व्यापार मार्ग

जिसके चलते उनको विस्थापन के लिए टेढ़ीबाजार पर बन रहे कॉम्पलेक्स में दुकान आवंटन का आश्वासन दिया गया। प्रशासन की ओर से कई राउंड संबंधित दुकानदारों को समझाने-बुझाने का प्रयास हुआ। हालांकि अवरोध बना हुआ था। बुधवार की रात प्रशासनिक अधिकारी बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंचे और दुकानों के अगले हिस्से को तोड़ उनमें रखा सामान अलग-अलग बोरों में रखवाया और सभी पर नंबरिंग कराने के बाद सील कर दिया। इसके बाद सभी दुकानों को जमींदोज कर दिया गया।
भारत और भूटान के बीच व्यापार मार्ग नया व्यापार मार्ग खुला
भारत और भूटान ने पश्चिम व्यापार मार्ग बंगाल में जयगांव और भूटान के पासाखा के बीच एक नया व्यापार मार्ग खोला है।जयगांव और अहल्ये व पसाखा के बीच यह कदम महामारी के इस दौर में काफी अहम साबित होगा। अस्थायी वैकल्पिक व्यापार मार्ग से माल की आवाजाही दोनों देशों के बीच काफी सुगम हो जाएगी।
महत्व:
- नया भूमि मार्ग पासाखा इंडस्ट्रियल इस्टेट के लिए माल और औद्योगिक कच्चे माल की सुगम बनाकर भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा और इससे जयगांव – फुएंटशोलिंग मार्ग पर वाहनों का आवागमन कम हो जाएगा.
भारत-भूटान संबंधों पर इस मार्ग के खुलने से पड़ेगा यह प्रभाव:
अयोध्या: जिला प्रशासन ने रात के अंधेरे में रामगुलेला मार्ग की दुकानों को कराया ध्वस्त, व्यापार मंडल ने दी चेतावनी
अमृत विचार, अयोध्या। भक्ति व्यापार मार्ग मार्ग के चौड़ीकरण में कई दिन से बाधक बनी रामगुलेला मार्ग की दुकानों को बुधवार की रात जिला प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त करवा दिया। दुकानों में रखे सामान को कर्मचारियों ने निकालकर अलग-अलग बोरों में भरा है और नंबरिंग कर सील किया गया है। सील बोरों को नगर निगम परिसर में रखवाया गया है। कार्रवाई के बाद भी दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात कह रहे हैं।
श्रृंगारहाट से राम मंदिर दर्शन मार्ग तक बन रहे भक्ति मार्ग में हनुमानगढ़ी तथा आसपास सड़क के दोनों तरफ की दुकानों को प्रशासन ने बुल्डोज करा दिया था जबकि कई दुकानों को उनके दुकानदारों ने खुद ही तोड़ दिया था। मार्ग के राह में अमावा मंदिर के निकट रामगुलेला मार्ग स्थित तीन दर्जन दुकानें बाधक बनी हुई थीं। जिला प्रशासन की मशक्कत के बावजूद इनमें से 15 दुकानदारों ने ही मुआवजा लेकर अपनी दुकान सड़क निर्माण में देने की सहमति दी।
अर्थव्यवस्था समसामियिकी 4 (18-July-2020)^जयगाँव-पसाखा व्यापार मार्ग ^(Jaygaon-Pasakha trade route)
Posted on July 19th, 2020
* हाल ही में भारत और भूटान द्वारा पश्चिम बंगाल में जयगाँव (भारत) और भूटान के पासाखा के बीच एक नया व्यापार मार्ग खोला गया।
* यह नया व्यापार मार्ग मौजूदा COVID-19 महामारी के दौर में दोनों देशों के संबंधों खास तौर पर व्यापार संबंधों को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
* व्यापार मार्ग साथ ही इस नए मार्ग के खुलने से पहले से मौजूदा मार्ग पर वाहनों के दबाव व्यापार मार्ग को कम किया जा सकेगा।
* भारत और भूटान व्यापार मार्ग के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत वर्ष 1968 में थिम्पू (Thimphu) में भारत के प्रतिनिधि की नियुक्ति के साथ हुई थी, हालाँकि वर्ष 1949 में ही दोनों देशों के मध्य मित्रता और सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे।
अर्थव्यवस्था समसामियिकी 4 (18-July-2020) जयगाँव-पसाखा व्यापार मार्ग (Jaygaon-Pasakha trade route)
Posted on July 19th, 2020 | Create PDF File
* हाल ही में भारत और भूटान द्वारा पश्चिम बंगाल में जयगाँव (भारत) और भूटान के पासाखा के बीच एक नया व्यापार मार्ग खोला गया।
* यह नया व्यापार मार्ग मौजूदा COVID-19 महामारी के दौर में दोनों देशों के संबंधों खास तौर पर व्यापार संबंधों को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
* साथ ही इस नए मार्ग के खुलने से पहले से मौजूदा मार्ग पर वाहनों के दबाव को कम किया जा सकेगा।
* भारत और भूटान के बीच व्यापार मार्ग राजनयिक संबंधों की शुरुआत वर्ष 1968 में थिम्पू (Thimphu) में भारत के प्रतिनिधि की नियुक्ति के साथ हुई थी, हालाँकि वर्ष 1949 में ही दोनों देशों के मध्य मित्रता और सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे।
भारत-बांग्लादेश ‘अंतर्देशीय जल पारगमन एवं व्यापार प्रोटोकॉल’
1. कोलकाता-चांदपुर-पांडु-सिलघाट-कोलकाता
2. कोलकाता-चांदपुर-करीमगंज-कोलकाता
3. सिलघाट-पांडु-अशुगंज-करीमगंज-पांडु-सिलघाट
4. राजशाही-धूलियन-राजशाही।
5. कोलकाता-चांदपुर-आशूगंज (जलमार्ग से)
6. अखुरा-अगरतला (सड़क मार्ग से)
रूस-भारत के बीच रेल-सड़क मार्ग से व्यापार
भारत ने ईरान के रास्ते रूस और यूरोप से जोड़ने की परियोजना को अमलीजामा पहनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है।
भारत ने इंटरनैशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्टेशन कॉरिडोर (INSTC) के तहत सीमा शुल्क की आसान सुविधा वाले ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जल्द ही सामानों की आवाजाही का पूर्वाभ्यास किया जाएगा।
इसकी शुरूआत भारत और रूस के बीच राजनयिक सबंधों की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर इस महीने के अंत तक हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा जब पूर तरह संचालन में आ जाएगा तो भारत और रूस के बीच समानों की आवाजाही में लगने वाले समय और लागत में भी कमी आएगी।
, के अनुसार इस रूट पर समय और लागत में कमी के साथ भारत को आर्थिक रूप से संपन्न रूस के व्यापार मार्ग साथ-साथ यूरोप के बजारों में भी भागेदारी बढ़ जाएगी।