शेयर बाज़ार के प्रकार

डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

डीमैट अकाउंट क्या होता है ? what is demat account in hindi mrvalu पर आसान शब्दों में

आप सबको पता होगा कि शेयर मार्केट में निवेश की शुरुआत करने का सबसे पहला स्टेप होता है डिमैट अकाउंट खोलना पर Demat account kya hota hai ? what is demat account ये कैसे काम करता है? इसके बारेमे आपको कोई नही बताएगा। इंटरनेट पर तो कई सारे आर्टिकल मिल जायेंगे लेकिन सब आर्टिकल में पूरी जानकारी नहीं दी हुई है और ऐसे शब्दों का उपयोग किया हुआ है जो आपको समझ ही नही आयेंगे। इसीलिए आपको mrvalu पर Demat account kya hota hai ? what is demat account in hindi आर्टिकल आसान शब्दों में बताया है तो आप mrvalu के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ना।

Demat account kya hota hai? what is demat account in hindi

हम थोड़े पास्ट में चलते है और समझते है की डीमैट अकाउंट की शुरुआत कैसे हुई थी।

लगभग डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? सन 1999 के पहले ऑनलाइन कोई प्रोसेस नही होती थी तब हमे ट्रेडिंग करने के लिए या किसी कंपनी का शेयर खरीदने के लिए स्टॉक एक्सचेंज पर जाना पड़ता था। उस समय में हम किसी शेयर को खरीदते तो हमे स्टॉक एक्सचेंज के और से कागज के रूप में शेयर को दिया जाता था। स्टॉक एक्सचेंज क्या हैं और शेयर की शुरूआत कैसे हुई इसके बारे में ज्यादा जानना चाहते है तो आप " share डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? market kya hai in hindi आसान शब्दों में " इस ब्लू लिंक को क्लिक करके शेयर के बारे में ज्यादा जानकारी ले सकते हो।

जब कंप्यूटर और इंटरनेट का जमाना आया तब आविष्कार हुआ Dmate account का और डीमैट अकाउंट के आनें से कई प्रोब्लम का सॉल्युसन हो गया जैसे की हमे अब स्टॉक एक्सचेंज पर जाना नही पड़ता है, लिक्विडिटी ज्यादा हो गई है, नई कंपनी IPO के जरिए अच्छा फंड जुटान लगी, बहुत सारे लोगों को स्टॉक मार्केट के बारे में सीखने और कमाने का अवसर मिला ऐसे बहुत सारे फायदे हमे डिमैट अकाउंट से हुए है और सबसे बड़ा फायदा ये हुआ की हमे कोई कागज के रूप में शेयर रखने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब हमारे डीमैट अकाउंट में डिजीटल रूप में शेयर रहता है।

डीमैट अकाउंट का पूरा नाम है "Dematerialize Account" यानी की कोई मैटेरियल(कागज आदि) के उपयोग किए बिना इंटरनेट की मदद डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? से डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? ऑनलाइन अकाउंट ओपन किया जाता है। जैसे ही हम ओनलाइन Paytm, Google pay आदि में अकाउंट ओपन करते है वैसे ही डीमेट अकाउंट ओपन किया जाता है और जैसे हमे Paytm में पैसे दिखते है वैसे ही हमें डीमैट अकाउंट में कितने और कौनसी कंपनी के शेयर लिए है और कितने पैसे हमारे डीमेट अकाउंट में है ये सब दिखता है।

Demat account और tradimg account का उपयोग क्या है in hindi

डीमैट अकाउंट का उपयोग होता है आप जिस कंपनी के शेयर को खरीदते है उस शेयर को डीमैट अकाउंट में स्टोर करना और ट्रेडिंग अकाउंट का काम होता है कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए पैसे को स्टोर करना। डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनो एक साथ ही जुड़ेहुए होते है मतलब आप सिर्फ डीमेट अकाउंट को नही खोल सकते हो और ना ही आप खाली ट्रेडिंग अकाउंट को खोल सकते हो।

