क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर?

हंगरी और स्लोवाकिया में तेल पाइपलाइन ऑपरेटरों के अनुसार, द्रुजबा पाइपलाइन के एक हिस्से के माध्यम से पूर्वी और मध्य यूरोप के कुछ हिस्सों को मंगलवार को तकनीकी कारणों से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। हालाँकि, हंगरी के विदेश मंत्री पीटर स्ज़िजार्टो ने बुधवार को पुष्टि की कि रूस से द्रुज़बा तेल पाइपलाइन के माध्यम से प्रवाह फिर से शुरू हो गया है।
क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर?
दिल्ली. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 2 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2020 के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार निचले स्तर पर है. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया था. पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होती देखी जा रही है.
देश के मुद्राभंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? है कि रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. तब से अब तक रुपये में गिरावट की वजह से रिजर्व बैंक घरेलू करंसी के मूल्य को गिरावट से बचाने के लिए 100 अरब डॉलर से ज्यादा लगा चुका है.
रिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया: डॉलर के मुकाबले रुपया 51 पैसे कमजोर होकर 80.47 पर पहुंचा, अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर बढ़ाने का असर
भारतीय रुपए में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। आज, यानी 22 सितंबर के शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 51 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 80.47 रुपए पर खुला है। इससे पहले बुधवार, यानी 21 सितंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे गिरकर 80 के स्तर पर बंद हुआ था।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर बढ़ाने का असर
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने बुधवार को लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में 0.75% की बढ़ोतरी की। ब्याज दरें क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? बढ़ाकर 3-3.25% की गई हैं। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए लगातार तीसरी बार ब्याज दरें बढ़ी हैं।
भू-राजनीतिक डर पर विराम के बाद तेल की बिक्री फिर से शुरू
कमोडिटीज 17 नवंबर 2022 ,00:11
© Reuters.
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
बरनी कृष्णन द्वारा
Investing.com - अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में एक बड़ी गिरावट भी इन दिनों तेल में तेजी का आश्वासन नहीं दे सकती है।
वैश्विक आपूर्ति डराने के कारण बुधवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट फिर से शुरू हो गई, जिससे पिछले सत्र में बाजार में तेजी आई थी।
अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन, या ईआईए द्वारा जारी साप्ताहिक इन्वेंट्री डेटा के लिए व्यापारियों की अवहेलना भी कुछ आश्चर्यजनक थी।
लगातार आठवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में आयी गिरावट, 537.518 अरब डॉलर बच गया कोष
LagatarDesk : क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आठवें सप्ताह गिरावट देखने को मिली है. 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश का कोष 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया. इससे पहले 16 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 5.22 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. यह पिछले 2 सालों का सबसे निचला स्तर था. वहीं 9 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में भंडार 2.23 अरब डॉलर कम होकर 550.87 अरब डॉलर हो गया था. इस तरह सितंबर माह में भारत का कोष 15.884 अरब डॉलर कम हो गया. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी करके इसकी जानकारी दी है.
अगस्त माह में 11.932 अरब डॉलर कम हुआ कोष
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 26 अगस्त को हुए सप्ताह में भारत का कोष 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया था. इससे पहले 19 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया था. जबकि 12 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर पर आ गया था. वहीं 5 अगस्त को सप्ताह हुए सप्ताह में भारत का कोष 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर रह गया. इस तरह अगस्त महीने में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 11.932 अरब डॉलर की गिरावट आयी. वहीं इससे पहले जुलाई माह में यह 21.6938 अरब घटा था.
विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. अगर एफसीए बढ़ती है तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़त देखने को मिलती है. वहीं अगर एफसीए घटती है तो देश के भंडार में भी कमी आती है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है. रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया. वहीं इससे पहले 16 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट्स 4.7 अरब डॉलर घटकर 484.90 अरब डॉलर रह गया था.
आलोच्य सप्ताह में 37.886 अरब डॉलर पर आ गया गोल्ड रिजर्व
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में भारत का स्वर्ण भंडार में भी कमी आयी है. 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 30 करोड़ डॉलर घटकर 37.886 अरब डॉलर पर आ गया है. इससे पहले गोल्ड रिजर्व 45.8 करोड़ डॉलर कम होकर 38.186 अरब क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? डॉलर रह गया था. इसी तरह आलोच्य सप्ताह में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 93 करोड़ डॉलर घटकर 17.594 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं रिपोर्टिंग वीक में आईएमएफ के पास रखा देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 54 करोड़ डॉलर गिरकर 4.826 अरब डॉलर हो गया.
आरबीआई के अनुसार, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को थामने के लिए वो लगातार डॉलर बेच रहा है. जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आयी है. हालांकि आरबीआई का यह उपाय कारगर साबित नहीं हो रहा है. डॉलर को बेचने के बावजूद भारतीय करेंसी लगातार गिर रही है. बताते चलें कि सितंबर 2021 यानी एक साल पहले देश का विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर था. जो एक साल बाद यानी सितंबर 2022 में 545.652 अरब डॉलर रह गया. इस तरह एक साल में भारत का कोष 100 अरब डॉलर कम हुआ है.
रुपया गिरने से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 5 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट, ऐसे विश्वगुरु बनेगा भारत?क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर?
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आ रही है. अगस्त क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? में भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? मिली थी. अब सातवें सप्ताह गिरकर 16 सितंबर को ये 545.652 बिलियन डॉलर तक गिर गया है.
भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 5.219 अरब अमेरिकी डॉलर की घटोतरी हुई है. 2 अक्टूबर, 2020 के बाद से ये इसका सबसे निचला स्तर है. पिछले सप्ताह के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 550.871 अरब डॉलर था.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रुपये की कीमत ने रिजर्व बैंक की टेंशन थोड़ी बढ़ा दी है. लिहाजा क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? आरबीआई रुपये की कीमत को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहा है.