अनुबंध मात्रा

प्रदेश में धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए तेजी से हो रहा उठाव
रायपुर, 29 नवम्बर अनुबंध मात्रा । छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव भी लगातार किया जा रहा है। खाद्य विभाग द्वारा जिन जिलों में राइस मिलों की संख्या कम होने के कारण मिलिंग क्षमता कम है, और आवक ज्यादा है, वहां अन्य जिलों के राइस मिलरों को जोड़ा गया है, जिससे कि कस्टम मिलिंग का काम तेजी से हो सके। प्रदेश में अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान में से लगभग 16.08 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। इनमें से 10 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक धान का उठाव समितियों से किया जा चुका है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में उपार्जित धान के त्वरित उठाव व निराकरण हेतु मिल पंजीयन के संबंध में दिशा-निर्देश भी राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी प्रारंभ होने के पूर्व ही दिनांक 27 सितम्बर 2022 को प्रसारित कर धान के उठाव, निराकरण व कस्टम मिलिंग हेतु मिलों के पंजीयन व अनुमति, अनुबंध का कार्य भी धान उपार्जन प्रारंभ होने के साथ ही शुरू कर दिया गया था। चालू सीजन में अब तक लगभग 1949 मिलों के पंजीयन की कार्यवाही की गई है। अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान के विरूद्ध लगभग 153.10 लाख मीट्रिक टन धान की मिलिंग अनुमति एवं 149.18 लाख मीट्रिक टन धान का अनुबंध जारी किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पूरे खरीफ वर्ष में अनुमानित धान उपार्जन की मात्रा से भी अधिक मात्रा में मिलिंग की अनुमति व अनुबंध जारी किया जा चुका है। साथ ही प्रदेश में उपार्जित धान के उठाव हेतु डीओ जारी करने एवं धान के उठाव का कार्य भी प्रारंभ अनुबंध मात्रा किया जा चुका है। प्रदेश में अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान में से लगभग 16.अनुबंध मात्रा 08 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया जा चुका है, जो उपार्जित धान का लगभग 83 प्रतिशत है। जारी डीओ के विरूद्ध 10 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक धान का उठाव समितियों से किया जा चुका है, जो जारी डीओ का लगभग 63 प्रतिशत है। विगत एक सप्ताह में प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 1.18 लाख मीट्रिक टन के दैनिक औसत से 8.30 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। इसी तरह प्रतिदिन लगभग 87 हजार मीट्रिक टन के औसत से 6.06 लाख मीट्रिक टन धान का समितियों से सीधे मिलरों द्वारा उठाव हुआ है।
गौरतलब है कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से धान उपार्जन हेतु इस वर्ष लगभग 25.91 लाख किसानों के 31.81 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन किया गया है, जो राज्य बनने के बाद से अब तक का सर्वाधिक पंजीयन है। प्रदेश में अब तक लगभग 5.42 लाख किसानों से कुल 19.39 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है।
कम मिलिंग क्षमता के जिलांे में धान उठाव के लिए मिलर्स संलग्न
खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़चौकी और राजनांदगांव जिले में धान के तेजी से उठाव एवं कस्टम मिलिंग के लिए जांजगीर, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, दुर्ग, धमतरी और रायपुर के राइस मिलरों को संलग्न किया गया है। इसी प्रकार कवर्धा जिले में धान के तेजी से उठाव एवं कस्टम मिलिंग के लिए बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरबा, दुर्ग और रायपुर के राइस मिलरों को संलग्न किया गया है।
SSC JE Answer Key 2022: एसएससी ने जारी की जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा की उत्तर कुंजी, 26 तक करें चैलेंज
