पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों

कम ठंड के मौसम और कम ताप मांग के पूर्वानुमान के कारण प्राकृतिक गैस की कीमतों में गिरावट आई
कम ठंड के मौसम के पूर्वानुमान और दिसंबर की शुरुआत में पहले की अपेक्षा कम हीटिंग की मांग और फ्रीपोर्ट के अपने तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) को फिर से शुरू करने में सक्षम होने के बारे में सवालों के कारण नेचुरल गैस कल -1.03% गिरकर 547.5 पर बंद हुआ। योजना के अनुसार दिसंबर के मध्य में टेक्सास में निर्यात संयंत्र। व्यापारी मौसम के मिजाज, फ्रीपोर्ट के फिर से शुरू होने में देरी और संभावित रेल हड़ताल की निगरानी कर रहे हैं। अमेरिका की सबसे बड़ी रेल यूनियन के कर्मचारियों ने सितंबर में हुए एक अस्थायी अनुबंध सौदे के खिलाफ मतदान किया, जिससे साल के अंत में हड़ताल की संभावना बढ़ गई, जिससे कोयले की डिलीवरी बाधित हो सकती है और बिजली जनरेटर को अधिक गैस जलाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इसके अलावा, हाल के पूर्वानुमान दिसंबर के पहले सप्ताह के दौरान बहुत ठंडे मौसम के आगमन को दर्शाते हैं जो गैस-गहन हीटिंग की मांग को बढ़ा देगा।
दूसरी ओर, फ्रीपोर्ट एलएनजी निर्यात सुविधा के एक महीने की देरी से दिसंबर के मध्य तक फिर से शुरू होने के बाद घरेलू उपयोग के लिए अधिक गैस उपलब्ध रहने की उम्मीद है, क्योंकि यह जून विस्फोट से नुकसान की मरम्मत के लिए जारी है। इस बीच, ईआईए के आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिकी उपयोगिताओं ने पिछले सप्ताह भंडारण के लिए 64 बीसीएफ गैस को जोड़ा, जिससे वर्ष के इस समय के लिए गैस भंडार पांच साल के औसत 3.651 टीसीएफ के करीब पहुंच गया।
तकनीकी रूप से बाजार लंबे समय से परिसमापन के अधीन है क्योंकि बाजार में ओपन इंटरेस्ट में -30.95% की गिरावट के साथ 4834 पर बंद हुआ है, जबकि कीमतें -5.7 रुपये नीचे हैं, अब प्राकृतिक गैस को 526.6 पर समर्थन मिल रहा है और इससे नीचे 505.8 के स्तर का परीक्षण देखा जा सकता है। . रेजिस्टेंस अब 568.6 पर देखा जा सकता है, ऊपर जाने पर कीमतें 589.8 पर देखी जा सकती हैं।
व्यापारिक विचार:
# दिन के लिए प्राकृतिक गैस ट्रेडिंग रेंज 505.8-589.8 है।
# दिसंबर की शुरुआत में कम ठंड के मौसम और कम हीटिंग की मांग के पूर्वानुमान पर प्राकृतिक गैस फिसल गई।
# व्यापारी मौसम के मिजाज, फ्रीपोर्ट के फिर से शुरू होने में देरी और संभावित रेल हड़ताल की निगरानी कर रहे हैं।
# ईआईए के आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिकी उपयोगिताओं ने भंडारण में 64 बीसीएफ गैस जोड़ी है।
Weather Prediction System: कैसे होती है मौसम की भविष्यवाणी, कौन से तत्व होते हैं सबसे अहम?
Meteorological Weather Prediction System: मौसम विभाग के लिए हर दिन मौसम की सटीक भविष्यवाणी करना बेहद अहम होता है. ऐसे में हमारे लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि मौसम विभाग किन चीजों की मदद से मौसम की भविष्यवाणी करता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 02 अगस्त 2021,
- (अपडेटेड 02 अगस्त 2021, 5:47 PM IST)
IMD Weather Prediction System: मौसम के पूर्वानुमान का सीधा कनेक्शन खेती से है. मौसम खेती को प्रभावित करने वाला सबसे अहम कारक माना जाता है. वर्तमान में जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को अचानक बदलने वाले मौसमी सिस्टम का सामना करना पड़ता है और इससे उन्हें बड़ी मात्रा में नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में लोगों को, खासकर किसान वर्ग के लिए मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी काफी लाभकारी होती है.
