जमा और निकासी

Cash Deposit New Rule: 20 लाख से ज्यादा जमा करने पर सरकार ने बनाए नए नियम, जानना है बेहद जरूरी
Cash Deposit New Rule: पैसों के जमा करने को लेकर सरकार ने नए नियम तय किए हैं। अब अगर आप एक साल में 20 लाख रुपये से ज्यादा जमा करते हैं तो पैन-आधार जरूरी है। जो लोग पैन-आधार की डिटेल नहीं देते वो 20 लाख रुपये से ज्यादा कैश नहीं जमा कर सकते हैं
Cash Deposit New Rule: अवैध और बेहिसाब नकद लेनदेन (Cash Transaction) पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम जमा और निकासी उठाए हैं। सरकार ने नकद निकासी की सीमा (Cash Limit) में बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक किसी वित्त वर्ष में किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में 20 लाख रुपये या इससे अधिक की नगदी जमा करने पर पैन और आधार (PAN Card and Aadhar Card) देना जरूरी होगा। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया तो 100 फीसदी जुर्माना लगेगा।
कहने का मतलब ये हुआ कि अगर 20 लाख रुपये या इससे ज्यादा जमा या निकालते हैं तो इतने ही रुपये का जुर्माना लग सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (Central Board of Direct Taxes -CBDT) ने इनकम टैक्स (पंद्रहवां संशोधन) रूल्स, 2022 के तहत नए नियम तैयार किए हैं।
कैश जमा करने के मामले में पहले से भी नियम बनाए गए थे। पहले के नियमों के मुताबिक, अगर एक दिन में 50,000 रुपये कैश जमा करते हैं तो पैन कार्ड की डिटेल देनी होती जमा और निकासी थी। हालांकि इसमें एक साल में आप कितने रुपये जमा करते हैं? इस पर कोई लिमिट नहीं था। लेकिन नए नियमों के तहत एक या एक से अधिक बैंकों में एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये या इससे ज्यादा कैश जमा करने पर पैन और आधार की जानकारी देनी जरूरी होगी। CBDT इसलिए यह डिटेल मांग रहा है ताकि पैसों के लेन-देन को ट्रेस किया जा सके।
New Year Rules: इस बैंक में 10 हजार से अधिक जमा करने पर देना होगा चार्ज, आज से लागू हो गए नए नियम
New Year Rules: पैसों की निकासी के अलावा अब इसे जमा करने पर भी चार्ज देना होगा.
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के खाताधारकों को अब पैसे निकालने के अलावा पैसे जमा करने के लिए भी चार्जेज देने होंगे, अगर एक सीमा से अधिक का ट्रांजैक्शन करते हैं.
New Year Rules: पैसों की निकासी के अलावा अब इसे जमा करने पर भी चार्ज देना होगा. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के खाताधारकों को अब पैसे निकालने के अलावा पैसे जमा करने के लिए भी चार्जेज देने होंगे, अगर एक सीमा से अधिक का ट्रांजैक्शन करते हैं. यह नया नियम आज (1 जनवरी) से प्रभावी हो गया है. वास्तविक फीस में जीएसटी और सेस को भी शामिल किया जाएगा यानी कि चार्जेज के अलावा जीएसटी व सेस भी चुकाना होगा. इससे पहले इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने पिछले साल 2020 में डोरस्टेप बैंकिंग के चार्जेज को संशोधित किया था. 1 अगस्त 2021 से लागू चार्जेज के मुताबिक हर ग्राहक से प्रति अनुरोध पर 20 रुपये का शुल्क लिया जाता है.
आज से जमा-निकासी के ये नियम लागू
- बेसिक सेविंग्स अकाउंट से हर महीने चार ट्रांजैक्शन फ्री होगा और इसके बाद के हर ट्रांजैक्शन पर 0.50 फीसदी का शुल्क वहन करना होगा. चार बार के बाद प्रति ट्रांजैक्शन के लिए न्यूनतम 25 रुपये का चार्ज होगा. हालांकि बेसिक सेविंग्स अकाउंट में कैश जमा करने के लिए कोई भी शुल्क नहीं देना होगा यानी कि कितने भी पैसे बेसिक सेविंग्स अकाउंट में बिना कोई चार्ज दिए जमा कर सकते हैं.
