क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है

’’ उन्होंने बताया कि फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और वैध मुद्रा के रूप में उनकी स्थिति पर निर्भर होता है हालांकि क्रिपटोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से अटकलों एवं उच्च रिटर्न की क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है उम्मीदों पर निर्भर करता है जो स्थिर है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर इसका एक अस्थिर प्रभाव होगा । गौरतलब है कि फिएट मनी सरकार द्वारा जारी एक क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है मुद्रा है। इसका अपना कोई मूल्य नहीं है, लेकिन इसका मूल्य सरकारी नियमों से लिया गया है।
रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने, इस पर कानून बनाने की सिफारिश की : सीतारमण
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को …
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। लोकसभा में थोल थिरूमावलवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है निर्मला सीतारमण ने यह बात कही ।
इंडोनेशिया: इस्लामिक संगठन ने Cryptocurrency को घोषित किया 'हराम', जारी कर दिया क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है फतवा
एक इंडोनेशियाई इस्लामिक संगठन (Indonesian Islamic Organisation) ने हाल ही में क्रिप्टो बाजार (crypto market) को निषिद्ध या "हराम" करार दिया है। नहदलातुल उलमा (एनयू) की पूर्वी जावा शाखा ने एक फतवा जारी किया है जिसमें इस्लामिक कानून (Islamic law) के तहत क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को 'हराम' घोषित कर दिया गया है।
कॉइनटेलीग्राफ की एक क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है रिपोर्ट के अनुसार, एक चर्चा के बाद ये फैसला लिया गया था जिसमें नहदलातुल उलमा शाखा प्रबंधन (NUBM) और प्रांत के कई इस्लामिक बोर्डिंग स्कूलों के अधिकारी शामिल थे। एक न्यूज वेबसाइट के अनुसार, पूर्वी जावा नहदलातुल उलमा शाखा के अध्यक्ष किया अजीजी ने इस्लामिक संगठन की वेबसाइट पर एक घोषणा करते हुए कहा, “बहत्सुल मसाइल (चर्चा) के प्रतिभागियों का मानना है कि भले ही सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एक वस्तु के रूप में मान्यता देती है, लेकिन इसे इस्लामिक शरिया कानून (Islamic sharia law) के तहत वैध नहीं किया जा सकता।”
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान की, जानें किसने लगाया था प्रतिबंध?
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को गैर-कानूनी बताने वाले फैसले पर रोक लगा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने 04 मार्च 2020 को देश में क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान कर दी. अब भारत में वर्चुअल करेंसी का कारोबार किया जा सकेगा. विश्वभर में सबसे मंहगी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत 0.39 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 8,815 डॉलर के आस-पास रिकॉर्ड की गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को गैर-कानूनी बताने वाले फैसले पर रोक लगा दी गई है. इस फैसले से देश भर में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार और उपयोग पर लगा प्रतिबंध खत्म हो गया है. इसका लेन-देन अब देश के सभी बैंक शुरू कर सकते है.
किसने लगाया था प्रतिबंध?
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी (Crypto currency) में कारोबार करने से मना कर दिया था. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग से जुड़ी इकाइयों को इससे अलग होने हेतु तीन महीने का समय दिया था. आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने हेतु इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि आरबीआई के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है. आरबीआई ने इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से ‘मनी लांड्रिंग’ और ‘आतंकी वित्त पोषण’ के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है ने फैसले में क्या कहा?सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में भारत में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त पर क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया और इसमें जस्टिस अनिरुद्ध बोस और वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय भी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकेंगे.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है. यह करेंसी कंप्यूटर एल्गोरिदम पर आधारित है. इसका उपयोग शॉपिंग या कोई सर्विस खरीदने हेतु किया जा सकता है. इस तकनीक के जरिए करेंसी के लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा होता है. यह स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी की सबसे पहले शुरुआत साल 2009 में हुई थी. बिटकॉइन सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी थी.
केंद्र सरकार जुलाई 2019 में संसद में विधेयक लाई थी, जिसमें तय हुआ था कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटक्वाइन को रखने, बेचने या खरीदने पर 10 साल की जेल हो सकती है. इसे पूरी तरह क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है से अवैध बनाने के अतिरिक्त विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी रखने को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है.
