तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश

मंदी की आशंका से गिरे शेयर बाजार में क्या आपको लगाना चाहिए पैसा? जानिए क्या हो इस समय निवेश की रणनीति
लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए, मंदी शेयर बाजार में डिस्काउंट पर शेयर खरीदने का मौका होता है, लेकिन यह निवेश लंबी अवधि के लिए किया जाना चाहिए और अच्छी रणनीति के साथ किया जाना चाहिए
शेयर बाजार आमतौर पर मंदी के दौरान एक बीयर फेज में चला जाता है, जहां स्टॉक लगातार गिर रहे होते हैं या पहले से ही अपने निचले स्तर पर होते हैं। निवेशक आमतौर पर ऐसे बाजार में नया निवेश करने को लेकर सतर्क रहते हैं क्योंकि स्टॉक कीमतों में और गिरावट की संभावना बनी रहती है। ऐसे में कई निवेशक बाजार से दूरी भी बना लेते हैं। इससे भी निराशाजनक स्थिति को जो चीज जटिल बनाती है, वह यह है कि मंदी खत्म होने की कोई तारीख नहीं होती है। यह कुछ महीनों तक भी जारी रह सकती है या कई सालों तक भी खींच सकती है।
बीयर मार्केट को देखने का एक और नजरिया यह है कि इस समय ऐसे शेयरों की तरफ देखा जाए, जो अपनी वाजिब वैल्यूशएन से कम कीमत पर उपलब्ध है। हालांकि यहां ध्यान रखना चाहिए कि बाजार में डिस्काउंट पर मिल रही हर चीज अच्छी नहीं होती है। निवेशकों को सिर्फ तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश इस वजह से शेयर खरीदने से बचना चाहिए कि वह सस्ता है। हालांकि अगर मंदी के दौर में निवेशक सही रणनीति बनाकर डिस्काउंट पर मिल रहे क्वालिटी शेयरों को खरीदते हैं, तो वह लंबी अवधि तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश में उनके लिए एक शानदार मुनाफे का सौदा हो सकता है।
मंदी में शेयर क्यों गिरते हैं?
आमतौर पर, मंदी के दौरान आर्थिक गतिविधियां कम हो जाती है। आमदनी में सुस्ती के चलते कंपनियां अपना प्रॉफिट नहीं बढ़ा पाती हैं। साथ ही लोग इस समय खर्च की तुलना में बचत करना पसंद करते हैं, जिससे कंपनियों के उत्पादों की मांग कम हो जाती है। कंपनियां ऐसे समय में अपने उत्पादन क्षमता तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश के विस्तार करने की योजनाएं रद्द कर देती हैं या फिर उनके पास अधिशेष बचना शुरू हो जाता है। इसके चलते इंडस्ट्री में नई नौकरियां निकलना बंद हो जाती है और यहां तक कि छंटनी भी शुरू हो जाती है। लोगों के खर्च कम करने से सरकार को टैक्स के रूप में मिलने वाला रेवेन्यू भी कम हो जाता है, जिससे वह विभिन्न परियोजनाओं पर अपने खर्च को कम कर तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश सकती हैं। कुल मिलाकर, अर्थव्यवस्था कम उत्पादन और कमजोर मांग के नकारात्मक जोन में चली जाती है।
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जब निवेशक मंदी की आशंका जताते हैं तो शेयर बाजार उस पर अपनी प्रतिक्रिया देता है। शेयरों की कीमत समझाने वाली अवधारणाओं में से एक का कहना है कि यह भविष्य के कैश फ्लो का वह वर्तमान कीमत बताती, जो कंपनी कमा सकती है। मंदी का मतलब है कि भविष्य में बिक्री का कम होना और कंपनियों का मुनाफा घटना। इससे भविष्य के कैश फ्लो का वर्तमान मूल्य कम हो जाता है और यह शेयर की कीमतों में गिरावट में तब्दील हो जाता है।
मंदी और तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश निवेश के मौके
लंबी अवधि के निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि यह दुनिया कई बार मंदी का सामना कर उबर चुकी है और उसके साथ शेयर बाजार भी। आमतौर पर, शेयर बाजार में बदलाव से आर्थिक चक्र में बदलाव होता है। इसका मतलब है कि शेयर बाजार पहले गिरेगा, और फिर अर्थव्यवस्था में मंदी या मंदी का असर होगा। हालांकि, शेयर बाजार में कोई भी गिरावट निवेशकों के लिए कम कीमतों पर स्टॉक खरीदने का एक मौका होता है। खासतौर से लंबी अवधि के निवेशकों के लिए। हालांकि इस समय जो निवेशक पैसा लगाने का साहस करते हैं, उनके भी मन में कई तरह के सवाल बन रहते हैं- कब निवेश करें और निवेश करने की रणनीति क्या हो? क्या निवेशक मंदी के दौर में इस चीज का सही आकलन कर सकते हैं बाजार कब अपने सब कम कीमत पर तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश है? हालांकि इस सवाल का जवाब खोजना काफी आकर्षक हो सकता है, लेकिन इनवेस्टमेंट प्रोफेशनल्स (फंड मैनेजर्स आदि) इस तरह के कदम के खिलाफ सलाह देते हैं क्योंकि निवेश करने के लिए सही समय की सटीक भविष्यवाणी करने का कोई फॉर्मूला नहीं है।