SSC JE Answer Key 2022: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने जूनियर इंजीनियर सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और मात्रा सर्वेक्षण और अनुबंध आदि पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा (पेपर- 1)- 2022 की अंतरिम उत्तर कुंजी जारी कर दी है। परीक्षा में शामिल रहे उम्मीदवार कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की आधिकारिक वेबसाइट ssc.nic पर से उत्तर कुंजी डाउनलोड कर सकते हैं। किसी भी त्रुटि या विसंगति के लिए परीक्षार्थी उम्मीदवार जारी की गई आंसर की के खिलाफ 26 नवंबर को शाम छह बजे तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
अस्थायी उत्तर कुंजी के संबंध में प्रतिनिधित्व, यदि कोई हो, अनुबंध मात्रा 22 नवंबर, 2022 को शाम 06 बजे से 26 नवंबर, 2022 को शाम 06 बजे तक रुपये 100/- प्रति प्रश्न/उत्तर चुनौती के भुगतान पर ऑनलाइन प्रस्तुत किया जा सकता है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि 26 नवंबर, 2022 को शाम 06 बजे के बाद प्राप्त अभ्यावेदनों पर किसी भी परिस्थिति में विचार नहीं किया जाएगा। एसएससी जेई परीक्षा 2022 का आयोजन 15 नवंबर को पूरे देश के विभिन्न केंद्रों पर किया गया था। अधिक जानकारी के लिए, उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट ssc.nic.in पर जाने की सलाह दी जाती है।
CG News : प्रदेश में धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए तेजी से हो रहा उठाव
रायपुर। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव भी लगातार किया जा रहा है। खाद्य विभाग द्वारा जिन जिलों में राइस मिलों की संख्या कम होने के कारण मिलिंग क्षमता कम है, और आवक ज्यादा है, वहां अन्य जिलों के राइस मिलरों को जोड़ा गया है, जिससे कि कस्टम मिलिंग का काम तेजी से हो सके। प्रदेश में अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान में से लगभग 16.08 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। इनमें से 10 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक धान का उठाव समितियों से किया जा चुका है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में उपार्जित धान के त्वरित उठाव व निराकरण हेतु मिल पंजीयन के संबंध में दिशा-निर्देश भी राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी प्रारंभ होने के पूर्व ही दिनांक 27 सितम्बर 2022 को प्रसारित कर धान के उठाव, निराकरण अनुबंध मात्रा व कस्टम मिलिंग हेतु मिलों के पंजीयन व अनुमति, अनुबंध का कार्य भी धान उपार्जन प्रारंभ होने के साथ ही शुरू कर दिया गया था। चालू सीजन में अब तक लगभग 1949 मिलों के पंजीयन की कार्यवाही की गई है। अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान के विरूद्ध लगभग 153.10 लाख मीट्रिक टन धान की मिलिंग अनुमति एवं 149.18 लाख मीट्रिक टन धान का अनुबंध जारी किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पूरे खरीफ वर्ष में अनुमानित धान उपार्जन की मात्रा से भी अधिक मात्रा में मिलिंग की अनुमति व अनुबंध जारी किया जा चुका है। साथ ही प्रदेश में उपार्जित धान के उठाव हेतु डीओ जारी करने एवं धान के उठाव का कार्य भी प्रारंभ किया जा चुका है। प्रदेश में अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान में से लगभग 16.08 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया जा चुका है, जो उपार्जित धान का लगभग 83 प्रतिशत है। जारी डीओ के विरूद्ध 10 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक धान का उठाव समितियों से किया जा चुका है, जो जारी डीओ का लगभग 63 प्रतिशत है। विगत एक सप्ताह में प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 1.18 लाख मीट्रिक टन के दैनिक औसत से 8.30 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। इसी तरह प्रतिदिन लगभग 87 हजार मीट्रिक टन के औसत से 6.06 लाख मीट्रिक टन धान का समितियों से सीधे मिलरों द्वारा उठाव हुआ है।
गौरतलब है कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से धान उपार्जन हेतु इस वर्ष लगभग 25.91 लाख किसानों के 31.81 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन किया गया है, जो राज्य बनने के बाद से अब तक का सर्वाधिक पंजीयन है। प्रदेश में अब तक लगभग 5.42 लाख किसानों से कुल 19.39 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है।
