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क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट

क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट
क्रिप्टोकरेंसी बाजार में गिरावट का दौरा जारी (प्रतीकात्मक चित्र)

क्रिप्टो एक्सचेंज में इतनी बड़ी गिरावट पर कोई अचरज नहीं होना चाहिए

कैनबरा, नवंबर 12 (द कंवरसेशन) अधिक समय नहीं हुआ जब एफटीएक्स दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग मंचों में से एक था। वर्ष 2019 में स्थापित इस क्रिप्टो एक्सचेंज में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई और वर्ष 2022 की शुरुआत में इसका मूल्य 30 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। लेकिन पिछले दो हफ्तों में पूरी तस्वीर ही बदल चुकी है।

सबसे पहले एफटीएक्स और परिसंपत्ति-व्यापार फर्म अल्मेडा रिसर्च के संबंधों को लेकर चिंताएं सामने आईं। इस दौरान ग्राहकों के पैसे को एफटीएक्स से अल्मेडा में स्थानांतरित किए जाने की चर्चाएं भी शामिल हैं।

कुछ दिनों बाद सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज और एफटीएक्स के प्रतिद्वंद्वी बिनेंस ने ऐलान किया कि वह एफटीटी टोकन की अपनी होल्डिंग को बेच देगी। इससे घबराए ग्राहक एफटीएक्स से धन निकालने के लिए दौड़ पड़े और यह एक्सचेंज अब पतन के कगार पर पहुंच चुका है। इसकी वेबसाइट पर यह संदेश भी क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट जारी कर दिया गया है कि वह वर्तमान में निकासी की प्रक्रिया में असमर्थ है।

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है।

बचाव की राह मुश्किल

एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का बहुलांश स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस साल की शुरुआत में अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था। लेकिन अब वह अपनी कंपनियों को बचाने के लिए आठ अरब डॉलर का निवेश करने वाले की तलाश में हैं।

लेकिन कई फर्मों के पहले ही एफटीएक्स में अपनी हिस्सेदारी को बट्टे खाते में डाल देने से बैंकमैन-फ्राइड के लिए इच्छुक निवेशकों को ढूंढना आसान नहीं होगा।

बिनेंस ने इस क्रिप्टो एक्सचेंज का अधिग्रहण करने के बारे में सोचा लेकिन आखिर में उसका फैसला नकारात्मक ही रहा। इसने कदाचार के आरोपों और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग की जांच से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए अपने कदम पीछे खींच लिए।

ऐसी स्थिति में अब एफटीटी की कीमत बहुत गिर गई है। एक हफ्ते पहले यह 24 डॉलर पर कारोबार कर रहा था लेकिन अब यह चार डॉलर से भी नीचे आ गया है।

सही तरह से विनियमित नहीं हो रहे एक्सचेंजों पर बिना किसी अंतर्निहित मौलिक मूल्य के ‘परिसंपत्तियों’ में व्यापार करना हमेशा एक बहुत ही जोखिम भरा प्रयास होता है। कई लोगों के लिए यह नुकसान का सौदा बन सकता है।

क्रिप्टो से अलग तरह की परिसंपत्तियों का मामला अलग होता है। आम कंपनी के शेयरों का एक बुनियादी मूल्य होता है जो कंपनी के मुनाफे से भुगतान किए गए लाभांश पर आधारित होता है। रियल एस्टेट का भी एक आधारभूत मूल्य होता है जो निवेशक को मिलने वाले किराये या उस पर उसके भौतिक कब्जे को दर्शाता है। एक बांड का भी मूल्य उस पर मिलने वाले ब्याज की राशि पर निर्भर करता है। यहां तक ​​कि सोने का भी कुछ व्यावहारिक उपयोग होता है।

लेकिन बिटकॉइन, ईथर और डॉगकॉइन जैसी कथित क्रिप्टो मुद्राओं का ऐसा कोई बुनियादी मूल्य नहीं होता है। वे पार्सल आगे बढ़ाने वाले खेल की तरह हैं जिसमें सट्टेबाज कीमत गिरने से पहले उन्हें किसी और को बेचने की कोशिश करते हैं।

क्रिप्टो पर प्रभाव

इन घटनाओं ने क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को और कम कर दिया है। इस नई घटना से पहले ही क्रिप्टो-मुद्राओं का ‘मूल्य’ तीन लाख करोड़ डॉलर के उच्च स्तर से गिरकर एक लाख करोड़ डॉलर पर आ गया था। अब तो यह और भी नीचे गिर गया है।