- बेसिक सेविंग्स अकाउंट के अलावा अन्य बचत व चालू खाते से हर महीने बिना किसी चार्ज के 25 हजार रुपये ही निकाल सकते हैं और उसके बाद 0.50 फीसदी शुल्क (न्यूनतम 25 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन) देना होगा. वहीं बेसिक सेविंग्स अकाउंट के अलावा अन्य बचत व चालू खातों में हर महीने 10 हजार रुपये ही बिना किसी चार्ज के जमा कर सकते हैं. इससे अधिक की जमा पर 0.50 फीसदी का शुल्क (न्यूनतम 25 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन) वहन करना होगा.
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IPPB Saving Account इस मामले में है खास
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) में सेविंग्स अकाउंट की खास बात है कि इसमें क्यूआर कार्ड के जरिए बैंकिंग सेवाएं हासिल की जा सकती हैं. क्यूआर कार्ड का सबसे बड़ा फायदा ये है कि बैंकिंग सेवाओं के लिए खाता संख्या या कोई पासवर्ड याद करने की जरूरत नहीं होती है और खाताधारक के बॉयोमेट्रिक से काम हो जाता है. आईपीपीबी खाते के जरिए एनईएफटी, आईएमपीएस और आरटीजीएस से भी पैसे प्राप्त किए जा सकते हैं.
(आर्टिकल: सुनील धवन)
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बैंक खाते में पैसा जमा करने और निकालने पर भी देना होगा चार्ज, इस बैंक ने बदले नियम
बैंकों में अब अपना पैसा जमा करने और निकालने के लिए भी फीस देना पड़ेगी। बॉब ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। अगले महीने से तय सीमा से ज्यादा बैंकिंग करने पर अलग से शुल्क लगेगा। इस पर बैंक ऑफ इंडिया.
बैंकों में अब अपना पैसा जमा करने और निकालने के लिए भी फीस देना पड़ेगी। बॉब ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। अगले महीने से तय सीमा से ज्यादा बैंकिंग करने पर अलग से शुल्क लगेगा। इस पर बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, एक्सिस और सेंट्रल बैंक भी जल्द फैसला लेंगे।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने चालू खाते, कैश क्रेडिट लिमिट और ओवरड्राफ्ट अकाउंट से जमा-निकासी के अलग और बचत खाते से जमा-निकासी के अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं। लोन अकाउंट के लिए महीने में तीन बार के बाद जितनी बार ज्यादा पैसा निकालेंगे, 150 रुपये हर बार देने पड़ेंगे। बचत खाते में तीन बार तक जमा करना मुफ्त मगर चौथी बार जमा किया तो 40 रुपये देने होंगे। वरिष्ठ नागरिकों को भी बैंकों ने कोई राहत नहीं दी है।
इस तरह जेब होगी ढीली
सीसी, चालू और ओवरड्राफ्ट खातों के लिए
1-एक दिन में एक लाख तक जमा - निशुल्क
2-एक लाख से ज्यादा होने पर - एक हजार रुपये पर एक रुपए चार्ज (न्यूनतम 50 रुपये और अधिकतम 20 हजार रुपये)
3-एक महीने में तीन बार पैसा निकालने पर- कोई शुल्क नहीं
4-चौथी बार से- 150 रुपये प्रत्येक विड्रॉल
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बचत खाता ग्राहकों के लिए
1-तीन बार तक जमा - निशुल्क
2-चौथी बार से देना होगा - 40 रुपये हर बार
3-महीने में तीन बार खाते से पैसा निकालने पर- कोई शुल्क नहीं
4-चौथी बार से पैसा निकालने पर देना होगा- 100 रुपये हर बार
5-वरिष्ठ नागरिकों को कोई छूट नहीं मिलेगी। उन्हें भी शुल्क देना होगा
6-जनधन खाताधारकों को जमा करने पर कोई शुल्क नहीं देगा होगा लेकिन निकालने पर 100 रुपये देना होंगे
बैंकों ने चुपके से लगा दिए ऐसे-ऐसे शुल्क
बैंकों ने घाटे की भरपाई के लिए ग्राहकों पर ऐसे-एसे शुल्क लगा दिए हैं जिन्हें पहली कभी नहीं लिया गया। फोलियो चार्ज के नाम पर बैंकों को मोटी कमाई होती है। 25-30 साल पहले ग्राहकों के लेनदेन का ब्योरा बैंक रजिस्टर में दर्ज करते थे, जिसे फोलियो कहा जाता था। उस दौर में, जब हाथ से फोलियो पर एक-एक राशि चढ़ाई जाती थी, तब बैंक इसका कोई शुल्क ग्राहकों से नहीं लेते थे। आज डिजिटल दौर में सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक फोलियो बनाता है, तब बैंक ग्राहकों से फोलियो चार्ज वसूल रहे हैं। वहीं, चाहे रिजेक्ट भी हो जाए तो भी बैंक को प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर कुछ राशि काट लेते हैं।
1-लेजर फोलियो चार्ज: 200 रुपये प्रति पेज (किसी भी तरह के लोन पर सीसी या ओडी पर वसूला जाता है।)
15 और 16 मार्च को बैंक हड़ताल, जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस पर पड़ सकता है प्रभाव, करीब 10 लाख कर्मचारी लेंगे भाग
Bank Strike: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा है।
