विदेशी मुद्रा क्यू एंड ए

विदेशी मुद्रा लेख 2023

विदेशी मुद्रा लेख 2023
© Reuters. वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में कम होगी महंगाई: आरबीआई गवर्नर

डेली अपडेट्स

मुद्रास्फीति दर: बाज़ार मुद्रास्फीति में परिवर्तन मुद्रा विनिमय दरों में परिवर्तन का कारण बनता है। उदाहरण के लिये दूसरे देश की तुलना में कम मुद्रास्फीति दर वाले देश की मुद्रा के मूल्य में वृद्धि देखी जाती है।

    इसमें निर्यात, आयात, ऋण आदि सहित कुल लेन-देन शामिल हैं।

उत्पादों के आयात पर अपने विदेशी मुद्रा कोअधिक खर्च करने के कारण चालू खाते में घाटा, निर्यात की बिक्री से होने वाली आय से मूल्यह्रास का कारण बनता है और यह किसी देश की घरेलू मुद्रा की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को बढ़ावा देता है।

सरकारी ऋण: सरकारी ऋण केंद्र सरकार के स्वामित्व वाला ऋण है। बड़े सरकारी कर्ज वाले देश में विदेशी पूंजी प्राप्त करने की संभावना कम होती है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ जाती है।

इस मामले में,विदेशी निवेशक अपने बॅाण्ड की विक्री खुले बाज़ार में करेंगे, यदि बाज़ार किसी निश्चित देश के भीतर सरकारी ऋण का अनुमान लगाता है। परिणामतः इसकी विनिमय दर के मूल्य में कमी आएगी।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भुगतान सन्तुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से किससे/किनसे चालू खाता बनता है? (2014)

  1. व्यापार संतुलन
  2. विदेशी संपत्ति
  3. अदृश्य का संतुलन
  4. विशेष आहरण अधिकार

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 1, 2 और 4

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • भुगतान संतुलन (BoP) दो मुख्य पहलुओं से बना है: चालू खाता और पूंजी खाता।
  • BoP का चालू खाता वस्तुओं, सेवाओं, निवेश आय और हस्तांतरण भुगतानों के प्रवाह व बहिर्वाह को मापता है। सेवाओं में व्यापार (अदृश्य); माल के रूप में व्यापार (दृश्यमान); एकतरफा स्थानांतरण; विदेशों से प्रेषण; अंतर्राष्ट्रीय सहायता चालू खाते के कुछ मुख्य घटक हैं। जब सभी वस्तुओं और सेवाओं को संयुक्त किया जाता है, तो वे एक साथ मिलकर किसी देश का व्यापार संतुलन (BoT) को दर्शाता है। अतः कथन 1 और 3 सही हैं।
  • BoP का पूंजी खाता किसी देश के निवासियों और बाकी दुनिया के बीच उन सभी लेनदेन को रिकॉर्ड करता है, जो देश के निवासियों या उसकी सरकार की संपत्ति या देनदारियों में बदलाव का कारण बनते हैं
  • निजी अथवा सार्वजनिक क्षेत्रों द्वारा ऋण और उधार; निवेश; विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन पूंजी खाते के घटकों के कुछ उदाहरण हैं। अतः कथन 2 और 4 सही नहीं हैं। इसलिये विकल्प (c) सही उत्तर है।

मेन्स:

प्रश्न.भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवश्यकता का औचित्य सिद्ध कीजिये। हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों और वास्तविक एफडीआई के बीच अंतर क्यों है? भारत में वास्तविक एफडीआई बढ़ाने के लिये उठाए जाने वाले उपचारात्मक कदमों का सुझाव दीजिये।

Foreign Currency Reserve: लगातार छठे सप्ताह घटा अपना विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए अब कितना रह गया

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Reserve) एक बार फिर से घटा है। यह लगातार छठा सप्ताह है, जबकि इसमें कमी हुई है। इससे पहले बीते जुलाई में भी लगातार चार सप्ताह तक इसमें कमी हुई थी। इसके बाद एक सप्ताह इसमें बढ़ोतरी हई थी। हालांकि, पांच अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त, 26 अगस्त और दो सितंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में फिर कमी हुई थी। इस बार, मतलब, नौ सितंबर 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें 2.23 अरब डॉलर की कमी हुई है।

Foreign exchange reserves fall by https://navbharattimes.indiatimes.com/thumb/msid-94258204,imgsize-45320,width-700,height-525,resizemode-75/foreign-exchange-reserves-fall-by-223-billion-file-photo-94258204.jpg.23 billion (File Photo)

विदेशी मुद्रा भंडार में 2.23 अरब डॉलर की गिरावट (File Photo)

हाइलाइट्स

  • भारत का विदेशी मुद्रा भंडार फिर लगातार छठे सप्ताह घटा है
  • बीते 9 अगस्त को देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.23 अरब डॉलर की कमी हुई
  • अब देश में 550.87 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार रह गया है
  • भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह जानकारी दी है

फॉरेन करेंसी असेट भी घटे
बीते 9 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन करेंसी असेट (Foreign Currency Asset) का घटना है। यह कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आरबीआई के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा अस्तियां (FCA) 2.519 अरब डॉलर घटकर 489.598 अरब डॉलर रह गईं। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

स्वर्ण भंडार में वृद्धि
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) बढ़ा है। इसका मूल्य 34 करोड़ डॉलर बढ़ कर 38.644 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले के सप्ताह के दौरान इसमें 1.339 अर डॉलर की कमी हुई थी।

एसडीआर भी बढ़ा
समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) में भी बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 80 करोड़ डॉलर बढ़ कर 4.910 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में कम होगी महंगाई: आरबीआई गवर्नर

