बॉण्ड्स के प्रकार

गाय का घी एनर्जी बढ़ाने के साथ बीमारियों में है फायदेमंद, जानें कैसे..
फायदेमंद है गाय का घी
ज्यादातर लोग वजन और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के डर से घी का सेवन करने से बचते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाय का घी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। जी हां गाय का घी स्वादिष्ट और सुगन्धित होने के साथ-साथ किसी दवा से कम नहीं है। आयुर्वेद में तो गाय के घी को अमृत समान बताया गया है। अगर गाय के घी का सेवन नियमित रूप से किया जाये तो वजन तो नियंत्रित रहता ही है, साथ ही हर प्रकार की बीमारी से भी बचे रहते हैं। जिस प्रकार गाय के दूध में खूब सारी एनर्जी होती है उसी प्रकार देशी घी खाने वाले भी एनर्जी से भरपूर होते हैं। गाय का घी खाने वाले व्यक्ति के चेहरे पर एक अलग प्रकार की चमक, शरीर में एनर्जी और मस्तिष्क तेज होता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करें
घी पर हुए शोध के अनुसार, इससे रक्त और आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल कम होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि घी से बाइलरी लिपिड का स्राव बढ़ जाता है। देशी घी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को सही रखता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अगर आप कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान है, तो अपने आहार में गाय के घी को शामिल करें।
पाचन शक्ति बढ़ाये
घी का स्मोकिंग पॉइंट दूसरे फैट की तुलना में बहुत अधिक है। यही कारण है कि पकाते समय आसानी से नहीं जलता। घी में स्थिर सेचुरेटेड बॉण्ड्स बहुत अधिक होते हैं, जिससे फ्री रेडिकल्स निकलने की आशंका बहुत कम होती है। घी की छोटी फैटी एसिड की चेन को शरीर बहुत जल्दी पचा लेता है। जिससे आपकी पाचन शक्ति अच्छी रहती है।
दिल के लिए फायदेमंद
अब तक तो यही समझा जाता था कि बॉण्ड्स के प्रकार देशी घी ही रोगों की सबसे बड़ी जड़ है? लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि गाय का घी दिल समेत कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। दिल की नलियों में ब्लॉकेज होने पर गाय का घी एक ल्यूब्रिकेंट की तरह काम करता है। जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है, वह गाय का घी खाएं, इससे दिल मजबूत होता है।
त्वचा में निखार लाये
गाय के घी में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, बॉण्ड्स के प्रकार जो फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और चेहरे की चमक बरकरार रखता है। साथ ही यह त्वचा को मुलायम और नमी प्रदान करता है और त्वचा को नॉरिश करने के साथ-साथ ड्रायनेस को भी कम करता है और त्वचा की कांति बढ़ाता है। आप देशी घी से रोज चेहरे की मसाज कर सकते हैं।
मेटाबॉल्जिम को सही रखें
देशी घी शरीर में जमा फैट को गला कर विटामिन में बदलने का काम करता है। इसमें चेन फैट एसिड कम मात्रा में होता है, जिससे आपका खाना जल्दी डाइजेस्ट होता है और मेटाबॉल्जिम सही रहता है। इसके अलावा खाने में देशी घी मिलाकर खाने से खाना जल्दी डाइजेस्ट होता है। यह मेटाबॉल्जिम प्रक्रिया को बढाता है।
वजन को नियंत्रित रखें
देशी घी में सीएलए होता है जो मेटाबॉल्जिम को सही रखता है। इससे वजन कंट्रोल में रहता है। सीएलए इंसुलिन की मात्रा को कम रखता है, जिससे वजन बढ़ने और शुगर जैसी दिक्कतें होने का खतरा कम रहता है। इसके अलावा यह हाइड्रोजनीकरण से नहीं बनाया जाता है, इसलिए देशी घी खाने से शरीर में एक्स्ट्रा फैट बनने का सवाल ही नहीं पैदा होता।
इम्यून सिस्टम मजबूत बनाये
देशी घी में विटामिन के2 पाया जाता है, जो ब्लड सेल में जमा कैल्शियम को हटाने का काम करता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। देसी घी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे इन्फेक्शन से और बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।
कैंसर से लड़े
देसी घी में सूक्ष्म जीवाणु, एंटी-कैंसर और एंटी-वायरल जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है। गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।
माइग्रेन की समस्या से बचाये
माइग्रेन में आमतौर पर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है और सिरदर्द के वक्त मितली या उलटी भी आ सकती है। इस समस्या से बचने के लिए गाय का घी आपकी मदद कर सकता है। दो बूंद गाय का देसी घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है। साथ ही गाय के घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म होती है, नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है।
डेरिवेटिव्स बाजार क्या होता है ? एवं इसके कार्य क्या हैं ?
