क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी

छोटा पैकेज 140 यूरो का था-
कम नहीं हो रही क्रिप्टोकरेंसी की चाहत
दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी आभासी मुद्राओं (किप्टोकरेंसी) के प्रति युवा पीढ़ी का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। भारत में इन मुद्राओं के भविष्य पर अनिश्चितता की तलवार लटक रही है मगर युवाओं में इसकी जरा भी परवाह नहीं दिख रही है। दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी का प्रसार 'चौथी औद्योगिक क्रांति' भी मानी जा रही है। दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास लगातार कहते रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी मुख्य धारा का हिस्सा बनती हैं तो इसके 'गंभीर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी परिणाम' हो सकते हैं। आरबीआई चीन की तरह ही इन मुद्राओं पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना चाहता क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी है और इन्हें निवेश का जरिया तक मानने को तैयार नहीं है।
संसद की वेबसाइट पर क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक मुद्रा डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक सूचीबद्ध जरूर किया गया था मगर शीतकालीन सत्र में इसे पेश नहीं किया गया। भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले सबसे अधिक लोग हो गए हैं। विशेषज्ञों क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी का कहना है कि इन मुद्राओं को लेकर अनिश्चितता बरकरार रहने के बावजूद भारत में इसकी लोकप्रियता कम होती नहीं दिख रही है।
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी? What is cryptocurrency?
Cryptocurrency क्रिप्टोकरेंसी शब्द की उत्पति क्रिप्टोग्राफी से हुई है. क्रिप्शन वर्चुअल दुनिया में एक जाना माना एक शब्द है, यह एक तरह से कोड का निर्माण होता है जो कम्प्यूटर को दिये गए निर्देश के अनुसार काम करता है. इस कोड इनक्रिप्शन या वर्चुअल वर्ल्ड में काम में ली जाने वाली आभासी मुद्रा ही क्रिप्टोकरेंसी कहलाती है. अगर आम भाषा में बात करें तो डिजिटल करेंसी ही क्रिप्टोकरेंसी है.
किप्टोकरेंसी Cryptocurrency दरसअल एक तरह का एल्गोरिथ्म है जिसे कम्प्यूटर पढ़ सकता है और कोई भी इसे परिवर्तित नहीं कर सकता है. इस प्रक्रिया में क्रिप्टोग्राफी को आधार बनाते हुए एक यूनिट का निर्माण किया जाता है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करके मुद्रा की कीमत निर्धारित करता है जिसे आम बोलचाल में कॉइन कहा जाता है जैसे बिटकॉइन, आॅल्टकॉइन, और लिटकॉइन.
कितनी तरह की क्रिप्टोकरेंसी? List of Cryptocurrency
क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए इसकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि ओपन सोर्स कॉन्सेप्ट होने के कारण कोई भी क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण कर सकता है. फिलहाल दुनिया भर में 500 से भी ज्यादा तरह की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है. उनमें से कुछ की सूची यहां दी जा रही है.
➤ कई क्लोन क्रिप्टोकरेंसी की वजह से यह सिर्फ एक क्रिप्टाकरेंसी की जगह क्रिप्टोकरेंसी का पूरा परिवार बन गया है जिसमें डिजिक्स डीएओ भी शामिल है.
कौन कर सकता है क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण? How cryptocurrency works
क्रिप्टोकरेंसी सामान्य तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है या फिर यह भी कहा जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी अंतराष्ट्रीय मुद्रा का एक विकल्प है. क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण कोई भी व्यक्ति, संस्था या संगठन कर सकता है और उसका मूल्य उस व्यक्ति या संस्था की विश्वसनियता पर ही निर्धारित होता है जो बढ़ भी सकता है और समाप्त भी हो सकता है.
जी हां, इसे छापा या ढाला जा सकता है जो किसी क्यूआर कोड या रीडेबल कोड की शक्ल दी जा सकती है जो कई तरह के कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर द्वारा पढ़ा जाता है लेकिन फिलहाल यह शुरू नहीं हुआ है. क्रिप्टोकरेंसी का ज्यादा उपयोग फिलहाल Online सेवाओं और वस्तुओं के भुगतान के तौर पर ही किया जा रहा है.
