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क्रिप्टो-करेंसी से लाभ

क्रिप्टो-करेंसी से लाभ

ये टॉप Cryptocurrency करवाएंगी लाखों में कमाई! हर महीने होगी ताबड़तोड़ इनकम

Top 5 Cryptocurrencies In November 2021 - Cryptocurrency की मदद से कम समय में लाखों की कमाई की जा सकती है। कौन सी क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाना सही होगा इस बारे में आपको अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए।

Crypto

Bitcoin खरीदने के लिए सबसे अच्छी Cryptocurrency है, क्योंकि यह बाजार में नंबर एक है। जिन लोगों ने इस सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है, उन्हें काफी हद तक फायदा हुआ है। Cryptocurrency की कीमत के कारण क्रिप्टो निवेशक भारी मुनाफा कमा रहे हैं जो हाल ही में यूएस $ 60k मार्जिन को पार कर गया है।

Ethereum

बिटकॉइन के क्रिप्टो-करेंसी से लाभ बाद इथेरियम वर्तमान में दूसरे स्थान पर है। आने वाले वर्षों में ईटीएच में बिटकॉइन को पछाड़ने की भी काफी संभावनाएं हैं। यह सभी वित्तीय लेनदेन और सभी क्षेत्रों में भुगतान पर भी हावी है। यह 2022 में निवेश करने वाली शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में से एक है। अधिकांश निवेशक आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम क्रिप्टो-करेंसी से लाभ प्राप्त करने के लिए ईटीएच की ओर देख रहे हैं।

Solana

क्रिप्टो निवेशकों के डिजिटल वॉलेट से लाभ उठाने के लिए क्रिप्टो-करेंसी से लाभ सोलाना शीर्ष Cryptocurrency में से एक है। यह सबसे अच्छी क्रिप्टोकरेंसी है जो अपने प्रभावी, सेंसरशिप-प्रतिरोधी ब्लॉकचेन के लिए जानी जाती है साथ ही इसे ग्लोबली काफी तेजी से अपनाया जा रहा है।

Tether

टीथर एक स्थिर मुद्रा है जिसमें कोई अस्थिरता नहीं है और बाजार में कोई उतार-चढ़ाव नहीं है। यह मूल्य को अमेरिकी डॉलर या यूरो की कीमत से जोड़ता है।

Binace Coin

बिनेंस कॉइन का उपयोग दुनिया भर में रियायती व्यापारिक शुल्क और लेनदेन को सहज बनाने वाली विभिन्न सेवाओं के भुगतान के लिए किया जाता है। यह संभावना है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेशक 2022 में खरीदने के लिए क्रिप्टोकरेंसी में से एक से अच्छे लाभ प्राप्त कर सकते हैं जो कि क्रिप्टो बाजार में अग्रणी है।

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साल 2021 में सात फीसदी से ज्यादा भारतीयों के पास थी क्रिप्टोकरेंसी : UN ट्रेड संस्था की रिपोर्ट

यूएन एजेंसी ने कहा कि एक ओर जहां इन डिजिटल करेंसी से कुछ को फायदा हुआ है, वहीं, दूसरी ओर यह अस्थिर वित्तीय संपत्ति मानी जा सकती हैं, जो लागत और सामाजिक खतरा भी पैदा करती हैं. एजेंसी ने हाल ही में विकासशील देशों में क्रिप्टो के इस्तेमाल में आई तेजी और इससे होने वाले लाभ के कारणों की जांच की है.

साल 2021 में सात फीसदी से ज्यादा भारतीयों के पास थी क्रिप्टोकरेंसी : UN ट्रेड संस्था की रिपोर्ट

Cryptocurrency पर UN की ट्रेड बॉडी ने जारी की रिपोर्ट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में, खासकर विकासशील देशों में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ा है. यूनाइटेड नेशंस ट्रेड एंड डेवलपमेंट बॉडी UNCTAD की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. इसमें यह भी बात सामने आई है कि साल 2021 में सात फीसदी से ज्यादा भारतीय क्रिप्टोकरेंसी के रूप में डिजिटल करेंसी के मालिक थे. यूएन की इस ईकाई ने साल 2021 में 20 अर्थव्यवस्थाओं की डिजिटल करेंसी रखने वाली जनसंख्या के अनुपात पर आंकड़े जारी किए हैं. इस लिस्ट में सबसे ऊपर यूक्रेन है, जहां 12.7 फीसदी जनसंख्या के पास डिजिटल करेंसी है. भारत इस लिस्ट में सातवें स्थान पर है.

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यूएन एजेंसी ने कहा कि एक ओर जहां इन डिजिटल करेंसी से कुछ को फायदा हुआ है, वहीं, दूसरी ओर यह अस्थिर वित्तीय संपत्ति मानी जा सकती हैं, जो लागत और सामाजिक खतरा भी पैदा करती हैं. एजेंसी ने हाल ही में विकासशील देशों में क्रिप्टो के इस्तेमाल में आई तेजी और इससे होने वाले लाभ के कारणों की जांच की है.