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क्या क्रिप्टोकरेंसी कानूनी है? इस प्रश्न का सबसे सरल उत्तर यहां है
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ता जा रहा है। इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर क्रिप्टो करेंसी पर सरकार के रुख को स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर टैक्स लगाना सरकार का अधिकार है। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स लगाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इसे वैलिडेट किया जाए या नहीं यह अलग सवाल है। लेकिन मैंने टैक्स इसलिए लगाया है क्योंकि टैक्स लगाना सरकार का अधिकार है।
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2022 को संसद में बजट पेश करते समय क्रिप्टो करेंसी ट्रांजैक्शन पर 30 फीसदी टैक्स की बात कही थी। इसके बाद क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है निवेशकों के बीच इसे मान्य करने को लेकर चर्चा हुई। कारण यह था कि अगर सरकार इस पर कर लगा रही है, तो इसका मतलब यह वैध है और कानूनी रूप से मान्य भी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि “मैं इस स्तर पर इसे वैध या प्रतिबंधित नहीं करने जा रही हूं। प्रतिबंध लगाना या न लगाने का निर्णय उच्च प्रशासनिक अधिकारियों और आर्थिक विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद आएगा।”
क्रिप्टो पर टैक्स लेकिन क़ानूनी मान्यता नहीं
हालांकि, वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि RBI द्वारा जारी केवल ‘डिजिटल रुपया’ को ही डिजिटल मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी पर क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाना उसके वैध होने का प्रमाण नहीं है। चूंकि, सरकार अभी निवेशकों के बीच किसी प्रकार का वित्तीय भ्रम और भय नहीं फैलाना चाहती। इसीलिए अभी इसके वैधता के प्रश्न पर सरकार चुप है। लेकिन सरकार इससे बिना मुनाफा कमाए निवेशकों को एकाधिकार भी नहीं देना चाहती है। अतः इस पर टैक्स लगाया गया है।
सरकार के अनुसार 1 अप्रैल से किसी भी डिजिटल संपत्ति या क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाएगी। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी के ऑनलाइन भुगतान पर एक प्रतिशत TDS लगाने का भी प्रस्ताव है। यह कर कटौती इसके स्रोत पर होगी। साथ ही ऐसी संपत्ति को उपहार में देने पर कराधान का प्रस्ताव भी किया गया है। वित्त मंत्री ने ऐसे समय में यह बात कही है जब क्रिप्टोकरेंसी टैक्स को लेकर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया मिल रही है। कुछ लोग इस तथ्य की ओर इशारा कर रहे हैं कि लेनदेन को टैक्स के दायरे में लाना इसे वैध बनाने की दिशा में एक कदम है।
सरकार का चतुराई भरा कदम
ऐसे में कुछ तथ्य पूर्णतः स्पष्ट हो जाते हैं। पहला यह कि क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाला 30 प्रतिशत टैक्स इसके वैधानिकता का प्रतीक नहीं है अर्थात क्रिप्टोकरेंसी अभी भी कानूनी रूप से मान्य नहीं है। वैधानिकता की जाँच करना अन्य विभाग का काम है। दूसरा, इनकम टैक्स आय पर लगता है। लिहाजा, आनेवाले समय में देखना होगा कि सरकार इसको लेकर क्या कदम उठती है? अगर उस कदम के प्रतिकूल कुछ भी होता है तो फिर ऐसे लोगों को कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, वर्तमान में सरकार का उद्देश्य सिर्फ देश की वित्तीय सम्मप्रभुता को बनाए रखते हुए आम नागरिकों की आर्थिक स्वतन्त्रता को सुनिश्चित करना है। टैक्स लगाने से क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजैक्शन पर सरकार की नज़र रहेगी। साथ ही इससे देश का राजकोष बढ़ेगा और लोगों की आर्थिक स्वतन्त्रता भी सुरक्षित रहेगी। वहीं, निवेशकों में भी इसके अनिश्चितता का भय समाप्त होगा। अंततः कहा जा सकता है कि यह सरकार का चतुराई भरा कदम है।
क्या भारत में बिटकॉइन एक्सचेंज हैं?
भारत में कुछ शीर्ष क्रिप्टो एक्सचेंज हैं – WazirX, Zebpay, CoinDCX, Coinswitch Kuber और Unocoin– उपयोगकर्ताओं को अपने केवाईसी के साथ साइन अप करना होगा, ऐप डाउनलोड करना क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है होगा और क्रिप्टोकरेंसी खरीदना होगा।
ध्यान रहे कि बिटकॉइन बहुत जोखिम भरे और अस्थिर आभासी वस्तुएं हैं जो भारत में अनियमित हैं।
आइये कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करते हैं:
1. भारत में बिटकॉइन कानूनी निविदा नहीं हैं। यह किसी भी कर प्राधिकरण या बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है।
2. बिटकॉइन एक अनियमित मुद्रा है जिसका RBI जैसी किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा बीमा नहीं किया जाता है। इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।
3. किसी भी बैंक के प्राधिकारी का क्रिप्टो मार्केट में आने वाले पैसे पर कोई नियंत्रण नहीं होता है।
4. RBI ने चेतावनी दी है की बिटकॉइन उनके या किसी वित्तीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं है। यह बिटकॉइन के व्यापार में शामिल लोगों के लिए एक क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है जोखिम होगा।
5. हालांकी RBI ने हमें 2018 से पहले से कई बार इसके बारे में चेतावनी दी है, इसके बावजूद भारत में अभी तक निजी मुद्राओं के संबंध में कोई कानून नहीं है।
निष्कर्ष
ऐसे कई देश हैं जिन्होंने अभी तक बिटकॉइन के बारे में कोई बयान नहीं दिया है। वे अभी भी इस पर सोच विचार कर रहे हैं। इसका उपयोग करने वाले लोग भी अभी ज्यादा नहीं हैं। लेकिन आने वाले दिनों में यह और अधिक लोकप्रिय होगा, इसलिए भी की इसे कुछ देशों में वैधीकरण हासिल हो चुकी है। किसी भी संजीदा निवेश करने से पहले अपने देश के कानूनों के बारे में सब कुछ जानना महत्वपूर्ण है।
बिटकॉइन कैसे काम करता है, इसके बारे में अधिक पढ़ने के लिए आप यह लेख देख सकते हैं । आशा है कि पाठक अब इसकी वैधता के साथ स्पष्ट हैं। और अगर आप बिटकॉइन में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार होगा।