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भारत की खुद की डिजिटल करेंसी

भारत की खुद की डिजिटल करेंसी
भारत में क्रिप्टो करेंसी का सफर किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं रहा है। क्रिप्टो करेंसी का प्रचलन बढ़ने से काले धन समेत कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बिट कॉयन में पिछले तीन वर्षों से निवेश का ट्रैंड बढ़ा। आंकड़ों से पता चलता है कि 1.5 करोड़ भारतीयों ने इसमें निवेश किया। क्रिप्टो करेंसी आने से लोगों के निवेश का तरीका बदल गया। जो लोग सोने में निवेश करते थे, उन्होंने इसमें निवेश करना शुरू कर दिया। वर्ष 2008 में सातोशी नाकामोटो के छद्म नाम से एक डिवेलपर ने बिटकॉइन की शुरूआत की थी। धीरे-धीरे कुछ अन्य क्रिप्टो करेंसी भी सामने आई। इसमें किसने कितना निवेश किया, इसका कोई आंकड़ा सामने नहीं आता। भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर बहुत शोर मचा तो आरबीआई ने सर्कुलर जारी करके वर्चुअल करेंसी को लेकर अपनी आशंकाएं जाहिर की और वित्त मंत्रालय ने चेतावनी जारी की कि वर्चुअल करेंसी लीगल टेंडर नहीं है। मार्च 2018 में सीबीडीटी ने वित्त मंत्रालय का वर्चुअल करेंसी पर प्रतिबंध के लिए एक ड्राफ्ट सौंपा। इससे हड़कम्प मच गया। क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगा दी गई, प्रतिबंध एक बड़ा झटका था। इसके चलते क्रिप्टो एक्सचेंजस ने सुप्रीम कोर्ट में रिट फाइल की। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को रद्द कर दिया और आरबीआई के सर्कुलर को गैर कानूनी घोषित कर भारत की खुद की डिजिटल करेंसी दिया। बाद में यह फैसला लिया गया कि क्रिप्टो करेंसी का नियमन किया जाएगा। फ्रॉड रोकने के लिए और सीमा पार लेन-देन की निगरानी के​ लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं।

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Digital Rupee: अगले साल लॉन्च हो जाएगा भारत का Digital Rupee, ट्रेडिशनल करेंसी से नहीं होगा अलग

Digital Rupee: भारत की अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) साल 2023 की शुरुआत में लॉन्च होने की संभावना है। यह मौजूदा समय में किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा चलाई जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट (Electronic Wallets) जैसी ही होगी। लेकिन इसके साथ सरकारी गारंटी जुड़ी होगी। इस बात की जानकारी एक टॉप अधिकारी ने दी है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पिछले हफ्ते पेश किए बजट में कहा था कि केंद्रीय बैंक जल्द ही डिजिटल रुपया (Digital Rupee) लॉन्च करेगा।

एक टॉप अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि RBI द्वारा जारी डिजिटल करेंसी (digital currency) में भारतीय करेंसी की तरह विशिष्ट अंक होंगे। यह फिएट (fiat) करेंसी से अलग नहीं होगा। यह उसका डिजिटल रूप होगा। बता दें कि फिएट करेंसी सरकार द्वारा जारी की जाने वाली करेंसी को कहा जाता है। इसलिए एक प्रकार से कह सकते हैं कि डिजिटल रुपया, सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा।

क्या है Digital Currency

डिजिटल करेंसी का मतलब वर्चुअल करेंसी होता है. डिजिटल करेंसी में आपके पास फिजिकल नोट न होते हुए उसी के जगह पर वर्चुअल नोट मौजूद होगा. डिजिटल रुपया आपके पास हमेशा मौजूद नहीं होगा लेकिन, वर्चुअल दुनिया में यह हमेशा आपके पास रहेगा. डिजिटल करेंसी में फिजिकल नोट की जरुरत नहीं होगी बल्कि, इसकी जगह पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. इसका इस्तेमाल ठीक उसी तरह किया जा सकेगा जिस तरह से क्रिप्टोकरेंसी या फिर बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जाता है. सरकार इसके लिए पूरी तरह से लीगल टेंडर बनाएगी और इसे मानेगी भी. बता दें इसमें निवेश करना भी काफी आसान होगा और RBI की तरफ से नियंत्रित किये जाने की वजह से इसमें पैसा डूबने का खतरा भी कम होगा.

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RBI के साथ जुड़ेंगे ये सभी बैंक्स

RBI के इस प्रोग्राम के साथ भारत के कुल 9 बड़े बैंक्स जुड़े हैं. इन बैंक्स की सूची पर अगर नजर डालें तो इसमें State Bank Of India (SBI), Bank Of Baroda (BOB), Union Bank Of India, HDFC Bank, Kotak Mahindra Bank, ICICI Bank, IDFC First Bank, Yes Bank और HSBC Bank शामिल है. इन सभी बैंकों की मदद से ही डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया जाएगा.

डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल बड़े भुगतानों को करने के लिए किया जा सकेगा. रिपोर्ट्स की अगर मानें तो इसका इस्तेमाल सरकारी बॉन्ड की खरीद बिक्री करने में भी मददगार साबित होगा और इसके साथ ही इसका इस्तेमाल महीने भर में रिटेल ट्रांजैक्शन के निपटारे के लिए भी किया जा सकेगा. जैसा की हमने आपको पहले ही बताया कि डिजिटल करेंसी को दो हिस्सों में पेश किया जाएगा. पहला होलसेल और दूसरा रिटेल यूजर्स के लिए. होलसेल का इस्तेमाल बड़े भुगतानों के लिए किया जाएगा वहीं रिटेल का इस्तेमाल आम जनता कर सकेगी.

Digital Rupee में होगी ये खासियत

डिजिटल रुपया की खासियतों की बात करें तो यह देश का अपना डिजिटल टोकन होगा. इसका इस्तेमाल बड़े बिजनेस लेन-देन के लिए किया जा सकेगा और इसके आने के बाद चेक अथवा बैंक अकाउंट से लेन-देन का झंझट नहीं रहेगा. बता दें इस सुविधा के आने के बाद नकली करेंसी से भी छुटकारा मिल जाएगा. डिजिटल करेंसी की मदद से महज कुछ ही सेकंड्स में मोबाइल फोन के जरिये भुगतान किया जा सकेगा और इसकी मदद से पेपर नोट की प्रिटिंग पर आने वाले खर्च से भी बचा जा सकेगा.

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Digital Rupee: जानिए डिजिटल रूपी की अच्छी और बुरी बातें, क्या भारत में सफल हो पाएगी डिजिटल करेंसी?

Digital Rupee: जानिए डिजिटल रूपी की अच्छी और बुरी बातें, क्या भारत में सफल हो पाएगी डिजिटल करेंसी?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया

Updated on: Feb 05, 2022 | 9:15 AM

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल करेंसी (Digital Rupees) को लॉन्च करेगा. यह भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. डिजिटल रूपी को लेकर चारों तरफ चर्चा हो रही है. कुछ फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स इसे प्राइवेट किप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के काट के रूप में देख रहे हैं. डिजिटल रूपी भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. इसे वर्तमान मुद्रा के साथ एक्सचेंज किया जा सकेगा. यह वर्चुअल भारत की खुद की डिजिटल करेंसी करेंसी जरूर है, लेकिन इसकी तुलना प्राइवेट करेंसी से नहीं की जा सकती है. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की चर्चा लंबे समय से हो रही है. रिजर्व बैंक प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का लगातार विरोध करता रहा है. उसका कहना है कि यह फाइनेंशियल सिस्टम और देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकता है. आइए जानते हैं कि डिजिटल रूपी की अच्छी और बुरी बातें क्या हो सकती हैं.

डिजिटल रुपी डिजिटल पेमेंट से कितना अलग होगा?

मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अगर डिजिटल रूपी से पेमेंट किया जाता है तो यह फाइनल सेटलमेंट की तरह होगा. इसमें सेटलमेंट रिस्क नहीं शामिल होता है. आसान शब्दों में जब आप कोई सर्विस या गुड्स खरीदते हैं और कैश पेमेंट करते हैं. यह पेमेंट का फाइनल रूप है. डिजिटल रूपी लॉन्च होने के बाद कैश की जगह डिजिटल रूपी से पेमेंट किया जा सकेगा. यह भी पूरी तरह फाइनल भारत की खुद की डिजिटल करेंसी पेमेंट माना जाएगा. डिजिटल रूपी लॉन्च होने के बाद भारत में बैठा व्यापारी अमेरिका और यूरोप के व्यापारियों को डिजिटल डॉलर या डिजिटल पॉन्ड में पेमेंट कर सकता है. यह रियल टाइम पेमेंट होगा और ऐसे ट्रांजैक्शन में किसी इंटरमिडयरी की जरूरत नहीं होगी.

बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रूपी को लॉन्च करेगा. दिसंबर के महीने में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी ने भी एक कार्यक्रम में कहा था कि यह चरणवार तरीके से पूरे देश में लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) अंतिम चरण में है. शुरुआत में इसे होलसेल ट्रांजैक्शन में इस्तेमाल किया जाएगा. बाद में इसे रिटेल सेगमेंट के लिए भी शुरू किया जाएगा.