भारतीय स्टेट बैंक सहित ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को इस बारे में सूचित कर चुके हैं। (file photo)
Highlights पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है। 15 और 16 मार्च 2021 को लगातार दो दिन हड़ताल का फैसला किया गया है। बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी इसमें भाग लेंगे।
Bank Strike: लगातार चार दिन से बैंक बंद है। प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल की घोषणा की है।
13 मार्च को सेकेंड शनिवार और 14 को रविवार है। 15 और 16 मार्च को बैंक में हड़ताल हैं। यानी चार दिन से बैंक बंद है। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते सोमवार और मंगलवार को देश भर में बैकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हड़ताल के कारण जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस और ऋण स्वीकृति जैसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
नौ यूनियनों के सम्मिलित संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन ने एक बयान में दावा किया है कि बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग लेंगे। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित कई सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि यदि हड़ताल होती है, तो उनका सामान्य कामकाज शाखाओं और कार्यालयों में प्रभावित हो सकता है। बैंकों ने यह भी बताया कि वे बैंक शाखाओं और कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिये आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
Banking services to be hit as over 10 lakh employees to go on strike on March 15, 16
पिछले महीने पेश किये गये केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि 4, 9 और 10 मार्च को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई बैठकें बेनतीजा रही अत: हड़ताल होगी।
यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक इम्प्लॉइज कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईसीआई) आदि शामिल हैं।
इंडियन नेशल बैंक एम्पलाईज फेडरेशन (आईएनबीईएफ) , इंडियन नेशनल बैंक आफीसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) , नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशन आर्गनाइजेशन आफ बैंक आफीसर्स (एनओबीओ) भी हड़ताल की अपनी में शामिल हैं।
Cash Deposit Withdrawal: सरकार ने बदले नकद जमा और निकासी के नियम, तुरंत जान लीजिए वरना होगा नुकसान
Cash Deposit Withdrawal: देश में टैक्स चोरी (tax evasion) को रोकने के लिए सरकार कई कदम उठाती है। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आया है। ऐसे में सरकार (government) ने एक नया फैसला लिया है। दरअसल, सरकार ने रुपये से संबंधित लेनदेन में बड़ा बदलाव किया है। नए नियम के तहत अब एक निर्धारित रुपयों से अधिक जमा (depositing) या निकासी (withdrawing) करने पर ये नया नियम लागू होगा।
ये नियम होगा लागू
आपको बता दें कि एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये की नकदी निकासी या जमा करने पर अब बैंक अधिकारी को पैन या आधार कार्ड रखना अनिवार्य होगा। इसके बाद इस कागजात को बैंक आयकर विभाग के पास भेजेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष टैक्स बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके पीछे सरकार का मकसद नकदी के लेन-देन को ट्रैक करना है।
अभी तक नहीं थी कोई सीमा
वैसे अभी तक साल में नकदी जमा करने या निकालने के लिए कोई सीमा तय नहीं की गई थी, जिस पर पैन या आधार की जरूरत हो। हालांकि एक दिन में 50 हजार रुपये की निकासी या जमा पर यह नियम जरूर लागू था। दरअसल, अभी तक लोग बना पैन कार्ड के 50 हजार से नीचे नकदी की निकासी या जमा कर सकते थे। साथ ही तब आधार भी इसके लिए मान्य नहीं था। इसलिए बड़े पैमाने पर नकदी को इधर से उधर किया जाता था।
जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
इस मामले के जानकारों का कहना है कि सरकार से अभी तक छोटे लेनदेन को जमा और निकासी बड़ी आसानी से छुपाया जा रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में काफी बड़े स्तर पर छोटे-छोटे लेनेदेन हुए है। ऐसे में इन सबकी जानकारी रखना काफी मुश्किल है। इसलिए सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है।
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