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DSO क्या है?

DSO क्या है?

Become Partners

We are providing 54+IT & Digital Money service and we have 4000+ advisor in 582 districts of 34 State/UT of India. आपको कोई पेसा नही देना Training के नाम पर, Deposited के नाम पर ,Advance के नाम पर ! जो एक सर्विस बेच रहा है वो भी Business कर रहा है लेकिन Dogma Soft आपको Business के लिए 54+ Service provided करा रहा है. जो आपका Existing Business है वो Effect नही होगा ,बढेगा ही ओर इसमे कोई समय सीमा नही है ओर ना ही कोई Boundations. आप ये सोचो ना जो आपका हमारे माध्यम से Client से Network बन रहा है, वो लोग आपसे ही जुड़ रहे हैं ! In future आप अपनी खुद की कोई Product

Service बेच पाएँगे या फिर वो आपसे जिंदगी मैं कहीं ना कहीं किसी रूप मैं आपसे जुड़े रहेंगे! आप सभी अपने आपको IT Expert मानते हैं, लेकिन क्या आप आज की New Technology / Concepts से वाकिफ़ हैं! आप Dogma के कोई Product/Service Sell करो या ना करो पर आपको खुद को Real Life मैं TM ,Copyright, Patent का ज्ञान तो होना ही चाहिए! T.V. मे आता है भेज दीजिए 58888 पर या फिर Add आती है Missed Call दीजिए और Member बनिए ये सब कैसे होता है! IVR क्या है? , Toll Free क्या होता है? जब किसी Airtel / Reliance को कॉल करते हैं तो वो बोलते हैं press 1 for Hindi, press 2 for English. और हमारे Customer Care अधिकारी से बात करने के लए 5 दबाएँ! हम ये सभी प्रकार की Services Provide करते हैं! आप इनका Proper ज्ञान लेकर अपने Student/Relative/Known Persons को भी बताइए और यकीन मानिए आपको बहुत अच्छा लगेगा! आप चाहें तो इसे एक कोर्स का रूप देकर और कोर्स करवाकर फीस भी ले सकते हैं या workshop लगाकर अपने Organization के लोगों तक पहुँचा सकते हैं!

मान लो Dogma से जुड़ना DSO क्या है? के बाद आपको एक भी Client नही मिला तो कोई बात नही , आपने 51 services की जानकारी प्राप्त करली है इसके लिए आपने कुछ Invest भी नही किया , No Training Fees..

Why be a Part of Dogma

  • " Only 7% Company in INDIA is Public Limited and Dogma Soft is also Public Limited company" As per Govt. statistics.
  • Partnership for concerned District / State.
  • We have 3 national brand/product (ITI/ITC, Distance Education Software, Easy Web Existence)
  • ISO Certified company with implementing standard of quality to maintain.
  • We have 4000+ Advisor in 582 districts of 34 State/UT of India.
  • Only online marketing and supported by own Head Office.
  • High level supported to Partner client. (ग्राहक नहीं दोस्त बनाते हैं हम)
  • 54 + services by dogma and others are in queue.
  • Original database of clients will be provides to our partner.
  • Low Investment, High Returns..
  • Throughout the year Revenues & Profitability.
  • Help in Generating Business by Increasing Client Base.
  • High Profitability Ratio with Sub-Partners.
  • Your organization will gain visibility as an authorized partner in our website.
  • More profit for a day`s work than you thought possible.
  • A lifestyle of freedom from a rigid work schedule.
  • Amazing job satisfaction from great customer appreciation.
  • Your own business-more flexibility and less cost than a franchise
  • Quick return on investment for motivated dealers.

कौन कौन State Partner /District Partner/ DSO/Adviser बन सकता हैं?

We will prefer followings:

  • CSC Center
  • Cyber Café
  • Printing Press
  • Coaching Center
  • Computer Center
  • Software Companies
  • CCTV Camera Dealer
  • Advertisement Agencies
  • Any type of Consultants
  • Computer Hardware Dealer
  • Distance Education Centre
  • Any type of e-mitra and Gyan Kendra
  • Any Technical Person (Who should be knowledge of Computer and Internet)

Business Advisor

A business advisor is a consultant who provides business owners with information that will help them run their businesses more effectively. Advisors can be consulted on a one-time occasion to assist with streamlining or improving a business, or they can DSO क्या है? play a more active role, offering recurrent advice sessions to their clients. Many business advisors offer one on one consultation along with business classes designed for groups of people, such as new business owners. Classes can provide a low-cost way to access business advice that is especially useful for people who may not be able to afford a full private consultation.