डेरिवेटिव्स बाजार को व्युत्पन्नी बाजार भी कहा जाता है और 'डेरिवेटिव्स' वर्तमान उत्पाद से व्युत्पन्न लाभ को कहा जाता है । डेरिवेटिव्स एक वित्तीय उपकरण है जिसका मूल्य अन्य वित्तीय उपकरणों से परिवर्तनीय है । ऐसे उपकरणों में ट्रेजरी बिल, बॉण्ड्स, इक्विटी इंडेक्स, ब्याज दर, वस्तु, नोट, सोना आदि मुख्य हैं । वित्तीय डेरिवेटिव्स के अन्तगर्त निम्न उपकरणों को सम्मिलित किया जाता है -
डेरिवेटिव्स ने वित्तीय बाजार को बदल दिया है । इसका कारण बाजार विश्व स्तर का हो गया है । डेरिवेटिव्स सभी देशों में सामान्य रूप से प्रचलित है ।
वैश्विक डेरिवेटिव्स बाजार ( Global Derivatives Market ) :- विश्व में डेरिवेटिव्स बाजार तेजी से विकसित हुआ है । उदारीकरण, वैश्वीकरण अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार, अन्तर्राष्ट्रीय बैंकिंग सम्बन्धों के कारण डेरिवेटिव्स बाजार विश्व स्तर का हो गया है । डेरिवेटिव्स बाजार के विकसित होने के निम्नलिखित कारण हैं -
( 4 ) सूचना प्रौद्योगिकी, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक साधनों का विकास इनकी स्थापना लागतों में भारी कमी तथा नये आविष्कार के कारण कीमतों में कमी होना ।
'डेरिवेटिव्स' के विकसित होने बॉण्ड्स के प्रकार में सुरक्षा दीर्घकालीन कोष, सभी कम्पनियों के लिए उपयुक्त होना आदि गुणों का योगदान है । विश्व में डेरिवेटिव्स का व्यापार वित्तीय बाजार, प्रतिभूति बाजार, विदेशी विनिमय बाजार और वस्तु बाजार में किया जाता है ।
वैश्विक बाजार में 'डेरिवेटिव्स' का प्रचलन नया नहीं है । सन 1970 में 'करेन्सी डेरिवेटिव्स' तथा 1980 में पहला 'Swaps Contract' 'खास अनुबन्ध' किया गया था । जो कि डेरिवेटिव्स का ही प्रकार है । कई देशों में ऑप्शन डेरिवेटिव्स ( Options Derivatives ) OTC डेरिवेटिव्स, फारवर्ड, फ्यूचर आदि प्रचलित किये गये बॉण्ड्स के प्रकार हैं ।
भारत में सेबी ने 9 जून, 2000 को BSE ( Bombay Stock Exchange ) तथा 12 जून, 2000 को NSE ( National Stock Exchange ) में वित्तीय डेरिवेटिव्स जारी करने की अनुमति प्रदान की । सितम्बर 2001 में 'फ्यूचर ट्रेडिंग' ( Future Trading ) की अनुमति सेबी द्वारा दी गई है । सेबी ने स्टॉक फ्यूचर ( Stock Future ) एवं इक्विटी डेरिवेटिव्स की भी अनुमति प्रदान की । इस प्रकार भारतीय पूँजी बाजार में 'डेरिवेटिव्स' की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है ।
डेरिवेटिव्स आवश्यक क्यों ? ( Why Derivatives Necessary ? ) :- प्रत्येक व्यवसाय में जोखिम होता है । किन्तु यह जोखिम कम या अधिक हो सकता है । बीमा कम्पनियों के सहयोग से जोखिम को कम किया जा सकता है । किन्तु कुछ जोखिम, मूल्य परिवर्तन के कारण या वित्तीय सम्पत्तियों के दायित्वों में कमी के कारण या बाजार की दशाओं में परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती हैं । इससे नकदी का प्रवाह रुक जाता है । ऐसी जोखिम को दूर करने के लिए बीमा कम्पनियों के पास कोई योजना नहीं है । व्यापारिक जोखिम दूर करने के लिए वित्तीय डेरिवेटिव्स और अन्य वित्तीय उपकरण उपलब्ध नहीं हैं । बाजार की विपरीत दशाओं में भी डेरिवेटिव्स सहायता पहुँचाता है । डेरिवेटिव्स को जोखिम के विरुद्ध एक तकनीक माना जाता है । वित्तीय संस्थाएँ, फर्म निगम, कम्पनियाँ जोखिम उठाकर लाभ कमाने का उद्देश्य रखती है । किन्तु जोखिम कम करने के लिए इन संस्थाओं द्वारा प्रबन्धकीय रणनीति जोखिम विश्लेषण का प्रयोग किया जाता है ।
