वॉल्यूम रिपोर्ट और लिक्विडिटी

भारत सरकार के सड़क परिवहन-राजमार्ग और MSME मंत्री नितिन गडकरी का Exclusive इंटरव्यू
कोरोना काल की चुनौतियों से कैसे जीतेगा हिन्दुस्तान? MSME सेक्टर में की गयी घोषणाएं देश की अर्थव्यवस्था को कैसे सहारा देंगी? चीन से आयातित माल पर क्या टैक्स बढ़ाए जाएँगे?छोटे व बड़े उद्योगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ? तमाम ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर हिन्दुस्तान के प्रधान सम्पादक शशि शेखर की भारत सरकार के सड़क परिवहन -राजमार्ग और MSME मंत्री नितिन गडकरी से ख़ास बातचीत |
रिपल ने पहली बार एक्सआरपी होल्डिंग्स 50% से नीचे की रिपोर्ट की
सैन फ्रांसिस्को स्थित फिनटेक फर्म रिपल की एक्सआरपी होल्डिंग्स 2022 की दूसरी तिमाही में 50% से नीचे गिर गई हैं। यह रिपल के इतिहास में पहली बार है कि यह प्रचलन में एक्सआरपी सिक्कों के आधे हिस्से का भी मालिक नहीं है।
एक्सचेंज ने व्यापक आरोपों का खंडन करने के लिए इस खोज को प्रस्तुत करने के लिए त्वरित किया है कि यह एक्सआरपी सिक्कों की एकाग्रता को केंद्रीकृत करने की कोशिश कर रहा है।
यह खोज 27 अक्टूबर को प्रकाशित Q3 2022 XRP मार्केट्स रिपोर्ट का एक हिस्सा है।
नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, रिपल के पास वर्तमान में 50 बिलियन से कम एक्सआरपी टोकन हैं और एक्सआरपी लेजर (एक्सआरपीएल) पर 130 से अधिक सत्यापनकर्ता नोड्स में से केवल चार संचालित होते हैं।
Q3 के दौरान इसकी कुल XRP बिक्री $310.68 मिलियन थी, जबकि Q2 के दौरान $408.90 मिलियन की बिक्री हुई थी।
रिपल के सीईओ ब्रैड गारलिंगहाउस ने ट्विटर पर विकास को एक बड़ा मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि एक्सचेंज मूल्य की गति के लिए गति, सुरक्षा और मापनीयता के कारण एक्सआरपी टोकन और एक्सआरपीएल का उपयोग कर रहा है।
रिपल को विकेन्द्रीकृत वित्त के समर्थकों की आलोचना का सामना करना पड़ता है कि यह सत्यापन प्रक्रिया का अधिकतम नियंत्रण लेने के अलावा टोकन जमा करता है।
रिपोर्ट यूरोप में गिरती आर्थिक स्थिति के पीछे मुख्य कारक के रूप में रूस-यूक्रेन युद्ध को रेखांकित करती है। संयुक्त राज्य अमेरिका भी मुद्रास्फीति देख रहा है, एक जुझारू फेडरल रिजर्व के साथ। हालांकि, क्रिप्टो उद्योग ने अन्य परिसंपत्ति वर्गों जैसे वॉल्यूम रिपोर्ट और लिक्विडिटी कि इक्विटी, बॉन्ड और एफएक्स की तुलना में लचीलापन दिखाया है, रिपोर्ट में कहा गया है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि रिपल केवल ऑन-डिमांड लिक्विडिटी (ओडीएल) लेनदेन के संबंध में एक्सआरपी टोकन बेचता है, और ओडीएल वॉल्यूम में वृद्धि हुई है क्योंकि रिपल के ओडीएल वॉल्यूम रिपोर्ट और लिक्विडिटी कारोबार का वैश्विक स्तर पर विस्तार हुआ है।
स्रोत: Q3 2022 XRP मार्केट रिपोर्ट
रिपल द्वितीयक बाजार में एक्सआरपी टोकन खरीद रहा है और ओडीएल को वैश्विक कर्षण हासिल करने के लिए ऐसा करना जारी रखने की उम्मीद है। इसकी कुल बिक्री, कुल खरीद, वैश्विक एक्सआरपी मात्रा के वॉल्यूम रिपोर्ट और लिक्विडिटी 0.42% पर तीसरी तिमाही में समाप्त हुई, जो दूसरी तिमाही में 0.47% थी।
SEC . के खिलाफ रिपल की लड़ाई
