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Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख
बजट में ही सरकार ने डिजिटल एसेट्स जिसमें क्रिप्टो करंसी और एनएफटी शामिल है से होने वाली आय पर ऊंचा टैक्स लगाया है. इसके साथ हर लेनदेन पर टीडीएस का भी प्रावधान है. बजट के बाद इस फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि टैक्स क्रिप्टो पर नहीं बल्कि डिजिटल एसेट्स की वैघ मुद्राओं में खरीद बिक्री पर लगाया जा रहा है. वहीं टीडीएस इसलिये लगाया जा रहा है जिसे क्रिप्टों में लेन देन को रिकॉर्ड में लाया जा सके.

Cryptocurrency News: सिर्फ गिरावट ही नहीं गलत सूचनाएं भी पहुंचा रही हैं नुकसान, क्रिप्टोकरंसी के बारे में आप भी हो जाएं सतर्क

By: ABP Live | Updated at : 29 May 2022 07:56 AM (IST)

Cryptocurrency news update: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) भले ही लीगल टेंडर नहीं है, लेकिन फिर भी देश में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकार के सख्त रुख के बावजूद पिछले दिनों आई रिपोर्ट की मानें तो पहली बार क्रिप्टो में पैसा लगाने वाले निवेशकों के मामले में भारत अव्वल रहा.

दरअसल, क्रिप्टो बाजार (Crypto Market) बेहद उतार-चढ़ाव वाला मार्केट है और इसमें कब निवेशक आसमान पर पहुंच जाए और कब एक झटके में गिरकर जमीन पर आ गिरे, कहा नहीं जा सकता. पिछले दिनों टेरा लूना का हश्र इसका हालिया उदाहरण है. ऐसे में निवेशकों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है.

Cryptocurrency को भारत में बढ़ावा देने की योजना नहीं, जानें डिजिटल मुद्रा पर क्या है Government का Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख रुख

नई दिल्ली। दुनिया भर में जहां क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वहीं कुछ देशों में इसको लेकर अभी माहौल गर्माया हुआ है। भारत भी इन देशों में शामिल है। क्रिप्टो के अनियमित बाजार में निवेशकों की सुरक्षा और डिजिटल करेंसी के विनियमन के मद्देनजर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने दिया जवाब
भारत में क्रिप्टो करेंसी विनियमन बिल की बहुप्रतीक्षित शुरुआत से पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि भारत में क्रिप्टो क्षेत्र को बढ़ावा देने की उसकी कोई योजना नहीं है। यह बयान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा, Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख इस बीच यह बात साफ है कि भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।

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क्रिप्टो Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख का डाटा एकत्र नहीं करती सरकार
क्रिप्टोकरेंसी कितनी भरोसेमंद है और क्या सरकार के लिए बाजार को विनियमित करना संभव है, इस प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियमित हैं। सरकार इस क्षेत्र पर डाटा एकत्र नहीं करती है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के विनियमन पर एक विधेयक को लोकसभा बुलेटिन- भाग II में पेश करने के लिए शामिल किया गया है, जो कि सत्रहवीं लोकसभा, 2021 के सातवें सत्र के दौरान उठाए जाने की उम्मीद है।

सावधानी से मूल्यांकन करना जरूरी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अनियमित होने के साथ ही जोखिम भरा भी है। सरकार के लिए सबसे अहम निवेशकों की सुरक्षा है और इसी को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र से जुड़े बहुत से जोखिम हैं जिनका संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।

Cryptocurrency को लेकर केंद्र सरकार लाने जा रही है कानून, जानें दूसरे देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या हैं नियम?

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नई दिल्ली। केद्र सरकार शीतकालीन सत्र में क्रप्टोकरेंसी को लेकर बिल पेश करने वाली है। माना जा रहा है कि इस बिल में प्राइवेट क्रप्टोकरेंसी को बैन किया जा सकता है। या फिर उन्हें रेगुलेट करने के लिए सख्त नियम बनाए जा सकते हैं। क्रिप्टो बैन की खबर के बाद निवेशकों ने भी अपने पांव पीछे खींचे हैं। जब क्रिप्टो के नियमन की बात हो रही है तो एक बार देख लेते हैं कि दुनियाभर के बड़े देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या स्टैंड है?