डेरिवेटिव्स के कार्य ( Functions of Derivatives ) :- डेरिवेटिव्स वित्तीय उपकरण है । इसमें कोष के उधार लेन-देन सम्बन्धी कार्य नहीं होते । वरन मूल्य-जोखिम को कम किया जाता है । डेरिवेटिव्स दो प्रमुख कार्य करता है - ( 1 ) जोखिम प्रबन्धन ( 2 ) बाजार क्षमता में सुधार ।
[ 1 ] जोखिम प्रबन्धन ( Risk Management ) :- डेरिवेटिव्स को 'जोखिम प्रबन्धन' का औजार ( Tools ) माना जाता है । इससे जोखिम प्रबन्धन के उद्देश्य को पूरा करने में सहायता मिलती है । इस डेरिवेटिव्स रूपी औजार का प्रयोग करने के पूर्व आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय अपनाना चाहिए अन्यथा वित्तीय डेरिवेटिव्स का प्रयोग बिना किसी योग्यता के या असमान ढंग से किया जाता है तो संस्था घोर वित्तीय संकट में फँस सकती है ।
'वित्तीय डेरिवेटिव्स' नये जोखिम प्रबन्धन की तकनीक ही नहीं है वरन यह संगठन के जोखिम घटकों को उजागर करने वाला उपकरण है ।
[ 2 ] बाजार क्षमता में सुधार ( Improving Market-efficiency ) :- डेरिवेटिव्स, 'बाजार क्षमता' में सुधार कर आर्थिक व्यापारिक गतिविधियों को प्रेरित करता है । यह बाजारोन्मुखी प्रणाली ( Market-oriented System ) में व्यक्तिगत जोखिम घटकों को स्वीकार करता है जिससे कि वित्तीय बाजार क्षमता में सुधार होने लगता है । पूँजी बाजार में सभी स्तर की फर्म व्यापार करती है 'डेरिवेटिव्स' फर्म के आकार-प्रकार पर ध्यान नहीं देती । सभी प्रकार की फर्म के लिए डेरिवेटिव्स बाजार उपलब्ध होता है । डेरिवेटिव्स बॉण्ड्स के प्रकार व्यापार में वृद्धि होती है । पूँजी बाजार क्षमता में वृद्धि होती है ।
डेरिवेटिव्स बाजार के भागीदार ( Participants of Derivatives Market ) :- डेरिवेटिव्स बाजार में भाग लेने वाले भागीदारों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है । इन भागीदारों में Hedger ( हेजर ), Trader or Dealer ( व्यापारी या डीलर ), Speculator ( सट्टेबाजी करने वाला ) एवं Others ( अन्य ) होते हैं । इन भागीदारों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है । डेरिवेटिव्स बाजार एक नियंत्रित बाजार के समान रहता है जिसमें मात्रा, मूल्य व समय पर संचालकों का नियंत्रण होता है । संचालकों द्वारा प्रत्येक कार्य करने की समय-सीमा निश्चित की जाती है । डेरिवेटिव्स बाजार में भागीदारों का हस्तक्षेप नहीं होता । इससे बाजार में अनिश्चितता एवं जोखिम नहीं रहती । बाजार के संचालक गण बोर्ड की अनुमति एवं मार्गदर्शन में कार्य करते हैं ।
( 1 ) Hedger ( हेजर ) - 'हेजर' वर्तमान या भविष्य की जोखम को समाप्त या कम करने के उद्देश्य से उल्टे ( Reverse ) सौदे करने वाला होता है । डेरिवेटिव्स बाजार में Hedger सबसे महत्त्वपूर्ण भागीदार होता है ।
बैंक, डेरिवेटिव्स बाजार में हेजर के रूप में कार्य करते हैं । बैंक स्वामी के रूप में भी Hedger के समान कार्य करते हैं । ये विशेषकर सम्पत्ति या दायित्व-प्रबन्ध में रुचि लेते हैं । बैंक अवांछित जोखिम के विरुद्ध भी कार्य करते हैं ।
( 2 ) व्यापारी या डीलर ( Trader or Dealer ) - डेरिवेटिव्स बाजार में दूसरा भागीदार व्यापारी या डीलर होता बॉण्ड्स के प्रकार है । बैंक भी व्यापारी की हैसियत से डेरिवेटिव्स बाजार में कार्य करते हैं । डीलर के रूप में बैंक डेरिवेटिव्स का प्रयोग 'बिड' ( Bids ) ( खरीद के प्रस्तावित मूल्य ) के रूप में निश्चित करके ग्राहक को प्रबन्धकीय जोखिम की आवश्यकता को संतुष्ट करते हैं । वित्तीय डेरिवेटिव्स के डीलर प्रायः ब्रोकर्स के रूप में कार्य करते हैं और ग्राहकों के लिए मध्यस्थता करते हैं । वर्तमान में डीलर या व्यापारी द्वारा डेरिवेटिव्स के पोर्टफोलियो का प्रबन्ध किया जाता है या उसकी समस्त जोखिम व्यवस्था को देखा जाता है । इस तरह डीलर की जोखिम प्रबन्ध-योग्यता व्यक्तिगत सौदों से लेकर पोर्टफोलियो प्रबन्धन तक होती है ।
