इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें

अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड या इसके अंतर्गत कोई योजना 1000 से अधिक निवेशकों को स्वीकार नहीं कर सकती. इन योजनाओं में न्यूनतम योग्य राशि 20 करोड़ रुपये है. दूसरे शब्दों में हरेक योजना में कम से कम 20 करोड़ रुपये का कोष रहना ही चाहिए. किन्तु एंजेल फंड्स को अपेक्षाकृत कम योग्य राशि की अनुमति है.
निवेश करना सीखें
अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड (एआईएफ) निवेश का अपेक्षाकृत नया साधन है और कुछ वर्षों में इसका प्रचलन काफी बढ़ा है. विगत तीन वर्षों में सरकार के विभिन्न नियामक सुधारों, जैसे कि कमोडिटी डेरिवेटिव्स में निवेश करने की इजाजत, केटेगरी 1 और 2 फंड्स के लिए टैक्स पास-थ्रू ढांचा का क्रियान्वयन और आटोमेटिक रूट के तहत फण्ड में विदेशी निवेशों का समावेश के कारण वैकल्पिक निवेशों की तेज वृद्धि हुयी है.
इस आलेख में हम आपको अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स और इससे सम्बंधित हर चीज के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे. तो चलिए हम सबसे पहले अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स यानी वैकल्पिक निवेश फंड्स को समझने के साथ शुरुआत करते हैं.
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अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स क्या हैं ?
अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स भारत में स्थापित या निगमित निजी तौर पर समुच्चित निवेश साधन है. यह जानकार निवेशकों से फण्ड एकत्र करके उनका समुच्चय खडा करता है जिनमें भारतीय और विदेशी दोनों होते हैं. इस तरह जमा फण्ड को अपारंपरिक विकल्पों, जैसे कि रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें फंड्स, हेज फंड्स, प्राइवेट इक्विटी आदि में निवेश कर दिया जाता है. निवेश के उत्पाद की व्यापक रेंज से निवेशकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो को व्यापक बनाने और विविधीकृत करने में मदद मिलती है.
इन्वेस्टमेंट क्या है | और इन्वेस्टमेंट कहाँ करे। apne paise ko kaha invest इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें kare.
आज के समय पर आप सिर्फ पैसा कमा कर अपनी और अपनी फॅमिली की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकते। जिसके लिए सही जगह अपने पैसे का इन्वेस्टमेंट करना पड़ता है जिसके बदले में आपको अच्छा रिटर्न मिल सके। अगर आप अपने कमाए हुए पैसे को इन्वेस्टमेंट करने का बारे में नहीं सोच रहे तो आप एक बहुत अच्छी opportunity को खो देंगे क्योंकि आप उस पैसे पर एक अच्छे रिटर्न पा सकते है जैसे अपने सुना होगा की पैसे से पैसा कमाया जाता है। जिससे आपके सारे सपनों को पूरा करने में मदद कर सकता है। इसलिए आज आप इस आर्टिकल में जानेगे की इन्वेस्टमेंट क्या है | और इन्वेस्टमेंट कहाँ करे। apne paise ko kaha invest kare.
इन्वेस्टमेंट क्या है investment kya hoti hai.
दोस्तों इन्वेस्टमेंट यानी जिसे हिंदी में हम निवेश भी कहते है। निवेश या investment का अर्थ होता है हम अपने पैसे को ऐसी जगह इन्वेस्ट करे ताकि भविष्य में हमे ज़्यादा returns मिल सके उसी को हम investment या फिर निवेश कहते है। निवेश का मुख्य लक्ष्य होता है। कि हम जिस चीज में भी इन्वेस्टमेंट करते है उसमे हमे भविष्य में ज्यादा प्रॉफिट इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें हो सके।
अपने ऊपर जाना कि इन्वेस्टमेंट क्या होता है अब हम जान लेते है इन्वेस्टमेंट कितने प्रकार की होती है। वैसे तो इन्वेस्टमेंट बहुत प्रकार की होती है। पर हम बात करेंगे सिर्फ आठ प्रकार की इन्वेस्टमेंट के ऊपर।
- Induced Investment.
- Planned Investment.
- Unplanned Investment.इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें
- Total Investment.
- Actual Investment.
- Autonomous Investment.
- Net Investment.
- Financial Investment.
निवेश कहां करें निम्न में से कौन निवेश का सबसे अच्छा साधन है
आप सिर्फ 500 रूपये का निवेश करके भी अच्छा रिटर्न पा सकते है। वैसे तो दोस्तों सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानि की SIP में Equity mutual fund में इन्वेस्टमेंट एक बहुत अच्छा साधन होता है अपने पैसे को निवेश करने का। इसमें आपको हर महीने एक फिक्स अमाउंट इन्वेस्ट करना होता है लम्बे समय इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें के लिए जिसमे आपको अच्छा रिटर्न मिलता है। और यह बिलकुल रिस्क फ्री होता है। आप इसमें मात्र 500 रूपये से शुरवात कर सकते है। इसमें लम्बे समय के बार अच्छा रिटर्न की वेहतर उम्मीद होती है।
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दोस्तों यह था मेरा एक छोटा आर्टिक्ल इन्वेस्टमेंट क्या है इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें | और इन्वेस्टमेंट कहाँ करे। apne paise ko kaha invest kare. अगर आपको अच्छा लगा तो जरूर अपने अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। और मुझे कमेंट करके भी जरूर बताये।
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5. कोई नहीं जान सकता मार्केट की टाइमिंग
स्टॉक मार्केट अस्थिर है, इसमें उतार—चढ़ाव लगा रहता है और कोई भी इसके बारे में सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता. हालांकि कुछ लोग सही अंदाज लगा लेते हैं लेकिन ऐसा केवल एक या दो बार सही हो सकता है, हर बार नहीं. ज्यादातर इन्वेस्टर्स मानते हैं कि वे सही समय पर मार्केट के उतार—चढ़ाव का सही और वक्त पर पता लगा सकते हें लेकिन मार्केट की टाइमिंग का पता रहना केवल एक मिथ है.