मौसम के बदलने की जानकारी पहले से हो तो उसके आधार पर किसान अपनी फसल को बचाने के लिए पहले ही उचित व्यवस्था कर सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि मौसम क्या होता है और उसका पूर्वानुमान कैसे लगाया जाता है?
किसी क्षेत्र विशेष के तापमान, आर्द्रता, वायुमण्डलीय दाब, वर्षा, बादलों की स्थिति, धूप की अवधि जैसे तत्वों के आधार पर तैयार स्थिति को जलवायु कहा जाता है. साथ ही इन तत्वों के स्थान और समय विशेष की तात्कालिक परिस्थितियों को मौसम कहा जाता है. अलग-अलग जगहों पर बनने वाली मौसमी सिस्टम के आधार पर ही वहां उगने वाले फसलों के प्रकार भी तय किए जाते हैं और उनकी बुवाई व कटाई का समय निर्धारित किया जाता है.
फसल पर पाला पड़ने, कोहरा, बाढ़ आदि की जानकारी अगर मौसम के पूर्वानुमान में लग जाए तो खेती को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पूर्वानुमान या मौसम की भविष्यवाणी विश्वनीय हो.
किसानों को मौसम की कुछ जानकारियां समय पर मिल जाएं तो खेती को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. ये हैं.
> खेती की जगह की जलवायु और उसकी विभिन्नताओं के बारे में
> स्थान विशेष पर यानी खेती की जगह पर मौसम में होने वाले परिवर्तन के बारे में
> मौसम का पूर्वानुमान
> मौसमी कीड़े-मकौड़े की जानकारी आदि.
मौसम के पूर्वानुमान के प्रकार
मौसम संबंधी पूर्वानुमान मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं.
> तत्कालिक (Nowcasting)- 24 घंटे तक
> अल्प अवधि (Short Duration)- 1 से 3 दिन तक
> मध्यम अवधि (Medium Duration)- 4 से 10 दिन तक
> विस्तृत अवधि (Extended Range)- 10 दिन से पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों अधिक
इन चारों भविष्यवाणियों में से मध्यम अवधि वाला पूर्वानुमान सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है जिसकी वैधता 4 से 10 दिन होती है. साथ ही इसके सच होने की संभावना 70 फीसदी तक होती है.
किस आधार पर होती है मौसम भी भविष्यवाणी?
वर्षा, वायु गति एवं दिशा, अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान, आर्द्रता, बादलों की स्थिति संबंधी सात मौसम पैमानों की 5 दिनों की अग्रिम स्थिति का आंकलन कर भविष्यवाणी की जाती है.
मौसम पूर्वानुमान की पंचस्तरीय प्रक्रिया इस प्रकार है.
लेवल 1- सबसे ऊपर पॉलिसी के आयोजन के लिए निकाय (Apex Policy Organizing Body) होता है
लेवल 2- राष्ट्रीय कृषि मौसम परामर्श मुख्यालय (National Agricultural Weather Advisory Headquarters)
लेवल 3- राज्य स्तरीय कृषि मौसम परामर्श केंद्र (State Level Agricultural Weather Advisory Center)
लेवल 4- जिला स्तरीय कृषि मौसम परामर्श का प्रचार-प्रसार एवं प्रशिक्षण (Training of district level agricultural weather advisories)
लेवल 5- मौसम विज्ञान कृषि परामर्श केंद्र (Meteorological Agriculture Advisory Center)
मौसम के पूर्वानुमान के लिए आवश्यक मौसमी तत्व
किसी भी समय मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए अधिकतम व न्यूनतम तापमान, हवा में नमी, हवा की गति और दिशा, एवापोरेशन रेट (वाष्पीकरण की दर), सोलर ऑप्टिकल पीरियड (सौर प्रकाशीय अवधि), बादलों की स्थिति, ओस की मात्रा और बारिश का आंकलन करना होता है.
