मुश्किल आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहा है, वहीं उसे भारत का समर्थन मिल रहा है.

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘ भारत सरकार द्वारा समर्थित, देश के लिए राजस्व सृजन का मुख्य स्रोत रहे हाइड्रो पॉवर सेक्टर ने घरेलू राजस्व में कमी को दूर करने में बहुत बड़ी राहत दी है.’

लेकिन उन्होंने उन परियोजनाओं के बारे में भी बात की जो अब तक अटकी हुई हैं.

पिछले महीने भूटान के आर्थिक मामलों के मंत्री लोकनाथ शर्मा की हाल ही में भारत की यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने आपस में हाइड्रो पॉवर कोऑपरेशन, बाजार की स्थितियों और बढ़ते ऊर्जा संकट के कारण उन्हें फिर से कैसे नियोजित किया जाए, इस पर चर्चा की.

दोरजी ने कहा, ‘खोलोंगछू जवाइंट वैंचर कंपनी को लेकर दोनों पक्ष जेवी कंपनी को बंद करने की दिशा में काम करने के लिए सहमत हुए क्योंकि इसने उम्मीद के मुताबिक काम नहीं किया’

वह बताते हैं, ‘खोलोंगछु के लिए उपयुक्त कार्यान्वयन के तौर-तरीकों पर चर्चा करने और समग्र हाइड्रो पॉवर कोऑरेशन की समीक्षा करने के लिए जल्द ही भूटान में दो देशों के बिजली सचिवों के बीच बैठक की उम्मीद है.’

2014 में अपनी भूटान यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 600 मेगावाट की खोलोंगछु जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखी, जो भारत के एसजेवीएन लिमिटेड और भूटान के ड्रक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन का एक ज्वाइंट वैंचर है. 600 मेगावाट की खोलोंगछु हाइड्रोइलैक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए कन्सेशन एग्रीमेंट पर 29 जून 2020 को वर्चुअली हस्ताक्षर किए गए थे.

उन्होंने कहा, ‘पुणत्संगछु-आई हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (HEP) पर, भूटानी सरकार फिलहाल बैराज और बांध विकल्पों दोनों का अध्ययन कर रही भारत सरकार की इंडिपेंडेट कमेटी के निष्कर्षों का इंतजार कर रही है.’

भारत-भूटान हाइड्रोपॉवर कूपरेशन 1961 में जलधाका समझौते पर हस्ताक्षर के साथ शुरू हुआ था.

हाइड्रोपॉवर की बिक्री भूटान के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. यह सबसे महत्वपूर्ण निर्यात वस्तु भी है, जो देश के कुल निर्यात में लगभग 63 प्रतिशत का योगदान करती है.

चीन के साथ संबंध, सीमा वार्ता

पिछले अक्टूबर में चीन और भूटान ने तीन चरणों वाले रोडमैप के आधार पर अपने बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को निपटाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जो नई दिल्ली की चिंता का विषय है.

मौजूदा समय में वार्ता की स्थिति पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए मंत्री दोरजी ने कहा कि चूंकि बातचीत चल रही है, इसलिए वह विवरण नहीं दे पाएंगे. लेकिन कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की अनुपस्थिति के बावजूद संबंध काफी गर्मजोशी भरे और सौहार्दपूर्ण हैं.’

वह बताते हैं, ‘भूटान और चीन आपसी हित और सरोकार के मुद्दों पर निकटता से जुड़े हैं. दोनों देशों ने कोविड -19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का साथ दिया था. सद्भावना और दोस्ती के चलते कोविड -19 के खिलाफ भूटान की लड़ाई में सहयोग देने के लिए चीनी सरकार ने टीके, पीपीई किट और अन्य मेडिकल स्पलाई दान की थी.’

भूटान और चीन 1984 से आपस में 477 किलोमीटर की सीमा तय करने के मुद्दे पर चर्चा करते आ रहे हैं. इसके लिए अब तक 24 दौर की सीमा वार्ता और विशेषज्ञ समूह के स्तर पर 10 दौर की बैठक की जा चुकी हैं.

डोकलाम क्षेत्र पर चीनी दावों के कारण बीजिंग और थिम्पू के बीच सीमा वार्ता भारत के लिए चिंता का विषय है.

भूटान अब तक, चीनियों को दूर रखने में सक्षम रहा है और नई दिल्ली और बीजिंग के बीच एक संतुलन बनाए रखा है.