क्या आप भी क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर सकते हैं? What is Cryptocurrency and how to use it?
जी हां दुनिया का कोई भी व्यक्ति जो वर्चुअल दुनिया में होने वाले लेन—देन से वाकिफ है, इस करेंसी का उपयोग कर सकता है. बिटकॉइन का इतिहास देखते हुए इसे फायदे का सौदा कहा जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग आप दो तरह से कर सकते है. पहला तरीका है कि आप सिक्के को माईन करें या फिर दूसरे तरीके में आप इस करेंसी में निवेश कर सकते हैं. माइन करने के दौरान आप सिक्के का भुगतान करते हैं जबकि निवेश में आप करेंसी को सिर्फ खरीद लेते हैं और दाम बढ़ जाने पर उसे बेच सकते हैं.
किसी क्रिप्टोकरेंसी को खास उसकी स्वीकार्यता बनाती है. कोई भी क्रिप्टोकरेंसी विशेष या स्पेशल बन जाती है जब उसे ज्यादा लोग सेवाओं और वस्तुओं के भुगतान के तौर पर स्वीकार करने लगते हैं और उसका बाजार मूल्य ज्यादा हो जाता है. सभी क्रिप्टोकरेंसीज की अलग—अलग स्वीकार्यता है और इसके उपयोग या निवेश से पहले इसके बारे में जानकारी ले लेना ठीक रहता है.
जानिए क्यों किया गया है AIIMS का सर्वर हैक और क्रिप्टोकरेंसी में क्यों की गयी 200 करोड़ रुपए की मांग
पिछले 6 दिन से दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का सर्वर डाउन है और अभी सातवें दिन भी सर्वर के डाउन होने की ठप होने की खबर है. एम्स का सर्वर डाउन होने की वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अब सभी काम यहां पर मैन्युअल तरीके से हो रहा है. जहां इंडिया कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस और क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी गृह मंत्रालय इस मामले की जांच में लगे हुए हैं. वहीं इस बीच AIIMS का सर्वर डाउन होने की वजह का पता लग गया है.
जानिए क्या है AIIMS का सर्वर डाउन होने की वजह
AIIMS का सर्वर को हाईजैक किया गया है और हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी में 200 करोड़ रुपए की मांग की है. वहीं हैकर्स ने यह मांग मेल के जरिए एम्स को भेजी है साथ ही धमकी दी है कि उनकी मांग को पूरा न करने पर वो सर्वर को ठीक नहीं करेंगे और सर्वर डाउन ही रहेगा. वहीं इस मेल के आने के बाद दिल्ली पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है. पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर हैकर्स के कॉलर तक पहुंचने में लगी है साथ ही पुलिस धमकी भरे मेल का आईपी एड्रेस भी ट्रैक करने की कोशिश कर रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) के नेटवर्क को भी हैक कर करोड़ों रुपए का गबन किया क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी गया है. वहीं इस वजह से क्रिप्टोकरेंसी के जरिए 200 करोड़ रुपए की मांग की है. जानकारी के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी (virtual currency) को डिजिटल करेंसी (Digital currency) कहा जाता है, जिसे क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी एन्क्रिप्शन टेक्नोलॉजी की सहायता से जनरेट किया जाता है और उसके बाद रेगुलेट भी किया जाता है. इस तरह की करेंसी को दुनिया के किसी भी केंद्रीय बैंक की ओर से मान्यता नहीं मिली क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी हुई है ना ही यह किसी केंद्रीय बैंक (Central bank) की ओर से रेगुलेट होती है. इस क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी तरह की करेंसी पर किसी भी देश की मुहर भी नहीं लगी होती है. जिसकी वजह से ये पैसा डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी की तरह काम करेगा. वहीं इस करेंसी को यूज करने वाला पूरी तरह से गुमनाम या फिर छिपा हुआ होता है. वहीं इसका दूसरा फायदा ये है कि बिटकॉइन और इसकी जैसी दूसरी करेंसी को वर्चुअल वॉलेट्स (virtual wallets) में रखा जा सकता है. जिसकी पहचान सिर्फ नंबर से ही होती है.
