अमेरिकन एक्सचेंज

Gandhi-King scholarly exchange initiative : गांधी-किंग स्कॉलरली एक्सचेंज इनिशिएटिव
यह पहल महात्मा गाँधी अमेरिकन एक्सचेंज के अहिंसा के सिद्धांतों पर स्थापित संघर्ष समाधान के ऊपर एक विकास प्रशिक्षण प्रणाली स्थापित करने और भारत में सामाजिक, पर्यावरणीय तथा स्वास्थ्य सम्बन्धित चिंताओं को दूर करने के लिए एक आधार स्थापित करने का प्रयास करेगा.अमेरिकन एक्सचेंज
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने गांधी किंग विद्वानों के आदान-प्रदान की पहल शुरू की थी इस पहल के तहत 20 नौजवान, हुनरमंद, सिविक लीडर को इंडिया और अमेरिका दोनों ही देशों से लिया जाएगा और गांधी के साथ डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर के विरासत के बारे में पढ़ाया जाएगा। इस एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए लोगों के बीच जागरूकता सिविक राइट विंग लीडर जॉन लुइस जिनका निधन जुलाई 2020 में हुआ उन्होंने शुरू की थी। इस प्रोग्राम को स्पॉन्सर इंडियन अमेरिकन कांग्रेस मैन अमी बेरास द्वारा किया जाएगा जिसके ऊपर सितंबर 2020 में ही अमेरिका के फॉर्मर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साइन किए थे । हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग के इतिहास और उनकी विरासत को रेखांकित करने के लिए यह पहल शुरू की गई है। तो चलिए जानते हैं इस पहल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें और साथ ही गांधी और मार्टिन लूथर किंग के बीच समानताओं के बारे में- यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now.
पूरा मामला -
अमेरिका की कांग्रेस कमिटी ने वर्ष 2009 में अमेरिकी नागरिक अधिकार नेता और कानूनविद जॉन लुईस की भारत यात्रा से प्रेरित एक विधेयक पारित किया था.
जॉन लुईस ने डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर की भारत यात्रा की 50 वीं वर्षगाँठ के मौके पर भारत अमेरिकन एक्सचेंज का दौरा किया था. जॉन लुईस द्वारा लिखित इस बिल को तब कांग्रेस समिति द्वारा 29 जुलाई को मंजूरी दी गयी थी. मंगलवार को इस विधेयक को पारित कर दिया गया है. यह दोनों देशों के बीच सम्बन्ध को और मज़बूत करेगा. यह बिल अमी बेरा द्वारा सह प्रायोजित है.
यह विधेयक भारत सरकार तथा अमेरिकी सरकार को दोनों देशों के छात्रों के लिए एक वार्षिक शैक्षणिक मंच की स्थापना करने का अधिकार देता है जो दोनों महान हस्तियों के काम और विरासत का अध्ययन करेगा.
यह विधेयक महात्मा गाँधी के अहिंसा के सिद्धांतों पर स्थापित संघर्ष समाधान के ऊपर एक विकास प्रशिक्षण प्रणाली स्थापित करने और भारत में सामाजिक, पर्यावरणीय तथा स्वास्थ्य सम्बन्धित चिंताओं को दूर करने के लिए एक आधार स्थापित करने का प्रयास करेगा. बिल में यूएस इन्डिया, गाँधी किंग डेवलपमेंट फाउंडेशन की स्थापना की गयी है.
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जॉन लुईस कौन थे ?
जॉन लुईस अमेरिकी राजनेता और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थे. उन्होंने महात्मा गाँधी तथा मार्टिन लूथर किंग जूनियर के दर्शनों को लागू करने के लिए गाँधी-किंग एक्सचेंज अधिनियम बनाया था.