पिछले महीने भारतीय सेना प्रमुख मनोज पांडे ने भूटान का दौरा किया. उन्होंने भूटानी राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

विदेशी मुद्रा फैलता

(संशोधित) भारतीय मुद्रा में रिकॉर्ड गिरावट, रुपया 83.08 के स्तर तक फिसला

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय मुद्रा में गिरावट का दौर गुरुवार को भी नजर आ रहा है। रुपया आज एक बार फिर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय मुद्रा ने बुधवार को पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के विदेशी मुद्रा फैलता स्तर को पार करके 83.01 रुपये का रिकॉर्ड निचला स्तर टच किया था। हालांकि बाद में दो पैसे की रिकवरी के साथ भारतीय मुद्रा ने 82.99 रुपये के स्तर पर बुधवार के कारोबार का अंत किया, लेकिन आज शुरुआती कारोबार में ही भारतीय मुद्रा 9 पैसे की कमजोरी के साथ 83.08 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है।

मुद्रा बाजार के जानकारों का मानना है कि डॉलर इंडेक्स में आई 0.3 प्रतिशत की मजबूती के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर दबाव पहले की तुलना में और बढ़ गया है। इसकी वजह से दूसरी मुद्राओं की तरह ही रुपये की कीमत में भी डॉलर की तुलना में गिरावट आई है। अगर डॉलर इंडेक्स में आने वाले दिनों में गिरावट का रुख नहीं बना तो भारतीय मुद्रा की कीमत गिरकर विदेशी मुद्रा फैलता 83.80 रुपये प्रति डॉलर तक भी जा सकती है। मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन का कहना है कि रुपये में सुधार की संभावना तभी बन सकती है, जब रिजर्व बैंक भारतीय मुद्रा बाजार में अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर का प्रवाह बढ़ा दे।

हालांकि, डॉलर इंडेक्स की मजबूती की वजह से ये उपाय रुपये की कीमत में आ रही गिरावट पर तात्कालिक रोक तो जरूर लगा सकता है, लेकिन जैसे ही रिजर्व बैंक की ओर से डॉलर के प्रवाह को रोका जाएगा, वैसे ही एक बार फिर रुपये की कीमत में तेज गिरावट का सिलसिला बन सकता है। ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक को सिर्फ उसी समय मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करना चाहिए, जब रुपये में अचानक तेज गिरावट आने की आशंका बने।

डॉलर इंडेक्स पिछले 20 सालों के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंचा हुआ है, जिसकी वजह से दुनिया भर की ज्यादातर मुद्राएं डॉलर के मुकाबले गिरकर कारोबार कर रही हैं। डॉलर इंडेक्स की मजबूती की वजह से भारतीय मुद्रा रुपये के अलावा ब्रिटिश पाउंड, जापान के येन और यूरोपियन यूनियन की मुद्रा यूरो समेत ज्यादातर देशों की मुद्रा डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर पर गिरकर कारोबार कर रही हैं।

राहत की बात ये है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट दुनिया की दूसरी प्रमुख मुद्राओं की तुलना में कम है। भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल तत्वों की मजबूती के कारण डॉलर की तुलना में रुपया बार-बार रिकवरी करने की कोशिश भी करता रहा है। ज्यादातर देशों की मुद्रा में डॉलर के मुकाबले लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है।

कुछ दिन पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साफ किया था कि भारतीय मुद्रा रुपये की गिरावट सिर्फ डॉलर के मुकाबले ही बनी हुई है और इसकी वजह रुपये की कमजोरी नहीं, बल्कि डॉलर इंडेक्स की रिकॉर्ड स्तर पर आई मजबूती है। जानकारों का कहना है कि अगर रुपया कमजोर होता तो भारतीय मुद्रा दुनिया भर की दूसरी प्रमुख मुद्राओं की तुलना में भी कमजोर होती, लेकिन फिलहाल रुपया दूसरी प्रमुख मुद्राओं की तुलना में मजबूती बनाए हुए विदेशी मुद्रा फैलता है। इससे साफ है कि रुपये में लगातार मजबूती बनी हुई है लेकिन डॉलर इंडेक्स के रिकॉर्ड उच्च स्तर के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता नजर आ रहा है।

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ASK क्या है? | Meaning of ask in Hindi

पूछना वह मूल्य है जो एक विक्रेता एक सुरक्षा के लिए स्वीकार करने को तैयार है, जिसे अक्सर प्रस्ताव मूल्य के रूप में संदर्भित किया जाता है। कीमत के साथ, पूछी गई बोली भी बताई गई कीमत पर बेची जाने वाली सुरक्षा की राशि को निर्धारित कर सकती है। बोली वह मूल्य है जो एक खरीदार सुरक्षा के लिए भुगतान करने के लिए तैयार है, और पूछ हमेशा बोली से अधिक होगी।

ASK क्या है?
ASK क्या है?

