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ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है

ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है

आखिर क्या है ब्लॉकचेन (Technology)?

ब्लॉकचैन और क्रिप्टोकुरेंसी जैसे नाम के शब्द काफ़ी सालो से सुरखियो में रहे है। लोगो में क्रिप्टोक्यूरेंसी को लेकर बहुत सी जिज्ञासा उत्पन हुई है क्योंकि आए दिन नए-नए क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च होते जा रहे हैं और उनकी किमत भी दिनबदिन बढ़ती जा रही है।

लेकिन क्या आप जानते हैं क्रिप्टोकुरेंसी की पीछे की तकनीक (technology) क्या है? क्या संबंध है क्रिप्टोकरेंसी का ब्लॉकचेन के साथ? तो चलिए जान्ते हैं ब्लॉकचैन क्या है और इसके उपयोग क्या है!

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी हमारे आईटी इंडस्ट्री (IT Industry) को इस प्राकार से बदल रही है जैसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (open-source software) ने एक दसक पहले इसको बदला था। कहा जाता है कि ब्लॉकचैन आने वाले समय में एक बहुत ही अच्छा जरिया बनने वाली है जानकारी शेयर करने के लिए|

ये बात तो सही है की Blockchain को अपनाने की गति बेहद ही धिमी है लेकिन technology experts का मानना है की आने वाले समय में ये गति धीरे धीरे तेज होने वाली है।

ब्‍लॉकचेन तकनीक क्या है?

Blockchain एक digital ledger है। लेज़र को आशान भाषा में समझे तो एक प्राकार का अकाउंट (account) जहां डेबिट और क्रेडिट के सारे ट्रांजैक्शन (Transaction) और एंट्री (Entry) देखने को मिलती हैं।

ब्लॉकचेन कैसे काम करती है?

ब्लॉकचेन डिजिटल जानकारी को रेकॉर्ड और डिस्ट्रीब्यूट करने की अनुमति देती है। ब्लॉकचेन लेनदेन का एक ऐसा रेकॉर्ड है जिसे बदला, हटाया या नष्ट नहीं किया जा सकता है। ब्लॉकचेन पहली बार 1991 में एक रिसर्च प्रोजेक्ट के रूप में आया था लेकिन, ब्लॉकचैन का आविष्कार सन 2008 में Satoshi Nakamoto ने किया था। ताकि वो इसे दुनिया के सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी “Bitcoin” में, उसके पब्लिक ट्रांसक्शन्स लेजर के हिसाब समूह कर सकें।

Satoshi Nakamoto का ब्लॉकचेन का आविष्कार करने का सिर्फ एक ही मक्षद था की वे एक decentralized ledger बनाना चाहते थे जो की लोगों को उनके पैसों को control करने की क्षमता दे। जिससे की कोई भी third party, या कोई भी government, इन पैसों को monitor ना कर सके।

ब्लॉकचेन के लाभ:ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है

ब्लॉकचैन को इस्तमाल करने के ये तीन सबसे बड़े फ़ायदे हैं। आज तक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पूरी तरह से विश्वास, सुरक्षित और कुशल सबित हुई और ऐसा माना जा रहा है, आने वाले समय में ये तीन खूबियां और भी ज्यादा मजबूत बन जाएंगी।

क्या ब्लॉकचेन को हैक किया जा सकता है?

ब्लॉकचैन का इस्तमाल केवल बिटकॉइन जेसी करेंसी में ही नहीं होता है। ब्लॉकचैन अब ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है की कई इंडस्ट्री (Industrty) ब्लॉकचेन के जरिये अपने काम या बिजनेस (Business) को आगे बड़ा रहे है। और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी इसिलिए इतनी प्रसिद्ध होती जा रही है क्योंकि ये तकनीक (Technology) पूरी तरह सेफ, सिक्योर और विकेन्द्रीकृत तकनीक है। जिसे हैक करना लगभग नामुमकिन है।

बिटकॉइन और ब्लॉकचैन में क्या अंतर है?