शेयर बाजार 09 जुलाई 2022 ,17:15

वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में कम होगी महंगाई: आरबीआई गवर्नर

© Reuters. वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में कम होगी महंगाई: आरबीआई गवर्नर

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

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नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में भारत में मुद्रास्फीति (महंगाई) धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है।इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ, नई दिल्ली द्वारा आयोजित कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में बोलते हुए, दास ने कहा, बाजार आपूर्ति के ²ष्टिकोण से सही दिखाई दे रहा है और कई उच्च आवृत्ति संकेतक 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में रिकवरी की ओर इशारा कर रहे हैं। हमारा वर्तमान आकलन यह है कि 2022-23 की दूसरी छमाही में महंगाई धीरे-धीरे कम हो सकती है।

भारत में महंगाई के इतिहास पर बात करते हुए, आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा, 2022 की शुरुआत में महंगाई वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही तक चार प्रतिशत के लक्ष्य दर से काफी कम होने की उम्मीद थी, 2022-23 के लिए अनुमानित औसत महंगाई दर 4.5 प्रतिशत है।

आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है कि वर्तमान दौर मुद्रास्फीति के ग्लोबलाइजेशन का है। पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो रही है। आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि कोरोना महामारी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार होने लगा है मगर महंगाई अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है और यह अब भी केंद्रीय बैंकों के अनुमानों के ऊपर है।

दास ने कहा, मैक्रो-इकनॉमिक और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी बनाए रखने के लिए मूल्य स्थिरता जरूरी है। इसलिए केंद्रीय बैंक व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और इसे बढ़ावा देने के उपाय करेगा। हमारे नियंत्रण से परे कारक अल्पावधि में मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन मध्यम अवधि में इसकी चाल मौद्रिक नीति द्वारा निर्धारित होगी।

उन्होंने आगे कहा, इसलिए, मौद्रिक नीति को मुद्रास्फीति को स्थिर करने के लिए समय पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अर्थव्यवस्था को मजबूत स्थिति में और सतत वृद्धि की राह पर कायम रखा जा सके।

उन्होंने कहा कि 2022-23 के लिए व्यावसायिक पूवार्नुमानकर्ताओं के सर्वेक्षण से पांच प्रतिशत पर औसत मुद्रास्फीति अनुमान भी काफी सौम्य रहा।

उन्होंने कहा कि हालांकि, यह फरवरी 2022 से रूस-यूक्रेन युद्ध से आगे निकल गया, जिससे वैश्विक कच्चे तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतों में तेज उछाल आया।

दास ने कहा, वैश्विक खाद्य कीमतें मार्च में ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गईं और उनका प्रभाव खाद्य तेल, फीड लागत और घरेलू विदेशी मुद्रा लेख 2023 गेहूं की कीमतों में महसूस किया गया। अभूतपूर्व गर्मी की लहर के कारण रबी गेहूं के उत्पादन में कमी ने गेहूं की कीमतों पर और दबाव डाला।

उनके अनुसार, आरबीआई का उद्देश्य अर्थव्यवस्था की रक्षा करना और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना है।

उन्होंने कहा, हमारा प्रयास सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित करने का रहा है। ये उद्देश्य आज भी हमारे कार्यों का मार्गदर्शन करते हैं और भविष्य में भी ऐसा विदेशी मुद्रा लेख 2023 ही रहेगा।

दास ने कहा कि वैश्वीकरण के लाभ कुछ जोखिमों और चुनौतियों के साथ आते हैं। जटिल आपूर्ति श्रृंखलाओं के माध्यम से दुनिया भर में खाद्य, ऊर्जा, वस्तुओं और महत्वपूर्ण आदानों की कीमतों पर आघात पहुंचाया जाता है।

उन्होंने कहा, वास्तव में, हाल के घटनाक्रम घरेलू मुद्रास्फीति की गतिशीलता और व्यापक आर्थिक विकास में वैश्विक कारकों की अधिक मान्यता के लिए कहते हैं, जो बेहतर परिणाम प्राप्त करने के विदेशी मुद्रा लेख 2023 लिए देशों के बीच नीतिगत समन्वय और संवाद को बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।

उनके अनुसार, इस तरह के अपरिहार्य वैश्विक झटकों के खिलाफ इंश्योरेंस अंतत: ठोस आर्थिक बुनियादी बातों, मजबूत संस्थानों और स्मार्ट नीतियों पर बनाया गया है। व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए मूल्य स्थिरता महत्वपूर्ण है।

दास ने कहा, हम व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने और बढ़ावा देने के व्यापक लक्ष्य के साथ अपनी नीतियों को जांचना जारी रखेंगे। इस प्रयास में, हम अपने संचार में स्पष्ट और पारदर्शी रहते हुए अपने ²ष्टिकोण में लचीला बने रहेंगे।

विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट, 572 अरब डॉलर से भी आया नीचे

डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार चढ़ाव के बीच विदेशी मुद्रा भंडार घटा है। विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट, 572 अरब डॉलर से भी आया नीचे

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 जुलाई को समाप्त विदेशी मुद्रा लेख 2023 सप्ताह में 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा लेख 2023 घटकर 572.712 अरब डॉलर रह गया था।

डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार चढ़ाव के बीच विदेशी मुद्रा भंडार घटा है। विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.426 अरब डॉलर घटकर 510.136 अरब डॉलर रह गयी।

डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

गोल्ड रिजर्व बढ़ा: आंकड़ों के मुताबिक सप्ताह में गोल्ड रिजर्व का मूल्य 14.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.502 अरब डॉलर हो गया। सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.963 अरब डॉलर हो गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 2.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.96 अरब डॉलर हो गया।

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