व्यापारियों की राय

व्यापारियों ने रखी ये मांगें
व्यापारियों ने गोपाल राय को दिए प्रस्ताव में लिखा है कि न्यूनतम मजदूरी योजना से दिल्ली में छोटे उद्योग को नुकसान होगा दिल्ली के ट्रांसपोर्ट ट्रेडर राजेंद्र व्यापारियों की राय कपूर का कहना है कि हमारी मांग ये है कि न्यूनतम मजदूरी में इतनी वृद्धि नहीं की जाए और दूसरे राज्यों से तुलना करके इसमें बढ़त हो. न्यूनतम मजदूरी बढ़ने से बाकि राज्य में भी मजदूर पैसा बढ़ाने की मांग करेगा.
होली पर व्यापारियों की राय क्या दिल्ली में लगना चाहिए Lockdown, जानिए व्यापारियों की राय
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। रंगों का त्योहार होली बेहद करीब है लेकिन इस बार आम जनता के मन में जो डर का माहौल है वो उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा है। ऐसे में हर किसी पास यहीं सवाल है कि कि क्या होली के दिन राजधानी दिल्ली बंद हो जाएगी। क्या होली के दिन लॉकडाउन लग जाएगा। अगर आप भी इन्हीं सवालों की उलझन में फंसे हुए हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कोरोना व्यापारियों की राय के कारण दिल्ली के हालत कितने बिगड़ गए हैं और क्या सच में होली के दिन लॉकडाउन लगेगा या नहीं।
इस जगह पर बढ़ रहे कोरोना के केस
कोरोना के यू टर्न से बाद से ही महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जिसके कारण कई राज्य जैसे पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश में नाइट कर्फ्यू भी लगा दिया है।
'व्यापारियों के लिए जीएसटी'व्यापारियों की राय व्यापारियों की राय
अगर एनडीए (NDA) की सरकार फिर सत्ता में आई तो व्यापारियों को 50 लाख रुपये तक का कर्ज बिना गारंटी के उपलब्ध कराया जाएगा. जीएसटी पंजीकृत कारोबारियों के लिए 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा, व्यापारियों के लिए क्रेडिट कार्ड सुविधा और छोटे दुकानदारों के लिए पेंशन योजना लाई जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra व्यापारियों की राय Modi) ने शुक्रवार को यह बात कही. उन्होंने साथ में यह भी कहा कि 23 मई को फिर मोदी सरकार आने वाली है.
अगर कोई व्यापारी या दुकानदार सामान बेचता है और उसका बिल नहीं देता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ ग्राहकों को शिकायत करने का मंच जल्द ही मिलने वाला है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि एक टेलीफोन हेल्पलाइन नंबर जल्द ही शुरू किया जाएगा, जहां उपभोक्ता उन व्यापारियों के खिलाफ रिपोर्ट कर सकते हैं जो खरीद बिल जारी नहीं कर टैक्स से बचते हैं.
बजट पर राजौरी गार्डन मार्केट के व्यापारियों की राय
दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट से नाराज राजौरी गार्डन मार्केट एसोसिएशन के व्यापारियों ने दिल्ली सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि सरकार को सात साल हो गए हैं. इन सात सालों में सरकार द्वारा बजट के दौरान व्यापारियों की राय किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया.
नई दिल्ली : राजौरी गार्डन मार्केट एसोसिएशन के व्यापारी दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट से नाराज हैं. उनका कहना है कि पश्चिमी दिल्ली के बाजारों को लेकर किसी तरह की कोई चर्चा बजट में नहीं हुई है. मार्केट एसोसिएशन के प्रमुख रमेश खन्ना ने दिल्ली सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को 7 साल हो गए हैं. इन सात सालों में सरकार द्वारा बजट के दौरान किए गए वादों को पूरा किया गया ?
न्यूनतम मजदूरी को लेकर गोपाल राय से मिला व्यापारियों का वर्ग
- नई दिल्ली,
- 21 अगस्त 2016,
- (अपडेटेड 21 अगस्त 2016, 1:36 AM IST)
केजरीवाल कैबिनेट ने न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने वाले फैसले को पास तो कर दिया, लेकिन दिल्ली के कई व्यापारी इससे खुश नहीं हैं. आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच ही इस फैसले को लेकर टकराव देखने को मिल रहा है. शनिवार को व्यापारियों के एक दल ने श्रम मंत्री गोपाल राय से मुलाकात की और न्यूनतम मजदूरी का विरोध किया.
आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग के साथ मार्किट एसोसिएशन, फैक्ट्री, ट्रांसपोर्ट, होटल, अस्पताल, अनाज व्यापारी, सेनेटरी एंड टूल, हार्डवेयर, प्लास्टिक, बिस्किट व्यापारी न्यूनतम मजदूरी को लागू न करने की मांग लेकर मंत्री गोपाल राय के साथ बैठक करने पहुंचे.
बजट पर व्यापारियों की राय: झारखंड-बिहार के लिए कुछ खास नहीं, बंगाल को मिला चुनाव का फायदा
Ranchi : बजट 2020-21 सोमवार को पेश किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. स्वास्थ्य, उद्योग, शिक्षा समेत अन्य सेक्टरों में बजट बढ़ाया गया. कोरोना के बाद केंद्र सरकार का यह पहला बजट रहा.
इसके पहले कोरोना लॉकडाउन के लिए लोगों को राहत देने के लिए विशेष पैकेजों की घोषणा की गयी थी. जिसमें किसान, मजदूर और लघु कुटीर उद्योगों पर अधिक फोकस किया गया. बावजूद इसके उद्योगों को लॉकडाउन के बाद खस्ता हाल में देखा गया.
जिससे ये अब तक व्यापारियों की राय नहीं उभर पाये हैं. ऐसे में व्यापारी वर्ग की बजट में खास नजर रही. व्यापारियों ने बजट पर प्रतिक्रिया भी दी. पढ़िये व्यापारियों ने क्या कहा.
झारखंड बिहार को कुछ विशेष नहीं
पूर्व चेंबर व्यापारियों की राय अध्यक्ष दीपक कुमार मारू ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ये बजट काफी अचछा है. टेक्सटाइल पार्क समेत हर सेक्टर को कुछ न कुछ मिला. लेकिन राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर देखें तो जानकारी होती है कि पूर्वी राज्यों को इससे कुछ खास नहीं मिलेगा.
बंगाल में चुनाव होने के कारण राज्य को बजट में शामिल किया गया. लेकिन झारखंड और बिहार के लिए इसमें कुछ नहीं है. देखा जाये तो राज्य के आयरन मिनरल, माइका आदि का इस्तेमाल कर आनेवाले तीन सालों में राजस्व बढ़ाया जा सकता व्यापारियों की राय था.
लेकिन इसे शामिल नहीं किया गया. ऐसे में राज्य सरकार और चेंबर जैसे संस्थानों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि अब वो कुछ बेहतर करें.
एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जाये
कुणाल आजमानी ने कहा कि सरकार ने किसानों, मजदूरों के लिए अधिक घोषणा की. जो बेहतर है. ये घोषणा कोरोना के दौरान हुई घोषणाओं से भी अधिक है. उद्योगों की बात करें तो मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस किया गया है.
लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए कहा जाये तो व्यापारियों की राय एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिए. कुणाल ने कहा 2019 में भी अर्थव्यवस्था चरमरायी हुई थी. 2020 में कोरोना का कहर देखा गया.
ऐसे में एक्सपोर्ट बढ़ाने से ही देश विदेश से आय होगी और अर्थव्यवस्था पटरी में आयेगी. उन्होंने कहा कि टूरिज्म आदि को व्यापारियों की राय प्रमोट किया गया है. जो बेहतर है.
रेलवे-एयरपोर्ट का निजीकरण गंभीर हो सकता है
चेंबर कार्यसमिति सदस्य विकास विजयवर्गीय ने कहा कि बजट संतुलित है. राजनीति झलक ज्यादा देखने को मिली. किसान, बंगाल आदि मुद्दों को राजनीति को ध्यान में रखते हुए शामिल किया गया.
वहीं रेलवे और एयरपोर्ट के निजीकरण के अच्छे और बुरे दोनों परिणाम हो सकते हैं. इससे अर्थव्यवस्था को नयी दिशा मिलेगी. जो गंभीर भी हो सकते हैं. सरकार को एक कमेटी बना कर इस पर गहन अध्ययन करना चाहिए. व्यापारी वर्ग के लिए बहुत कुछ है नहीं. जबकि कोरोना के दौरान व्यापारियों को अधिक नुकसान हुआ.