व्यापार के लिए शर्तें

बिज़नेस लोन - बिज़नेस लोन के लिए ऑनलाइन तुरंत अप्लाई करें
पाएं 40 लाख रुपये (चुनिंदा स्थानों पर 50 लाख रुपये तक) तक का लोन, बिना किसी जमानत (कोलेटरल) के (लोन लेने के लिए जमानत या कोलेटरल लोन लेने के लिए एक जरूरी चीज है, जो लोन लेने वाले के पास होनी चाहिए ), गारंटर के ( गारंटर वह व्यक्ति होता है जो दूसरे के भुगतान की गारंटी देता है। यह गारंटर को -एंडोर्सर बन जाता है और डिफ़ॉल्ट की स्थिति में देनदारी चुकाता है।) या सिक्योरिटी के। इस लोन की रकम को किसी भी काम में जैसे बिजनेस में, बच्चों की पढ़ाई में या मकान बनवाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
आसानी से लोन बैलेंस ट्रांसफर करें
कम EMI के लिए अपने मौजूदा बिज़नेस ग्रोथ लोन को HDFC बैंक में ट्रांसफर करें, और तमाम फायदे पाएं।
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ड्रॉपलाइन ओवरड्राफ्ट सुविधा
यह बिना किसी सुरक्षा राशि के ओवरड्राफ्ट सुविधा देता है। एक अलग चालू खाते में इसकी लिमिट सेट कर दी जाती है जो व्यापार के लिए शर्तें लोन की अवधि तक मासिक तौर पर मिलती रहती है। उपयोग की गई राशि पर ही ब्याज का भुगतान करें।
- ड्रॉपलाइन ओवरड्राफ्ट सुविधा 5 लाख - 15 लाख* तक
कोई गारंटर नहीं ( गारंटर वह एक व्यक्ति होता है जो दूसरे के भुगतान की गारंटी देता है। यह गारंटर को एंडोर्सर बन जाता है और डिफ़ॉल्ट की स्थिति में यही देनदारी चुकाता है।) या सुरक्षा राशि नहीं
अवधि 12-48 महीने तक।
लिमिट तय होने के पहले 6 महीनों में कोई फोरक्लोज़र/ पार्ट क्लोज़र करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
जल्द योग्यता की जांच और डिस्बर्सल
ऑनलाइन केवल 60 सेकंड में किसी भी शाखा में बिज़नेस ग्रोथ लोन के लिए अपनी योग्यता की जाँच करें। पिछले होम लोन, ऑटो लोन और क्रेडिट कार्ड के पुनर्भुगतान के आधार पर लोन वितरित किया जाएगा।
फ्लेक्सिबल अवधि
आप अपना लोन 12 से 48 महीने की अवधि में चुका सकते हैं।
क्रेडिट इंश्योरेंस प्लान मेरे परिवार को कर्ज से बचाता है
सुविधाजनक उधार
अपने लोन से जुड़ी किसी भी मदद के लिए, आप एसएमएस, वेबचैट, क्लिक2टॉक और फोन बैंकिंग के माध्यम से हम तक पहुंच सकते हैं।
सुरक्षित रहें
मामूली प्रीमियम* का भुगतान करके और हमारे क्रेडिट प्रोटेक्ट के साथ अपने लोन को कवर करके अपने प्रियजनों का ख्याल रखें
ग्राहक की मृत्यु होने पर लोन राशि का भुगतान करके परिवार की रक्षा करता है
लाइफ कवरेज - रखे हर फिक्र से दूर
लोन चुकाने के लिए अपनी बाकी जमा-पूंजी लगाने की जरूरत नहीं है
लागू कानूनों के अनुसार टैक्स लाभ
एक सुविधाजनक पैकेज - लोन + बीमा
सरकार की तय दरों पर सेवा कर (सर्विस टैक्स) और लागू सरचार्ज/सेस लगाने के बाद प्रीमियम की कीमत लोन राशि से घटाई जएगी।
ग्राहक की प्राकृतिक / आकस्मिक मृत्यु होने पर , ग्राहक / नॉमिनी पेमेंट प्रोटेक्शन बीमा ले सकता है, लोन की बकाया राशि पर कुल लोन राशि तक का बीमा हो सकता है