आमतौर पर निवेशकों की तरफ से निवेश के लिए दो मुख्य रणनीतियों का पालन किया जाता है।
1. इक्विटी म्यूचुअल फंड
इस रणनीति के तहत निवेशक किसी व्यक्तिगत शेयर में निवेश करने के बजाय म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं। जब शेयर बाजार एक मंदी के दौर से उबरता है, तो रिकवरी आमतौर पर व्यापक-आधारित होती है (कई स्टॉक एक साथ ऊपर जाते हैं)। डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर होता है क्योंकि निवेशक कुछ चुनिंदा शेयरों पर दांव लगाने के बजाय इस तरह की व्यापक रिकवरी से लाभ उठा सकते हैं। इस तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश रणनीति से मिलने वाला रिटर्न, कुछ व्यक्तिगत शेयरों पर मिलने वाले रिटर्न से कम हो सकता है। हालांकि इसमें जोखिम कम होता है और यह आपको किसी एक व्यक्तिगत खराब शेयर पर दांव लगाकर पैसा डुबाने से बचाता है।
2. सीधे स्टॉक में निवेश
यह रणनीति केवल उन निवेशकों के लिए उचित है जिनके पास शेयर बाजार को लेकर पर्याप्त ज्ञान है कि यह कैसे काम करता है और कीमतों में कैसे उतार-चढ़ाव आता है। यह उन निवेशकों के लिए भी उचित है जो अधिक जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं या वित्तीय संकट में आए नुकसान को सहने की क्षमता रखते हैं।
अधिक जानकार निवेशक जो कंपनियों पर काफी रिसर्च करते हैं, निवेश के लिए व्यक्तिगत स्टॉक चुनने के लिए बेहतर स्थिति में होते हैं। कुल मिलाकर, मंदी लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए, शेयर बाजार में डिस्काउंट पर शेयर खरीदने का एक मौका देती तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश है। लेकिन इस तरह के निवेश लंबी अवधि के लिए होने चाहिए, और निवेशकों को एक अच्छी रणनीति के साथ पैसा लगाना चाहिए जो उनकी निवेश शैली और शेयर बाजार के ज्ञान के अनुकूल हो।
- मनीकंट्रोल के लिए यह आर्टिकल इनवेस्टमेंट रिसर्च एंड एडवाइजरी फर्म Aranca के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट निखिल साल्वी ने लिखा है।
MoneyControl News
Tags: # share market
First Published: Jul 28, 2022 9:28 PM
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तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश
शेयर बाजार में निवेश करने के 10 प्रमुख कारण
- Post author: धन महोत्सव
- Post category: स्टॉक मार्केट
- Reading time: 3 mins read
शेयर बाजार एक ऐसा मंच है जहां शेयर खरीदार और विक्रेता दिन के ट्रेडिंग समय के दौरान सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध शेयरों की ट्रेडिंग करते है। क्या आप भी स्टॉक मार्केट में पैसा निवेश करना चाहते हैं और पैसे कमाना चाहते हैं तो आपको निश्चित रूप से शेयर बाजार में निवेश करने के प्रमुख कारण के बारे में जरूर पता होना चाहिए।
शेयर बाजार में निवेश करने के 10 प्रमुख कारण
भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज 1. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और 2. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) हैं। स्टॉक मार्केट को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है: प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट। जहां से आप ट्रेडिंग आर्स में स्टॉक की ट्रेडिंग करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं। आइए जानते है शेयर बाजार में निवेश करने के 10 प्रमुख कारणः