बिटकॉइन और ब्लॉकचैन दोनो का ही अलग-अलग किरदार है क्रिप्टो की दुनिया में। बिटकॉइन एक प्रकर की क्रिप्टोकरेंसी ही है। ब्लॉकचेन और बिटकॉइन ऐसे किरदार है मानो जैसे एक सिक्के के दो पहलू। दोनो का महत्व अलग-अलग जरूर है पर दोनो ही क्रिप्टो उद्योग (Industry) के लिए बहुत ही मान्य है।

ब्लॉकचैन एक डिजिटलाइज्ड डिस्ट्रिब्यूटेड लेज़र है, जिस में क्रिप्टोकरेंसी जेसी डेटा ही नही बाल्की किसी भी चिज़ को डिजिटल बनाकर उनका रिकॉर्ड रखा जा सकता है वो भी बिलकुल सेफ तारिको से।

वही बिटकॉइन एक डिजिटल मध्यम है जिस के जरिये हम कई चीज़े डिजिटली खरिद या बेच सकते हैं। बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी, डिजिटल करेंसी, या डिजिटल कॉइन के नाम से भी जाना जाता है। बस यूँ कह लो की बिटकॉइन एक ऐसी करेंसी है जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पे रन करती है।

क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का भविष्य?

वर्तमान समय में ब्लॉकचेन सबसे चर्चित व्यावसायिक तकनीकों में से एक है। इसमें बड़े बदलाव लाने और उद्योगों में नए अवसर पैदा करने की क्षमता है – बैंकिंग और साइबर सुरक्षा से लेकर बौद्धिक संपदा और स्वास्थ्य सेवा तक। आने वाले भविष्य में ब्लॉकचेन तकनीक आईटी क्षेत्रों (IT Sectors) में कायापलट कर सकती है वो भी सिरफ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिये।

निष्कर्ष:

आज की दुनिया में ब्लॉकचेन काफी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि दुनिया तेजी से विकसित हो रही तकनीकी दुनिया में, सब कुछ तेजी से और अधिक डिजिटल होता जा रहा है।

Career in Blockchain Technology: ब्लॉकचेन डेवलपर बन लाखों में कमाई का मौका, जानें कोर्स व करियर स्‍कोप

Career in Blockchain Technology: क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से इस टेक्‍नोलॉजी को एक नई दिशा मिली है। यहां पर युवाओं को लगातार नए-नए अवसर मिल रहे हैं। यह उन लोगों के लिए बेस्‍ट है जिनके पास इस नई तकनीक को जानने-समझने के लिए आवश्यक स्किल है।

Career in Blockchain Technology

  • छात्र कर सकते हैं कंप्यूटर साइंस व इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी कोर्स
  • क्रिप्टोकरेंसी के अलावा बैंकिंग और हेल्थ सेक्टर में शानदार मौके
  • ये प्रोफशनल ब्लॉकचेन का सॉफ्टवेयर डेवलप कर बनाते हैं सुरक्षित

Career in Blockchain Technology: क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज पूरी दुनिया में लगातार बढ़ रहा है, इससे इंडिया भी अछूता नहीं है। अब तो भारतीय रिजर्व बैंक भी ‘डिजिटल रुपया’ ला रहा है। आरबीआई की यह डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। अब आप समझ सकते हैं कि ब्लॉकचेन डेवलपर का भविष्‍य क्‍या है। ब्लॉकचेन डेवलपमेंट पर पिछले कुछ सालों में बहुत कम ध्‍यान दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी यह युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण करियर ऑप्शन बन गई है। आज के समय में ब्लॉकचेन स्किल वाले युवाओं की खूब डिमांड है, क्योंकि टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल बैंकिंग सहित कई क्षेत्रों में किया जा रहा है। यह उन लोगों के लिए बेस्‍ट जॉब ऑप्‍शन है, जो नई तकनीक को जानने-समझने के लिए आवश्यक स्किल रखते हैं।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझे

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां डिजिटल करेंसी समेत किसी भी चीज का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जा सकता है। एक तरह से ब्लॉकचेन को डिजिटल बहीखाता कहा जा सकता है। यहां पर जो भी ट्रांजैक्शन होता है, वह एक चेन से जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है। इस टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल सिर्फ क्रिप्टोकरेंसीज में ही नहीं बल्कि कई क्षेत्रों में होता है। ब्लॉकचेन तकनीक को लेकर इस समय बैंकिंग और हेल्थ सेक्टर सबसे अधिक सक्रिय है। साथ ही इस तकनीक पर आधारित नए-नए स्टार्टअप भी लगातार खुल रहे हैं, जिसकी वजह से यहां रोजगार के खूब अवसर पैदा हो रहे हैं।

चार प्‍वाइंट में समझे कैसे बनें ब्लॉकचेन डेवलपर्स?