* बीमाकर्ताओं के नियम और शर्तें लागू होंगी। उपरोक्त उत्पाद HDFC Life Ins Co. Ltd. द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
ELIGIBILITY
FEES & CHARGES
DOCUMENTATION
हमारे बिज़नेस ग्रोथ लोन के साथ आप अपने प्रतिस्पर्धियों से हमेशा आगे रहें। बिना किसी परेशानी के अपने बिजनेस को आगे बढ़ाएं और इसे HDFC बैंक की अतिरिक्त फाइनेंशियल मदद से नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। हम हर कदम पर आपके साथ हैं क्योंकि हमें आप पर भरोसा है। हम आपके बिजनेस से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए उचित ब्याज दरों, फ्लेक्सिबल अवधि और न्यूनतम दस्तावेज पर बिज़नेस ग्रोथ लोन देते हैं। बिज़नेस ग्रोथ लोन का एक खास फीचर है ओवरड्राफ्ट की सुविधा, यानी आप केवल इस्तेमाल की गई लोन राशि पर ही ब्याज का भुगतान करें, क्रेडिट प्रोटेक्शन प्लान के साथ। ग्राहक की बदलती जरूरतों और नई तकनीकों के हिसाब से अपने बिजनेस में जरूरी बदलाव करने हों या उसे और बढ़ाना हो, आप जो चाहें, बिज़नेस ग्रोथ लोन की मदद से कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बिज़नेस लोन संबंधी पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बिज़नेस लोन क्या होता है?
एक बिज़नेस लोन आपके बिज़नस को बढ़ाने के लिए होने वाले कई खर्चों को कवर करने के लिए क्यूरेट किया जाता है। HDFC बैंक बिजनेस ग्रोथ लोन आपको एक निर्धारित लोन राशि प्रदान करता है, इसके लिए कोई भी संपत्ति, गिरवी रखने की जरूरत नहीं है।
2. बिजनेस लोन स्टेटस कैसे चेक करें?
HDFC बैंक में हम आपको अपनी उंगलियों पर ये सुविधा प्रदान करते हैं।
अपने बिज़नेस लोन स्टेटस की जांच करने के लिए यहां क्लिक करें।
आपको बस अपना नाम या रिफरेन्स नंबर, जन्म तिथि या मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। क्लिक कर सबमिट करें और आपके लोन स्टेटस की डिटेल्स आपकी स्क्रीन पर दिख जाएंगी।
3. बिजनेस लोन के क्या लाभ हैं?
बिजनेस लोन के लाभ निम्नलिखित ये हैं :
- ओवरड्राफ्ट सुविधा यानी केवल इस्तेमाल की गई राशि पर ब्याज का भुगतान करें।
- आसानी से लोन बैलेंस ट्रांसफर करें।
- लोन राशि के इस्तेमाल करने पर ही ब्याज राशि का भुगतान।
- फ्लेक्सिबल टेन्योर विकल्प
- कम से कम दस्तावेज।
- अतिरिक्त धन के लिए मौजूदा बिजनेस लोन पर टॉप-अप।
- क्रेडिट प्रोटेक्शन पॉलिसी।
4. एक बिजनेस लोन कैसे काम करता है?
HDFC बैंक बिजनेस ग्रोथ लोन के साथ आप 50 लाख रु तक के फंड्स का लाभ उठा सकते हैं। आप कुछ आसान स्टेप्स में अपनी योग्यता की जांच कर सकते हैं। आप चाहें तो इसे ऑनलाइन या अपने नजदीकी HDFC बैंक ब्रांच में जाकर कर सकते हैं। कम से कम डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत है, और अप्लाई करने तथा लोन डिसबर्सल की प्रक्रिया आसान और तेज़ है।
5. बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कैसे करें?