Demat account काम कैसे करता है in hindi

डीमैट & ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करता हैं? हमने नीचे एक इमेज और उसके नीचे नंबर अनुसार बताया है जिससे आपको पूरा समझ समझ आ जायेगा।

उपर इमेज में बताया है stock buy करने के लिए बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने पड़ते है और वो पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में स्टोर रहते है।

जब कोई ट्रेडर शेयर को buy करेगा तब स्टॉक एक्सचेंज उस buyer के लिए seller सर्च करेगा। उसके बाद स्टॉक एक्सचेंज buyer के ट्रेडिंग अकाउंट से seller के ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे को डिपॉजिट करेगा जिसमे 2 दिन का समय लगता है।

जब seller के ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे डिपोजिट हो जायेंगे तब seller के डीमैट अकाउंट से शेयर buyer के डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे।

शेयर buyer के डीमैट अकाउंट में शेयर ट्रांसफर होने के लिए T+2 दिन का टाइम लगता है क्योंकि buyer के ट्रेडिंग अकाउंट से seller के ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर होने का प्रोसेस को पूरा होने के लिए T+2 दिन का समय लगता है

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनो ज्वाइंट ही होते है इसीलिए हम लोग ज्यादातर डीमैट अकाउंट शब्द का उपगोग करते है मतलब है "डीमैट अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हो जायेंगे" ऐसे ही बोलते है इसीलिए आगे आपको ऐसा लिखा हुआ मिले तब कन्फ्यूज नही होना है।

T+2 settlement meaning in hindi शेयर मार्केट में T+2 दिन का settlement टाइम क्यों लगता है?

जब बायर किसी शेयर को खरीदते है तब बायर के ट्रेडिंग अकाउंट में से पैसे बायर के ब्रोकर के अकाउंट में जाते है उसके बाद बायर के ब्रोकर को NSE के द्वारा इनफॉर्म किया जाता है डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? की उसे किस सेलर के ब्रोकर के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने है और उसके बाद बायर का ब्रोकर सेलर के ब्रोकर के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करता है और सेलर का ब्रोकर बायर के अकाउंट में शेयर ट्रांसफर करता है इन प्रोसेस को 2 दिन लगते है इसीलिए जब बायर किसी शेयर को खरीदता है तब उसके अकाउंट में शेयर को आने के लिए T+2 दिन का टाइम लगता है।

T+2 में T का मतलब Trade यानी जिस दिन Trade किया उसके 2 दिन के बाद बायर के डीमैट अकाउंट में शेयर आयेगा और अगर शेयर को सेल किया है तब Trade करने के 2 दिन के बाद डीमैट अकाउंट में पैसे आयेंगे।

जब जब शेयर खरीद कर उस दिन ही बेचते है उसे intraday ट्रेडिंग कहते है intraday ट्रेडिंग में हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे आने के लिए T+2 दिन का समय नही लगता है और अगर हम F&O करते है तब उसमे भी T+2 दिन का समय नही लगता है क्योंकि इसमें मेने ऊपर बताई हुई प्रोसेस नही होती है।

F&O (Future and Option) का क्या मतलब होता है

किसी भी ब्रोकर से हम अपना Demat account कैसे खोलें in hindi

जैसे की हमने आपको बताया डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ज्वाइंट होते है इसीलिए आज कल ट्रेडिंग अकाउंट शब्द का उपयोग बहुत कम हो गया है अगर हम डीमेट अकाउंट को खोलते है तब उसके साथ ही हमारा ट्रेडिंग अकाउंट खुल जायेगा। ट्रेडिंग करने के लिए हमे trading terminal की जरूरत होती है जो हमारा ब्रोकर हमे प्रोवाइड करता है।

आप अपने हिसाब से किसी भी ब्रोकर के पास अपना डीमेट अकाउंट को खोल सकते है zerodha, Angel broking, upstock जैसे बहुत सारे ब्रोकर है आपको जो भी ब्रोकर अच्छा लगे उसके के पास अपना अकाउंट खोल सकते है। में कोटक सिक्योरिटी का उपयोग करता हु जो बहुत अच्छा ब्रोकर है और मुझे पसंद भी है और उसकी सर्विस भी अच्छी है आप अगर कोटक सिक्योरिटी में अपना अकाउंट ओपन करना चाहते ही तो उसकी लिंक मेने नीचे दी है।

Stock Market : केवाईसी में गलत पता दिया तो बंद हो जाएगा डीमैट अकाउंट, सेबी ने जारी किए नए नियम

सेबी ने डीमैट अकाउंट की केवाईसी को लेकर नए नियम जारी किए.