1. अमेरिका

सबसे पहले बात करते हैं अमेरिका की। US में ओवरऑल क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सकारात्मक रूख है। हालांकि, भारत की तरह ही वहां भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच समानांतर नियम चलते हैं, जिससे कि अलग-अलग राज्यों का रुख एक दूसरे और देश की सरकार से अलग हो सकता है। लेकिन क्रिप्टो पर जब तक वहां के फाइनेंशियल सिस्टम पर बुरा असर नहीं पड़ता, तबतक तो माहौल समर्थन वाला ही है। यहां अलग-अलग बिजनेस के अवसरों को जगह मिलती है, ऐसे में क्रिप्टो पर बैन की बात अभी यहां मुश्किल ही है।

क्रिप्टोकरंसी को लेकर SC ने केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण, कहा सरकार बताये कारोबार वैध है या नहीं

क्रिप्टोकरंसी को लेकर SC ने केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण, कहा सरकार बताये कारोबार वैध है या नहीं

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Feb 25, 2022 | 10:41 PM

उच्चतम न्यायालय (SC) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से इस बारे में अपना रुख साफ करने को कहा कि बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) का कारोबार करना भारत में वैध है या नहीं. न्यायमूर्ति डी वाई Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने बिटकॉइन में कारोबार से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार एक हलफनामा देकर यह बताए कि बिटकॉइन (Bitcoin) या किसी भी अन्य क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार भारत में वैध है या नहीं. इसके अलावा बिटक्वाइन कारोबार से जुड़े नियमों के बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है. इस पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वह क्रिप्टोकरेंसी कारोबार की वैधता पर एक हलफनामा दायर करेंगी.

बिटक्वाइन से जुड़े मामले में मांगी सफाई

यह मामला अजय भारद्वाज और कुछ अन्य पर निवेशकों को ज्यादा रिटर्न का लालच देकर बिटकॉइन में कारोबार में संलिप्त करने से जुड़ा हुआ है. आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को निरस्त करने का आग्रह किया हुआ है. सरकार की तरफ से पेश हुईं ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि देश भर में आरोपी के खिलाफ 47 प्राथमिकी दर्ज हैं लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. इनमें 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के 87,000 बिटकॉइन के कारोबार के आरोप लगे हैं. इस पर पीठ ने याची को प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसे दो दिनों के भीतर जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा. इस बारे में चार हफ्ते बाद स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा. हालांकि न्यायालय ने आरोपी भारद्वाज को हिरासत में लेने पर लगाई गई रोक अगली सुनवाई तक बरकरार रखी है.

हाल ही में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने कहा था कि देश में चल रही निजी क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं है और भविष्य में इसकी वैधानिक स्थिति के बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता. कराड ने इस मामले पर संवाददाताओं से पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि भारत में (निजी) क्रिप्टोकरेंसी को रिजर्व बैंक या सरकार की ओर से कोई मान्यता नहीं दी गई है. क्रिप्टोकरेंसी देश में फिलहाल वैध नहीं है. उन्होने कहा कि वह अभी नहीं बता सकते कि भविष्य में निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैध किया जाएगा या नहीं? उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सरकार के शीर्ष स्तर पर चर्चा होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा कराड ने कहा,‘‘ऐसी खबरें हैं कि कुछ लोगों ने (निजी) क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. लिहाजा क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से अर्जित लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव हाल ही में पेश आम बजट में किया गया है’’

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बीते संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी के लिए विधेयक लाने की तैयारी में थी लेकिन इसे पेश नहीं किया जा सका। अब भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा है कि संभवत: आरबीआई के क्रिप्टो करेंसी को लेकर रुख से सरकार कानून लाने में देरी कर रही है।

पात्रा ने कहा, ‘‘आरबीआई का क्रिप्टो को लेकर विचार जगजाहिर है। मुझे लगता है कि इसी विचार की वजह से इसको लेकर विधेयक लाने में विलंब हुआ है। हम इस पर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे और सभी पहलुओं को देखेंगे।’’

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