आप हमारे असिसटेंस पोर्टल पर इनमें से किसी एक तरीके से बिजनेस ग्रोथ लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं:
व्यापार के लिए शर्तें
- रजिस्टर करें (निःशुल्क)
(यदि रजिस्टर नहीं किया है तो) - लॉग इन करें
(यदि आप रजिस्टर कर चुके हैं तो)
- होम
- एक्ज़िम मित्र
- निर्यात-आयात की जानकारी
- निर्यात का पहला कदम
- वैश्विक उत्पाद बाजार
- भारत का व्यापारः उत्पाद और बाजार
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- देशों की रेटिंग (ईसीजीसी)
- मार्केट ऐक्सेस
- ढुलाई लागत और ट्रैकर
- सीमा शुल्क कैलक्यूलेटर
- शोध और प्रकाशन
- नवीनतम शोध
- नीतियां और प्रोत्साहन
- विमानन
- ऑटोमोबाइल सेक्टर
- ऑटो- पुर्जे उद्योग
- बायोतेक्नोलोजी
- पूँजीगत माल
- रासायनिक उद्योग
- निर्माण क्षेत्र
- रक्षा विनिर्माण क्षेत्र
- इलेक्ट्रिकल मशीनरी
- इलेक्ट्रॉनिक्स
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
- सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और बिजनेस प्रोसेस प्रबंधन (बीपीएम) उद्योग
- चमड़ा उद्योग (नीतियां और प्रोत्साहन)
- मीडिया और मनोरंजन
- Mining
- Oil and Gas
- पेट्रोलियम उत्पाद
- दवा उद्योग
- बंदरगाह और पोत परिवहन (शिपिंग) क्षेत्र
- Railway
- अक्षय ऊर्जा
- सड़क और हाईवेज़
- कपड़ा
- पर्यटन और आतिथ्य
- राज्य स्तरीय योजनाएँ
- Foreign Trade Policy
- All Relevant Policies
- ईसीजीसी
- सीजीटीएमएसई
- मार्केटिंग सलाहकारी सेवाएं
- आधारभूत उद्यम विकास (ग्रिड)
- विदेशी निवेश वित्त
- ऋण-व्यवस्था
- क्रेताओं के लिए ऋण (क्रेता ऋण)
- परियोजना निर्यात
- राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए)
- उपयोगी जानकारी
- उपयोगी पते की निर्देशिका
- एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स
- निर्यात आयात एफएक्यू
- इन्कोटर्म्स
- लेटर ऑफ क्रेडिट
- व्यापार की शब्दावली
- Customs
- FEMA
निर्यात के लिए शुरुआती कदम
कंपनी बनाना
निर्यात कारोबार शुरू करने के लिए सबसे पहले प्रक्रिया के मुताबिक एक वैयक्तिक प्रोपराइटरी प्रतिष्ठान या फर्म या प्रोपराइटरी कंपनी बनाना जरूरी है। जाहिर तौर पर एक आकर्षक नाम और लोगो के साथ।
बैंक खाता खोलना
ऐसे बैंक में खाता खोलना है, जो विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए अधिकृत हो।
पैन लेना
आईईसी नंबर लेना
निर्यात/आयात कारोबार के लिए 10 डिजिट का आयातक-निर्यातक कोड (आईईसी) लेना अनिवार्य है। आईईसी नंबर लेने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के क्षेत्रीय कार्यालयों में आवेदन किया जा सकता है। http://164.100.78.104:8080/dgftiec/IEClogin.jsp
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रजिस्ट्रेशन
उत्पत्ति (मूल) स्थान का प्रमाण पत्र