सेबी ने डीमैट अकाउंट की केवाईसी को लेकर नए नियम जारी किए.

सेबी ने केवाईसी को लेकर नए नियम जारी किए हैं. इसके तहत संबंधित इकाई को डीमैट अकाउंट के लिए जमा केवाईसी में सही पता देना . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 30, 2022, 09:42 IST

हाइलाइट्स

सेबी ने डीमैट अकाउंट की केवाईसी के लिए नए नियम जारी किए.
अब पता गलत होने पर निर्धारित समय के बाद अकाउंट बंद कर दिया जाएगा.
नए नियम 31 अगस्त से प्रभाव में आएंगे.

नई दिल्ली. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपर्याप्त केवाईसी के मामले में निवेशकों के ट्रेडिंग एवं डीमैट खातों को अपने आप निष्क्रिय करने के लिए शुक्रवार को नए नियम जारी किए. ये नियम 31 अगस्त से लागू हो जाएंगे. सेबी ने कहा है कि पता किसी भी केवाईसी का एक महत्वपूर्ण भाग है और इसे एकदम सही होना चाहिए.

केवाईसी के तहत पते को समय-समय पर बिचौलिए के माध्यम से अपडेट किया जाना चाहिए. लेकिन सेबी ने पाया है कि ऐसा नहीं हो रहा है. दरअसल, सेबी जब किसी कार्यवाही को लेकर डीमैट खाताधारकों को नोटिस भेजता है तो वे संबंधित खाताधारक तक पहुंचते ही नहीं है. अब नए नियमों के तहत मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (एमआईआई) जैसे शेयर मार्केट, को संबंधित खाताधारक को कारण बताओ नोटिस या नियामक द्वारा जारी आदेश खुद पहुंचाना होगा.

30 दिन में जमा करनी होगी रशीद
एमआईआई को 30 दिन के अंदर इस बात का सबूत सेबी के पास जमा करना होगा कि नोटिस संबंधित इकाई ने रिसीव कर लिया है. 30 में से पहला दिन उसे माना जाएगा जिस दिन एमआईआई को सेबी को ओर से नोटिस सर्व करने का निर्देश मिलेगा. जिस व्यक्ति को नोटिस मिलना है अगर एमआईआई ने उससे 30 दिन के अंदर कोई नोटिस प्राप्ति रशीद हासिल नहीं की तो उसके बाद 5 दिन के अंदर उस शख्स के सभी डीमैट अकाउंट बंद कर दिए जाएंगे. गौरतलब है कि प्राप्ति रशीद पर प्राप्तकर्ता के या उसके द्वारा अधिकृत किसी शख्स के हस्ताक्षर होने चाहिए.

संबंधित इकाई/शख्स को दी जाए पूरी जानकारी
सेबी ने कहा है कि एमआईआई को उसके और संबंधित इकाई/शख्स के बिचौलिए तक इस बात की जानकारी पहुंचानी होगी कि उनका डीमैट अकाउंट बंद किया जा रहा है. साथ उन्हें इसका कारण भी बताना होगा. बंद किए जाने के बाद संबंधित इकाई बिचौलिए की मदद से दोबारा अकाउंट ओपन करने के लिए आवेदन कर सकती है. इस बार उन्हें पते की सही जानकारी देनी होगी.

5 दिन से अधिक का समय न लें
सेबी ने कहा है कि अगर अकाउंट ओपन करने की अर्जी सभी दस्तावेजों के साथ एमआईआई के पास आती है तो उसे 5 दिन के अंदर अकाउंट को रीओपन करना होगा. सेबी के अनुसार, उपरोक्त सभी बातें जॉइंट डीमैट अकाउंट पर भी लागू होती हैं.