पैसे कमाने के लिए निवेश
अगर कोई तुरंत अमीर बनाने वाला प्लेटफार्म है तो वह है स्टॉक मार्केट। इसलिए, इस प्लेटफार्म का प्रयोग ज्यादातर अपने पैसों को मल्टीप्लाई करने के लिए किया जाता है। शुरूआत करने के लिए, आपको केवल स्टॉकब्रोकर के माध्यम से एक ट्रेडिंग व डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता है।
क्या आप भी बेसिक स्टॉक मार्केट का नॉलेज रखते है तो आपको निश्चित रूप से इस मार्केट में निवेश करना चाहिए और अपने निवेश किए गए पैसों पर अच्छा रिटर्न प्राप्त करना चाहिए। यहां, आप विश्वसनीय कंपनियों में निवेश करते हैं, इसलिए अपने पैसे के बढ़ने की उम्मीद कर सकते है।
पावर आफ कंपाउंडिंग का लाभ
शेयर बाजार में निवेश करके आप चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठा सकते हैं, जिससे आपका पैसा तेजी से बढ़ सकता है। यदि आपका लक्ष्य आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनना है, तो शेयर बाजार में निवेश करना आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है।
अपने पैसे को बैंक में रखने पर आपको न के बराबर ब्याज मिलता है, लेकिन स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप 8 से 25 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न पा सकते हैं। निवेश करने से पहले आपको स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड के बारे में शुरुआती जानकारी होनी चाहिए।
अलग-अलग निवेश विकल्प
शेयर मार्केट में बहुत सारी कंपनियां लिस्टेड होती है जिसमें से आप भारत की टॉप 500 कंपनियों के अलावा आपके पास लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों में निवेश करने का विकल्प भी मौजूद होता है। आप अपनी क्षमता के अनुसार स्टॉक मार्केट में पैसे का निवेश कर सकते हैं।
इनके अलावा, आप कमोडिटी, स्टॉक्स व करेंसी आदि में भी निवेश कर सकते हैं। निवेश करने के बहुत सारे अवसर मौजूद होने के कारण स्टॉक मार्केट से आप लॉन्ग टर्म में अच्छा पैसा कमा सकते हैं और अपने फ्यूचर को सुरक्षित कर सकते हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग कर सकते हैं।
फ्यूचर प्लानिंग के लिए उपयोगी
अगर आप अमीर बनना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि अरबपति बनने के लिए क्या करें और क्या ना करें तो आपको निश्चित रूप से आपकी बचत को प्रॉपर नॉलेज के साथ शेयर मार्केट में निवेश करना चाहिए। आने वाले 10 से 15 सालों के बाद आप देखेंगे कि आपके पोर्टफोलियो में बहुत सारे शेयर शामिल है और उनकी कीमत आज करोड़ों-अरबों रुपए में है।
ज्यादातर लोग अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित करने और फ्यूचर प्लानिंग के लिए स्टॉक मार्केट और म्यूच्यूअल फंड में निवेश करते हैं और वे रिटायरमेंट की अवस्था तक आते-आते करोड़पति-अरबपति बन जाते हैं। आपको भी अपने भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए अपनी बचत का कुछ हिस्सा हर महीने निवेश करना चाहिए।
कम निवेश में शुरुआत
आप एक डिमैट अकाउंट खुलवाकर ₹500 के साथ स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट के लिए भारत में कई बेहतरीन प्लेटफॉर्म हैं जैसे शेरखान, ज़ेरोधा, अपस्टॉक, 5पैसा आदि। ये सभी प्लेटफार्म मिनिमम ट्रेडिंग फीस या एक्सपेंस रेश्यो चार्ज करते हैं।
शेयर बाजार में कोई मिनिमम और मैक्सिमम निवेश कैपिटल की आवश्यकता नहीं है। आप कभी भी किसी भी अमाउंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं और अपने ट्रेडिंग अमाउंट को कभी भी बढ़ा या घटा सकते हैं। हालांकि, शेयर बाजार में जोखिम होता है, निवेश करने से पहले स्टॉक्स पर रिसर्च कर लें।
सरकार से टैक्स लाभ