उत्पत्ति (मूल) स्थान का प्रमाण पत्र एक दस्तावेज है, जो किसी देश में आयातित माल के मूल स्थान का प्रमाण देता है। ये प्रमाण पत्र निर्यातकों के लिए अनिवार्य हैं, ताकि वे साबित कर सकें कि उनका माल कहां का है और आयातक देश में भारतीय माल पर मिलने वाले लाभ का फायदा उठा सकें। आप मूल स्थान का प्रमाण पत्र देने वाले संस्थान जानने के लिए यह लिंक देख सकते हैं- http://dgft.gov.in/sites/default/files/4C.pdf
आप सभी एजेंसियों और सभी उत्पादों के लिए सभी एफटीए / पीटीए के लिए मूल प्रमाण पत्र तक पहुंच के लिंक का उल्लेख करना पसंद कर सकते हैं - https://coo.dgft.gov.in/
आरसीएमसी
रजिस्ट्रेशन कम मेंबरशिप सर्टिफिकेट यानी पंजीकरण और सदस्यता प्रमाण पत्र विदेश व्यापार नीति 2015-20 में निर्धारित अनुसार निर्यात संवर्द्धन परिषदों / कमोडिटी बोर्ड / विकास प्राधिकरणों या अन्य सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी किए जाते हैं। विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत आयात/निर्यात के लिए अनुमति मांगने या अन्य कोई लाभ उठाने या छूट प्राप्त करने के लिए आवेदन करने वाली किसी भी कंपनी के लिए वैध आरसीएमसी प्रस्तुत करना जरूरी है।http://dgft.gov.in/sites/default/files/ANF-2C.pdf
उत्पादों का चयन
उत्पादों का चयन कुछ बातें ध्यान में रखकर किया जा सकता है। जैसे- निर्यात के विस्तृत आंकड़े, उत्पाद के निर्यात के दिशा-निर्देश, चयनित उत्पाद का निर्यात ट्रेंड, निर्यात योग्य सर्वश्रेष्ठ उत्पाद और उस उत्पाद पर कोई प्रतिबंध न हो।
बाजार का चयन
किसी विदेशी बाजार में पूरी रिसर्च के साथ कदम रखना चाहिए। जैसे- उसका मार्केट साइज़ क्या है, कंपीटिशन और भुगतान की शर्तें क्या हैं, यह सब देखना चाहिए। निर्यातक विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत कुछ देशों के लिए उपलब्ध निर्यात लाभों का मूल्यांकन भी कर सकते हैं। निर्यात संवर्द्धन एजेंसियां, विदेशों में भारतीय मिशन आदि ऐसी सूचनाएं जुटाने में मददगार हो सकते हैं।
बाजार की तकनीकी जरूरतें
स्टैंडर्ड यानी मानक, तकनीकी विनियामक, एसपीएस उपाय यानी खाद्य सुरक्षा, पशुओं और पौधों के स्वास्थ्य मानक संबंधी नियम और पुष्टिकरण मूल्यांकन प्रक्रिया, ये सब बाजार की तकनीकी जरूरतें हैं। ये अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती हैं।
कीमत / लागत
निर्यात की कीमत तय करन के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिएः
- विनिर्मित उत्पाद की लागत
- अकेले या बल्क में पैकिंग की लागत
- वित्तपोषण की लागत
- ईसीजीसी कवर की लागत
- प्रमोट करने या ऑर्डर बुक करने में हुआ खर्च
- कानूनी दस्तावेज तैयार कराने में हुआ खर्च
- ढुलाई सहित माल को बंदरगाह तक पहुंचाने की लागत और अन्य खर्च
- कर, विभिन्न शुल्क और यदि कोई लेवी आदि लगी है तो वह और लाभ मार्जिन .