जिस तरह इंटरनेट आधारित कारोबार में अमेज़ॅन जैसी कुछ कंपनियां ही दिग्गज बन पाई हैं, उसी तरह यह संभव है कि क्रिप्टो की रूपरेखा तय करने वाली ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर केवल कुछ कंपनियां ही स्थायी तौर पर उपयोगी साबित हों।

मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप के विचार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शक्ल में अब अपनाया जा रहा है। लेकिन बैंक ऑफ इंटरनेशनल क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट सेटलमेंट्स के मुख्य अर्थशास्त्री ह्यून सोंग शिन के शब्दों में कहें तो ‘क्रिप्टो से जो कुछ भी किया जा सकता है वह केंद्रीय बैंक के पैसे से बेहतर किया जा सकता है।’

द कंवरसेशन प्रेम प्रेम जतिन

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Cryptocurrency पर भारत सरकार के फाइनल कॉल से पहले बाजार में बड़ी गिरावट, जानिए Bitcoin के फ्रेश प्राइस

शुक्रवार भारत सरकार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्‍व में क्रिप्‍टोकरेंसी (Cryptocurrency) के भविष्‍य को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है। ताकि क्रिप्‍टो बिल 2021 को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके।

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बिजनेस डेस्‍क। शुक्रवार को सुबह से भारतीय एक्‍सचेंजों में बिटकॉइन (Bitcoin Price) के साथ बड़ी क्रिप्‍टोकरेंसी में दबाव देखने को मिल रहा है। शुक्रवार भारत सरकार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्‍व में क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट क्रिप्‍टोकरेंसी (Cryptocurrency) के भविष्‍य को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है। ताकि क्रिप्‍टो बिल 2021 को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके। वहीं दूसरी ओर विदेशी एक्‍सचेंजों में भी डिजिटल कॉइंस में गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है। बिटकॉइन, इथेरियम और बाकी करेंसी भी गिरावट का मूंह देख रही हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर विदेशी बाजारों से लेकर भारत में क्रिप्‍टोकरेंसी के फ्रेश प्राइस क्‍या देखने को मिल रहे हैं।

भारतीय बाजारों में क्रिप्‍टोकरेंसी के दाम
पहले बात भारतीय एक्‍सचेंजों की करें तो वजीरएक्‍स पर बिटकॉइन के दाम 1.30 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से दाम 40 लाख से नीचे आ गए हैं। वहीं इथेरियम में भी करीब 4 फीसदी का दबाव देखने को मिल रहा है। श‍िबा इनु 3 फीसदी, डॉगेकॉइन में डेढ़ फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। आईओटीएक्‍स पर में 14 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है । गाला में 10 फीसदी उछाल बना हुआ है।

विदेशी बाजारों में क्रिप्‍टोकरेंसी का हाल
वहीं दूसरी ओर विदेशी बाजारों में भी बड़ी क्रिप्‍टोकरेंसी में गिरावट का माहौल बना हुआ है।द् कॉइनमार्केट के आंकड़ों के अनुसार बिटकॉइन में ढाई फीसदी की गिरावट है और दाम 48665 डॉलर पर बने हुए हैं। इथेरियम 5 फीसदी की गिरावट के साथ 4185 डॉलर पर बना हुआ है। जबकि डॉगेकॉइन में 3 फीसदी और श‍िबा इनु में 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। जबकि टेरा में इस सालद 15 हजार फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है। जिसकी वजह से यह क्रिप्‍टोकरेंसी टॉप टेन तमें शामिल हो गई है।

आज भारत में होगा अंति‍म फैसला
नीति निर्माताओं और उद्योग के मतभेद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के नियमों पर अंतिम फैसला किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक और उद्योग हितधारकों की बातों को सुनने के बाद इस मामले पर शीर्ष सरकारी गणमान्य व्यक्तियों की एक बैठक आयोजित की गई थी। नियमों पर अंतिम निर्णय लेने से पहले शुक्रवार को भी चर्चा जारी रहने की संभावना है। इकोनॉमिक क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेबल पर मौजूद विकल्पों में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध, आंशिक प्रतिबंध, डिजिटल सिक्कों या विनियमों पर आधारित सभी प्रकार के उत्पादों पर व्यापक नियम शामिल हैं। प्रस्तावित कानून पर एक मसौदा नोट वित्त मंत्रालय द्वारा पहले ही तैयार किया जा चुका है, हालांकि, सरकार में कुछ लोगों ने क्रिप्टो बिल के कुछ पहलुओं और क्षेत्र के समग्र उपचार पर और विचार-विमर्श की आवश्यकता महसूस की। सभी पहलुओं पर विचार करने वाली उच्च स्तरीय बैठक के दौरान चर्चा के आधार पर मसौदा विधेयक में बदलाव किया जा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार; बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट,डॉगकॉइन और शीबा इनू को मामूली बढ़त