( 3 ) सट्टेबाजी करने वाला ( Speculator ) - डेरिवेटिव्स बाजार में सट्टेबाजी करने वाले भागीदार को 'सट्टेबाज' ( Speculator ) कहा जाता है । डेरिवेटिव्स बाजार में माँग-पूर्ति के अन्तर से सट्टेबाज लाभ कमाता है दो विभिन्न बाजारों में मूल्य अन्तरों से लाभ कमाना सट्टेबाजों का मुख्य कार्य होता है । ये लोग दो अलग-अलग बाजारों में क्रय-विक्रय के एक साथ, एक समय में सौदों के विशेषज्ञ माने जाते हैं । डेरिवेटिव्स जैसे वित्तीय उपकरण सट्टेबाजों को अनिश्चितता एवं जोखिम से बचाते हैं ।
अर्थशास्त्र से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Economics Objective Questions in Hindi – अर्थशास्त्र की जानकारी न केवल स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों बल्कि ग्रेजुएशन की पढाई कर रहे विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को भी इसकी आवश्यकता पडती है. इसलिए आज इस पोस्ट में हमने ,अर्थशास्त्र के महत्वपूर्ण प्रश्न PDF अर्थशास्त्र के प्रश्न उत्तर 2020 ,अर्थशास्त्र प्रश्नोत्तरी से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न दिए है. जो अक्सर एग्जाम में पूछे जाते है . हमारी वेबसाइट अर्थशास्त्र से रिलेटिड और भी काफी महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गए .जहाँ से आप अपनी परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते है.
(a) जनसंख्या ज्यामितीय अनुपात में बढ़ती है, खाद्य आपू£त गणितीय अनुपात में बढ़ती है।
(b) जनसंख्या गणितीय अनुपात में बढ़ती है, खाद्य आपूत ज्यामितीय अनुपात में बढ़ती है।
(c) जनसंख्या गुणोत्तर माध्य में बढ़ती है, खाद्य आपूत ज्यामितीय अनुपात में बढ़ती है?
(d) जनसंख्या गुणोत्तर माध्य में बढ़ती है, खाद्य आपू£त गणितीय अनुपात में बढ़ती है।
जानें, म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर या स्टॉक खरीदना
हम में से अधिकांश का मानना है कि म्यूचुअल फंड्स (mutual funds) में निवेश (investment) विकल्प जोखिम (risky option) से भरा है। लेकिन यदि सभी पहलुओं पर गौर किया जाए तो स्टॉक्स या कंपनियों में सीधे निवेश (directly investing in stocks) करने की तुलना में म्यूचुअल फंड्स (MF) काफी सुरक्षित निवेश विकल्प (quite safe investment options) है।
जानें, म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर या स्टॉक खरीदना
विशेषज्ञ करते हैं कोष का प्रबंधन
म्यूचुअल फंड्स को फंड्स प्रबंध करने में अनुभव के आधार पर अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित किया जाता है। उन्हे ज्यादा जानकारी होती है और फंड का पोर्टफोलियो बनाने में इसके बेहतर इस्तेमाल के लिए ज्ञान प्राप्त करने के लिए अन्य मार्केट प्रतिभागियों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहते हैं। वे एक बड़ी संख्या में एनेलिस्ट/ विश्लेषण टीम का बॉण्ड्स के प्रकार सहयोग प्राप्त करते हैं जो विभिन्न सेक्टर्स, माईक्रो और मैक्रो आर्थिक गतिविधियों पर नज़र रखती हैं और फंड मैनेजर्स के साथ अपनी राय साझा करती हैं।
भारी रकम का निवेश एक साथ
म्यूचुअल फंड निवेश का एक पूल/ कुंड है जहां यह आपको कम लागत के साथ निवेश का फायदा देता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमे ज्यादा संख्या में निवेश करने वाले होते हैं। इस प्रक्रिया में जो भी फायदा होता है, वह सभी निवेशकों के बीच समान रूप से बांट दिया जाता है। यह सामूहिक निवेश कुल मिला कर प्रबंधन लागत को कम करने में मदद करता है।