Defiant Services Share
Business Advisor = 0 IT Services Money Transfer, Recharge, IT services 5%to 10% every Service
Business Advisor = 777 IT Services Money Transfer, Recharge, IT services 5% to 20% total IT Service & see Digital Money

Your Work

  • Profile Complete (2 Banner Inside your office& 1 Banner )
  • Mail signature , FB Like & share, YouTube, Join Whatsapp Group, etc
  • Wallet Balance monthly 10000
  • Three months sell minimum RS: 10000
  • 1000 Dogma App Install
Definition:- Fees - Rs.5555/- Registration

Dogma Sub Office is a area define structure of Post office of India if may be Tehsil/ Taluka or Cities or post office big cities DSO Dogma Sub office in a authorized business partner in that area of a particular pin code. People have office & Authorized form Dogma Soft Ltd. Will be as Dogma Sub office officer

Benefit –

  • Feel big manage team and get benefits of team work. More your team more your commission. DSO fees are lowest. Just is 5555 market charge is start from 11000 to 2.5 Lac
  • She/he will get Rs. 400 for each retailer activation
  • She/he can register unlimited retailers and advisor. Other companies are charging for that type of retailer from 1000 to 8500.
  • She/he will get 05 to 25 DSO क्या है? % commission on dogma’s IT services.
  • 100% successful transaction
  • Immediate wallet Credit
  • Support by email/ticket/telephonic / chat/
  • Work with Brand Name
  • No Work Bound.
  • Immediately commission transfer
  • Authorized Certification
  • Sticker Pamphlet (50+50)
  • Highest commission for all services.
  • No monthly charges
  • 51+ IT services Recharge + Money Transfer + Educational project exclusive and biggest platform in India.

Your Work

  • Profile Complete (2 Banner Inside your office& 1 Banner )
  • Advisor Profile Complete minimum per month 5 Profile
  • Mail signature , FB Like & share, YouTube, Join Whatsapp Group, etc
  • Wallet Balance monthly 2L (You & your Team)
  • Three months minimum RS: 20000
  • 5000 Dogma App Install
District Lead Center (DLC) Fees :25000/- Registration

DLC is authorized partner of Dogma Soft Limited for particular district and all type of activities will be done under DLC. One district have only one DLC, all other partner will be ASO, Retailer or advisor etc. DLC will be responsible for develop all territory under district.

खेल विभाग में DSO भर्ती घोटाला, IAS का रिश्तेदार बिना PSC पास किए नियुक्त हो गया, 8 के सर्टिफिकेट फर्जी

भोपाल। मध्य प्रदेश खेल विभाग में डीएसओ भर्ती घोटाला सामने आया है। 8 डीएसओ जांच की जद में हैं जो फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहे हैं। इनके अलावा राजधानी भोपाल में पदस्थ विकास खराड़कर तो ऐसे हैं जो बिना पीएससी परीक्षा पास किए ही नौकरी प्राप्त कर गए। बताया जा रहा है कि विकास खराड़कर, मध्य प्रदेश कॅडर के आईएएस अफसर के रिश्तेदार हैं।

मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) की डीएसओ भर्ती में गड़बड़ी सामने आ रही है। परीक्षा में जाली सर्टिफिकेट (Fake Certificate) के जरिए जिला खेल अधिकारियों की नियुक्ति की गई। खेल विभाग में जिला खेल अधिकारी की नियुक्ति में की गई गड़बड़ि‍यां अब पकड़ में आ रही हैं। लोक सेवा आयोग की जिला खेल अधिकारी परीक्षा में जाली सर्टिफिकेट का खेल जोरों पर चला। इसके आधार पर खिलाड़ियों ने नौकरी हासिल कर ली।