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Trading Account Kya Hota Hai – जानिए Trading Account Meaning In Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट का मतलब या Trading Account Meaning In Hindi एक ऐसे खाते से है, जिसके माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने का ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज पर भेजा जाता है। जब हम Share Market में ट्रेडिंग करते है तो ट्रेडिंग के दौरान पैसे निकालने और जमा करने का काम बैंक अकाउंट के जरिए होता है। जब हम शेयर बेचते है तो बेचते वक्त शेयर हमारे DEMAT Account से ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते है। Mutual Funds में निवेश के लिए भी ट्रेडिंग आकउंट होना जरुरी होता है।

यदि आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है तो इसके लिए आपको Trading Account Kya Hota Hai (What is Trading Account in Hindi) और DEMAT And Trading Account Meaning In Hindi क्या होती है? यह पूरी जानकारी होना चाहिए। इस लेख में हम Trading Account In Hindi जानकारी पूर्ण विस्तार से देने जा रहे है जो आपके लिए जरूर उपयोगी साबित होगी बस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

Table of Contents

Trading Account Kya Hai

Trading Account को हिंदी में व्यापार खाता या व्यापारिक खाता कहते है। एक तय समय के अंतर्गत व्यापार से होने वाले लाभ या हानि की जानकारी प्राप्त करने के लिए व्यापारी जो खाता तैयार करता है, उसे Trading Account कहते है। ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर मार्केट में शेयर खरीदने के लिए पैसों के लेन-देन तथा शेयर खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक ब्रोकर को आर्डर देने के लिए किया जाता है।

यह खाता हमारे DEMAT अकाउंट के साथ लिंक कर दिया जाता है, और जब ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से हम शेयर खरीदने का आर्डर शेयर मार्केट को देते है, और हमारा आर्डर कम्पलीट हो जाता है तो ख़रीदे गए शेयर हमारे DEMAT अकाउंट में जमा हो जाते है। एवं जितने मूल्य के शेयर हम खरीदते है उस मूल्य के साथ और टैक्स तथा ब्रोकरेज चार्ज के साथ हमारे Trading Account से पैसे कट जाते है।

इसी तरह जब हम शेयर बेचते है तो बेचे गए शेयर को DEMAT Account से कम कर दिए जाते है, और बेचे गए शेयर का अमाउंट हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ब्रोकरेज तथा टैक्स काटने के बाद जमा हो जाता है। हम सीधे शेयर मार्केट से कोई भी शेयर या अंश खरीदने और बेचने का आर्डर नहीं दे सकते है, हमारा स्टॉक ब्रोकर हमारे शेयर खरीदने और बेचने के आर्डर को शेयर मार्केट तक पहुँचाता है।

इसलिए स्टॉक ब्रोकर हमारे सभी ख़रीदे और बेचे गए ऑर्डर्स को शेयर मार्केट तक पहुँचाने के लिए एक अकाउंट खोलता है, जो Trading Account कहलाता है।

अगर आप भी शेयर मार्केट में Trading करना चाहते है तो आपके मन में ये सवाल जरुर आ रहा होगा कि Trading Account Kaise Khole तो हम आपको बता देते है कि किस प्रकार आप Trading Account Khole Sakte Hai.

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते हैं

Trading Account खोलने या बनने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरुरी है, जब आप DEMAT Account खुलवाते है तो वही से आप अपना ट्रेडिंग अकाउंट भी खुलवा सकते है। ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट को आपके डीमैट अकाउंट से लिंक कर देता है।

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आप किसी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) जो NSDL या CDSL के ब्रोकर या सब-ब्रोकर होते है उनसे संपर्क कर सकते है। आज कई बैंक और संस्थान डीपी के रूप में कार्य कर रहे है।

इन बैंकों के अलावा देशभर में कई निज़ी वित्तीय संस्थान है जो डीपी के रूप में कार्य कर रहे है, जिनसे आप Trading Account खुलवाने के लिए संपर्क कर सकते है और अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते है।