डिजिटल करेंसी को लेकर क्या खतरा है?

डिजिटल करेंसी के सामने सबसे बड़ी चुनौती टेक्नोलॉजी है. टेक्नोलॉजी के कारण फ्रॉड और स्कैम के मामले बढ़ सकते हैं. खुद गवर्नर शक्तिकांत दास कई मौकों पर कह चुके हैं कि डिजिटल करेंसी के साथ फ्रॉड सबसे बड़ी समस्या है. इसके अलावा इस करेंसी के इस्तेमाल और प्रचलन के लिए पूरे देश में इंटरनेट की अच्छी स्पीड जरूरी है. हाई स्पीड इंटरनेट का इन्फ्रास्ट्रक्चर जब तक तैयार नहीं हो जाता है, डिजिटल करेंसी की सफलता की आशा नहीं की जा सकती है. इसके अलावा अगर किसी देश भारत की खुद की डिजिटल करेंसी में टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट कम है तो वहां CBDC की पहुंच और उपयोगिता काफी कम हो जाएगी. रिजर्व बैंक को इस बात की भी चिंता है.

डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर कई बार कह चुके हैं कि सीबीडीसी कैश को रिप्लेस नहीं करेगा. जो लोग कैश का इस्तेमाल करना चाहते हैं वे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. जो लोग कैश का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं वे डिजिटल रूपी का इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने इस बात को भी कहा कि जो लोग कैश का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि वे अपना नाम जाहिर नहीं होने देना चाहते हैं, उनके लिए यह कठिन होगा. जब तक डिजिटल रूपी के साथ पहचान छिपी रहेगी, वे इसका इस्तेमाल करेंगे.

आ गया डिजिटल रुपया

आ गया डिजिटल रुपया

आखिरकार भारत में डिजिटल करेंसी यानि वर्चुअल करेंसी की शुरूआत हो गई। भारत की खुद की डिजिटल करेंसी आरबीआई ने अभी इसे पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर शुरू किया है। अभी डिजिटल रूपी का इस्तेमाल थोक लेनदेन में होगा। डिजिटल रुपी अब आप की पॉकेट में नहीं होगा लेकिन वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आप कर सकेंगे। दुनिया भर में बि​टकाॅइन और दूसरी क्रिप्टो करेंसी के उदय के कारण तमाम वित्तीय संस्थान डिजिटल करेंसी लाने को विवश हुए हैं। कुछ लोग डिजिटल करेंसी को क्रिप्टो करेंसी की काट मान रहे हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। सैंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी मूल रूप से एक वर्चुअल करेंसी है जो केन्द्रीय बैंक द्वारा टेंडर के रूप में जारी की जाती है। यह एक कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त करेंसी है और इसे देश की सरकार द्वारा जारी किया जाता है, जबकि क्रिप्टो को किसी भी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। क्रिप्टो करेंसी डिजिटल वॉलेट में रखी जाती है। क्रिप्टो करेंसी में जबरदस्त उतार-चढ़ाव होते हैं जबकि डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव नहीं होते। पायलट प्रोजैक्ट की शुरूआत के समय कई बड़े बैंकों ने भाग लिया और काफी बड़े लेनदेन किए। पायलट प्रोजैक्ट फिलहाल चुुने हुए ग्राहकों और कारोबारियों के बीच एक महीने तक चलेगा। बाद में इसे डिजिटल रुपए के तौर पर शुरू किया जाएगा। आरबबीआई की तरफ से डिजिटल मुद्रा जारी करने वाला भारत पहला देश बन गया है। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात, रूस, स्वीडन, जापान, ऐस्टोनिया और वेनेजुएला जैसे देश खुद की क्रिप्टो करेंसी लांच कर चुके हैं।

Explainer: RBI के 'डिजिटल रुपया' से कैसे बदलेगी देश में डिजिटल करेंसी की सूरत, पूरी जानकारी यहां लें

By: ABP Live | Updated at : 03 Feb 2022 02:25 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

आरबीआई का डिजिटल रुपया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

RBI Digital Currency: इस 1 फरवरी को आम बजट 2022-23 में वित्त मंत्री ने आधिकारिक तौर पर एलान कर दिया कि देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी लाएगी. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के तौर पर जाना जाएगा. यहां पर आप इस करेंसी से जुड़े सभी तरह के सवालों के जवाब हासिल कर सकते हैं.

कब लॉन्च होगा आरबीआई का डिजिटल रुपया
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 22-23 की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2022 से इसको लॉन्च कर सकता है. अभी तक भारत जितने किसी बड़े देश ने अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी लॉन्च नहीं की है तो भारत ऐसा करने वाला पहला बड़ा देश बन जाएगा. ये करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी.

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