क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट में रविवार को गिरावट देखी गई। जिसके बाद बिटकॉइन की ताजा कीमत 24,000 डॉलर के निशान के नीचे आ गई। ग्लोबल क्रिप्टो करेंसी का बाजार रविवार को भी 1 ट्रिलियन डॉलर मार्क के ऊपर रहा।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार; बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट,डॉगकॉइन और शीबा इनू को मामूली बढ़त

क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट में रविवार को गिरावट देखी गई। जिसके बाद बिटकॉइन की ताजा कीमत 24,000 डॉलर के निशान के नीचे आ गई। ग्लोबल क्रिप्टो करेंसी का बाजार रविवार को भी 1 ट्रिलियन डॉलर मार्क के ऊपर रहा। CoinGecko के अनुसार पिछले 24 घंटों में क्रिप्टो करेंसी का बाजार 1.14 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर बना रहा। वहीं दूसरी सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी ईथर 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,694 डॉलर के नीचे रही। जबकि डॉगकॉइन की कीमत मामूली बढ़त के साथ 0.$07 और शीबा इनू की कीमत 3 प्रतिशत की बढ़त के साथ 0.000012 डॉलर पर बनी रही।

मिला–जुला रहा दूसरी डिजिटल करेंसी का प्रदर्शन
पिछले 24 घंटे में एक्सआरपी, सोलोना, बीएनबी, टीथकॉइन, चेनलिंक, पॉलीगॉन की कीमत में मामूली गिरावट रही तो पोल्काडॉट, एपिकॉइन की कीमतें में मामूली बढ़त दिखाई दी। हाल ही में डिजिटल करेंसी के बाजार की अनिश्चितता के कारण मुख्य रूप से साउथ ईस्ट एशिया में प्रचलित डिजिटल करेंसी जिपमैक्स ने पिछले सप्ताह खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए याचिका दायर की थी।

इस साल क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में गिरावट
इस बीच कई क्रिप्टोकरेंसी कंपनियों ने या तो खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए याचिका दायर की या उन्हें इमरजेंसी पूंजी को खर्च करने को दवाब डाला गया। ब्याज दरों में बढ़ोतरी और हाई प्रोफाइल मंदी की आशंकाओं ने इस साल डिजिटल टोकन को पछाड़ दिया है। बिटकॉइन जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी की कीमत साल 2020 और 2021 में बढ़ी लेकिन इस साल की शुरूआत से हीं इसमें गिरावट देखने को मिल रही है।

क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में मचा हाहाकार, डूब गई ₹74 लाख करोड़ की बड़ी रकम: Bitcoin अपने पीक से 50% नीचे गिरा

क्रिप्टोकरेंसी बाजार

क्रिप्टोकरेंसी बाजार में गिरावट का दौरा जारी (प्रतीकात्मक चित्र)

क्रिप्टोकरेंसी बाजार (Cryptocurrency क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट Market) में गिरावट का दौर जारी है। सबसे बड़ी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत शुक्रवार (21 जनवरी 2022) को 12% से अधिक घट गई और 36,000 डॉलर से भी नीचे गिरकर जुलाई के बाद सबसे निम्नतम स्तर पर आ गई। बिटकॉइन नवंबर 2021 में अपने पीक पर था, तब से अब तक इसमें लगभग 50% की गिरावट आ चुकी है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, बिटकॉइन के अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई है। जैसे डिजिटल करेंसी Ether और मीम कॉइन में भी बड़ी गिरावट आने से क्रिप्टोकरेंसी बाजार प्रभावित हुआ है। Ethereum 12.1% गिरकर 2,593.50 डॉलर पर बंद हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार से प्रोत्साहन वापस लेने के फेडरल रिजर्व के फैसले से, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को भारी नुकसान पहुँचा है।