1. ब्लॉकचेन डेवलपर्स बनने के लिए कंप्यूटर साइंस व इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का बेहतर नॉलेज जरूरी है। छात्र इससे संबंधित कोर्स में ग्रेजुएशन व पीजी कर इस तकनीक को सीख सकते हैं। ब्लॉकचेन डेवलपर बनने के लिए डिग्री से ज्‍यादा महत्‍व नॉलेज का होता है।

2. ब्लॉकचेन डेवलपर ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल डिजाइन करने के अलावा स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट बनाते हैं और ब्लॉकचेन आर्किटेक्चर और प्रोटोकॉल के आधार पर सॉफ्टवेयर डेवलप करते हैं। इसलिए इन्‍हें क्रिप्टोग्राफी की बारीकियां आनी चाहिए।

3. ब्लॉकचेन डेवलपर्स की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और कोडिंग में अच्‍छी पकड़ होनी चाहिए। क्योंकि ब्लॉकचेन डेवलपमेंट में इसका ही इस्तेमाल होता है। इसकी मदद से ही ब्लॉकचेन नेटवर्क की सुरक्षा को डिजाइन करने के अलावा उसे यूजर फ्रेंडली बनाया जाता है।

4. प्रोग्रामिंग, डेटा स्ट्रक्चर और आर्किटेक्चर, क्रिप्टोग्राफी और साइबर सिक्योरिटी जैसे स्किल्स रखने वाले युवाओं के लिए ब्लॉकचैन सीखना आसान होता है। ये स्किल्‍स ब्लॉकचैन तकनीक को समझने में मदद करते हैं, इसलिए इसमें महरत हासिल करें।

Blockchain टेक्नोलॉजी क्या है और क्यों है यह क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया का बैकबोन? समझिए

Cryptocurrency शब्द आज के वक्त में बहुत पॉपुलर हो गया है, लेकिन इस कॉन्सेप्ट को पंख लगाने के पीछे Blockchain technology का हाथ है. यह टेक्नोलॉजी क्रिप्टो की दुनिया का बैकबोन है. इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि यह क्या है और कैसे काम करता है.

Blockchain टेक्नोलॉजी क्या है और क्यों है यह क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया का बैकबोन? समझिए

Blockchain Technology पर ही काम करती हैं क्रिप्टोकरेंसीज़. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चाहे आप फाइनेंशियल इंडस्ट्री में बहुत दिलचस्पी रखते हों या नहीं, आपने क्रिप्टोकरेंसी, जैसे Bitcoin, Ethereum और Dogecoin सहित कई अन्य वर्चुअल करेंसीज़ का नाम जरूर सुना होगा. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज तेजी से बढ़ा है, लेकिन इस कॉन्सेप्ट के पीछे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (blockchain technology) का हाथ है. इस तकनीक की शुरुआत 2008 में सातोषी नाकामोतो नाम के एक शख्स- या कई लोगों- ने की थी. (इसकी शुरुआत करने वाले की असली पहचान अभी तक नहीं पता है.) बिटकॉइन की सफलता के पीछे ब्लॉकचेन तकनीक का बहुत बड़ा हाथ है. ऑनलाइन peer-to-peer नेटवर्क के तहत होने वाले सभी ट्रांजैक्शन को रजिस्टर करने वाला एक डिसेंट्रलाइज्ड लेजर यानी एक विस्तृत विकेंद्रित बहीखाता होता है, जो स्वतंत्र रूप से काम करता है. यह नेटवर्क पर हो रहे हर लेन-देन का हिसाब रखता है.

यह भी पढ़ें

ब्लॉकचेन का फंक्शन ऐसा होता है कि यह सिस्टम किसी सेंट्रल अथॉरिटी के नियंत्रण के बिना काम करता है. इससे यूजरों के पास अपने असेट और ट्रांजैक्शन का पूरा नियंत्रण रहता है.

ब्लॉकचेन क्या होता है?

ब्लॉकचेन को समझने के लिए आइए इसकी तुलना डेटाबेस से करके समझते हैं. डेटाबेस किसी भी सिस्टम के इन्फॉर्मेशन का कलेक्शन होता है. जैसे कि मान लीजिए, एक अस्पताल के डेटाबेस में मरीजों की जानकारी होगी, स्टाफ, दवा, मरीजों का आना-जाना वगैरह जैसी सब इस जानकारी डेटाबेस में रहेगी. ब्लॉकचेन भी डेटाबेस जैसा होता है. यह कई कैटेगरीज़ के तहत जानकारी इकट्ठा रखता है. इन ग्रुप्स को ब्लॉक कहते हैंं और ये ब्लॉक कई दूसरे ब्लॉक से जुड़े होते हैं, जो एक तरीके का डेटा का चेन बनाते हैं. इसीलिए इस सिस्टम को ब्लॉकचेन कहते हैं.

