अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे

भारत में विदेश व्यापार पर निबंध
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को विभिन्न देशों के बीच किये जाने वाले व्यापार विदेशी व्यापार के रूप में समझा जा सकता है। देश के बाहर वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और बिक्री को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है। इसे विदेशी व्यापार के रूप में भी जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय या विदेशी व्यापार में भाग लेने वाले सभी देश, विदेश से उन वस्तुओं और सेवाओं का आयात करते हैं जो वे उत्पादन करने के लिए कम कुशल हैं या बिल्कुल भी उत्पादन नहीं कर सकते हैं। इसी प्रकार, वे उन वस्तुओं के उत्पादों का निर्यात करते हैं, जो श्रम शक्ति की विशेषता के कारण उनमे अधिक कुशल हैं। किसी देश की आर्थिक उन्नति की प्रक्रिया को तेज करने में विदेशी व्यापार का महत्वपूर्ण भूमिका होता है।भारत के विदेशी व्यापार की उत्पत्ति सिंधु घाटी सभ्यता की से चला आ रहा है।
हालाँकि, विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने के संगठित प्रयास स्वतंत्रता के बाद ही किए गए, जिसकी शुरुआत आर्थिक नियोजन की नीतियों के साथ हुई थी । भारतीय आर्थिक नियोजन निति को पाँच दशक पूरे हो गए है | इस दौरान, भारत के विदेशी व्यापार के मूल्य, संरचना और दिशा में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूत बनाने के लिए व्यापार और सामाजिक क्षेत्र के संबंध में सुधारों की एक पहल शुरू की गई थी।
भारत तेजी से एक वैश्विक नेता के रूप में उभर रहा है, जो अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे विशाल प्राकृतिक संसाधनों और कुशल जनशक्ति पर निर्भर है।भारतीय उत्पादों और सेवाओं को आज विश्व स्तर पर प्रतियोगिता मुल्क के रूप में देखा जाता है।अत्याधुनिक तकनीक के साथ संयुक्त, भारतीय व्यापार बाजार दुनिया भर में अपनी उपस्थिति का लोहा मनवा रहा है। अधिकांश देशो में व्यापार की सुधारों की तरह भारत ने भी व्यापार व्यवस्थाओं को उदार बनाने और शुल्क में कटौती पर अच्छी प्रगति की है।
भारत में होने वाले व्यापार और अन्य सुधारों का उल्लेख किया गया है। व्यापारिक दृष्टि से माना गया है कि सम्पूर्ण आर्थिक विकास और गरीबी को मिटने के लिए मजबूत निर्यात महत्वपूर्ण हैं। निर्यात-आधारित विकास इसी कारण से भारत में व्यापार एक महत्वपूर्ण ताकत बन गया है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ, भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ के बाजारों में मजबूत निर्यात की बढ़ोतरी दर्ज की है। भारतीय सरकार अतिरिक्त सुधारों को लागू करने और महत्वपूर्ण बाधाओं को दूर करने का प्रयास कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय व्यापार, विकास का समर्थन और गरीबों को लाभ पहुंचा सके। व्यापार सुधारों के साथ विकास के तरफ बढ़ना अधिक जटिल हो गया है क्योंकि इन सुधारों का रोजगार, आय वितरण, गरीबी पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसका आंकलन भी बहुत ज़रूरी है। भारतीय व्यापार बाजार ने विश्व के साथ मिलकर एक साथ काम करने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है।
व्यापर के मामले में भारत उतना ही मजबूत है जितना कोई और देश । इसके कई कारण उल्लेखनीय है जैसे बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार, कई जिम्मेदारियों को एक साथ करने की क्षमता और उच्च गतिविधियों का समर्थन करने की हमारी अचूक क्षमता है।
विदेश व्यापार के प्रकार:
विदेशी व्यापार को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
जब किसी विदेशी देश से सामने की खरीदारी की जाता है, तो उसे आयात व्यापार के रूप में जाना जाता है।
