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एमएसई को डॉलर

एमएसई को डॉलर
जिन्हें कोई भी लघु उद्यमी खरीदने की एमएसई को डॉलर क्षमता नहीं रखता है। सूत्रों ने बताया कि ऐसे में उद्यमी उस स्थान पर अपने उत्पादों को काफी बेहतर गुणवत्ता का बना सकते हैं। इसके साथ ही सरकार उन्हें पास में ही बेहतर बाजार भी मुहैया करा देती है। देश के विभिन्न प्रदेशों के खरीदार को इन उत्पादों को खरीदने के लिए बहुत ज्यादा भटकना नहीं पड़ता है। साथ ही खरीदार खुद उत्पादकों के पास आकर खरीदने का कार्य करेंगे।

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गोरखपुर: गुलरिया में टेराकोटा शिल्पकारों के लिये क्लस्टर को मंजूरी

गोरखपुर। जिले के गुलरिया में सरकार ने टेराकोटा शिल्पकारों के लिए कलस्टर लगाने की मंजूरी दे दी है। टेराकोटा उत्पादक अपने बेहतरीन क्वालिटी के उत्पादकों को गुलरिया में उत्पादन कर देश-विदेश में अच्छी कीमत पर मुनाफा कमाते हुए गोरखपुर सहित प्रदेश का नाम रोशन करने का काम कर सकेंगे। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जिलाधिकारी …

गोरखपुर। जिले के गुलरिया में सरकार ने टेराकोटा शिल्पकारों के लिए कलस्टर लगाने की मंजूरी दे दी है। टेराकोटा उत्पादक अपने बेहतरीन क्वालिटी के उत्पादकों को गुलरिया में उत्पादन कर देश-विदेश में अच्छी कीमत पर मुनाफा कमाते हुए गोरखपुर सहित प्रदेश का नाम रोशन करने का काम कर सकेंगे।

जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जिलाधिकारी कार्यालय में सीएससी क्लस्टर की स्थापना के लिए रविवार एमएसई को डॉलर एमएसई को डॉलर को ईओआई की जिला स्तरीय समिति के साथ बैठक किया। गुलरिया टेराकोटा उत्पादक अपने इस क्लस्टर की ओर से बेहतरीन क्वालिटी के टेराकोटा के अन्य बेहतरीन वस्तुएं बना सकेंगे।

अर्थशास्त्री बोले- जो पिछली सरकारों ने नहीं किया, वो मोदी सरकार के बजट में हुआ

मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट को अर्थशास्त्री सकारात्मक मानते हैं. (फाइल फोटो)

  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2019,
  • (अपडेटेड 05 जुलाई 2019, 4:51 PM IST)

नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी दूसरी पारी का पहला बजट शुक्रवार को संसद में पेश किया. सरकार ने पहली बार सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई की तर्ज पर सोशल स्टॉक एक्सचेंज की बात की है. सामाजिक सरोकारों से उद्यमों को जोड़ने के लिहाज से इसे अर्थशास्त्री बेहद सकारात्मक कदम मानते हैं. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, यूं तो इस बजट में बहुत सी चीजें गुम हैं, कई योजनाओं की पूरी रूपरेखा अभी साफ नहीं की गई है. मगर फिर भी इसमें एक विजन दिखता है, जो आने वाले वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव का संकेत देता है.