Trading Account Kholne Ke Liye Documents

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको आगे बताये गए इन आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  1. अकाउंट ओपनिंग फॉर्म
  2. फोटो आईडी प्रमाण: पैन कार्ड/ वोटर आईडी/ पासपोर्ट/ ड्राइविंग लाइसेंस/ आधार कार्ड।
  3. एड्रेस प्रूफ़: टेलीफोन या बिजली बिल/ राशन कार्ड/ पासपोर्ट/ वोटर आईडी/ ड्राइविंग लाइसेंस।
  4. बैंक खाता संख्या
  5. पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो

Trading Account Ke Fayde

Shares को Trading Account में रखना बहुत ही फायदेमंद होता है, क्योंकि Trading Account हमे कई प्रकार की सुविधा देता है जैसे:

  1. इससे शेयर्स खरीदना और बेचना बिलकुल आसान हो जाता है।
  2. यह शेयर्स खरीदने के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी देता है।
  3. ट्रेडिंग अकाउंट के ऑनलाइन हो जाने से ब्रोकरेज चार्ज पहले के मुकाबले बहुत ही कम हो गया है।
  4. ट्रेडिंग अकाउंट से आप दुनिया में कही से भी शेयर्स खरीद और बेच सकते है।
  5. शेयर खरीदने पर पैसा कटना और बेचने पर खाते में जमा होना आदि कार्य अपने आप हो जाते है।

अब आप सोच रहे होंगे कि Trading Account Aur DEMAT Account Me Antar क्या है क्योंकि दोनों अकाउंट एक साथ खोले जा सकते है तो आइये हम आपको बताते है Difference Between DEMAT Account And Trading Account In Hindi.

Trading Account Aur Demat Account Me Antar

शेयर मार्केट में व्यापार करने के लिए डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों आवश्यक है। हालाँकि इन दोनों में अंतर पाया जाता है जिसके बारे में आपको आगे बताया गया है:

Trading Account का उपयोग शेयर मार्केट में ऑर्डर खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है, जबकि DEMAT Account का उपयोग एक स्टोर के रुप में शेयर्स को जमा करने के लिए किया जाता है। मतलब ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग लेन-देन के लिए किया जाता है, और डीमैट अकाउंट का उपयोग शेयर्स को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।

आइये आपको एक उदहारण के द्वारा समझाते है, मान लीजिये जब आप अपने Trading Account का उपयोग कर शेयर्स खरीदते है, तो पैसा आपके बैंक खाते से निकाल लिया जाता है और शेयर्स को आपके DEMAT Account में जमा कर दिया जाता है।

ठीक उसी प्रकार जब आप शेयर्स बेचते है, तो शेयर्स आपके DEMAT Account से निकाला जाता है और शेयर मार्केट में बेच दिया जाता है, शेयर बेचने से प्राप्त रकम आपके बैंक खाते में जमा कर दी जाती है।

Conclusion

जब निवेशक अपना ट्रेडिंग व डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? डीमैट अकाउंट सफलता पूर्वक खोल लेता है तो, वह अपने मोबाइल फोन या ऑनलाइन, अपनी सुविधा अनुसार ऑर्डर्स खरीद या बेच सकते है। वर्तमान में अधिकतर चीजे ऑनलाइन हो जाने के कारण अब निवेशकों को अपने व्यापारिक डिटेल्स ऑनलाइन प्राप्त हो जाती है, जिससे उन्हें समय पर अपने महत्वपूर्ण निर्णय लेने में आसानी होती है।

उम्मीद करते है कि Trading Account Hindi Meaning या ट्रेडिंग अकाउंट क्या है की जानकारी आपको अच्छे से समझ में आयी होगी। यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो अपने सुझाव हमे Comment करके बताये व अगर आपके कोई सवाल हो तो वह भी आप हमसे पूछ सकते है जिनके जवाब आपको शीघ्र ही में मिल जायेंगे।

डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?

डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?

दोस्तों क्या आप Demat Account खोलना चाहते है पर नही जानते कि Demat Account कैसे खोले, तो अंत तक बने रहिए। जिस तरह बैंक में एक चालू और बचत, खाते का संचालन होता है ठीक वैसे ही Demat Account ने Share Market में ट्रेडिंग और निवेश को बना दिया है.