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हालांकि सामान्य डेटाबेस के उलट, ब्लॉकचेन को कोई एक अथॉरिटी कंट्रोल नहीं करती है. इसको डिजाइन ही इस लोकतांत्रिक सोच के तौर पर किया गया था कि इसे इसके यूजर ही चलाएंगे.

ब्लॉकचेन काम कैसे करता है?

सीधा-सीधा समझें तो ब्लॉकचेन डिजिटल बहीखाता है और जो भी ट्रांजैक्शन इसपर होता है, वो चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है. इसका मतलब है कि ब्लॉकचेन में कहीं भी कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसका रिकॉर्ड पूरे नेटवर्क पर दर्ज हो जाएगा. इसे Distributed Ledger Technology (DLT) कहा जाता है.

इसे ट्रांजैक्शन के इस प्रोसेस से समझिए.

1. मान लीजिए किसी क्रिप्टोकरेंसी यूजर ने एक ट्रांजैक्शन किया.

2. इस ट्रांजैक्शन का डेटा चेन पर एक दूसरे से जुड़े कंप्यूटर्स पर चला जाएगा, और इन्हें कहीं से भी एक्सेस किया जा सकेगा.

3. अगर ट्रांजैक्शन की वैलिडिटी यानी वैधता चेक करनी हो तो एल्गोरिदम से चेक कर लेते हैं.

4. इसकी वैलिडिटी कन्फर्म करने के बाद इस ट्रांजैक्शन के डेटा को पिछले सभी ट्रांजैक्शन के ब्लॉक में ऐड कर देते हैं.

5. यह ब्लॉक दूसरे ब्लॉक्स से जुड़ा होता है, जिससे कि लेज़र में इस ट्रांजैक्शन की जानकारी दर्ज हो जाती है.

इसके फायदे क्या हैं?

सबसे पहले तो इस तकनीक से पारदर्शिता बनी रहती है क्योंकि नेटवर्क पर सबके पास हर रिकॉर्ड का एक्सेस रहता है. और ऊपर से यह एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम है यानी कि इसपर किसी एक संस्था या व्यक्ति का कंट्रोल नहीं होता है और कोई एक ही शख्स हर डेटा पर नियंत्रण नहीं रख सकता है.

एनॉनिमस होने के साथ-साथ यह यूजरों को सुरक्षा भी देता है. जैसेकि अगर किसी हैकर को कोई सिस्टम हैक करना है तो उसे पूरे नेटवर्क पर हर ब्लॉक को करप्ट करना होगा. अगर कोई हैकर ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है किसी ब्लॉक को करप्ट करता भी है, तो क्रॉस चेकिंग करके ही उस ब्लॉक की पहचान की जा सकती है, ऐसे में यह चीजें ब्लॉकचेन को सुरक्षित बनाती हैं.

Blockchain टेक्नोलॉजी क्या है और क्यों है यह क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया का बैकबोन? समझिए

Cryptocurrency शब्द आज के वक्त में बहुत पॉपुलर हो गया है, लेकिन इस कॉन्सेप्ट को पंख लगाने के पीछे Blockchain technology का हाथ है. यह टेक्नोलॉजी क्रिप्टो की दुनिया का बैकबोन है. इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि यह क्या है और कैसे काम करता है.

Blockchain टेक्नोलॉजी क्या है और क्यों है यह क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया का बैकबोन? समझिए

Blockchain Technology पर ही काम करती हैं क्रिप्टोकरेंसीज़. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चाहे आप फाइनेंशियल इंडस्ट्री में बहुत दिलचस्पी रखते हों या नहीं, आपने क्रिप्टोकरेंसी, जैसे Bitcoin, Ethereum और Dogecoin सहित कई अन्य वर्चुअल करेंसीज़ का नाम जरूर सुना होगा. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज तेजी से बढ़ा है, लेकिन इस कॉन्सेप्ट के पीछे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (blockchain technology) का हाथ ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है है. इस तकनीक की शुरुआत 2008 में सातोषी नाकामोतो नाम के एक शख्स- या कई लोगों- ने की थी. (इसकी शुरुआत करने वाले की असली पहचान अभी तक नहीं पता है.) बिटकॉइन की सफलता के पीछे ब्लॉकचेन तकनीक का बहुत बड़ा हाथ है. ऑनलाइन peer-to-peer नेटवर्क के तहत होने वाले सभी ट्रांजैक्शन को रजिस्टर करने वाला एक डिसेंट्रलाइज्ड लेजर यानी एक विस्तृत विकेंद्रित बहीखाता होता है, जो स्वतंत्र रूप से काम करता है. यह नेटवर्क पर हो रहे हर लेन-देन का हिसाब रखता है.