जिस तरह जिंदगी में अनुशासन होना जरूरी है, उसी तरह इन्वेस्टमेंट में भी अनुशासन मायने रखता है. अच्छा रिटर्न देने के बावजूद स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने वालों की कमी है, जिसकी वजह इसका उतार—चढ़ाव है. हालांकि जिन इन्वेस्टर्स ने सिस्टेमेटिक अप्रोच के साथ पैसा लगाया है, उन्हें वक्त के साथ सही रिटर्न मिला है. इसलिए जरूरी है कि लॉन्ग टर्म सिनेरियो को ध्यान में रखने के अलावा धैर्य के साथ अनुशासनात्मक इन्वेस्टमेंट अप्रोच को फॉलो किया जाए.
7. फैसलों पर इमोशंस को न होने दें हावी
स्टॉक मार्केट में इमोशंस के लिए जगह नहीं है, विशेषकर डर और लालच के लिए. ऐसे कई मामले हुए, जब इमोशंस पर कंट्रोल न कर पाने के चलते कई इन्वेस्टर्स को मोटा नुकसान उठाना पड़ा. यह सच है कि कम समय में छोटे इन्वेस्टमेंट का बड़ा रिटर्न पाने की कहानियां सुनने के बाद एक झटके में पैसा बनाने की ललक से दूर नहीं रहा जा सकता है. इसके चलते इन्वेस्टर्स बिना ज्यादा सोचे अनजान शेयरों को खरीद लेते हैं और बाद में मार्केट का रुख बदलते ही उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि अच्छा रिटर्न पाने के लिए अटकलों को न मानकर सही रिसर्च के साथ स्टॉक चुने जाएं.
निवेश से अच्छा रिटर्न पाने की चाहत गलत नहीं है लेकिन जो संभव न हो यानी अव्यावहारिक रिटर्न पाने की आशा गलत है. कई स्टॉक मार्केट स्टडीज दर्शाती हैं कि 12 फीसदी से ज्यादा रिटर्न अलार्म है कि आगे मार्केट गिरने वाला है. ऐसे में होने वाला नुकसान अर्निंग से कहीं ज्यादा होगा.
9. कभी न लगाएं जरूरत का पैसा
इन्वेस्टमेंट के लिए कभी भी अपनी जरूरत का पैसा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. हमेशा अतिरिक्त पैसे को ही इन्वेस्ट करना चाहिए. स्टॉक मार्केट के मामले में यह जरूरी नहीं है कि अगर आज नुकसान नहीं हो रहा है तो आगे भी कभी नहीं होगा. इसलिए सलाह दी जाती है कि अतिरिक्त फंड ही इन्वेस्ट करें ताकि अगर कभी नुकसान उठाना पड़े तो भी आपकी इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें जिंदगी सही तरीके से चलती रहे. हालांकि नुकसान के बजाय प्रॉफिट भी हो सकता है, इसलिए जोखिम लें लेकिन संभलकर.
आज के दौर में विश्व के सभी राष्ट्रों के मार्केट अपनी-अपनी बाउंड्री तोड़कर एक साथ आ रहे हैं और मिलकर एक ग्लोबल विलेज तैयार कर रहे हैं. ऐसे में विश्व के किसी भी हिस्से में घटित कोई भी घटना या कोई भी महत्वपूर्ण ईवेंट, हर देश के फाइनेंशियल मार्केट को काफी ज्यादा प्रभावित करता है. इसलिए जरूरी है कि सभी ग्लोबल ईवेंट्स को लेकर अपडेट रहा जाए और पोर्टफोलियो को लगातार मॉनिटर किया जाए. अगर आप खुद से पोर्टफोलियो का रिव्यू नहीं कर सकते तो अच्छा रहेगा कि किसी फाइनेंशियल एडवायजर या प्लानर को हायर कर लिया जाए.
निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प
निवेश के किसी विकल्प को चुनते वक्त आपको जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के बारे में इन्वेस्टमेंट के प्रकार या इन्वेस्टमेंट कहाँ करें जानना-समझना जरूरी है. कुछ निवेश ऐसे हैं जिनमें लंबी अवधि में अधिक जोखिम के साथ अधिक रिटर्न का मौका मिलता है.
निवेश के वास्तव में दो तरीके हैं-वित्तीय और गैर वित्तीय निवेश विकल्प.
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वित्तीय प्रोडक्ट में आप शेयर बाजार से संबद्ध विकल्प (शेयर, म्यूचुअल फंड) चुन सकते हैं या फिक्स्ड इनकम (PPF, बैंक FD आदि) के विकल्प चुन सकते हैं. गैर वित्तीय निवेश विकल्प में सोना, रियल एस्टेट आदि आते हैं. ज्यादातर भारतीय निवेश अब तक निवेश के इसी गैर वित्तीय निवेश विकल्प का प्रयोग करते रहे हैं.