कम मिलिंग क्षमता के जिलों में धान उठाव के लिए मिलर्स संलग्न
खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़चौकी और राजनांदगांव जिले में धान के तेजी से उठाव एवं कस्टम मिलिंग के लिए जांजगीर, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, दुर्ग, धमतरी और रायपुर के राइस मिलरों को संलग्न किया गया है। इसी प्रकार कवर्धा जिले में धान के तेजी से उठाव एवं कस्टम मिलिंग के लिए बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरबा, दुर्ग और रायपुर के राइस मिलरों को संलग्न किया गया है।
प्रदेश में धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए तेजी से हो रहा उठाव
रायपुर, 29 नवम्बर 2022/ छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव भी लगातार किया जा रहा है। खाद्य विभाग द्वारा जिन जिलों में राइस मिलों की संख्या कम होने के कारण मिलिंग क्षमता कम है, और आवक ज्यादा है, वहां अन्य जिलों के राइस मिलरों को जोड़ा गया है, जिससे कि कस्टम मिलिंग का काम तेजी से हो सके। प्रदेश में अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान में से लगभग 16.08 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। इनमें से 10 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक धान का उठाव समितियों से किया जा चुका है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में उपार्जित धान के त्वरित उठाव व निराकरण हेतु मिल पंजीयन के संबंध में दिशा-निर्देश भी राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी प्रारंभ होने के पूर्व ही दिनांक 27 सितम्बर 2022 को प्रसारित कर धान के उठाव, निराकरण व कस्टम मिलिंग हेतु मिलों के पंजीयन व अनुमति, अनुबंध का कार्य भी धान उपार्जन प्रारंभ होने के साथ ही शुरू कर दिया गया था। चालू सीजन में अब तक लगभग 1949 मिलों के पंजीयन की कार्यवाही की गई है। अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान के विरूद्ध लगभग 153.10 लाख मीट्रिक टन धान की मिलिंग अनुमति एवं 149.18 लाख मीट्रिक टन धान का अनुबंध जारी किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पूरे खरीफ वर्ष में अनुमानित धान उपार्जन की मात्रा से भी अधिक मात्रा में मिलिंग की अनुमति व अनुबंध जारी किया जा चुका है। साथ ही प्रदेश में उपार्जित धान के उठाव हेतु डीओ जारी करने एवं धान के उठाव का कार्य भी प्रारंभ किया जा चुका है। प्रदेश में अब तक उपार्जित 19.39 लाख मीट्रिक टन धान में से लगभग 16.08 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया जा चुका है, जो उपार्जित धान का लगभग 83 प्रतिशत है। जारी डीओ के विरूद्ध 10 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक धान का उठाव समितियों से किया जा चुका है, जो जारी डीओ का लगभग 63 प्रतिशत है। विगत एक सप्ताह में प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 1.18 लाख मीट्रिक टन के दैनिक औसत से 8.30 लाख मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। इसी तरह प्रतिदिन लगभग 87 हजार मीट्रिक टन के औसत से 6.06 लाख मीट्रिक टन धान का समितियों से सीधे मिलरों द्वारा उठाव हुआ है।
गौरतलब है कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से धान उपार्जन हेतु इस वर्ष लगभग 25.91 लाख किसानों के 31.81 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन किया गया है, जो राज्य बनने के बाद से अब तक का सर्वाधिक पंजीयन है। प्रदेश में अब तक लगभग 5.42 लाख किसानों से कुल 19.39 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है।
कम मिलिंग क्षमता के जिलांे में धान उठाव के लिए मिलर्स संलग्न
खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़चौकी और राजनांदगांव जिले में धान के तेजी से उठाव एवं कस्टम मिलिंग के लिए जांजगीर, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, दुर्ग, धमतरी और रायपुर के राइस मिलरों को संलग्न किया गया है। इसी प्रकार कवर्धा जिले में धान के तेजी से उठाव एवं कस्टम मिलिंग के लिए बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरबा, दुर्ग और रायपुर के राइस मिलरों को संलग्न किया गया है।