बाजार के उतार-चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं
जब आप सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं, तो आपको ‘रूपी कोस्ट ऐवरेजिंग’ का फायदा मिलता है। इसका मतलब जब मार्केट नीचे रहती है तो आप ज्यादा संख्या में यूनिट्स खरीदते हैं और जब मार्केट उपर होती है तो कम संख्या में यूनिट्स खरीदते हैं। यह मार्केट के उतार और चढ़ाव से आपको सुरक्षित बनाते हुए आपकी कुल लागत को औसत बना देता है।
चुनने के लिए कई प्रकार की स्कीमें
आपके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम को सहने की क्षमता के आधार पर आप इक्विटी, डेब्ट, हायब्रिड (इक्विटी और डेबट दोनो का मिश्रण) और गोल्ड सेविंग फंड्स में विविध प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीमों से चुन सकते हैं, जैसे इक्विटी और डेब्ट।
अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने का आसान तरीका
आप या तो सीधे या किसी फायनेशियल एडवाइजर के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड्स आपको छोटे-छोटे निवेशों से शुरूआत करने देता है। उदाहरण के लिए, एक एसआईपी अनुशासित और व्यवस्थित निवेश के जरिये आपके वित्तीय लक्ष्यों को पाने में आपकी मदद करते हुए आपको नियमित अंतराल पर छोटी-छोटी राशि (कम से कम रूपये 500 तक) निवेश करने देता है। उदाहरण के लिए – 25 वर्ष के लिए कम से कम रूपये 1500/- प्रति महीना निवेश करते हुए, आप प्रति वर्ष 10% के रिटर्न की अनुमानित दर पर रूपये 25 लाख तक के करीब जमा कर सकते हैं।
पैसे निकासी के आसान विकल्प
म्यूचुअल निवेश आसान लिक्विडिटी विकल्पों के साथ आते हैं जब तक कि उन्हे पूर्व-निर्धारित लॉक-इन-अवधि द्वारा निर्देशित नहीं किया जाता है। एक निवेशक के तौर पर, आपके पास जो यूनिट हैं उन्हे आप किसी भी समय (निकासी भार के अधीन, यदि कोई है) रिडीम कर सकते हैं। रिडम्पशन/ विमोचन की तारीख से तीन-चार कार्य-दिवसों के भीतर, राशियों को आपके बैंक खातों में डाल दिया जाता है।
आपका पैसा सुरक्षित हाथों में है
भारत में म्यूचुअल फंड्स को सेक्योरिटीज एंड एक्सचेंज ऑफ इंडिया/ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय (SEBI) द्वारा विनियमित और निगरानी की जाती है। आप जो भी पैसा किसी विशिष्ट स्कीम में निवेश करते हैं उसे एक फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है। ये फंड मैनेजर्स काफी अनुभवी और पेशेवर होते हैं। वे आपकी ओर से निर्णय लेते हैं और वे निर्णय मार्केट रिसर्च, निगरानी और अनुभव के जरिये समर्थित होते हैं।
आपका निवेश काफी विविधतापूर्ण है
हम अपने ग्राहकों को हमेशा उनके निवेशों को विविधतापूर्ण रखने की ही सलाह देते हैं। म्यूचुअल फंड्स अन्य असेट जैसे बॉण्ड्स, नकदी या सोने और अन्य कीमती धातुओं जैसी वस्तुओं में भी निवेश कर सकते हैं। विविधतापूर्ण निवेश आपको किसी एक विशिष्ट स्टॉक या सेक्टर में निवेश के जोखिम को कम करने देता है।
स्विच करने/ बदलने का विकल्प
म्यूचुअल फंड्स व्यक्ति को समान बॉण्ड्स के प्रकार एएमसी के भीतर या अन्य एएमसी में भी एक फंड से दूसरे फंड में स्विच करने का अवसर देते हैं। यदि आपका कोई फंड अच्छे से प्रदर्शन नहीं बॉण्ड्स के प्रकार कर रहा है, तो आप बहुत ही आसानी के साथ अपने निवेशों को किसी दूसरी म्यूचुअल फंड स्कीम में स्विच कर/ बदल सकते हैं।
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