मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई

हालांकि सम्मेलन के बाद जारी बयान में चीन का नाम तो नहीं लिया गया है, लेकिन चीन बौखलाया हुआ है। वह जानता है कि इशारा उसी की तरफ है। बयान में हिंद-प्रशांत क्षेत्र, जहां उसका जापान, ताइवान, फिलिस्तीन, आॅस्ट्रेलिया और वियतनाम के साथ विवाद है, का उल्लेख पांच बार हुआ है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तत्काल इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका की योजना क्वाड के रूप में एशियाई नाटो बनाने की है जो कभी भी सफल नहीं होगी, क्योंकि गठबंधन में शामिल सभी देशों के हित तथा सरोकार अलग-अलग हैं। नई तकनीकों पर भी चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि इसके लिए आवश्यक दुर्लभ भू-तत्व प्रचुर मात्रा में चीन के पास ही हैं। इसलिए क्वाड की उच्च ‘क्रिटिकल तकनीक’ विकसित करने की योजना सफल नहीं होगी। वैक्सीन के परीक्षण और आपूर्ति पर भी चीन का कहना है कि क्वाड देशों में विकसित वैक्सीन प्रभावी नहीं हैं और इन देशों द्वारा 2022 के अंत तक एक अरब लोगों के लिए वैक्सीन बना लेने का दावा महज आपसी हितों पर विचार विनिमय से अधिक कुछ भी नहीं है। ग्लोबल टाइम्स ने तो अपने 12 मार्च के अंक में भारत को धमकी तक दे दी कि ‘‘भारत को पिछले साल सीमा पर तनाव से यह सबक लेना चाहिए कि चीन के साथ दोस्ती न रखना उसके हित में मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई नहीं होगा।’’
मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई
Aaj Ki Khabar | आज की ख़बर | 8 PM | 18 June, 2022
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क्वाड शीर्ष सम्मेलन और ‘ड्रैगन’ की छटपटाहट
हाल में सम्पन्न क्वाड सम्मलेन के बाद जारी बयान से चीन तिलमिलाया हुआ है। हालांकि इसमें चीन का उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन पड़ोसी देश जानता है कि इशारा उसी की ओर है। इसलिए वह असहज है और प्रलाप कर रहा है। उसका कहना है कि अमेरिका ‘एशियाई नाटो’ बनाने की कोशिश में है जो कभी सफल नहीं होगीp36_1 H x W: 0क्वाड देशों के पहले वर्चुअल सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री सुगा और आॅस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन
पिछले दिनों क्वाड देशों का पहला शीर्ष सम्मेलन हुआ। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन शामिल हुए। कोविड-19 के कारण इस वर्चुअल सम्मेलन के अंत में जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चारों देशों के नेताओं के बीच कई विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें कोरोना वैक्सीन के उत्पादन मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई व आपूर्ति, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर, जलवायु परिवर्तन, नई तकनीक, ऊर्जा उत्पादन, साइबर सुरक्षा, नियमों पर आधारित सामुद्रिक व्यवस्था, आतंकवाद से लड़ाई, आपदा में मानवीय सहायता तथा राहत कार्य, निवेश, विश्व स्वास्थ्य संगठन में सुधार, म्यांमार की स्थिति और उत्तरी कोरिया का विसैन्यीकरण आदि प्रमुख थे।
इंडोनेशिया में लगेगी भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर, नवंबर में मिलेंगे मोदी और सुनक
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर इंडोनेशिया के बाली में नवंबर मध्य में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में मुहर लगेगी। इस बैठक के इतर ब्रिटेन के नवनिर्वाचित पीएम ऋषि सुनक और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी।
एफटीए पर अंतिम फैसला के लिए दोनों ही देशों में तैयारियां शुरू हो गई है। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम सुनक से फोन पर बातचीत की थी। इस बातचीत में मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई दोनों ने एफटीए के प्रति अपनी अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी।
बाली में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन कई दूसरे कारणों से अभी से चर्चा में है। इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। इसके कारण शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की हाल में उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद में हुई बैठक की तर्ज पर जिनपिंग-मोदी की मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई मुलाकात पर कयासों का बाजार गर्म है।
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शर्म-अल-शेख (मिस्र), 08 नवंबर (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने मिस्र के शर्म-अल-शेख में चल रहे 27वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में चेतावनी देने मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई के साथ साफ कहा कि पृथ्वी बचाने का यह आखिरी मौका है और सभी देशों को एकजुट होकर सहयोग की राह पर चलना होगा। सम्मेलन में भारत के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जलवायु परिवर्तन के वैश्विक प्रभाव को लेकर चिंता जताई।
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने कहा कि पृथ्वीवासी तेजी से अपनी जिंदगी मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई की जंग हार रह रहे हैं। आने वाली पीढ़ियों को लिए पृथ्वी को बचाने का यह अंतिम अवसर है। यदि हम अभी सहयोग न कर सके तो नरक में जलेंगे, क्योंकि अब आपसी सहयोग के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं है। दुनिया में सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने वाले चीन और अमेरिका पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये देश उत्सर्जन में कमी लाकर मानवता को नष्ट होने से बचाएं।