गड़बड़ी का आलम ये रहा कि फुटबाल खिलाड़ी ने कबड्डी के सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल कर ली। ऐसा फर्जीवाड़ा करने वाले चार डीएसओ के नाम सामने आए हैं। उनकी अब जांच की जा रही है। इनके अलावा चार और डीएसओ संदेह के घेरे में हैं। सवाल खेल विभाग के अधिकारियों पर भी खड़ा हो रहा है कि आखिर सर्टिफिकेट को बिना जांचे-परखे कैसे पास कर दिया गया।

VIKAS KHARADKAR तो बिना PSC EXAM पास किए DSO बन गए

खेल विभाग में बिना परीक्षा के डीएसओ बने विकास आईपीएस अधिकारी के रिश्तेदार बताए जाते हैं। वो बिना एमपीपीएससी परीक्षा पास किए ही नौकरी पा गए। वह 13 साल से भोपाल में ही पदस्थ हैं। विकास खराड़कर एमपी-पीएससी की परीक्षा पास किए बिना डीएसओ बनाए गए और फिर डेपुटेशन के आधार पर उन्हें खेल विभाग में लाया गया। खेल विभाग के तत्‍कालीन पीएस अशोक सहाय ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने विकास की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किए थे। उनकी आपत्ति के बावजूद अकेले विकास खराड़कर का नाम आगे बढ़ाया गया था।

ये हैं जांच के दायरे में

1-कमल किशोर आर्य (सीहोर)- फुटबॉल के खिलाड़ी हैं, लेकिन सर्टिफिकेट लगाया कबड्डी का और उसी आधार पर नौकरी भी पा गए। वर्ष 2011 में 32 साल की उम्र में कबड्डी का नेशनल सर्टिफिकेट लगाकर डीएसओ परीक्षा में पास हुए।

इन चारों के अलावा चार और DSO जांच के दायरे में हैं। इनमें प्रो.अहमद, पवि दुबे, जितेंद्र देवड़ा और उमा पटेल के नाम शामिल हैं।

UP में 28 जिलों के DSO डकार गये जनता को मिलने वाला फ्री नमक, चना और रिफाइंड, खाद्य आयुक्त ने जारी किया नोटिस

UP में 28 जिलों के DSO डकार गये जनता को मिलने वाला फ्री नमक, चना और रिफाइंड, खाद्य आयुक्त ने जारी किया नोटिस

जून माह में मांग के सापेक्ष नेफेड से जारी राशन छूटे लाभार्थियों की लिस्ट उपलब्ध कराने के बाद भी लोगों को नियत समय राशन (Ration) नहीं दिया गया। इन सभी को नमक, चना व रिफाइंड दिया जाना था.

Lucknow News : राशन बांटने में लगातार धांधली होने की बातें सामने आती रहीं। लेकिन समय रहते इसका संज्ञान नहीं लिया गया। अब जब फ्री योजना बंद कर दी गई तो घटतौली का जायजा लिया जा रहा। जून माह में मांग के सापेक्ष नेफेड से जारी राशन छूटे लाभार्थियों की लिस्ट उपलब्ध कराने के बाद भी लोगों को नियत समय राशन (Ration) नहीं दिया गया। इन सभी को नमक, चना व रिफाइंड दिया जाना था।

दरअसल, तीन से चार अक्टूबर के बीच जून के छूटे हुए लाभार्थियों को नमक, चना व रिफाइंड वितरित होना था। इन सभी को चिंह्नित कर सूची भी सभी जिलों को उपलब्ध करवाई गई थी। आदेश में कहा गया था कि पारदर्शी तरीके से दो दिनों के भीतर लाभार्थियों को यह सामग्री बांट दी जाए। तीन अक्टूबर को जब इसकी समीक्षा की गई तो पाया गया कि 28 जिलों में वितरण की स्थिति सबसे अधिक खराब है।

इस बात से नाराज खाद्य आयुक्त मार्कंडेय शाही (Markandey Shahi) ने नाराजगी जताते हुए प्रदेश के 28 जिलों के जीएसओ को कारण बताओ नेटिस जारी किया है। इस नोटिस में शाही ने दो दिन के भीतर जवाब देने के निर्देश दिये हैं। वहीं, दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना है कि चार अक्टूबर तक 75 प्रतिशत लाभार्थियों में वितरण कर दिया गया था। बचे अन्य लाभार्थियों को पांच अक्टूबर तक बांट दिया जाएगा।