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ब्लॉकचेन क्या होता है?

ब्लॉकचेन को समझने के लिए आइए इसकी तुलना डेटाबेस से करके समझते हैं. डेटाबेस किसी भी सिस्टम के इन्फॉर्मेशन का कलेक्शन होता है. जैसे कि मान लीजिए, एक अस्पताल के डेटाबेस में मरीजों की जानकारी होगी, स्टाफ, दवा, मरीजों का आना-जाना वगैरह जैसी सब इस जानकारी डेटाबेस में रहेगी. ब्लॉकचेन भी डेटाबेस जैसा होता है. यह कई कैटेगरीज़ के तहत जानकारी इकट्ठा रखता है. इन ग्रुप्स को ब्लॉक कहते हैंं और ये ब्लॉक कई दूसरे ब्लॉक से जुड़े होते हैं, जो एक तरीके का डेटा का चेन बनाते हैं. इसीलिए इस सिस्टम को ब्लॉकचेन कहते हैं.

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हालांकि सामान्य डेटाबेस के उलट, ब्लॉकचेन को कोई एक अथॉरिटी कंट्रोल नहीं करती है. इसको डिजाइन ही इस लोकतांत्रिक सोच के तौर पर किया गया था कि इसे इसके यूजर ही चलाएंगे.

ब्लॉकचेन काम कैसे करता है?

सीधा-सीधा समझें तो ब्लॉकचेन डिजिटल बहीखाता है और जो भी ट्रांजैक्शन इसपर होता है, वो चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है. इसका मतलब है कि ब्लॉकचेन में कहीं भी कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसका रिकॉर्ड पूरे नेटवर्क पर दर्ज हो जाएगा. इसे Distributed Ledger Technology (DLT) कहा जाता है.

इसे ट्रांजैक्शन के इस प्रोसेस से समझिए.

1. मान लीजिए किसी क्रिप्टोकरेंसी यूजर ने एक ट्रांजैक्शन किया.

2. इस ट्रांजैक्शन का डेटा चेन पर एक दूसरे से जुड़े कंप्यूटर्स पर चला जाएगा, और इन्हें कहीं से भी एक्सेस किया जा सकेगा.

3. अगर ट्रांजैक्शन की वैलिडिटी यानी वैधता चेक करनी हो तो एल्गोरिदम से चेक कर लेते हैं.

4. इसकी वैलिडिटी कन्फर्म करने के बाद इस ट्रांजैक्शन के डेटा को पिछले सभी ट्रांजैक्शन के ब्लॉक में ऐड कर देते हैं.

5. यह ब्लॉक दूसरे ब्लॉक्स से जुड़ा होता है, जिससे कि लेज़र में इस ट्रांजैक्शन की जानकारी दर्ज हो जाती है.

इसके फायदे क्या हैं?

सबसे पहले तो इस तकनीक से पारदर्शिता बनी रहती है क्योंकि नेटवर्क पर सबके पास हर रिकॉर्ड का एक्सेस रहता है. और ऊपर से यह एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम है यानी कि इसपर किसी एक संस्था या व्यक्ति का कंट्रोल नहीं होता है और कोई एक ही शख्स हर डेटा पर नियंत्रण नहीं रख सकता है.

एनॉनिमस होने के साथ-साथ यह यूजरों को सुरक्षा भी देता है. जैसेकि अगर ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है किसी हैकर को कोई सिस्टम हैक करना है तो उसे पूरे नेटवर्क पर हर ब्लॉक को करप्ट करना होगा. अगर कोई हैकर किसी ब्लॉक को करप्ट करता भी है, तो क्रॉस चेकिंग करके ही उस ब्लॉक की पहचान की जा सकती है, ऐसे में यह चीजें ब्लॉकचेन को सुरक्षित बनाती हैं.

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