शेयर बाजार में निवेश करने पर कई तरह के टैक्स लाभ मिलते हैं। निवेश की कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (12 महीने तक के निवेश) कर मुक्त हैं। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (12 महीने से कम समय के लिए निवेश) पर 15% + 3% सेस लगता है। ऑफसेट के बाद किसी भी पूंजीगत हानि को आठ वित्तीय वर्षों तक आगे बढ़ाया जा सकता है।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम – तीन साल की लॉक-इन अवधि, 1 लाख रुपये तक के निवेश पर धारा 80C के तहत छूट मिलती है, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स फ्री होते हैं, प्राप्त लाभांश (Dividends) कर मुक्त हैं। आप भी शेयर मार्केट में निवेश करके गवर्नमेंट के टैक्स बेनिफिट का लाभ ले सकते हैं।
अन्य निवेश विकल्पों से बेहतर
जब पैसा निवेश करने की बात आती है, तो शेयर बाजार के साथ-साथ रियल एस्टेट ऐसा निवेश विकल्प हैं जो आपके निवेश पर सबसे अच्छा रिटर्न देता हैं। एक बार ट्रेडिंग करने के बाद, आप उस पर ध्यान नहीं देते हैं तो भी आपको लॉन्ग टर्म रिटर्न मिलता रहता है।
शेयर बाजार को सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है और बाजार की पूरी पारदर्शिता के कारण, आपके पैसे के साथ धोखाधड़ी की संभावना न के बराबर है इसलिए बढ़ती जागरूकता के साथ लोग अब किसी को ब्याज पर उधार देने के बजाय शेयर बाजार में निवेश करना पसंद करते हैं।
सुविधाजनक और निवेश करने में आसान
शेयर मार्केट में निवेश करना बहुत ही आसान है। आप किसी भी स्टॉक ट्रेडिंग ब्रोकर की सहायता से या आप NSE and BSE प्लेटफार्म पर डायरेक्ट रजिस्टर करके ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। ट्रेडिंग करना बैंक में पैसे जमा कराना और निकालना जैसा आसान है।
दुनिया के किसी भी कोने से आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं और ट्रेडिंग समय के दौरान आप स्टॉक को खरीद और बिक्री करके प्रॉफिट कमा सकते हैं। बस, आपको अच्छा नॉलेज होना चाहिए या फिर आप किसी स्टॉक मार्केट ब्रोकर व एजेंट की मदद ले सकते हैं।
ज्यादा अनुभव की आवश्यकता नहीं
भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए आपको ज्यादा अनुभवी होने की आवश्यकता नहीं है। अगर आप पैसा निवेश करने के इच्छुक है तो आप विभिन्न बेस्ट स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की मदद से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। यहां, पर आपको आपके बजट के अनुसार बेस्ट हाई क्वालिटी अनुभवी स्टॉक मार्केट विशेषज्ञ आपको सलाह देने के लिए मौजूद है।
आप एक अनपढ़ व्यक्ति है तो भी स्टॉक मार्केट में निवेश शुरू कर सकते हैं और अच्छे पैसे कमा सकते हैं। बस, आपको अच्छे स्टॉक ब्रोकर की सहायता लेकर के निवेश करने की आवश्यकता है। स्टॉक मार्केट निवेश करने के लिए और अच्छा रिटर्न देने के लिए आपका इंतजार कर रहा हैं।
कंपनी में हिस्सेदारी मिलना
क्या आप जानते हैं कि स्टॉक मार्केट के जरिए शेयरों की ट्रेडिंग करना संबंधित कंपनी में आपको आपके निवेश अनुपात में हिस्सेदारी मिलती है? अगर नहीं, तो आपको जानकर यह खुशी होगी कि आप उस विशेष कंपनी के इनडायरेक्ट रूप से हिस्सेदार और मालिक है।
आप उस कंपनी में वोट कर सकते हैं। जब भी कोई भी मीटिंग अरेंज की जाएंगी और कोई बड़ा डिसीजन लिया जाएगा, आपको उस कंपनी के द्वारा पहले इनफॉर्म किया जाएगा और कंपनी के द्वारा जो भी प्रॉफिट कमाया जाएगा, उस प्रॉफिट में आपके निवेश अनुपात में आपको प्रॉफिट दिया जाएगा।
नोट (Note)
हम आशा करते हैं कि आप स्टॉक मार्केट में निवेश करने के विभिन्न प्रमुख कारणों के बारे में जानकर निवेश शुरू करेंगे और बेहतरीन आउटपुट प्राप्त कर अपने बड़े फाइनेंशियल गोल को पूरा करने की कोशिश करेंगे।
स्टॉक मार्केट बाजार जोखिम के अधीन है और यह बहुत उतार-चढ़ाव वाला मार्केट है इसलिए यहां रिस्क की संभावना बहुत ज्यादा होती है। कृपया, निवेश करने से पहले उचित जानकारी प्राप्त करें और बिना सोचे-समझे व रिसर्च करें किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश ना करें।
शेयर बाजार में कौन कौन निवेश कर सकता है ?