ये करेंसी जहां लाभ पहुंचा सकती हैं, वहीं दूसरी ओर उनके जरिए टैक्स चोरी और अवैध तरीके से इनका लेन-देन भी संभव है, बिल्कुल वैसे ही जैसे टैक्स हेवेन सिस्टम में लेन-देन के सोर्स या करेंसी के मालिक को पहचानना मुश्किल होता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि "मार्केट में डिजिटल करेंसी के हालिया झटके यह संकेत देते हैं कि क्रिप्टो रखने में निजता के खतरे हैं, लेकिन अगर वित्तीय स्थिरता के लिए केंद्रीय बैंक कदम उठाता है तो यह सार्वजनिक समस्या बन जाती है."

इसमें यह भी कहा गया है कि अगर क्रिप्टोकरेंसी बड़े पैमाने पर भुगतान का माध्यम बन जाए और अगर पारंपरिक करेंसी को भी अनाधिकारिक तौर पर रिप्लेस कर दे तो भी इससे देशों की मौद्रिक अखंडता खतरे में बढ़ जाएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि "विकासशील देशों में रिजर्व करेंसी की डिमांड पूरी नहीं हो रही है, ऐसे में स्टेबलकॉइन विशेष खतरा पैदा करते हैं. इन्हीं कुछ कारणों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने यह विचार दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी लीगल टेंडर के तौर पर खतरा पैदा करते हैं."

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी स्पष्ट तौर पर खतरा हैं और किसी भी चीज की वैल्यू बस मानकर चली जाती है, और इसका कोई आधार नहीं होता, इसका मतलब है कि वो बस एक अनुमान है, जिसको एक बढ़िया सा नाम दे दिया गया है.

Video : कॉफी एंड क्रिप्टो : दुनिया भर के क्रिप्टो रेगुलेशन से क्या भारत सीख सकता है?

विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – cryptocurrency पर रोक लगाने की पुकार

डिजिटल मुद्रा - crypto currency

संयुक्त राष्ट्र के व्यापर और विकास संगठन – UNCTAD ने बुधवार को प्रकाशित तीन नीति पत्रों में, विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर रोक लगाने के लिये कार्रवाई किये जाने की पुकार लगाई है.

यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि अलबत्ता व्यक्तिगत डिजिटल मुद्राओं ने कुछ व्यक्तियों और संस्थानों को लाभान्वित किया है, मगर वो एक ऐसी अस्थिर वित्तीय सम्पदा हैं जो सामाजिक जोखिम और लागतें उत्पन्न कर सकती हैं.

अंकटाड ने कहा है कि कुछ लोगों या संस्थानों को डिजिटल मुद्रा के लाभ, वित्तीय स्थिरता, घरेलू संसाधन सक्रियता, और मुद्रा प्रणालियों की सुरक्षा के लिये उत्पन्न उनके जोखिमों के साए में दब जाते हैं.

क्रिप्टो मुद्रा में उछाल

क्रिप्टो करेंसी भुगतान का एक वैकल्पिक रूप हैं. इनके मामलों में वित्तीय भुगतान गुप्त व सुरक्षित टैक्नॉलॉजी के ज़रिये डिजिटल माध्यमों से किया जाता है जिन्हें ब्लॉकचेन कहा जाता है.

क्रिप्टो करेंसी कोविड-19 महामारी के दौरान, दुनिया भर में बहुत तेज़ी से बढ़ी, जिससे पहले से ही मौजूद चलन और भी ज़्यादा मज़बूत हो गया. इस समय दुनिया भर में लगभग 19 हज़ार क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं.

वर्ष 2021 में क्रिप्टो करेंसी रखने वाली आबादी के मामले में, शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले 20 देशों में से, 15 देश विकासशील देश थे.

इस सूची में 12.7 प्रतिशत के साथ यूक्रेन सबसे क्रिप्टो-करेंसी से लाभ ऊपर था, उसके बाद रूस 11.9 प्रतिशत और वेनेज़ुएला 10.3 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.

उतना स्वर्णिम नहीं

अंकटाड का कहना है कि बाज़ार में हाल के समय में डिजिटल मुद्रा को लगे झटकों से झलकता है कि क्रिप्टो करेंसी रखने के निजी जोखिम तो हैं ही, मगर केन्द्रीय बैंक, वित्तीय स्थिरता की हिफ़ाज़त करने के लिये हस्तक्षेप करते हैं तो ये समस्या सार्वजनिक बन जाती है.

उससे भी ज़्यादा, अगर क्रिप्टो करेंसी भुगतान के एक माध्यम के रूप में विकसित होना जारी रखती है, और यहाँ तक कि अनौपचारिक रूप में घरेलू मुद्राओं की जगह भी ले लेती है, तो भी देशों की वित्तीय सम्प्रभुता ख़तरे में पड़ सकती है.

कर चोरी का भय

अंकटाड के एक नीति पत्र में बताया गया है कि क्रिप्टो करेंसी विकासशील देशों में किस तरह से घरेलू संसाधन सक्रियता को कमज़ोर करने का एक नया चैनल बन गई है, और साथ ही इस बारे में, बहुत कम कार्रवाई और उसमें भी देरी करने के जोखिमों के बारे में भी आगाह किया गया है.