अमेरिका में ‘गांधी-किंग स्कॉलरली एक्सचेंज’ पहल की शुरुआत, भारत-US के 20 उभरते युवा नागरिक नेताओं को लाएगी एक साथ
वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने ‘गांधी-किंग स्कॉलरली एक्सचेंज’ पहल की शुरूआत की है, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के इतिहास तथा विरासत को रेखांकित करेगी। अपनी तरह की यह पहली पहल मंगलवार को शुरू की गई। पहल नागरिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समावेश …
वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने ‘गांधी-किंग स्कॉलरली एक्सचेंज’ पहल की शुरूआत की है, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के इतिहास तथा विरासत को रेखांकित करेगी। अपनी तरह की यह पहली पहल मंगलवार को शुरू की गई। पहल नागरिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समावेश को आगे बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका के 20 उभरते युवा नागरिक नेताओं को एक साथ लाएगी।
विदेश मंत्रालय के ‘ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स’ के अनुसार, पहल के तहत बुधवार से एक सप्ताह का ऑनलाइन कार्यक्रम और ओरिएंटेशन होगा, जिसके बाद सभी 20 युवा नेता अलबामा एंड एम यूनिवर्सिटी, हिस्टोरिकल ब्लैक कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी (एचबीसीयू) में दो सप्ताह के एक शैक्षणिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
कक्षा में ज्ञान हासिल करने और चर्चा के अलावा, प्रतिभागी मोंटगोमरी, सेल्मा तथा अलबामा में बर्मिंघम, टेनिस में मेम्फिस और जॉर्जिया में अटलांटा में नागरिक अधिकार साइट का दौरा करेंगे। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जनवरी 2023 में भारतीय तथा अमेरिकी प्रतिभागी महत्वपूर्ण स्थलों और संगठनों का दौरा करने के लिए भारत में फिर से मिलेंगे।
अमेरिकी शेयरों में ऐसे करें मोटी कमाई, 3 मार्च से शुरू हुई अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में निवेश की नई सुविधा
अब आप आसानी से अपने पैसे अमेरिकी शेयर बाजार में लगा सकते हैं और बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों के शेयरों में तेजी से खूब मुनाफा भी कमा सकते है. ऐसा कैसे संभव हुआ और यह निवेश आप कैसे कर सकते हैं
प्रवीण शर्मा | Edited By: अंकित त्यागी
Updated on: Mar 03, 2022 | 1:25 PM
आप चाहे दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में रह रहे हों या फिर मेरठ-औरंगाबाद जैसे छोटे शहरों में, अब आप घर बैठे अमेरिका की दिग्गज कंपनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), अमेजन (Amazon) या टेस्ला (Tesla) के शेयर खरीद सकते हैं और मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. आप अपना पैसा अमेरिकी बाजार में कैसे लगाएंगे, यह बात हम आपको समझाएंगे.यह सुविधा आपके लिए NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज लेकर आया है. NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज National Stock Exchange की सब्सिडयरी है और यह गुजरात के गिफ्ट सिटी में है. तीन मार्च से NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज के ज़रिए आप चुनिंदा अमेरिकी शेयरों में निवेश कर सकते हैं. यह निवेश Unsponsored depository receipts यानी DR के जरिए होगा.
अभी सिर्फ इन शेयरों में लगा पाएंगे पैसा
शुरुआत में आप माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, टेस्ला के अलावा नाइकी, ऐक्सॉन मोबिल, कोका-कोला, एप्पल, अल्फाबेट जैसी 50 बड़ी अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में निवेश कर पाएंगे.
फोरेक्स कारोबार के नाम पर अमेरिकन-स्वीडन और सिंगापुर के नागरिकों से सवा करोड़ ठगे
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फोरेक्स कारोबार और शेयर में निवेश का झांसा देकर अमेरिकन, स्वीडन, सिंगापुर, यूके के नागरिकों से ठगी कर रहा था। गिरोह के सरगना ने पांच माह में एक करोड़ 30 लाख रुपये ठगना स्वीकारा है। पुलिस ने उसके 28 कर्मचारियों को भी पकड़ा है। जांच के लिए अमेरिकन जांच एजेंसी एफबीआइ सहित ईडी, आयकर और डीआरआइ को पत्र लिखा गया है।
एसपी (एसटीएफ) मनीष अमेरिकन एक्सचेंज खत्री के मुताबिक गिरोह का सरगना तपेश्वर पुत्र दीपसिंह तंवर निवासी एमआर-3 महालक्ष्मी नगर है। वह 'द एक्सचेंज बिजनेस कंस्लटेंसी सर्विस' के नाम से कृष्णा बिजनेस सेंटर (विजय नगर) में एडवाइजरी फर्म संचालित कर रहा था। गुरुवार को डीएसपी सोनू कुर्मी और निरीक्षक सहर्ष यादव की टीम ने दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। डीएसपी के मुताबिक आरोपित ने फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले युवक युवतियों को नौकरी पर रखा था। इंटरनेट मीडिया से विदेशों का डेटा निकाल वर्चूअल ग्लोबल फोन से इंटरनेट नंबर लेकर अमेरिकन, स्विडन, सिंगापुर सहित अन्य देशों के नागरिकों को शेयर और फोरेक्स कारोबार में निवेश का झांसा देकर रुपये जमा करवा लेता था।
डीएसपी के मुताबिक तपेश्वर के एक खाते में एक करोड़ 30 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन मिला है। वह कंपनी का मुख्यालय सिंगापुर में बताता था। उसकी टीम के सदस्यों को पहले अमेरिकन उच्चारण वाली अंग्रेजी बोलने का प्रशिक्षण देता था। ज्यादातर बात वॉट्सएप और ईमेल से होती थी। आरोपित सिल्वर फोक्स नामक एक विदेशी कंपनी में रुपये जमा करवाकर एक्सचेंज के माध्यम से भारतीय मुद्रा में प्राप्त कर लेते थे। तपेश्वर को कोर्ट से तत्काल जमानत मिल गई। वकीलों ने दलील दी कि उसके खिलाफ कोई भी शिकायतकर्ता नहीं है और ठगी विदेशियों से की है। पुलिस अब मुख्यालय के माध्यम से एफबीआइ से संपर्क कर रही है।