शेयर बाजार में कौन कौन निवेश कर सकता है ? क्या शेयर तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश बाजार में शुरुआत करने के लिए कोई नियम है? क्या किसी तरह की उम्र की सीमा, पढाई लिखाई, या किसी तरह की योग्यता का नियम है?
आइए आज के इस आर्टिकल में हम इस को डिटेल में समझने की कोशिश करते है कि – शेयर बाजार में कौन कौन निवेश कर सकता है ?
शेयर बाजार में निवेश
शेयर बाजार में निवेश करने का मतलब होता है – शेयर बाजार जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीदना, और उस ख़रीदे गए शेयर को अपने पास रखना, जैसे ही आप किसी कम्पनी का शेयर खरीद लेते है, तो आपको उस कंपनी में कुछ हिस्से के मालिक हो जाता है, और जैसे जैसे कंपनी लाभ कमाती है और डिविडेंड की घोषना करती है तो आपको डिविडेंड का लाभ मिलता है, और बाद में कंपनी के शेयर के भाव बढ़ने पर आप उसे वापस शेयर बाजार (BSE या NSE) पर बेच कर लाभ कमा सकते है,
शेयर बाजार से सम्बंधित इन पोस्ट को जरुर पढ़े –
शेयर बाजार में कौन कौन निवेश कर सकता है ?
अगर बात करे कि शेयर बाजार में कौन कौन निवेश कर सकता है, तो एक लाइन में इसका जवाब ये होगा कि- भारतीय शेयर बाजार में अभी तक ऐसा कोई नियम नहीं बना है कि जिसमे किसी तरह की कोई सीमा तय की गई है, कि आपके पास अमुक योग्यता होनी ही चाहिए तभी आप निवेश कर सकते है,
शेयर बाजार बिल्कुल भारतीय लोकतंत्र की तरह ही सबके लिए है, यानि आपको शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सिर्फ आपके पास DEMAT अकाउंट और TRADING अकाउंट खुला होना चाहिए,
ताकि आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से स्टॉक ब्रोकर को शेयर खरदीने का आर्डर दे सके, और एक बार जब आप शेयर खरीद ले तो वह शेयर आपके DEMAT अकाउंट में जमा हो जाये,
तो इस तरह इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने पढ़े लिखे है, आप कितना कमाते है, आपकी उम्र कितनी है, आप कहा के रहने वाले है, समझने वाली बात ये है कि – फ़िलहाल शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत करने के लिए आपके पास सिर्फ बैंक अकाउंट, तथा DEMAT और TRADING अकाउंट होना चाहिए,
काफी सारे लोग इस जो शेयर बाजार में नए होते है, उनके मन में कुछ सवाल होते है, आइए उन सभी सवालों के जवाब को समझने की कोशिस करते है –
क्या सरकारी नौकरी करने वाले लोग शेयर बाजार में निवेश कर सकते है ?
जवाब – जी हा, बिल्कुल कर सकते है, सरकार की तरफ से गवर्नमेंट एम्प्लोयी के लिए ऐसा कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया कि – सरकारी नौकरी करने वाले लोग शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकते है.
सरकारी नौकरी करने वाले लोग, या जैसा हमने पहले देखा कि कोई भी व्यक्ति शेयर बाजार , म्यूच्यूअल फण्ड ने निवेश कर सकते है, शेयर बाजार सबके लिए है.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कितना पढ़ा लिखा होना जरुरी है ?
जवाब- क़ानूनी रूप से तो शेयर बाजार में निवेश करने के लिए पढाई लिखाई की कोई भी न्यूनतम सीमा तय नहीं की गई है, यानि अगर आप पढ़े लिखे नहीं है या कम पढ़े लिखे है तभी भी आप शेयर बाजार में निवेश कर सकते है.