इन सभी तत्वों के आंकलन के लिए मौसम विभाग अलग-अलग तकनीक वाले मशीनों का इस्तेमाल करता है, जैसे बारिश के लिए वर्षामापी यंत्र, हवा की गति मापने के लिए एनीमोमीटर, हवा की दिशा के लिए विंडवेन, वाष्पीकरण की दर को मापने के लिए पेन-इवेपोरीमीटर, सनसाइन रिकॉर्डर, ओस के लिए ड्यूगेज, जमीन का तापमान नापने के लिए थर्मामीटर का यूज किया जाता है.
मौसम विभाग द्वारा मौसम के पूर्वानुमान के लिए मौसमी तत्वों को सुबह 7.38 बजे और दोपहर में 2.38 बजे मापा जाता है. इसके अलावा ऑटोमेटिक मौसम केंद्र द्वारा हर आधे घंटे पर भी मैसमी तत्वों को मापा जाता है. साथ ही मौसमी केंद्र ऑब्जर्वेटरी, रडार और एयर बैलून के आधार पर भी मौसम के पूर्वानुमान या उसकी भविष्यवाणी करते हैं.
Weather Prediction System: कैसे होती है मौसम की भविष्यवाणी, कौन से तत्व होते हैं सबसे अहम?
Meteorological Weather Prediction System: मौसम विभाग के लिए हर दिन मौसम की सटीक भविष्यवाणी करना बेहद अहम होता है. ऐसे में हमारे लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि मौसम विभाग किन चीजों की मदद से मौसम की भविष्यवाणी करता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 02 अगस्त 2021,
- (अपडेटेड 02 अगस्त 2021, 5:47 PM IST)
IMD Weather Prediction System: मौसम के पूर्वानुमान का सीधा कनेक्शन खेती से है. मौसम खेती को प्रभावित करने वाला सबसे अहम कारक माना जाता है. वर्तमान में जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को अचानक बदलने वाले मौसमी सिस्टम का सामना करना पड़ता है और इससे उन्हें बड़ी मात्रा में नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में लोगों को, खासकर किसान वर्ग के लिए मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी काफी लाभकारी होती है.
मौसम के बदलने की जानकारी पहले से हो तो उसके आधार पर किसान अपनी फसल को बचाने के लिए पहले ही उचित व्यवस्था कर सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि मौसम क्या होता है और उसका पूर्वानुमान कैसे लगाया जाता है?
किसी क्षेत्र विशेष के तापमान, आर्द्रता, वायुमण्डलीय दाब, वर्षा, बादलों की स्थिति, धूप की अवधि जैसे तत्वों के आधार पर तैयार स्थिति को जलवायु कहा जाता है. साथ ही इन तत्वों के स्थान और समय विशेष की तात्कालिक परिस्थितियों को मौसम कहा जाता है. अलग-अलग जगहों पर बनने वाली मौसमी सिस्टम के आधार पर ही वहां उगने वाले फसलों के प्रकार भी तय किए जाते हैं और उनकी बुवाई व कटाई का समय निर्धारित किया जाता है.
फसल पर पाला पड़ने, कोहरा, बाढ़ आदि की जानकारी अगर मौसम के पूर्वानुमान में लग जाए तो खेती को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पूर्वानुमान या मौसम की भविष्यवाणी विश्वनीय हो.
किसानों को मौसम की कुछ जानकारियां समय पर मिल जाएं तो खेती को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. ये हैं.
> खेती की जगह की जलवायु और उसकी विभिन्नताओं के बारे में
> स्थान विशेष पर यानी खेती की जगह पर मौसम में होने वाले परिवर्तन के बारे में
> मौसम का पूर्वानुमान
> मौसमी कीड़े-मकौड़े की जानकारी आदि.
मौसम के पूर्वानुमान के प्रकार
मौसम संबंधी पूर्वानुमान मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं.
> तत्कालिक (Nowcasting)- 24 घंटे तक
> अल्प अवधि (Short Duration)- 1 से 3 दिन तक
> मध्यम अवधि (Medium Duration)- 4 से 10 दिन तक
> विस्तृत अवधि (Extended Range)- 10 दिन से अधिक
इन चारों भविष्यवाणियों में से मध्यम अवधि वाला पूर्वानुमान सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है जिसकी वैधता 4 से 10 दिन होती है. साथ ही इसके सच होने की संभावना 70 फीसदी तक होती है.