- निर्यात व्यापार:
जब सामान दूसरे देशों को बेचा जाता है, तो इस तरह के व्यापर को निर्यात व्यापार कहा जाता है।
- एंट्रपोट व्यापार:
कभी-कभी एक देश से दूसरे देशों में निर्यात करने के उद्देश्य से माल आयात किया जाता है, इसे एंट्रपोट व्यापर कहा जाता है।
विदेश व्यापार के लाभ:
- प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग:
विदेशी व्यापार प्राकृतिक संसाधन के उचित उपयोग प्रदान करता है। अधिक मात्रा में प्राकृतिक संसाधन रखने वाले देश अन्य देशों में कच्चे माल, निर्मित माल या अर्ध-निर्मित माल का निर्यात या अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे बिक्री करके अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं।
- जीवन स्तर में सुधार:
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभिन्न देशों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार करता है। दुनिया के देशों के बीच सामानों के आदान-प्रदान से जीवन स्तर ऊँचा होता है।
- सभी प्रकार की वस्तुओं की उपलब्धता:
विदेश व्यापार ऐसे देश के लोगों को वस्तुएं प्रदान करता है जो उस देश में आर्थिक रूप से उत्पादित नहीं हो सकते हैं।
- कीमतों में स्थिरता:
विदेशी व्यापार दुनिया भर में वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता लाता है। विदेशी व्यापार के अभाव में यह संभव नहीं है।
- अधिक उत्पादन का निर्यात:
विदेशी व्यापार अधिक उत्पादन को निर्यात करने की सुविधा देता है। इस प्रकार संसाधनों को नष्ट होने से बचाया जाता है।
निष्कर्ष :
विदेशी व्यापार में कई चुनौतियां हैं। भारत ने मजबूत विदेशी व्यापार नीतियों को बनाया है और समय-समय पर इनका सुधार किया है | विदेश व्यापार बढ़ोतरी और विकास को बढ़ाने में सहायता करता है।भारत के दुनिया के सभी विकसित देशों के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध हैं। यह भारत की वित्तीय स्थिति को बढ़ा रहा है।
IITF 2021: दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला कल से, 65 मेट्रो स्टेशनों पर मिलेंगे टिकट
भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला रविवार 14 नवंबर से आयोजित होने जा रहा है.
Published: November 13, 2021 8:55 AM IST
International Trade Fair 2022: The tickets will be available at customer care centres of 67 Delhi Metro stations from 9 am to 4 pm.
International Trade Fair in Delhi: भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला रविवार 14 नवंबर से आयोजित होने जा रहा है. ये मेला 27 नवंबर तक चलेगा. जबकि 19 नवंबर से आम जनता की एंट्री होगी. इसके लिए टिकट भी 19 नवंबर से मिलना शुरू हो जाएंगे. भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला के टिकट दिल्ली के 65 मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध होंगे.
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इस मेले का आयोजन 14 से 27 नवंबर तक होगा. कोविड-19 के कारण पिछले साल यह मेला आयोजित नहीं हो पाया था. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने बताया कि वह भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) के प्रवेश टिकटों की बिक्री ‘व्यावसायिक दिनों’ (बिजनेस डेज) के लिए 14 नवंबर से शुरू करेगा और 19 नवंबर से आम जनता के लिए टिकटों की बिक्री शुरू की जाएगी.
व्यापार मेले के ‘व्यावसायिक दिन’ 14 से 18 नवंबर तक होंगे और आम जनता 19 से 27 नवंबर तक मेले में आ सकेगी. डीएमआरसी ने बताया कि आईआईटीएफ के प्रवेश टिकट केवल 65 चुनिंदा मेट्रो स्टेशन पर उपलब्ध होंगे. टिकट इन स्टेशन के ग्राहक सेवा केंद्रों से पूर्वाह्न नौ बजे से अपराह्न चार बजे तक खरीदे जा सकते हैं.