1 अक्टूबर 2019 से लागू हो जाएंगे ये नए नियम, जानिए आप पर कैसे पड़ेगा सीधा असर

Written by: India TV Business Desk
Published on: September 28, 2019 17:44 IST

new rules apply from 1 october 2019 - India TV Hindi News

new rules apply from 1 october 2019

नई दिल्ली। 1 अक्टूबर 2019 से देशभर में कई नए नियम लागू हो जाएंगे, जिसका आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। बैंकिंग, ट्रांसपोर्टिंग, जीएसटी रेट, कॉर्पोरेट टैक्स, प्लास्टिक के प्रयोग एमएसई को डॉलर समेत कई चीजें बदल जाएंगी। इसके अलावा रसोई गैस की कीमतों में भी इसी दिन बदलाव किया जाएगा। अगर आपने समय रहते इन नियमों पर ध्यान नहीं दिया तो आपका नुकसान होना तय है। आप भी जानिए कि नए नियमों के बारे में जो 1 अक्टूबर 2019 से लागू हो जाएंगे।

गोरखपुर: गुलरिया में टेराकोटा शिल्पकारों के लिये क्लस्टर को मंजूरी

गोरखपुर। जिले के गुलरिया में सरकार ने टेराकोटा शिल्पकारों के लिए कलस्टर लगाने की मंजूरी दे दी है। टेराकोटा उत्पादक अपने बेहतरीन क्वालिटी के उत्पादकों को गुलरिया में उत्पादन कर देश-विदेश में अच्छी कीमत पर मुनाफा कमाते हुए गोरखपुर सहित प्रदेश का नाम रोशन करने का काम कर सकेंगे। जिलाधिकारी विजय किरन एमएसई को डॉलर आनंद ने जिलाधिकारी …

गोरखपुर। जिले के गुलरिया में सरकार ने टेराकोटा शिल्पकारों के लिए कलस्टर लगाने की मंजूरी दे दी है। टेराकोटा उत्पादक अपने बेहतरीन क्वालिटी के उत्पादकों को गुलरिया में उत्पादन कर देश-विदेश में अच्छी कीमत पर मुनाफा कमाते हुए गोरखपुर सहित प्रदेश का नाम रोशन करने का काम कर सकेंगे।

जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जिलाधिकारी कार्यालय में सीएससी एमएसई को डॉलर क्लस्टर की स्थापना के लिए रविवार को ईओआई की जिला स्तरीय समिति के साथ बैठक किया। गुलरिया टेराकोटा उत्पादक अपने इस क्लस्टर की ओर से बेहतरीन क्वालिटी के टेराकोटा के अन्य बेहतरीन वस्तुएं बना सकेंगे।

जानिये क्या है क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम फॉर माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के बारे में

Nitika Ahluwalia

हर कोई अपने व्यवसाय में निवेश करके अपने व्यवसाय को अच्छा बनाना चाहता है चाहे वह छोटा उद्यमी हो या फिर कोई मध्यम वर्ग का। आज के समय में हर कोई अपना खुद का व्यवसाय खोलना चाहता है लेकिन किसी न किसी कारण वह बिज़नेस विफल हो जाते है। ज्यादातर लोग वित्तीय कमियों के कारण बिज़नेस में निवेश करने से बचते हैं और व्यवसाय को बनाए रखने के लिए उनके पास आवश्यक बैकअप नहीं होता है। जब व्यवसाय का आकार छोटा होता है और वित्तीय आवश्यकता न्यूनतम होती है, तो कंपनियां विफल हो जाती हैं।

इन सारी चीजों को देखते हुए क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम फॉर माइक्रो एमएसई को डॉलर और स्मॉल एंटरप्राइजेज(सीजीटीएमएसई) बिना कोलेटरल के लोन की पेशकश करके समस्या को हल करने की दिशा में काम करता है। वित्तीय संस्थान गारंटी देता है कि उधार लेने वाला स्वीकृत राशि को चुकाने में सक्षम होगा। इस गारंटी का मतलब है कि संगठन पहली पीढ़ी से उद्यमियों की मदद करने पर केंद्रित है। लंबे समय में इससे देश की बिज़नेस कल्चर में सुधार होगा। साथ ही व्यवसाय को शुरू करने वाले लोग इससे बड़ा बना पाएंगे। इसके अलावा इन विचारों को नीतियों या तीसरे पक्ष से गारंटी की वजह से ब्लॉक नहीं किया जाता है।

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