जब कोई डीमैट खाता खोलता है तो निवेशको को कई विकल्प दिए जाते है और ये तय करना होगा आपको किस डीपी का चयन करना है. यहाँ एक बात की जानकारी जरुर होनी चाहिए कि जब भी आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांजेक्शन होता है तो उसका चार्ज Pay करता पड़ता है इसके बारे में आपको नीचे विस्तार से बताया गया है. हर एक ब्रोकर का अपना अलग Charge होता है इसलिए पहले आप सभी ब्रोकर्स फर्म्स के Charges Plan के बारे में जानकारी हासिल करे तभी डीमैट अकाउंट ओपन करवाएं.

डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए निवेशक को सेबी से पंजीकृत डिपोजटरी Particioent के साथ डीमैट अकाउंट खोलने की आवश्यकता है. डीमैट अकाउंट 3 दिन में खुल जायेगा और इसको खोलने के लिए आपको डिजिटल फॉर्म भरना होगा. जिसके बाद आपके कुछ जरुरी दस्तावेज लगेंगे जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि. आपको इन पर्सन वेरिफिकेशन करना होगा जिसे ब्रोकर करते है. डीमैट अकाउंट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीको से खोला जा सकता है और नीचे आप ऑनलाइन डीमैट अकाउंट और ऑफलाइन डीमैट अकाउंट खोलने के बारे में जान पाएंगे.

डीमैट अकाउंट के लिए कौन से डॉक्यूमेंट्स लगते है ?

अगर आप डीमैट अकाउंट खोलना चाहते है तो आपके पास नीचे बताये गये सभी जरुरी डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? दस्तावेज होना जरुरी है. इनमे से एक भी नही होगा तो आपका अकाउंट Open नही होगा.

  • पहचान प्रमाण पत्र
  • आपका एड्रेस प्रूफ
  • आय प्रमाण पत्र
  • आपका पैन कार्ड
  • बैंक का प्रमाण / कैंसल चैक
  • 3 पासपोर्ट आकार वाली फोटो

डीमैट अकाउंट के शुरूआती और सालाना Charges कितने होते है

डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए अलग अलग शुल्क है ये 6 तरह के Charges होते है आइये जानते है इनके बारे में ..

अकाउंट ओपनिंग चार्ज

डीमैट अकाउंट खुलवाने पर आपको जो शुल्क देना होगा उसे अकाउंट ओपनिंग चार्ज कहते है और ये वन टाइम Free होती है। यानी पहली बार अकाउंट खुलवाने पर आपको कोई पैसा नही देना होगा. जबकि कुछ बैंक अकाउंट क्लोजिंग चार्ज भी लेते है.

ब्रोकर चार्ज

आप अपने अकाउंट से जो भी शेयर खरीदते और बेचते हो उसपर ब्रोकर का चार्ज बनता है और सभी ब्रोकर के अलग अलग चार्ज होते है.

फंड ट्रांसफर चार्ज डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

पेमेंट, NEFT/RTGS/IMPS और चेक से ट्रांसफर किये फंड के लिए ब्रोकर कोई चार्ज नही लेते है.

सालना चार्ज

ब्रोकर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट पर सालभर का मेंटेनेंस चार्ज लगाते है जोकि 150 रूपये से लेकर 900 रूपये तक होते है.

DP Charges

ये Charges केवल डिलीवरी पर लगते है जब आप सेल करते है तब DP चार्ज लगते है. अलग अलग ब्रोकर के अपने अपने चार्ज होते है वैसे ये 12 रूपये से 30 रूपये के बीच में होते है.

कॉल एंड ट्रेड Charges

जब आप डीमैट अकाउंट बनाते है तो उससे 3 तरीके से शेयर खरीद और बेच सकते है इसमें जो तीसरा तरीका होता है जिससे आप ब्रोकर या मैनेजर को सीधा कॉल कर सकते है इसके चार्ज देने पड़ते है इसके लिए 15 से 20 रूपये देने पड़ते है हालांकि सभी ब्रोकर अलग अलग चार्ज लगाते है.