खूबसूरती का जाल बिछाकर, लगा दी 30 हजार करोड़ की चपत, जानिए क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी कौन है ये Crypto-Queen
Cryptocurrency की वैल्यू फिलहाल काफी कम चल रही है. इसमें निवेशकों के काफी पैसे लगे हुए हैं. पिछले साल इसकी Cryptocurrency को लेकर काफी बातचीत चल रही थी. लेकिन, क्या आपको Crypto Queen के बारे में पता है जिन्होंने 30 हजार करोड़ रुपये की चपत लगा दी है. आइए नीचे खबर में जानते है विस्तार से।
HR breaking News, Digital Desk- Cryptocurrency को लेकर अभी ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है. लेकिन, पिछले साल ये हॉट-टॉपिक बना हुआ था. इसकी वजह से काफी लोगों को अमीर बनने का भी मौका मिला. हालांकि, कई लोग अपनी जमा-पूंजी क्रिप्टो में लगाकर कंगाल भी हो गए. लेकिन, हम यहां पर Cryptocurrency के नाम पर हुए एक बड़े स्कैम के बारे में बात करने वाले हैं.
Around the web
About Us
HR Breaking News Network – A digital news platform that will give you all the news of Haryana which is necessary for you. You will bring all the news related to your life which affects your life. From the political corridors to the discussion of the: Village Chaupal, from the farm barn to the ration shop, from the street games to playground, from the city’s hospital to your health issue , there will be news of you. In the country, your health to health insurance updates, kitchen or self care, dressing or dieting, election or nook meeting, entertainment or serious crime, from small kitchen gadgets to mobile and advance technology, by joining us you will be able to stay up to date.
एप्पल की असली और नकली वॉच की करें पहचान वर्ना होगा आप का नुकसान, जाने क्या करना होगा….
कुछ जालसाज सेम डिजाइन की नकली ऐपल स्मार्टवॉच बनाकर बेचने की कोशिश कर रहे हैं जो बहुत ही बेकार है. सिर्फ ऊपर से डिजाइन मैच खाती है बाकी अंदर कोई भी फीचर नहीं है. बाजार में ऐपल क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी वाच अल्ट्रा के नाम से तमाम नकली स्मार्टवॉच बाजार में बिक रही हैं. अगर आपको किसी वेबसाइट क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी पर 2500 रूपए में ऐपल स्मार्टवॉच अल्ट्रा के नाम से दिखाई दे तो समझ लीजियेगा कि ये नकली स्मार्टवॉच है.
नकली और असली Apple Watch Ultra में क्या है फर्क (What is the difference between fake and real Apple Watch Ultra?)
एपल वाच अल्ट्रा एक प्रीमियम स्मार्टवॉच है जिसे खरीदने के लिए ग्राहकों में जबरदस्त क्रेज है. इसकी कीमत करीब एक लाख रुपये है. वॉच अल्ट्रा का जो मॉडल बेचा जा रहा है वो असल में फेक है या फिर इसे रेप्लिका मॉडल भी कह सकते हैं. दरअसल ये देखने में तो वॉच अल्ट्रा जैसा ही नजर आता है लेकिन इसके फीचर्स असली वॉच से काफी अलग हैं.
एप्पल की असली और नकली वॉच की करें पहचान वर्ना होगा आप का नुकसान, जाने क्या करना होगा….
फेसबुक पर एक मार्केटप्लेस है जहां पर लोग अपने प्रोडक्ट्स को लाकर बेचते हैं. इसी मार्केटप्लेस में फेक वॉच अल्ट्रा को भी बेचा जा रहा है. स्मार्ट अल्ट्रा की कीमत सिर्फ 2500 रूपए रखी गई है और यही वजह है कि लोग इसे धड़ल्ले से खरीद रहे हैं. यह पूरी तरह से नकली है. अगर आपको लग रहा है कि कम पैसे खर्च करने के बाद आपको असली स्मार्ट वॉच मिलेगी तो यह आपकी गलतफहमी है क्योंकि यह स्मार्ट वॉच पूरी तरह से सिर्फ एक मॉडल है. इसमें वॉच अल्ट्रा जैसी कोई भी खूबी नहीं है ऐसे में आप अगर उम्मीदों से यह वॉच खरीदेंगे तो आपके हाथ सिर्फ निराशा ही लगेगी.