किस आधार पर होती है मौसम भी भविष्यवाणी?
वर्षा, वायु गति एवं दिशा, अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान, आर्द्रता, बादलों की स्थिति संबंधी सात मौसम पैमानों की 5 दिनों की अग्रिम स्थिति का आंकलन कर भविष्यवाणी की जाती है.
मौसम पूर्वानुमान की पंचस्तरीय प्रक्रिया इस प्रकार है.
लेवल 1- सबसे ऊपर पॉलिसी के आयोजन के लिए निकाय (Apex Policy Organizing Body) होता है
लेवल 2- राष्ट्रीय कृषि मौसम परामर्श मुख्यालय (National Agricultural Weather Advisory Headquarters)
लेवल 3- राज्य स्तरीय कृषि मौसम परामर्श केंद्र (State Level Agricultural Weather Advisory Center)
लेवल 4- जिला स्तरीय कृषि मौसम परामर्श का प्रचार-प्रसार एवं प्रशिक्षण (Training of district level agricultural weather advisories)
लेवल पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों 5- मौसम विज्ञान कृषि परामर्श केंद्र (Meteorological Agriculture Advisory Center)
मौसम के पूर्वानुमान के लिए आवश्यक मौसमी तत्व
किसी भी समय मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए अधिकतम व न्यूनतम तापमान, हवा में नमी, हवा की गति और दिशा, एवापोरेशन रेट (वाष्पीकरण की दर), सोलर ऑप्टिकल पीरियड (सौर प्रकाशीय अवधि), बादलों की स्थिति, ओस की मात्रा और बारिश का आंकलन करना होता है.
इन सभी तत्वों के आंकलन के लिए मौसम विभाग अलग-अलग तकनीक वाले मशीनों का इस्तेमाल करता है, जैसे बारिश के लिए वर्षामापी यंत्र, हवा की गति मापने के लिए एनीमोमीटर, हवा की दिशा के लिए विंडवेन, वाष्पीकरण की दर को मापने के लिए पेन-इवेपोरीमीटर, सनसाइन रिकॉर्डर, ओस के लिए ड्यूगेज, जमीन का तापमान नापने के लिए थर्मामीटर का यूज किया जाता है.
मौसम विभाग द्वारा मौसम के पूर्वानुमान के लिए मौसमी तत्वों को सुबह 7.38 बजे और दोपहर में 2.38 बजे मापा जाता है. इसके अलावा ऑटोमेटिक मौसम केंद्र द्वारा हर आधे घंटे पर भी मैसमी तत्वों को मापा जाता है. साथ ही मौसमी केंद्र ऑब्जर्वेटरी, रडार और एयर बैलून के आधार पर भी मौसम के पूर्वानुमान या उसकी भविष्यवाणी करते हैं.
सभी मंडियों के ताजा भाव
मोठ भाव को लेकर जो भाव दिए जाते हैं उनमें काफी संसय रहता है तो वेबसाइट के पाठको और किसान भाइयों को मैं साधारण भाषा में बता दुकि फिलहाल मंडी में जो मोठ आ रहा है उसमें 70% मौठ ₹4800 से लेकर ₹5800 तक बिक रहा है ।
ग्वार 4400 से 4750आज बिका
आज वायदा बाजार में अवकाश रहा और हाजिर में हल्की मन्दी रही ।
इशबगुल 15700 से 17015
कनक गेहूं 2150 से 2200
जीरा 20500 से 22000
सरसो 5200 से 5350
चना 4100 से 4250
मेथी 5000 से 5150
मूंग 5000 से 6300
बीकानेर कृषि मंडी में आज नई मूंगफली की आवक हुई ओर ढेरी 5151 रुपये बिकी ,मॉइस्चर लगभग 15% था ।
राजस्थान एग्री ग्रुप*
➡️ *आज हनुमानगढ़ गंगानगर जिले मे तापमान मे करीब 1 से 2 डिग्री तापमान बढा*
➡️ *हनुमानगढ़ गंगानगर जिले मे लगातार पारा बढता जा रहा है*