बता दें कि आज DSO क्या है? पांच अक्टूबर है। अगर इन अधिकारियों को बांटना था तो पहले क्यों नहीं बांटा, जब इस चीज का निर्धारित समय तय किया गया था। यह बड़ा सवाल खड़ा होता है। इससे पहले खाद्य आयुक्त ने गोंडा व अमेठी के जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा संतोषजनक जवाब ना मिलने के बाद यह कार्रवाई की। जिसके बाद अन्य जिलों में हालातों का जायजा लिया गया। तब जाकर 28 जिलों के डीएसओ को नोटिस जारी हुआ।

किन-किन जिलों के डीएसओ को मिला नोटिस?

जिन जिलों में राशन वितरण की स्थिति बेहद खराब रही उनमें , चित्रकूट, बांदा, हरदोई, हमीरपुर, महोबा, कन्नौज, जालौन, उन्नाव, कानपुर नगर, बलरामपुर, बुलंदशहर, कासगंज, शामली, रामपुर, मऊ, संभल, गाजीपुर, हापुड़, झांसी, प्रतापगढ़, अमेठी, सहारनपुर, ललितपुर, बरेली, गाजियाबाद, अलीगढ़, हाथरस और गोंडा शामिल हैं।

रांची DSO ने की नामकुम BDO के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा, बताया उद्दंड अफसर

Ranchi : नामकुम (रांची) बीडीओ ज्ञान प्रकाश जायसवाल पर सरकार विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है. इसके अलावे नामकुम के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिन्हा के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है. रांची जिला आपूर्ति पदाधिकारी (DSO) ने एक मामले में जांच के बाद रांची डीसी को इस संबंध में अनुशंसा की है. इन दोनों को नामकुम के प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक, ट्रांसपोर्टर तथा पीडीएस डीलरों से अवैध राशि वसूले जाने के मामले में DSO ने दोषी माना है.

अपनी रिपोर्ट के साथ डीसी को की गयी अनुशंसा में बताया है कि संजीत कुमार यादव (परिवहन सह हथालन अभिकर्ता, नामकुम) से एक लिखित शिकायत मिली थी जिसमें उनसे बीडीओ और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा अवैध वसूली का आरोप था. मामले की पड़ताल में पाया गया कि आरोप में सत्यता है.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने में बीडीओ सक्षम प्राधिकारी नहीं हैं. उन्होंने अपने आचरण में बचकानापन और अपरिपक्वता का परिचय दिया है. वे उद्दंड हैं. गरीबों के प्रति उनकी मानसिकता गंदी है. ऐसे में इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई की जाये.

क्या है मामला

DSO के मुताबिक डीलरों, ट्रांसपोर्टरों से नामकोम बीडीओ द्वारा अवैध राशि की मांग की जाती रही है. नाजायज तरीके से रुपये भी लिये गये हैं. बीडीओ ने वीएलडब्लू मिथिलेश कुमार सिन्हा को प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, नामकुम का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था. साथ ही उस पर उनके निर्देशों के अनुसार काम करने का दबाव दिया था.

इसके बाद लगातार प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने चिन्हित डीलरों से अवैध रुपये की मांग करनी शुरू कर दी. इसमें बीडीओ की भूमिका भी रही. आवेदकों द्वारा इसे नजरअंदाज करने पर उन्हें कार्यालय बुलाकर धमकी भी दी जाने लगी.

इसे भी पढ़ें:कैबिनेट की बैठक 15 को

जांच में यह बात भी सामने आयी कि डीलर समिउल्लाह खान ने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और बीडीओ के साथ मिलकर अवैध राशि की उगाही में मदद करता है. बीडीओ के डर से आवेदकों ने उन तक रुपये पहुंचाये. इस प्रक्रिया का वीडियो क्लिप भी तैयार किया. प्रतिमाह रुपये नहीं देने पर बीडीओ ने अपने मन से बगैर विभाग को सूचित किये कार्रवाई की.

इससे पता लगता है कि उनके स्तर से भयादोहन किया गया. जांच में इसकी भी पुष्टि हुई कि बीडीओ ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. पीडीएस डीलर और कर्मियों में भय एवं दहशत फैलाकर प्रतिमाह अवैध वसूली की प्रक्रिया बना रखी है.