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अंतरराष्ट्रीय कंटेनर डिपो को लेकर उद्याेगपति उत्साहित, जानें क्या होगा फायदा
अंतरराष्ट्रीय कंटेनर डिपो बनाने को लेकर हरियाणा के यमुनानगर के उद्योगपति उत्साहित हैं। डिपो बनने पर कम समय और खर्च में पहुंच जाएगा व्यापारियों का माल। यमुनानगर के उद्योगपतियों की मांग है कि अंतरराष्ट्रीय कंटेनर डिपो जल्द से जल्द बने।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर के उद्योगपति व्यापार को तेजगति देने के लिए प्राइवेट फ्रेड टर्मिनल या अंतरराष्ट्रीय कंटेनर डिपो बनवाने पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए यमुनानगर-जगाधरी चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों ने अपने स्तर पर जिले के अलावा सीमा से सटे जिलों का सर्वे कराया है। जिसमें पता चला है कि अकेले 1600 से ज्यादा कंटेनर का अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक यमुनानगर जगाधरी से हैं। व्यापारियों को आयात निर्यात के लिए पंजाब के लुधियाना व सोनीपत तक दौड़ लगानी पड़ती है। इस संबंध में व्यापारियों के साथ (डीएफसीसी) डेडिकेटिड फ्रेड कोरिडोर कारपोरेशन व लघु उद्योग डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ बैठक भी हो चुकी हैं।
ये रिपोर्ट डेडिकेटिड फ्रेड कोरिडोर कारपोरेशन व प्रशासन को भेजी
जिला : आयात निर्यात
पानीपत व करनाल : 3000 10000
यमुनानगर : 600 1000
देहरादून : 300 150
सहारनपुर : 50 1000
ये होता है आयात व निर्यात
चावल, हैंडलूम, टेक्सटाइल, कागज, स्टील स्क्रैप, रसायन, चूना पत्थर, वीनियर, मलेनिट, फियनोल, मेथनोल, केमिकल, प्यूलप, पेपर, जिंक, ब्रास स्क्रैप, अल स्क्रैप इंजीनियरिंग उत्पाद, एल्यूमिनियम और स्टेनलेस, स्टील के बर्तन चूना पत्थर मेलामाइन ग्लास लकड़ी के फर्नीचर, हस्तशिल्प, चीनी, , लुगदी, स्टील स्क्रैप का व्यापार होता है।
इन देशों से होता हैं हमारे व्यापारी का व्यापार
दुबई-बर्तन, सऊदी अरब-बर्तन सभी अफ्रीकी देश-बर्तन/ इंजीनियरिंग उत्पाद/प्लाइवुड, जर्मनी,इटली, यूएसए-इंजीनियरिंग उत्पाद, वियतनाम/फिलीपींस/म्यांमार/लाओस से प्लाइवुड व्यापारी वीनियर आयात करते हैं। नाइजीरिया, गैबान, दक्षिण अफ्रीका, सोमालिया, इथियोपिया, तंजानिया, किनिया व अन्य देशों के साथ व्यापार है।
कम दाम में जल्द पहुंचेगा माल
यमुनानगर-जगाधरी चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के विभोर पाहुजा का कहना है कि (डीएफसीसी) डेडिकेटिड फ्रेड कोरिडोर कारपोरेशन जगाधरी वर्कशाप के पास कार्यालय बनेगा। हरियाणा यमुनानगर व अंबाला जिले में यह लाइन 60 किलोमीटर एरिया से निकल रही है। जगााधरी वर्कशाप में डीएफसीसी को स्टेशन बनाने की मांग की गई है। इस लाइन पर केवल माल गाड़ियों का टैफिक रहेगा। ईस्ट कोरिडोर की यह लाइन अमृतसर से कोलकाता तक जाएगी। यहां पर अंतरराष्ट्रीय कंटेनर डिपो या प्राइवेट फ्रेड टर्मिनल बनने से जिले के अलावा आसपास के क्षेत्र के व्यापारियों को लाभ होगा। व्यापारियों को माल कम दाम और समय में पहुंच जाएगा। इसीलिए यहां पर स्टेशन की सुविधा के लिए संघर्ष किया जा रहा है। इसके लिए प्रशासन की ओर से पूरा सहयोग मिल रहा है। डीसी पार्थ गुप्ता के प्रयास से ही रेलवे अधिकारियों के साथ उनकी बैठक हुई है।
जिले का नाम व्यापार में विदशों तक
यमुनानगर में प्लाइबोर्ड और जगाधरी में बर्तन का कारोबार है। यहां पर छोटी बड़ी दो हजार से ज्यादा यूनिट हैं। इनमें तैयार उत्पादन की विदशों तक खूब मांग है। जिले में देशभर के व्यापारी व्यापार के लिए आते हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे तीन लाख से अधिक लोगों को मेटल व बोर्ड यूनिटों ने रोजगार दिया हुआ है।
तेल निर्यात के अलावा संयुक्त अरब अमीरात ने ढूंढा आय का जरिया, अब मल्टीनेशनल के फायदों पर लगेगा कर
संयुक्त अरब अमीरात, एक प्रमुख तेल निर्यातक, लेकिन व्यापार, परिवहन और पर्यटन में भी एक बड़ा खिलाड़ी है. ये कच्चे तेल पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए विविधता ला रहा है.