➡️ *कपास की आवाक हर मंडी मे 1-2 ढेरिया आ रही है*
➡️ *हनुमानगढ़ गंगानगर जिले मे सरसो की आमदनी लगातार बनी हुई है*
➡️ *हनुमानगढ़ गंगानगर जिले की मंडियो मे अगले सप्ताह मूंग की ढेरिया देखने को मिलेगी*
➡️ *मूंग की क्वालिटी अभी तक शानदार*
➡️ *मूंग का उतारा पिछले साल से ज्यादा*
➡️ *गंगानगर जिले के केसरिसिहपूर मे नया गुवार आया*
➡️ *स्थानीय व्यापारी विकास जी बजाज के अनुसार आवाक अभी तक 15 क्विंटल*
➡️ *गुवार की क्वालिटी गुवार काला माऊसचर 30%*
➡️ *गुवार 8 बिग्घा का ऐवरेज 1 क्विंटल 70 किलो तक आयेगी*
➡️ *किसान के अनुसार गुवार शानदार था ऐवरेज कम हुई भाव 3333 बीका*
✍️ *सुशील शर्मा मंडी गोलूवाला* ✍️
मौसम पूर्वानुमान
आज हरियाणा की मंडियों में हड़ताल रही कल के भाव कल के भाव इस प्रकार है
गंगानगर 9300 से 9700
हनुमानगढ़ 10111
नोहर 11111
गोलुवाला 10011
रावतसर 10005
अबोहर 10280
डबवाली 10625
सरदुलगढ 10380
ऐलनाबाद 10100 से 10417
आदमपुर 10542
सिरसा 10390 कपास 8681
बरवाला 10170
उकलाना 10590
भट्टू 10200 कपास 8400
होडल 9800से9900
फतेहाबाद 10350 कपास 8490
मोर 10205
GANGANAGAR (गंगानगर)
सरसों: 5400/6000
आवक: 700-800 बोरी
सरसों तेल कच्ची घानी: 1260
सरसों तेल एक्सपेलर: 1220
खल: 2300
जयपुर (Jaipur)
सरसो (Mustard Seed) : 6350/6375+25
एक्सपेलर (Expeller) : 1269-1270+1
कच्ची घानी (kacchi khani) : 1279-1280+1
खल (Cake) : 2445 – 2450+10
दिल्ली (DELHI)
सरसों: 6100/6150+50
सरसों ऑइल एक्सपेलर: 1265
चरखी दादरी (CHARKHI DADRI)
सरसों: 6000/6050+0
सरसों ऑइल एक्सपेलर: 1250
खल: 2400+25
सरसों अपडेट
आगरा-बीपी: 6775+25
आगरा-शारदा: 6775+25
रायसिंगनगर: 5500/5900
आवक: 500 बोरी
श्योपुर: 5800/5900
आवक: 500 बोरी
आल इंडिया सरसो बीज आवक
*(All India Mustard Seed Arrival)*
एमपी (MP) : 10,000
राजस्थान (Rajasthan) : 85,000
गुजरात (Gujrat) : 5,000
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) : 30,000
हरियाणा /पंजाब (Haryana /Punjab) : 10,000
अन्य (Other) : 35,000
*आल इंडिया (All India) : 175000 Bag*
*MUSTARD SEED (सरसों)*
AGRA (आगरा) : 6775/6825 (+0)
BHARATPUR (भरतपुर) : 6001 (+1)
ALWAR (अलवर) : 6000/6025 (-25) पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों
SUMERPUR (सुमेरपुर) : 6160 (+40)
NAGAUR (नागौर) : 5900/6000 (+0)
BIKANER (बीकानेर) : 5400/5700 (+0)
JODHPUR (जोधपुर) : 6160 (+40)
*MUSTARD CAKE (सरसों खल)*
ALWAR (अलवर) : 2400 (+0)
BHARATPUR (भरतपुर) : 2500 (+0)
BUNDI (बूंदी) : 2450 (+0)
SUMERPUR (सुमेरपुर) : 2460 (+50)
JODHPUR (जोधपुर) : 2460 (+50)
*सरसों मंडी भाव*
खुर्जा: 5400/5700
आवक: 200 कट्टे
काश्गंज: 5650/5700
बुलंदशहर-डिबाई: 5700
आवक: 80 क्विंटल
हाथरस: 5600
आवक: 50 कट्टे
उझानी: 5650/5700
आवक: 400 कट्टे
गंगापुर: 6125 (+0)
महाराष्ट्र सोयाबीन प्लांट