रसद वितरण में लापरवाही, दो डीएसओ को निलंबित करने के आदेश

जयपुर . प्रदेश में कोविड-19 (Corona Virus) के कारण Lockdown अवधि के दौरान Black Marketing करने वाले थोक एवं खुदरा विक्रेताओं तथा अधिकारियेां के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रसद वितरण में Negligence बरतने पर दौसा एवं बांसवाड़ा के DSO को निलंबित करने के आदेश दिए हैं।

rashan dukan

जयपुर . प्रदेश में कोविड-19 ( Kovid-19 ) कोरोना वायरस ( Corona virus ) के कारण लॉकडाउन ( Lockdown ) अवधि के दौरान कालाबाजारी ( Black Marketing ) करने वाले थोक एवं खुदरा विक्रेताओं तथा अधिकारियेां के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रसद वितरण में लापरवाही ( Negligence ) बरतने पर दौसा एवं बांसवाड़ा के डीएसओ ( DSO ) को निलंबित करने के आदेश दिए हैं।
यह जानकारी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चन्द मीना ने दी। मीना शनिवार को सचिवालय में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेस के दौरान जिला रसद अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। मंत्री ने बताया कि दौसा एवं बांसवाडा जिले के डीएसओ की ओर से लॉकडाउन अवधि में पीडीएस के तहत रसद वितरण में लापरवाही बरतने के कारण निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि पर्यवेक्षण नहीं करने एवं लापरवाही करने पर अजमेर प्रथम व द्वितीय, भरतपुर एवं अलवर के जिला रसद अधिकारियों को नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए।
मीना ने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान आवश्यक राशन सामग्री नियमित रूप से डोर-टू-डोर पहुंचाने के लिए शत-प्रतिशत प्रयास किए जाएं। लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रदेश में जरूरतमंद व्यक्तियों को चिन्हित कर ड्राई राशन सामग्री का वितरण करवाया जाना सुनिश्चित करें।

कर्फ्यू वाले इलाकों में हो नियमित आपूर्ति —:
खाद्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के जिन इलाकों में कर्फ्यू घोषित किया गया है वहां पर आवश्यक रसद सामग्री एवं अन्य जरूरत का सामान प्रतिदिन डोर-टू-डोर वितरण करवाया जाना सुनिश्चित किया जाए। इन इलाकों में जो राशन डीलर दुकान नहीं खोल रहे है, उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाए।

बिना ओटीपी के उठाये गए गेहूं की होगी जांच —:
प्रदेश में जिन राशन डीलरों की ओर से 70 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं का उठाव बिना ओटीपी के किया गया है, उनके विरूद्ध जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जिन राशन डीलरों ने दूसरे जिले के राशन कार्ड से गेहूं अनियमित रूप से उठाया गया है, उसकी जांच करवाकर राशन डीलर के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इन्टर डिस्ट्रिक्ट पोर्टेबिलिटी होगी बन्द —:
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन अवधि के दौरान इन्टर डिस्ट्रिक्ट पोर्टेबिलिटी को बन्द किया जाएगा, जिससे राशन डीलरों की ओर से की गई अनियमितता पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया जा सके। जिलों में प्रवर्तन अधिकारी एवं प्रवर्तन निरीक्षकों की ओर से प्रतिदिन मापदण्डानुसार निरीक्षण नहीं किया जाता है तो उनके विरूद्ध 17 सीसीए के तहत चार्जशीट की कार्रवाई की जाएगी।

फोन करके पूछो राशन मिला है या नहीं —:
शासन सचिव ने कहा कि एनएफएसए के लाभार्थियों को लॉकडाउन अवधि के दौरान उचित मूल्य दुकानदारों की ओर से गेहूं का वितरण किया है या नहीं, इसकी जानकारी के लिए जिला रसद अधिकारियों को फोन कर लाभार्थियों से पूछकर सुनिश्चित करना है कि राशन मिला है या नहीं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन राशन डीलरों की ओर से गबन किया गया है, उनके विरूद्ध एफआईआर हर हालत में दर्ज करवायें।

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