रिपल संयुक्त राज्य अमेरिका में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के साथ कानूनी लड़ाई के कारण भी चर्चा में रहा है। पिछले हफ्ते, रिपल के जनरल काउंसल स्टुअर्ट एल्डरोटी ने बताया कि टीम ने आखिरकार विलियम हिनमैन दस्तावेजों के बारे में बहुत चर्चित पाया है, लेकिन एसईसी के आग्रह पर गोपनीय रहना चुना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एसईसी और रिपल नवंबर में जवाबी विवरण दाखिल करेंगे और फिर गतियों पर न्यायाधीश के फैसले का इंतजार करेंगे।
पिछले दो साल से भाग रहे निवेशक, सुधर रहे थे हालात
नई दिल्ली (टीम डिजिटल)। प्रॉपर्टी रिसर्च फर्म नाइट फ्रैंक के मुताबिक, 2015 में देश के 8 बड़े शहरों में न्यू प्रॉजेक्ट लॉन्च और सेल्स वॉल्यूम की संख्या 2010 के बाद सबसे कम रही। पिछले साल जहां सेल्स वॉल्यूम 2014 की तरह रही, वहीं नए लॉन्च में 21 पर्सेंट की गिरावट आई। इसके उलट रेजिडेंशल मार्केट में अफोर्डेबिलिटी पांच साल में सबसे बेहतर हो गई।
पिछले पांच साल में जहां प्रॉपर्टी के दाम में 10 पर्सेंट की गिरावट से लेकर 10 पर्सेंट की तेजी आई है, वहीं इस दौरान लोगों की इनकम ग्रोथ 10 से 12 पर्सेंट सालाना रही है। रियल एस्टेट सेक्टर में शुरुआती रिकवरी के संकेत भी दिख रहे हैं। सितम्बर क्वॉर्टर में देश के 8 बड़े शहरों में सेल्स में सालाना 15 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है।
यह पिछले पांच साल में होम सेल्स के लिहाज से सबसे अच्छी तिमाही रही है। लियासेज ऐंड फोरास के मुताबिक, सितम्बर क्वॉर्टर में होम सेल्स 39 पर्सेंट बढ़ी, जबकि एनसीआर में ग्रोथ 11 पर्सेंट की रही। यह हाउसिंग सेक्टर में हेल्दी रिवाइवल की शुरुआत का संकेत हो सकता है। उनके मुताबिक फिलहाल रियल एस्टेट सेक्टर टूट गया वॉल्यूम रिपोर्ट और लिक्विडिटी है, लेकिन कुछ समय तक, इस पर अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगा।
एक नजर
- ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन में क्रेडाई के तहत 23 बिल्डरों के प्रोजेक्ट जो अपलांच हुए थे वे फिलहाल बंद हो गए है।
- 72 ऐसे प्रोजेक्ट जो नोएडा और ग्रेनों में थे उनके थर्ड पार्टी स्कीम भी बंद हो जाएगी जिसके चलते ऐसे प्रोजेक्ट पर भी लगेगा ताला
- गत तीन सालों में ओमेक्स, डीएलएफ, यूनीटेक, प्राइमा, ग्रीन सिटी, गुलमोहर पैसे की मंदी के चलते पहले वॉल्यूम रिपोर्ट और लिक्विडिटी वॉल्यूम रिपोर्ट और लिक्विडिटी से ही प्रोजेक्ट कर चुके हैं बंद
- सुपर टेक, आम्रपाली, स्काइटेक, पंचशील, पुष्पाजंली, प्राइमा, आर्य वॉल्यूम रिपोर्ट और लिक्विडिटी ग्रुप सहित 54 बिल्डरों के खिलाफ फ्लैट समय न देने पर एफआईआर भी दर्ज की गई है
तीन सालों में रियल स्टेट सेक्टर ब्लैक मनी हो गई थी कम
इस संबंध में सेवियर ग्रुप के सीएमडी संजीव रस्तोगी ने कहा कि मार्केट की हालत ठीक नहीं है, लेकिन जल्द ही ठीक होगी। उनके मुताबिक मौजूदा हालात में प्रॉपर्टी जिसे तेजी से गिरी है और सरकार ने सर्किल रेट बढ़ाए है उससे मौजूदा प्रॉपर्टी के रेट सर्किल रेट से वॉल्यूम रिपोर्ट और लिक्विडिटी ही कम है। इसके चलते गत तीन सालों में निवेशक सहित ब्लैक मनी कम कम हो गई थी।
