शेयर दलाल क्या है?

Shri Rakesh Jhunjhunwala is no more. Investor, bold risk taker, masterly understanding of the stock market, clear in communication- a leader in his own right. Fondly remember several conversations we've had. Had strong belief in India's strength and capabilities. Condolences — Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) August 14, 2022
Muhurat Trading: दिवाली पर शेयर बाजारों में एक घंटे के लिए होगा मुहूर्त ट्रेडिंग, निवेशक मानते हैं इसे शुभ
Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. निवेशक साल भर इस दि . अधिक पढ़ें
- पीटीआई
- Last Updated : October 22, 2022, 08:35 IST
हाइलाइट्स
दिवाली का त्योहार शेयर बाजार और निवेशकों के लिए बेहद खास रहता है.
शेयर बाजार में दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा काफी पुरानी है.
दिवाली पर निवेश को बेहद शुभ माना जाता है.
नई दिल्ली. हिंदू संवत वर्ष 2079 की शुरुआत के पहले दिन दीपावली पर सोमवार को प्रमुख शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में एक घंटे का विशेष कारोबारी सेशन ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ (Muhurat Trading 2022) होगा. शेयर बाजारों में दिवाली के दिन भले ही छुट्टी रहती है, लेकिन इस दिन बाजार एक घंटे के लिए खुलता है.
दोनों शेयर बाजारों ने अलग-अलग सर्कुलर में बताया कि यह सांकेतिक कारोबारी सेशन शाम को 6:15 बजे से 7:15 बजे के बीच होगा. ऐसी मान्यता है कि ‘मुहूर्त’ के दौरान लेन-देन करना शुभ होता है और यह वित्तीय समृद्धि लाता है. मुहुर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर के अलावा जिंस वायदा, मुद्रा वायदा, शेयर वायदा एवं विकल्प जैसे क्षेत्रों में भी कारोबार होगा.
नई चीज की शुरुआत करने के लिए दिवाली को माना जाता है शुभ
अपस्टॉक्स (Upstox) में डायरेक्टर पुनीत माहेश्वरी ने कहा कि किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के लिए दीपावली को सबसे अच्छा वक्त माना जाता है. बाजार में धारणा सकारात्मक है और विभिन्न क्षेत्रों में खरीदारी हो रही है. माना जाता है कि इस सेशन के दौरान खरीदारी करने पर निवेशक को सालभर लाभ मिलता है. उन्होंने कहा कि यह सत्र केवल एक घंटे का शेयर दलाल क्या है? है इसलिए नए कारोबारियों को इस दौरान सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव आता रहता है.
संवत 2079 में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद
सेंकटम वेल्थ (Sanctum Wealth) में प्रोडक्ट्स एंड सॉल्यूशंस के को-हेड मनीष जेलोका ने कहा कि संवत 2078 के दौरान भारतीय शेयर बाजारों ने वैश्विक बाजारों की तुलना में कहीं अच्छा प्रदर्शन किया था जो संवत 2079 में भी जारी रहने की उम्मीद है.
बैंक, कैपिटल गुड्स, मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के ग्रुप प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने कहा कि संवत 2079 के दीपावली जैसा रहने की संभावना है. बैंक, कैपिटल गुड्स, मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है. साथ ही टेक और फॉर्मा क्षेत्र में भी दिलचस्प अवसर मिल सकता है है.
26 अक्टूबर को बंद रहेंगे शेयर बाजार
शेयर बाजार 26 अक्टूबर को बलिप्रतिपदा (Diwali Balipratipada) के अवसर पर बंद रहेंगे.
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शेयर मार्केट के दिग्गज राकेश झुनझुनवाला का 62 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
राकेश झुनझुनवाला के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है.
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शेयर मार्केट के दिग्गज राकेश झुनझुनवाला का 62 साल की उम्र में निधन हो गया. सूत्रों के मुताबिक, सुबह 6.45 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई थी. वह कुछ दिन पहले भी अस्पताल में भर्ती रहकर गए थे. उन्हें 2-3 सप्ताह पहले अस्पताल से छुट्टी दी गई थी. लेकिन अस्पताल से जाने के बाद भी उनकी तबीयत सही नहीं रह रही थी.