लातूर-किसान मित्रा: 5570 *(+0)*
सांगली-राजाराम: 5475 *(-25)*
लातूर-अडम: 5500 *(-10)*
जालना-भक्ति: 5260-110
नागपुर-श्यामकला: 5400+0
तानिया: 5250
प्रभानी-मथुरा: 5350
सोलापुर-बैतूल तेल: 5475
वाशिम-नर्मदा: 5300
एमओईएल-गंगाखेड़: 5450-25
लातूर पोटली: 5300
नांदेड़-कपिल सोयाडीओसी: 46000
MUSTARD OIL KACCHI GHANI (सरसों तेल कच्ची घानी)
MALPURA (मालपुरा): 1260
MORENA (मुरैना): 1250
GANGAPUR (गंगापुर): 1265
SRI GANGANAGAR (श्री गंगानगर): 1250/1260
ADAMPUR (आदमपुर): 1290
HINDUAN (हिंडौन): 1265
DAUSA (दौसा): 1265
KAKARY (ककर्य): 1260
MUSTARD OIL EXPELLER (सरसों तेल एक्सपेलर)
MORENA (मुरैना): 1230
SRI GANGANAGAR (श्री गंगानगर): 1220
BIKANER (बीकानेर): 1250
MUSTARD CAKE (सरसों खल)
MORENA (मुरैना): 2450
SRI GANGANAGAR (श्री गंगानगर): 2300/2315
KEKRI (केकरी): 2375
AGRA (आगरा): 2375/2711
MUSTARD DOC (सरसों डीओसी)
JAIPUR (जयपुर): 17500
KANDLA (कांडला): 18700
ALWAR (अलवर): 19000
KOTA MAHESH (कोटा महेश): 18800
NEWAI SHRI MANGAL (नेवाई श्री मंगल): 18300
भरतपुर सरसों मंडी में आज का
लोकल भाव 6001
आज भरतपुर मंडी में सरसों 800-1000 कट्टे
[
*MUSTARD SEED (सरसों)*
SRI GANGANAGAR (श्री गंगानगरी): 5400/6000
AGRA SALONI (आगरा सलोनी): 6825
ALWAR SALONI (अलवर सलोनी): 6825
KOTA SALONI (कोटा सलोनी): 6825
SHAMSABAD SALONI (शम्साबाद सलोनी): 6825
AGRA SHARDA (आगरा शारदा): 6775
AGRA B.P (आगरा बी.पी): 6775
KEKRI (केकड़ी): 6000
RAISINGH NAGAR (रायसिंह नगर): 5500/5900
HINDAUN (हिण्डौन): 6100
SALONI DIGNER (सलोनी DIGNER): 6825
BIKANER (बीकानेर): 5400/5700
SHEOPUR (शेओपुर): 5800/5900
MUSTARD SEED ARRIVAL (सरसों की आवक)
SRI GANGANAGAR (श्री गंगानगरी): 800
RAISINGH NAGAR (रायसिंह नगर): 500
SHEOPUR (शेओपुर): 500
भारत के 17 प्रदेशों में बारिश का पूर्वानुमान / INDIA WEATHER FORECAST
नई दिल्ली। अरब सागर से उठे तूफान और पाकिस्तान में बने विक्षोभ के कारण भारत के 17 राज्य में बारिश जारी रहेगी। मौसम विशेषज्ञों का पूर्वानुमान है कि भारत के 8 राज्यों में भारी और 9 राज्यों में मध्यम बारिश होगी। तेज हवाएं आधे भारत को परेशान करेंगी।
भारत के 8 प्रदेशों में भारी की संभावना
अगले 24 घंटों के दौरान बिहार और पूर्वोत्तर भारत के साथ-साथ अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, गुजरात के पूर्वी भागों, कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल और तटीय आंध्र प्रदेश में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। कहीं-कहीं पर भारी बारिश के भी आसार हैं।
भारत के 9 प्रदेशों में मध्यम बारिश की संभावना
आंतरिक कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी हिमालयी राज्यों, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बौछारें गिरने की संभावना है।