Ask को समझना (Understanding Ask)

शब्द "बोली" और "ASK" का उपयोग दुनिया के लगभग हर वित्तीय बाजार में किया जाता है, जिसमें स्टॉक, बॉन्ड, विदेशी मुद्रा और डेरिवेटिव शामिल हैं।


शेयर बाजार में ask का एक उदाहरण $ 5.24 x 1,000 है, जिसका अर्थ है कि कोई व्यक्ति प्रति शेयर $ 5.24 के लिए 1,000 शेयर बेचने की पेशकश कर रहा है।

प्रमुख बिंदु (Key Points)

  1. एक प्रस्ताव मूल्य Ask मूल्य के लिए एक और शब्द है।
  2. एक बोली मूल्य हमेशा पूछ मूल्य से कम होता है।
  3. बोली मूल्य और पूछ मूल्य के बीच के अंतर को प्रसार कहा जाता है।
  4. विभिन्न बाजारों में अलग-अलग प्रसार परंपराएं हैं, जो लेनदेन की लागत, एक बिंदु के मूल्य और तरलता को दर्शाती हैं।
  5. पूछ हमेशा बोली से अधिक होती है; दो संख्याओं के बीच के अंतर को प्रसार कहा जाता है। एक व्यापक प्रसार से लाभ कमाना कठिन हो जाता है क्योंकि सुरक्षा को हमेशा प्रसार के उच्च अंत में खरीदा जाता है और कम अंत में बेचा जाता है।

स्प्रेड्स असामान्य रूप से अस्थिर व्यापार के साथ तेजी से बढ़ सकते हैं या जब कीमत की दिशा में अनिश्चितता का एक बड़ा सौदा होता है।

शेयर बाजार फैलता है (share market spreads)

2001 में, स्टॉक की कीमतें सोलहवीं में उद्धृत होने से दशमलव तक बदल गईं। यह एक डॉलर के 1/16, या $ .0625 से सबसे छोटा संभव प्रसार लाया, जो एक पैसा था। नाममात्र शब्दों में एक प्रसार की चौड़ाई स्टॉक की कीमत पर भाग में निर्भर करेगी। $ 10 की कीमत पर दो सेंट का प्रसार 0.02% है, जबकि $ 100 की कीमत पर दो सेंट का प्रसार 0.002% है।

विदेशी मुद्रा फैलता है Foreign exchange spreads)

थोक बाजार में फैलता है, जिसमें वित्तीय संस्थान सौदा करते हैं, तंग होते हैं। मुद्रा द्वारा स्प्रेड भिन्न होते हैं क्योंकि एक बिंदु का मूल्य भिन्न होता है। एक विशिष्ट प्रसार जब यूरो बनाम डॉलर का व्यापार 1 और 2 अंक के बीच होता है। इसका मतलब है कि बोली 1.3300 हो सकती है, जो कि 1.3301 की पेशकश के साथ एक यूरो खरीदने के लिए आवश्यक डॉलर की संख्या है। $ 10,000,000 के लेनदेन पर एक एकल बिंदु और 1.3300 की EUR / USD दर $ 751 है। डॉलर में 110 जापानी येन में, $ 10,000,000 लेनदेन पर एक बिंदु का मूल्य $ 909 है।

यूरो / जापानी येन या ब्रिटिश पाउंड जैसे क्रॉस-करेंसी लेनदेन के लिए बोली / पूछें फैलता है आमतौर पर डॉलर के रूप में फैलता है दो से तीन गुना अधिक होता है। यह कम ट्रेडिंग वॉल्यूम और उच्च अस्थिरता दोनों को दर्शाता है।

इलेक्ट्रॉनिक डीलिंग सिस्टम की बढ़ती लोकप्रियता के साथ खुदरा बाजार में फैलाव काफी हद तक बढ़ गया है। ये छोटे व्यापारियों को प्रतिस्पर्धी कीमतों को उन तरीकों से देखने की अनुमति देते हैं जो केवल बड़े वित्तीय संस्थान अतीत में कर सकते थे। इससे कई बार 3 से 10 अंक नीचे फैल गया।

बैंक नोट फैलता है (Banknote spreads)

विदेशी मुद्राओं में बैंकनोट खरीदना और बेचना, थोक या खुदरा विदेशी मुद्रा से अलग बाजार है। स्प्रेड 75 पिप्स या अधिक होने की संभावना है।

ASK क्या है? | Meaning of ask in Hindi

ASK क्या है? | Meaning of ask in Hindi Reviewed by Thakur Lal on जुलाई 17, 2020 Rating: 5

विदेशी मुद्रा फैलता

अगस्त के अंतिम सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर गिरा

नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत का विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त के अंतिम सप्ताह में 3 अरब डॉलर गिर गया।

अगस्त के अंतिम सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर गिरा

नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत का विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त के अंतिम सप्ताह में 3 अरब डॉलर गिर गया।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साप्ताहिक पूरक आंकड़ों के अनुसार, 26 अगस्त को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले सप्ताह 564.053 अरब डॉलर था।

यह लगातार चौथा सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का रुख जारी है।

फरवरी में यूक्रेन-रूस युद्ध छिड़ने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 70 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है।

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