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सुबह दिल का दौरा पड़ने बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था. अस्पताल लाते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे.
झुनझुनवाला कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे और उन्हें आखिरी बार एक सप्ताह पहले Akasa Air के लॉन्च पर देखा गया था. वह इस एयरलाइंस के फाउंडर भी थे, जिसे हालही में शुरू किया गया था.
Billionaire veteran investor and Akasa Air founder Rakesh Jhunjhunwala passes away at the age of 62 in Mumbai pic.twitter.com/36QcRfHXsa
— ANI (@ANI) August 14, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जाहिर किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘राकेश झुनझुनवाला जिंदादिल, हाजिरजवाब और गहरी समझ वाले व्यक्ति थे. उन्होंने आर्थिक जगत में एक अमिट छाप छोड़ी है. वह (झुनझुनवाला) भारत की प्रगति को लेकर बहुत जुनूनी थे. उनका दुनिया से जाना दुखद है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना. ओम शांति.'.
Rakesh Jhunjhunwala was indomitable. Full of life, witty and insightful, he leaves behind an indelible contribution to the financial world. He was also very passionate about India's progress. His passing away is saddening. My condolences to his family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/DR2uIiiUb7
शेयर दलाल क्या है? — Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2022
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करते हुए लिखा है, राकेश झुनझुनवाला नहीं रहे. निवेशक, साहसिक जोखिम लेने वाला, शेयर बाजार की उत्कृष्ट समझ रखने वाले थे. उन्हें भारत की ताकत और क्षमताओं में दृढ़ विश्वास था.
Shri Rakesh Jhunjhunwala is no more. Investor, bold risk taker, masterly understanding of the stock market, clear in communication- a leader in his own right. Fondly remember several conversations we'शेयर दलाल क्या है? ve had. Had strong belief in India's strength and capabilities. Condolences
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) August 14, 2022
फोर्ब्स के मुताबिक, दिग्गज निवेशक, जिसे दलाल स्ट्रीट के बिग बुल के रूप में भी जाना जाता है, की कुल संपत्ति लगभग 5.5 बिलियन डॉलर है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनके निधन पर दुख जाहिर करते हुए लिखा है, राकेश झुनझुनवाला जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. उनके अनुभव और शेयर बाजार की समझ ने अनगिनत निवेशकों को प्रेरित किया है. उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. ओम शांति शांति
Anguished to learn about the passing away of Rakesh Jhunjhunwala Ji. His vast experience and understanding of the stock market have inspired countless investors. He will always be remembered for his bullish outlook. My deepest condolences to his family. Om Shanti Shanti.
— Amit Shah (@AmitShah) August 14, 2022
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है.
Deeply anguished at the demise of veteran investor Rakesh Jhunjhunwala. He शेयर दलाल क्या है? was an inspiration for wealth creation for crores.
My heartfelt condolences to his family, friends and admirers. Om Shanti.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) August 14, 2022आइये जाने स्टॉक ब्रोकर क्या होते है, शेयर बाजार में स्टॉक ब्रोकर के प्रकार के बारे में
What is Stock Broker in Hindi
शेयर दलाल क्या है?What is Stock Broker in Hindi: शेयर मार्केट के बारे में हम सभी ने सुना है। शेयर मार्केट से ही स्टॉक ब्रोकर (stock broker) भी जुड़ा होता है। ज्यादातर हमें से सभी लोगों ने स्टॉक ब्रोकर का नाम भी सुना होगा! आज हम जानेगे स्टॉक ब्रोकर क्या होता है? स्टॉक ब्रोकर का शेयर मार्केट में क्या काम करता है?