खरीदार तलाशना
व्यापार मेले (ट्रेड फेयर), प्रदर्शनियां, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन, बी-टू-बी (बिज़नेस से बिज़नेस बनाने वाले) पोर्टल आदि बाजार में कदम रखने के प्रभावी माध्यम हैं। निर्यात संवर्द्धन परिषदें, विदेशों में भारतीय मिशन, विदेश स्थित चैंबर्स ऑफ कॉमर्स भी मददगार होते हैं। उत्पादों की सूची, उनकी कीमत, भुगतान की शर्तें और अन्य संबंधित सूचनाएं देने वाली बहुभाषी वेबसाइटों से भी मदद मिलेगी।
खरीदारों के साथ सौदा
खरीदार का चयन करने के बाद अगला कदम उत्पाद में खरीदार की रुचि पैदा करना है। इसके लिए भावी संभावनाएं बताना, कीमतों में छूट देने संबंधी बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
ईसीजीसी के जरिए जोखिम कवर लेना
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भुगतान का जोखिम रहता है, जो देश या खरीदार की साख पर निर्भर करता है। ये जोखिम ईसीजीसी लिमिटेड से उचित पॉलिसी के जरिए कवर किए जा सकते हैं।
व्यापार के लिए शर्तें
आयकर से संबंधित सामान्य प्रश्न
1800 180 1961(or)
08:00 बजे से - 22:00 बजे तक (सोमवार से शनिवार)
ई-फ़ाईलिंग और केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र
आयकर विवरणी या फॉर्म और अन्य मूल्य वर्धित सेवाओं की ई-फ़ाईलिंग और सूचना, सुधार, प्रतिदाय और अन्य आयकर प्रसंस्करण से संबंधित प्रश्न
1800 103 0025 (or)
08:00 बजे से - 20:00 बजे से (सोमवार से शुक्रवार
09:00 बजे से - 18:00 बजे से (शनिवार को)
कर सूचना नेटवर्क - एन.एस.डी.एल.
एन.एस.डी.एल. के माध्यम से जारी करने/अपडेट करने के लिए पैन और टैन आवेदन से संबंधित प्रश्न
07:00 बजे से - 23:00 बजे तक (सभी दिन)
निर्धारण वर्ष 2022-2023 के लिए अनिवासी व्यक्ति
निर्धारण वर्ष 2022-2023 के लिए अनिवासी व्यक्ति के लिए लागू विवरणी और फॉर्म
अस्वीकरण:इस पेज की सामग्री केवल अवलोकन और सामान्य मार्गदर्शन देने के लिए है और संपूर्ण नहीं है। सम्पूर्ण ब्यौरा और दिशानिर्देशों के लिए, कृपया आयकर अधिनियम, नियम और अधिसूचनाओं का संदर्भ लें।
अनिवासी व्यक्ति एक ऐसा व्यक्ति है जो कर प्रयोजनों के लिए भारत का निवासी नहीं है। यह आदेश निर्धारित करने के लिए कि कोई व्यक्ति अनिवासी है या नहीं, उसकी आवासीय स्थिति को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 6 के तहत निर्धारित करना आवश्यक है, जैसा कि नीचे दिया गया है:
यदि कोई व्यक्ति निम्नलिखित शर्तों को पूरा करता है तो वह किसी भी पूर्व वर्ष में भारत का निवासी माना जाएगा:
1. यदि वह पूर्व वर्ष के दौरान 182 दिनों, या उससे अधिक की कालावधि के लिए भारत में है या
2. यदि वह पूर्व वर्ष के दौरान 60 दिनों या उससे अधिक कालावधि के लिए औरपिछले वर्ष के तुरंत पूर्ववर्ती 4 वर्षों के दौरान 365 दिन या उससे अधिक भारत में था।कोई व्यक्ति जो उपरोक्त दोनों शर्तों को पूरा नहीं करता है, उसे उस पूर्व वर्ष में अनिवासी के रूप में माना जायेगा।
