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इक्विटी निवेश

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स्नातकोत्तर के छात्र वरुण यादव ने जब विनिर्माण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की रणनीति के संबंध में पूछा, तो वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न कारणों से भारत में नीतियां, विनिर्माण क्षेत्र को उस इक्विटी निवेश तरह से आगे बढ़ा पाने में सक्षम नहीं थी, जैसी प्रगति इस क्षेत्र की होनी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि भारत का विनिर्माण क्षेत्र कुछ देशों की आक्रामक मूल्य निर्धारण इक्विटी निवेश नीतियों का भी शिकार रहा है, जिसकी वजह से भारत में इस क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उन्होंने एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रीडिएंट (एपीआई) का उदाहरण देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में भारत अत्यंत मजबूत स्थिति में था, वहां भी देश पिछड़ रहा था।

ईएसआईसी की अतिरिक्त निधियों को शेयर बाजारों में इक्विटी निवेश निवेश करने की मंजूरी


केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में आयोजित ईएसआईसी की 189 वीं बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। यह बैठक रविवार देर शाम यहां ईएसआईसी के मुख्यालय में आयोजित की गयी।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा कि अपेक्षाकृत कम लाभ अर्जित करने वाली निधियों से अधिक लाभ लेने और निवेश में विविधता लाने के लिए ईएसआईसी ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों में सीमित तरीके से शेयर बाजारों में अधिशेष निधियों के निवेश के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की।

प्रारंभिक निवेश पांच प्रतिशत से शुरू होगा और दो तिमाहियों की समीक्षा के बाद धीरे-धीरे 15 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। ईएसआईसी का निवेश एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स यानी नेशनल स्टाक एक्सचेंज के निफ्टी – इक्विटी निवेश 50 और बीएसई के सेंसेक्स तक सीमित रहेगा।

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ELSS फंड में इंवेस्ट करते वक्त ध्यान रखें ये 8 बातें, वरना पैसों को लेकर हो सकती है समस्या

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बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - यदि निवेश किया जाता है तो केवल यह सोचकर किया जाता है कि उनके धन में वृद्धि होगी। वहीं, जैसे-जैसे संपत्ति बढ़ती है, लोगों को टैक्स भी देना पड़ता है। वहीं अगर निवेश से पैसा बनता है और टैक्स भी बचता है तो सोने पर सुहागा होगा। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ईएलएसएस) एक ऐसा निवेश है जो आपको इन लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है।

ईएलएसएस निवेश
ईएलएसएस एक इक्विटी फंड है जो उच्च रिटर्न देता है और टैक्स बचाने में मदद करता है। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत, आप अपने ईएलएसएस निवेश के माध्यम से एक वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट का लाभ उठा सकते हैं।

डीएवी यूनिवर्सिटी ने आयोजित किया इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो पर एक्सपर्ट टॉक

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बीएचयू के छात्रों से संवाद

-केन्द्रीय वित्त मंत्री ने बीएचयू अर्थशास्त्र के छात्रों के सवालों का दिया उत्तर, बोलीं- देश सही राह पर आगे बढ़ रहा

वाराणसी, 04 दिसम्बर (हि.स.)। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केन्द्र सरकार अपनी नीतियों और योजनाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित कर रही है कि सबके विकास का लक्ष्य हासिल किया जा सके। काशी तमिल संगमम में भाग लेने आई केन्द्रीय वित्त मंत्री रविवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के सवालों के बौछार का जवाब दे रहीं थीं।

संवाद के दौरान छात्रा प्रतीक्षा शुक्ला ने ग्रोथ बनाम इक्विटी (सब तक विकास का लाभ पंहुचे) पर सवाल किया तो केन्द्रीय वित्तमंत्री ने शालीनता से उत्तर देते हुए बताया कि सरकार समाज के विकास के मुद्दे पर अधिक जोर दे रही है। “आप सबके विकास की कीमत पर निरन्तर विकास की बात नहीं कर सकते। जब तक निजी और सार्वजनिक निवेश एक साथ नहीं होते, तब तक ऐसे नतीजे सामने नहीं आ पाएंगे, जिनकी आवश्यकता है और जिनसे सभी तक विकास के लाभ पंहुचाना संभव हो सकता हो।

अडानी की कंपनियों में कितने शेयरों की मालिक बन बैठी LIC, लगातार लगा रही दांव

अडानी की कंपनियों में कितने शेयरों की मालिक बन बैठी LIC, लगातार लगा रही दांव

सितंबर 2020 से केवल आठ तिमाहियों के दौरान LIC, Adani Group की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में बहुत ही तेजी से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. Adani Group की एक लिस्टेड कंपनी में LIC की हिस्सेदारी छह गुना बढ़ गई है.

एक ऐसे समय में जब म्यूचल फंड्स अडानी ग्रुप  Adani Group  की कंपनियों से किनारा कर रही हैं तब एक सरकारी कंपनी उस पर बड़ा दांव लगा रही है. यह सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) है.

सितंबर 2020 से केवल आठ तिमाहियों के दौरान LIC, Adani Group की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में बहुत ही तेजी से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. Adani Group की एक लिस्टेड कंपनी में LIC की हिस्सेदारी छह गुना बढ़ गई है.

अडानी समूह की कंपनियों में LIC की होल्डिंग इक्विटी निवेश का मूल्य 10 गुना बढ़

शेयरहोल्डिंग और स्टॉक की कीमतों में इस वृद्धि को दर्शाते हुए, LIC की शेयरहोल्डिंग का मूल्य और अडानी समूह की कंपनियों में LIC की होल्डिंग का मूल्य सितंबर 2020 से 10 गुना बढ़ गया है. महज 7,304 करोड़ रुपये या बीमाकर्ता की इक्विटी एयूएम (प्रबंधन के तहत संपत्ति) का 1.24 प्रतिशत से अब 74,142 करोड़ रुपये या 7.8 प्रतिशत हो गया है.

बीमा सेक्टर की बात करें तो अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश के मामले में एलआईसी सबसे आगे है. 1 दिसंबर, 2022 तक इसका 74,142 करोड़ रुपये समूह में पूरे बीमा उद्योग के निवेश का 98.9 प्रतिशत है. वहीं, अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी का निवेश सभी इक्विटी म्यूचुअल फंडों की होल्डिंग के मूल्य से पांच गुना से अधिक है. 31 अक्टूबर, 2022 तक, केवल 15,701 करोड़ रुपये, या बमुश्किल 1 प्रतिशत, इक्विटी फंड की कुल संपत्ति 15.22 लाख करोड़ रुपये, अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किया गया था.

Tata और Reliance में LIC की हिस्सेदारी पूरे म्यूचुअल फंड से भी कम

दिलचस्प बात यह है कि टाटा ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी पूरे म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी से भी कम इक्विटी निवेश है. बाजार पूंजीकरण के मामले में टाटा समूह की कंपनियां और अडानी समूह शीर्ष दो हैं, इसके बाद आरआईएल का स्थान है.

एलआईसी के पास टाटा समूह की कंपनियों (21.91 लाख करोड़ रुपये) के कुल बाजार पूंजीकरण का 3.98 प्रतिशत है, और पूरे म्यूचुअल फंड में 4.9 प्रतिशत है.

इसी तरह, एलआईसी की आरआईएल (18.42 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण) में 6.45 प्रतिशत हिस्सेदारी है, तो वहीं म्यूचुअल फंड की 5.68 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

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