स्टॉक ब्रोकर का काम शेयर मार्केट (share market) में बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह स्टॉक एक्सचेंज और इन्वेस्टर के बीच में एक कड़ी के रूप में काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी निवेशक (Investor) शेयर मार्केट में निवेश नहीं कर सकता है। अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती शेयर दलाल क्या है? है। यह दोनों ही अकाउंट आप एक स्टॉकब्रोकर में ही खोल सकते हैं।
दूसरे शब्द में कहे तो किसी भी Investor द्वारा शेयर को खरीदने और बेचने के आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) तक पहुंचाने का काम स्टॉक ब्रोकर का काम होता है।
स्टॉक ब्रोकर को ही दलाल के नाम से भी जानते हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो वह व्यक्ति या संस्था या कंपनी जो हमारे शेयर के खरीदने के आर्डर को मार्केट में पहुंचाने का काम करता है उसे स्टॉकब्रोकर कहा जाता है। यह स्टॉक ब्रोकर कोई व्यक्ति, कंपनी या फिर कोई फर्म हो सकती है। यह स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर होते हैं
Blood Bath in Stock Market : शेयर बाजार में हाहाकार, जानिए 1000 अंक से ज्यादा क्यों टूटा सेंसक्स
मंदी की आह से दुनिया भर के बाजार सहमे हैं, इसी का असर दलाल स्ट्रीट पर भी दिख रहा है।
Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: September 16, 2022 15:15 IST
Photo:PTI Stock Market
Blood Bath in Stock Market : भारतीय शेयर बाजार के लिए मौजूदा सप्ताह किसी बुरे स्वप्न जैसा है। अमेरिकी बाजार में आई गिरावट का असर लगातार तीसरे दिन भारतीय शेयर बाजारों में दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को तो बाजार में हाहाकार जैसा माहौल था। करीब 700 अंकों की गिरावट के साथ खुला बाजार दोपहर होते होते, बाजार में गिरावट गहरा गई और सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा गिरा गया। वहीं निफ्टी भी 17,600 के अहम स्तर को तोड़कर नीचे आ गया।
अमेरिकी मंदी से आया भारतीय बाजार को बुखार
विशेषज्ञों के अनुसार भारतीय बाजार में ताजा गिरावट के पीछे अमेरिकी फेड की सख्ती को लेकर गहराती आशंकाएं हैं। विश्लेषकों के अनुसार मंदी की आह से दुनिया भर के बाजार सहमे हैं, इसी का असर दलाल स्ट्रीट पर भी दिख रहा है। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी फिच ने इस सप्ताह की शुरुआत में वैश्विक आर्थिक तनाव, बढ़ती महंगाई और सख्त होती आरबीआई मौद्रिक नीति के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है।
ग्लोबल चिंताओं से भारत में भी घबराहट
विशेषज्ञों के अनुसार मजबूत घरेलू आर्थिक वृद्धि की उम्मीद में भारतीय शेयर बाजारों ने अभी तक अन्य प्रतिस्पर्धी देशों से बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन लंबे समय तक वैश्विक रुख से अलग होना मुश्किल है। भारतीय इक्विटी बाजारों में एक बार फिर बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है। डॉलर इंडेक्स में तेज उछाल के कारण भारत सहित दूसरी वैश्विक मुद्राएं कमजोर हो रही हैं। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड अमेरिकी मुद्रास्फीति की संख्या के बाद है।
FII की भारी बिकवाली
बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों की बिकवाली है। एफआईआई ने भी अपनी निरंतर खरीद रोक दी है और एक बार फिर एफआईआई की बिकवाली शुरु हो गई है। विदेशी निवेशकों ने गुरुवार को सात दिन की लंबी खरीदारी की लकीर को तोड़ते हुए, भारतीय इक्विटी में शुद्ध 173 मिलियन से अधिक के शेयरों की बिक्री की है।
इन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली
सेंसेक्स के शेयरों में टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व और एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ इंडस्लैंड और सन फार्मा लाभ में हैं। एशिया के अन्य बाजारों में कल जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे। वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को मजबूती के साथ बंद हुए। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आईटी और फार्मा शेयरों में बिकवाली से वैश्विक बाजारों की सकारात्मक प्रवृत्ति को दरकिनार करते हुए घरेलू बाजारों ने अपने शुरुआती लाभ को गंवा दिया। वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप ने बेहतर प्रदर्शन किया।’’ इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.04 प्रतिशत गिरकर 94.06 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 1,397.51 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
Expalined: शेयर बाजार में क्यों हो रही गिरावट, निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह
Stock Markets Crashed: भारत समेत दुनियाभर के बाजार में बड़ी शेयर दलाल क्या है? गिरावट शेयर दलाल क्या है? देखी गई है। बजट के ठीक पहले दलाल स्ट्रीट का इस मूड ने सभी को चिंता में डाल दिया है। वैसे माना जा शेयर दलाल क्या है? रहा है कि अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी इसका सबसे बड़ा कारण है। कहा जा रहा है कि अभी कुछ और बड़ी गिरावट देखने शेयर दलाल क्या है? को मिल सकती है। यानी निवेशकों के लिए मुश्किल दौर बना रहेगा। कोरोना महामारी भी बाजार के सेंटिमेंट्स को बिगाड़ रही है। अमेरिका और रूस के बीच तनातनी भी आग में घी का काम कर रही है। यहां जानिए एक्सपर्ट्स की राय कि आगे क्या करना चाहिए। वहीं गिरावट की बड़ी बजह क्या हैं
Stock Markets Crashed: गिरावट की दो बड़ी वजह
1. महंगा होता क्रूड बिगाड़ेगा सरकार का बजटीय गणित: सरकार के बजटीय गणित पर सबसे ज्यादा परोक्ष असर महंगे होते क्रूड का पड़ेगा। वर्ष 2022 में क्रूड की कीमतें 14 प्रतिशत बढ़कर 88.17 डालर प्रति बैरल हो गई हैं। पिछले सात वर्षों में यह सबसे ज्यादा है। यह ठीक है कि तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमत नहीं बढ़ा रही हैं, लेकिन अगर क्रूड की कीमतें ऐसी ही बनी रहीं तो पांच राज्यों के चुनाव खत्म होने के बाद एकमुश्त कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं। इसका व्यापक असर महंगाई पर पड़ सकता है। ऐसे में यह देखना होगा कि वित्त मंत्री जनता को फिर से महंगे पेट्रोल डीजल के एक नए दौर में डालती हैं या फिर उन्हें राहत देने के लिए पेट्रोल- डीजल पर उत्पाद शुल्क में पहले ही कटौती करेंगी। केंद्र सरकार के पास एक और उपाय है कि वह राज्यों को पेट्रो उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए नए सिरे से बात करे और उन्हें तैयार करे। महंगे क्रूड का प्रभाव देश के चालू खाते में घाटे (निर्यात से होने वाली विदेशी मुद्रा की कमाई व आयात पर होने वाले विदेशी मुद्रा के खर्चे का अंतर) पर भी दिखाई देगा।
2. महंगाई का दौर लौटने की आशंका भी बड़ी वजह: शेयर बाजार की गिरावट के लिए एक दूसरी बड़ी वजह अमेरिका और दूसरी अर्थव्यवस्था में महंगाई के दौर के लौटने को माना जा रहा है। इसकी वजह से अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों को बढ़ाने का एलान होने वाला है। इसका भारत पर असर होने की बात कही जा रही है। सबसे पहले तो अमेरिकी शेयर बाजार के आकर्षक होने से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआइआइ) भारत से पैसा निकाल कर वहां निवेश करेंगे। ऐसे में देखना होगा कि एफआइआइ को पैसा निकालने से रोकने के लिए आम बजट 2022-23 में कोई कदम उठाया जाता है या नहीं। इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार और घरेलू बांड्स पर दिखेगा।
Stock Markets Crashed: जानिए आगे क्या करें
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के मुताबिक, अभी निवेशकों को थोड़ा सतर्क रहना होगा, क्योंकि पिछले सप्ताह अमेरिका के तकनीकी शेयरों में भारी गिरावट ने पूरी दुनिया के बाजार को प्रभावित किया है। रूस-यूक्रेन सीमा विवाद और फेडरल बैंक की तरफ से दरों में बढ़ोतरी से इस गिरावट को और मजबूती मिली है।
इसी तरह इक्विटी सलाहकार देवांग मेहता का कहना है कि बाजार चार-पांच दिनों से विकसित देशों में ब्याज दरों शेयर दलाल क्या है? में बढ़ोतरी को लेकर सहमा हुआ है। ओमिक्रोन वैरिएंट के खतरनाक नहीं होने के बावजूद इससे प्रभावित मरीजों की संख्या सोचने को मजबूर कर रही है।