लेकिन व्यावहारिक तौर पर देखा जाये तो शेयर बाजार में निवेश जोखिमपूर्ण है, इसलिए आपको इतनी समझ जरुर होनी चाहिए कि आप जानते हो कि आप क्या कर रहे है, कौन सा शेयर खरीद रहे है और क्यों खरीद रहे है, और उसमे क्या रिस्क है,
साथ ही शेयर बाजार की अच्छी समझ होने पर ही आपको शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत करनी चाहिए, और उसके लिए जरुरी हो तो भी कर सकते है शेयर बाजार में निवेश कि आपके पास शेयर बाजार में निवेश करने की पर्याप्त ज्ञान या ट्रेनिंग होना जरुरी हो जाता है.
तो दोस्तों आज के पोस्ट में हमने जाना कि – शेयर बाजार में कौन कौन निवेश कर सकता है ? अगर आपके मन में इस पोस्ट से जुड़ा कोई सुझाव या सवाल हो तो नीचे कमेंट करके जरुर बताये.
इन 3 तरीकों से शेयरों में कर सकते हैं निवेश, जानिए क्या हैं इन्हें लेकर टैक्स के नियम
शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है. कई निवेशक थोड़ा ही सही, लेकिन शेयरों में पैसा लगाना चाहते हैं.
इक्विटी म्यूचुअल फंड
इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश करने के लिए आपको केवाईसी की जरूरतों को पूरा करना पड़ता है. साथ ही फंड हाउस के एप्लीकेशन फॉर्म को भरना होगा जिसमें आप अपनी पसंद की स्कीम के बारे में बताते हैं. एप्लीकेशन स्वीकार होने के बाद आपको यूनिटें आवंटित हो जाती हैं. निवेश की पोर्टफोलियो वैल्यू दिन के अंत में निकाली जाती है. इसका कैलकुलेशन करने के लिए एनएवी के साथ यूनिटों को गुणा किया जाता है.
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस
शेयर बाजार में बहुत ज्यादा पैसा (50 लाख रुपये से अधिक) लगाने की चाहत रखने वाले निवेशकों के पास पोर्टफोलियो मैनेजर्स की सेवाएं लेने का भी विकल्प है. इसके लिए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट एग्रीमेंट किया जाता है. यह एग्रीमेंट निवेशक और पोर्टफोलियो मैनेजर के बीच होता है. इसमें निवेश का मकसद, जोखिम, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट चार्ज की शर्तों के साथ इस बात का भी उल्लेख किया जाता है कि पोर्टफोलियो मैनेजर किस तरह की प्रतिभूतियों में निवेश करेंगे. शेयरों का स्वामित्व निवेशक के पास उसके डीमैट खाते में रहता है. इस तरह निवेशक को अपने खाते में ही डिविडेंड/बोनस एलॉटमेंट का पैसा मिलता है.
किन बातों का रखें ध्यान
- म्यूचुअल फंड पर कैपिटल गेंस टैक्स यूनिटों को भुनाने के वक्त ही लगता है. म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो के भीतर फंड मैनेजर प्रतिभूतियों में जो खरीद-फरोख्त करते हैं, उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
- पोर्टफोलियो मैनेजर जिन शेयरों में निवेश करते हैं, उन पर ट्रांजेक्शन के वक्त कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. इस टैक्स को भरने की जिम्मेदारी निवेशक के पाले में आती है.
- म्यूचुअल फंड स्कीम के मुकाबले पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस यानी पीएमएस में पोर्टफोलियो को कस्टमाइज करने का खर्च ज्यादा आता है. म्यूचुअल फंड में स्टैंडर्ड पोर्टफोलियो होता है. यह स्कीम के निवेश उद्देश्यों की तर्ज पर होता है.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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शेयर मार्केट के फायदे: जाने शेयर बाजार में निवेश करने के फायदे
शेयर मार्केट में उचित कंपनियों में निवेश एवं उचित वित्तीय साधनों के विविधीकरण द्वारा निवेशक उचित लाभ अर्जित कर सकते हैं। शेयर मार्केट में अनुशासन, संयम एवं योजना के साथ किया गया निवेश, निवेशकों के लिए अत्यंत फायदेमंद सिद्ध होता है।
मैं व्यक्तिगत रूप से आपको डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के लिए निम्नलिखित प्लेटफार्मों में खाता खोलने की सलाह देता हूं:
ऐसा नहीं है कि बाजार में निवेश करने से फायदा ही हो आप शेयर मार्केट के नुकसान के बारे में जरूर पढ़ें।