हां 2010 से पहले इस सेक्टर में 70 फीसदी ब्लैक का कारोबार होता था, लेकिन केन्द्र सरकार और राज्यों सरकारों ने सर्किल रेट इस तेजी से बढ़ाए और मार्किट में लिक्विडिटी कम हो गई थी जिसके चलते पांच सालों में रियल एस्टेट मंदी पर आ चुका था, इसलिए पांच सालों में ब्लैक मनी महज 20 से 30 फीसदी ही रह गई थी।
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पिछले दो साल से भाग रहे निवेशक, सुधर रहे थे हालात
नई दिल्ली (टीम डिजिटल)। प्रॉपर्टी रिसर्च फर्म नाइट फ्रैंक के मुताबिक, 2015 में देश के 8 बड़े शहरों में न्यू प्रॉजेक्ट लॉन्च और सेल्स वॉल्यूम की संख्या 2010 के बाद सबसे कम रही। पिछले साल जहां सेल्स वॉल्यूम 2014 की तरह रही, वहीं नए लॉन्च में 21 पर्सेंट की गिरावट आई। इसके उलट रेजिडेंशल मार्केट में अफोर्डेबिलिटी पांच साल में सबसे बेहतर हो गई।
पिछले पांच साल में जहां प्रॉपर्टी के दाम में 10 पर्सेंट की गिरावट से लेकर 10 पर्सेंट की तेजी आई है, वहीं इस दौरान लोगों की इनकम ग्रोथ 10 से 12 पर्सेंट सालाना रही है। रियल एस्टेट सेक्टर में शुरुआती रिकवरी के संकेत भी दिख रहे हैं। सितम्बर क्वॉर्टर में देश के 8 बड़े शहरों में सेल्स में सालाना 15 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है।
यह पिछले पांच साल में होम सेल्स के लिहाज से सबसे अच्छी तिमाही रही है। लियासेज ऐंड फोरास के मुताबिक, सितम्बर क्वॉर्टर में होम सेल्स 39 पर्सेंट बढ़ी, जबकि एनसीआर में ग्रोथ 11 पर्सेंट की रही। यह हाउसिंग सेक्टर में हेल्दी रिवाइवल की शुरुआत का संकेत हो सकता है। उनके मुताबिक फिलहाल रियल एस्टेट सेक्टर टूट गया है, लेकिन कुछ समय तक, इस पर अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगा।
एक नजर
- ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन में क्रेडाई के तहत 23 बिल्डरों के प्रोजेक्ट जो अपलांच हुए थे वे फिलहाल बंद हो गए है।
- 72 ऐसे प्रोजेक्ट जो नोएडा और ग्रेनों में थे उनके थर्ड पार्टी स्कीम भी बंद हो जाएगी जिसके चलते ऐसे प्रोजेक्ट पर भी लगेगा ताला
- गत तीन सालों में ओमेक्स, डीएलएफ, यूनीटेक, प्राइमा, ग्रीन सिटी, गुलमोहर पैसे की मंदी के चलते पहले से ही प्रोजेक्ट कर चुके हैं बंद
- सुपर टेक, आम्रपाली, स्काइटेक, पंचशील, पुष्पाजंली, प्राइमा, आर्य ग्रुप सहित 54 बिल्डरों के खिलाफ फ्लैट समय न देने पर एफआईआर भी दर्ज की गई है
तीन सालों में रियल स्टेट सेक्टर ब्लैक मनी हो गई थी कम
इस संबंध में सेवियर ग्रुप के सीएमडी संजीव रस्तोगी ने कहा कि मार्केट की हालत ठीक नहीं है, लेकिन जल्द ही ठीक होगी। उनके मुताबिक मौजूदा हालात में प्रॉपर्टी जिसे तेजी से गिरी है और सरकार ने सर्किल रेट बढ़ाए है उससे मौजूदा प्रॉपर्टी के रेट सर्किल रेट से ही कम है। इसके चलते गत तीन सालों में निवेशक सहित ब्लैक मनी कम कम हो गई थी।
हां 2010 से पहले इस सेक्टर में 70 फीसदी ब्लैक का कारोबार होता था, लेकिन केन्द्र सरकार और राज्यों सरकारों ने सर्किल रेट इस तेजी से बढ़ाए और मार्किट में लिक्विडिटी कम हो गई थी जिसके चलते पांच सालों में रियल एस्टेट मंदी पर आ चुका था, इसलिए पांच सालों में ब्लैक मनी महज 20 से 30 फीसदी ही रह गई थी।
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