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार (22 जनवरी 2022) को बिटकॉइन की कीमत लगभग 10% की गिरावट के साथ 35,450 डॉलर पर कारोबार कर रही है। इस साल की शुरुआत से ही इसमें 14 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। नवंबर 2021 के बाद से बिटकॉइन में लगातार गिरावट के ट्रेंड ने बाजार मूल्य में 600 बिलियन डॉलर से अधिक का सफाया कर दिया है और कुल क्रिप्टो बाजार से 1 ट्रिलियन डॉलर (74 लाख करोड़ रुपए) से अधिक का क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट नुकसान हुआ है। बेस्पोक इन्वेस्टमेंट ग्रुप के अनुसार, बिटकॉइन और क्रिप्टो बाजार में यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है।

बताया जा रहा है कि क्रिप्टो-केंद्रित स्टॉक (Crypto Centric Stock) में भी शुक्रवार को बड़ी गिरावट आई। इस दौरान एक पल ऐसा भी आया, जब कॉइनबेस ग्लोबल इंक (Coinbase Global क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट Inc) में लगभग 16% की गिरावट दर्ज की गई और 2021 में पब्लिक डेब्यू करने के बाद से यह अपने निम्नतम स्तर पर आ गया। इसी तरह MicroStrategy Inc. ने 18% की गिरावट दर्ज की।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है। क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट यह एक निजी कंप्यूटर चेन से जुड़ी हुई होती है और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है। कई देश इसे लीगल कर चुके हैं। क्रिप्टोकरेंसी को आज सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका क्रिप्टो एक्सचेंज कहते हैं, इसके जरिए इसे खरीदना आसान हो गया है। दुनिया भर में सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं। भारत में काम कर रहे वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर, क्वाइन डीसीएक्स गो समेत कई एक्सचेंज संचालित है, जहाँ से बिटक्वाइन, इथेरियम, टेथर और डॉजक्वाइन समेत दुनिया भर की डिजिटल मुद्राएँ खरीदी जा सकती हैं।

Cryptocurrency: क्रिप्टो ने डुबाया, करोड़ों रुपया स्वाहा! भारत पर कितना पड़ेगा असर?

Bitcoin Down: भारतीय निवेशक इससे काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार लोगों द्वारा बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है. भारत में आरबीआई पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का विरोध कर रहा है, जबकि सरकार शुरू में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को विनियमित करने का विचार कर रही थी.

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Cryptocurrency: क्रिप्टो ने डुबाया, करोड़ों रुपया स्वाहा! भारत पर कितना पड़ेगा असर?

Bitcoin Price: विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आई बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. वहीं भारत क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट में इसका खास असर नहीं हुआ है. इसका श्रेय सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सतर्क रुख को जाता है. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार किया है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है. वहीं सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए कर का रास्ता चुना है. क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब डॉलर था, जिसका कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब डॉलर से भी कम रह गया है.

दिवालिया हुआ बाजार

हालांकि, भारतीय निवेशक इससे काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार लोगों द्वारा बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है. भारत में आरबीआई पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट विरोध कर रहा है, जबकि सरकार शुरू में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को विनियमित करने का विचार कर रही थी. हालांकि, सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्चुअल मुद्राओं के संबंध में वैश्विक सहमति की आवश्यकता है क्योंकि ये सीमाहीन हैं और इसमें शामिल जोखिम बहुत अधिक हैं.

क्रिप्टो बाजार में गिरावट

आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली से बचकर निकल जाने के लिए विकसित किया गया है और यह उनके साथ सावधानी बरतने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए. उद्योग का अनुमान है कि भारतीय निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश केवल तीन प्रतिशत है. वैश्विक क्रिप्टो बाजार में गिरावट के बावजूद, भारत की क्रिप्टोकरेंसी कंपनियां अभी तक किसी जल्दबाजी में नहीं हैं. भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का परिचालन जारी है.

उठाए गए कदम उचित

सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ केंद्रीय बैंक के सतर्क रुख की वजह से भारत में क्रिप्टो का बड़ा बाजार नहीं खड़ा हो सका. अगर भारतीय संस्थाएं क्रिप्टो में शामिल हो गई होतीं, तो देश में कई लोगों के पैसे डूब जाते. एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह के अनुसार, आरबीआई और सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देने के लिए उठाए गए कदम इस समय उचित हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को ‘स्पष्ट खतरा’ बताया था.

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