आय बढ़ाने के लिए सऊदी अरब अमीरात ने निकाला नया जरिया
gnttv.com
- दुबई,
- 01 फरवरी 2022,
- (Updated 01 फरवरी 2022, 12:34 AM IST)
अब मल्टीनेशनल के फायदों पर लगेगा कर
संयुक्त अरब अमीरात एक ऐसा देश है कि जो कि हमेशा बड़े बदलाव के लिए तत्पर रहता है. इस बार उसका लक्ष्य है कि वो 2023 के मध्य तक एक कॉर्पोरेट टैक्स पेश करेगा. देश के वित्त मंत्रालय ने ये जानकारी देते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे बताया कि पाठ्यक्रम में एक बड़े बदलाव के रूप में देश अपनी आय में विविधता लाना चाहता है.
अब मल्टीनेशनल के फायदों पर लगेगा कर
एक बयान में कहा गया है कि खाड़ी वित्तीय केंद्र, जिसे लंबे समय से टैक्स हेवन और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के क्षेत्रीय मुख्यालय के रूप में जाना जाता है, वो अगले साल जून से 9.0 प्रतिशत पर 375,000 एईडी ($ 102,000) से अधिक के व्यापार लाभ पर कर लगाएगा. यानी अब जो बहुराष्ट्रीय कंपनियां वहां पर व्यापार करती हैं तो उन्हें अपने फायदे पर भी कर देना होगा, अगर उन्हें $ 102,000 से ज्यादा का फायदा होता है तो. यह घोषणा संयुक्त अरब अमीरात द्वारा नवीनतम महत्वपूर्ण कदम है, जो इस साल शुक्रवार-शनिवार सप्ताहांत से शनिवार और रविवार को वैश्विक बाजारों के साथ संरेखित करने के लिए बदल गया है.
देश की आय बढ़ाने के लिए उठा कदम
आधिकारिक WAM समाचार एजेंसी द्वारा किए गए एक बयान में कहा गया है, "यूएई कॉर्पोरेट टैक्स व्यवस्था दुनिया में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी होगी." दुनिया भर में कॉर्पोरेट करों के लोअर एंड नौ प्रतिशत पर है. मंत्रालय ने कहा कि रियल एस्टेट या अन्य निवेशों से व्यक्तिगत आयकर या पूंजीगत लाभ कर लगाने की कोई योजना नहीं है.
पड़ोसी सऊदी अरब से है मुकाबला
संयुक्त अरब अमीरात, एक प्रमुख तेल निर्यातक, लेकिन व्यापार, परिवहन और पर्यटन में भी एक बड़ा खिलाड़ी है. ये कच्चे तेल पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए विविधता ला रहा है. इसे दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक पड़ोसी सऊदी अरब से भी बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जो अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और विदेशी व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए अपना अभियान चला रहा है.
Incentive टैक्स वैसा ही रहेगा
वित्त मंत्रालय के अपर सचिव यूनिस हाजी अल खुरी ने बयान में कहा, "कॉर्पोरेट टैक्स की शुरुआत के साथ, यूएई कर पारदर्शिता के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने और हानिकारक कर प्रथाओं को रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है." हालांकि संयुक्त अरब अमीरात के मुक्त व्यापार क्षेत्रों में कर प्रोत्साहन वैसा ही रहेगा.