ऑनलाइन डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?

सबसे पहले इसकी website डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? पर जाइए इसके बाद आपको रजिस्टर करना है. जिसमे आपको क्या क्या भरना होगा ?

  • नाम
  • पिता जी का नाम
  • जन्मतिथि
  • उम्र
  • पैन कार्ड
  • आधारकार्ड

एक तरह से आपको अपना फॉर्म भरना है जिसमे आपसे आपके बारे में ही बेसिक जानकारी पूछी जाएगी तो जाहिर सी बात है आप इस फॉर्म को खुद भर सकते है.

  • मोबाइल नंबर डालने पर आपको OTP भरना होगा या अगर आप Gmail से रजिस्टर करते है तो वहां OTP आयेगा.
  • अब आधार कार्ड या पैन कार्ड स्कैन करना होगा.
  • आधार कार्ड से आपका जो मोबाइल नंबर लिंक्ड होगा.उसपर OTP आएगा जिसे आपको भरना होगा. एक बात का ध्यान दें आपका आधार कार्ड और पैन कार्ड दोंनो एक दुसरे से जुड़े होने चाहिए और आधार कार्ड से जुड़ा फोन नंबर एक्टिव होना चाहिए.
  • OTP डालते ही अकाउंट को एक्टिव होने में 48 से 72 घंटे का समय लगता है.
  • अब आपको एक यूजर ID पासवर्ड देगा जिसे आपको app में भरना होगा.
  • इसके बाद आप इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते है.

ऑफलाइन डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?

ZERODHA पर आप ऑफलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकते है अब अगर आपको इसमें अकाउंट खोलना है तो इसके बारे में जानकारी भी होनी चाहिए, आखिर जेरोधा क्या है. जेरोधा जोकि एक बेंगलुरु स्थित डिसस्काउट ब्रोकर है और ये भारत का नंबर वन डिस्काउंट ब्रोकर है. अब इनके साथ आपको ऑफलाइन खाता कैसे खोलना है उसके बारे में बताते है स्टेप टू स्टेप करके

  • सबसे पहले आपको इनका फॉर्म download करना होगा जोकि इनकी website पर आसानी से मिल जायेगा. या फिर आप डिजिटल ब्लॉगर डॉट कॉम से भी ले सकते है.
  • फॉर्म का प्रिंट आउट निकाले और उसे भरे .
  • इस फॉर्म में पूछी जाने वाली सारी जानकारी भरकर आपको इनके एड्रेस पर भेजना होगा. ( एड्रेस फॉर्म में से ले सकते है )
  • आपको कुछ डोक्युमेटेशन भी करनी होगी जिसमे ट्रेडिंग और डीमैट खाते के आवदेन पत्र के अलावा नामाकंन पत्र, पॉवर ऑफ़ अटर्नी भी देना होगा.
  • पैन कार्ड और आधार कार्ड सबसे जरुरी दस्तावेज है.

जेरोधा जोकि ऑफलाइन खाता खोलने का एक अन्य तरीका है क्योंकि इसमें आप फोन करके भी डिटेल ले सकते है. ऑफलाइन ट्रेडिंग के लिए आपको लैपटॉप, फोन की जरूरत नही होती है आप एक कॉल करके अपने विवरण के बारे में जानकारी ले सकते है. हालांकि इसका नुक्सान भी है कि आपको बार बार ट्रेड को फोन करके ही हर बार अपने लेन देन के बारे में पूछना होगा.

हमने क्या सीखा

तो दोस्तों हमने आपको उपर डीमैट अकाउंट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है और अगर आपको पता होगा डीमैट अकाउंट क्या है इसके कैसे ओपन करते है इसके लिए ब्रोकर कितने पैसे लेता है तो आपको इन्वेस्ट करने में आसानी होगी. आप सीधा ब्रोकर से बात करके उससे चार्ज की बात कर सकते है लेकिन अगर आपको इसके बारे में जानकारी नही होगी तो ब्रोकर अपनी मर्जी से कोई भी चार्ज आपसे वसूल सकता है.

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