अंकटाड ने आगाह किया है कि क्रिप्टो करेंसी से वैसे तो विदेशों से अपने मूल स्थानों को रक़म भेजना आसान होता है, मगर उनसे कर चोरी व अवैध वित्तीय लेनदेन के ज़रिये टैक्स से बचाना भी शामिल हो सकता है. बिल्कुल टैक्स स्वर्ग कहे जाने वाले स्थानों की तरह, जहाँ धन का स्वामित्व स्पष्ट नहीं होता है.

एजेंसी ने कहा है कि इस तरह से, क्रिप्टो करेंसी मुद्रा नियंत्रणों की प्रभावशीलता को भी कमज़ोर कर सकती है, जोकि विकासशील देशों को उनके नीतिगत स्थान और छोटे पैमाने पर आर्थिक स्थिरता के लिये एक अहम उपकरण है.

Gold vs Crypto: क्रिप्टो या गोल्ड में निवेश के लिए कौन बेहतर? जानें कहा पैसा लगाना फायदे का सौदा

क्रिप्टोकरेंसीज

Gold vs Crypto: अगर आप भी गोल्ड और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने को लेकर कंफ्यूज हैं तो हम आपको बता रहे हैं बिटक्वाइन . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 23, 2022, 08:00 IST

हाइलाइट्स

कई लोग बिटकॉइन को “डिजिटल गोल्ड” भी कहते हैं
क्योंकि इसका भी दूसरे एसेट से कोई खास संबंध नहीं है.
क्रिप्टोकरेंसी ने कई निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

नई दिल्ली. Gold vs Crypto: पिछले कुछ वर्षों में निवशकों का रूझान तेजी से क्रिप्टोकरेंसीज तरफ बढ़ा है. निवेशक अपने पोर्टफोलियो में इसे शामिल कर रहे हैं. आमतौर पर अधिकतर निवेशक क्रिप्टो में निवेश को गोल्ड में निवेश की तरह लेते हैं. सोने में निवेश ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है लेकिन गोल्ड की चमक को कम करते हुए, क्रिप्टोकरेंसी ने गोल्ड से भी बेहतर रिटर्न दिया. और, यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी ने कई निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

भारत में, धनतेरस पर सोना खरीदना कुछ बहुत ही सामान्य है क्योंकि पीली धातु धन, सुरक्षा और वित्तीय कल्याण का प्रतीक है। लेकिन अकेले सोने को निवेश के लिए बेहतर नहीं माना जा सकता है. कई लोग बिटकॉइन को “डिजिटल गोल्ड” भी कहते हैं, क्योंकि इसका भी दूसरे एसेट से कोई खास संबंध नहीं है.

बिटकॉइन ने दिया अच्‍छा रिटर्न
बीते कुछ सालों से और खासकर कोविड काल में सोना ने अच्‍छा रिटर्न दिया है. सुरक्षित निवेश‍ विकल्‍प के तौर पर इसे खूब पसंद किया गया है. लेकिन इस बीच बिटकॉइन ने तो इससे भी ज्‍यादा रिटर्न दिया है. यही कारण है कि अब लोग बिटकॉइन में ज्‍यादा से ज्‍यादा निवेश करने में द‍िलचस्‍पी भी ले रहे हैं. लेकिन बिटकॉइन में निवेश को लेकर अपने जोखिम भी हैं.

जानिए कब किसमें आई कितनी बढ़त
19 अक्टूबर, 2017 की दिवाली पर बिटकॉइन में 312.5% ​​की बढ़त देखी गई, जबकि सोने में 29.5% की वृद्धि देखी गई. इसके अलावा, 6 नवंबर, 2018 को दिवाली पर, बिटकॉइन ने 196.3% की बढ़त दर्ज की, जबकि सोने में 36.1% की वृद्धि हुई, हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि 2017 की तुलना में अभी बिटकॉइन से ज्यादा गोल्ड बढ़त दर्ज की गई. 27 अक्टूबर, 2019 को आयोजित दिवाली पर, बिटकॉइन और गोल्ड दोनों ने अपने लाभ में क्रमशः 99.9% और 11% की कमी देखी. हालांकि, दिवाली 2019 के दौरान, बिटकॉइन ने अभी भी बेहतर प्रदर्शन किया है.

बिटकॉइन और गोल्‍ड में अंतर व समानता
कानूनी प्रावधान, पारदर्शिता और सुरक्षा की बात करें तो क्रिप्‍टोकरेंसी की तुलना में सोना बहुत आगे है. सोना और क्रिप्टोकरेंसी को हासिल करना आसान नहीं है. मार्केट में दोनों ही निवेश विकल्‍प की लिक्विडिटी अच्‍छी है. हालांकि, गोल्‍ड की तुलना में देखें तो क्रिप्‍टोकरेंसी में ज्‍यादा उठा-पटक देखने को मिलता है. सोन बहुत लंबे समय तक निवेश का साधन बना हुआ है. जबकि, क्रिप्‍टोकरेंसी अभी बहुत नया है.

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