हालांकि, एक भारतीय नागरिक और भारतीय मूल के व्यक्ति के संदर्भ में, जिसने वर्ष के दौरान भारत की यात्रा की है, उपरोक्त (2) के रूप में उल्लिखित 60 दिनों की कालावधि को 182 दिनों में प्रतिस्थापित किया जायेगा। समरूप रियायत उन भारतीय नागरिकों को उपबंध की गई है जो किसी भी पूर्व वर्ष में एक कर्मी दल सदस्य के रूप में या नौकरी के प्रयोजन से भारत व्यापार के लिए शर्तें से बाहर जाते हैं।वित्त अधिनियम, 2020 द्वारा, निर्धारण वर्ष 2021-22 से, उपरोक्त अपवाद में संशोधन किया है ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि उपरोक्त (2) के रूप में उल्लिखित 60 दिनों की कालावधि को 120 दिनों के साथ प्रतिस्थापित किया जाएगा, यदि कोई भारतीय नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति जिसकी कुल आय, विदेशी स्रोतों से आय के अलावा, पूर्व वर्ष के दौरान ₹ 15 लाख से अधिक है।
वित्त अधिनियम, 2020 द्वारा नई धारा 6(1A) भी लागू की है जो निर्धारण वर्ष 2021-22 से लागू है। इसमें यह प्रावधान है कि एक भारतीय नागरिक जिसकी कुल आय ₹ 15 लाख (विदेशी स्रोतों से आय के अलावा) से अधिक है, वह भारत में निवासी के रूप में मानद/मान्य होगा, यदि वह किसी भी देश में कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है।
यह विवरणी व्यक्ति (चाहे निवासी या अनिवासी) और हिन्दु अविभक्त कुटुम्ब (HUF) के लिए लागू होती है
यह विवरणी व्यक्ति (चाहे निवासी या अनिवासी) और हिन्दु अविभक्त कुटुम्ब (HUF) के लिए लागू होता है।
व्यापार के लिए शर्तें
मार्जिन किसी में रखी गई प्रतिभूतियों के कुल मूल्य के बीच का अंतर हैइन्वेस्टरका खाता और दलाल से ऋण राशि। हालाँकि, मार्जिन शब्द के कई अर्थ हैं, दोनों व्यावसायिक धारा और वित्त धारा, साथ ही साथ अन्य स्थितियों में। इसका मतलब उस राशि से भी हो सकता है जिसके द्वारा कुल बिक्री से होने वाला राजस्व किसी व्यवसाय में लागत से अधिक हो जाता है। यह किसी उत्पाद की लागत और आप इसे कितने में बेचते हैं, के बीच के अंतर को भी संदर्भित कर सकता है।
मार्जिन पर ख़रीदना प्रतिभूतियों/परिसंपत्तियों को खरीदने के लिए पैसे उधार लेने का कार्य है। इसमें एक संपत्ति खरीदना शामिल है जहां खरीदार संपत्ति के मूल्य का केवल एक प्रतिशत का भुगतान करता है और शेष दलाल से उधार लेता है याबैंक. दलाल एक ऋणदाता के रूप में कार्य करता है और निवेशक के खाते में प्रतिभूतियां इस प्रकार व्यापार के लिए शर्तें कार्य करती हैं:संपार्श्विक.
मार्जिन प्रतिशत आमतौर पर CIMA क्लाइंट्स के लिए 2%, 1%, या 0.5% या CySEC और FCA क्लाइंट्स के लिए 50%, 20%, 10%, 5% या 3.33% पर अनुमानित हैं।
सीमांत शर्तें
निम्नलिखित सहित संबंधित शब्दों के संदर्भ में उदाहरण यहां दिए गए हैं:
- सकल लाभ
- कुल लाभ
- परिचालन लाभ
- ऑपरेटिंग मार्जिन
- शुद्ध लाभ
- मुनाफे का अंतर
- निवेशक उत्तोलन
- लाभप्रदता
- मार्कअप
निवेश में मार्जिन
निवेश की अवधि में, मार्जिन निवेशक के फंड और उधार ली गई फंड के संयोजन के साथ स्टॉक के शेयरों को खरीदने के लिए संदर्भित करता है। यदि स्टॉक की कीमत उसकी खरीद और बिक्री के बीच बदलती है, तो निवेशक के लिए परिणाम लीवरेज होता है। उत्तोलन का अर्थ है निवेशक का प्रतिशत लाभ/हानि उस प्रतिशत लाभ/हानि की तुलना में बढ़ जाता है जब निवेशक ने बिना उधार के शेयर खरीदे थे।
व्यापार वाणिज्य में मार्जिन
व्यापार और वाणिज्य में एक सामान्य शब्द के रूप में, मार्जिन बिक्री मूल्य और बिक्री पर माल या सेवाओं के लिए विक्रेता की लागत के बीच के अंतर को संदर्भित करता है, जिसे बिक्री मूल्य के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।