विशेषज्ञों के कुछ सुझाव

डे ट्रेडिंग क्या है

डे ट्रेडिंग क्या है

Intraday Trading क्या है? Day Trading कैसे करें?

Intraday Trading क्या है? Day Trading कैसे करें? क्या आप भी intraday trading करने की सोच रहे हैं। लेकिन आप डे ट्रेडिंग के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं। तो फिर आइए आज हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है? इसे कैसे करे? साथ ही intraday करने के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दूंगा।

Intraday Trading क्या है?

Intraday Trading में किसी भी कंपनी के शेयर को एक ही ट्रेडिंग दिन के लिए खरीदा और बेचा जाता हैं। इसलिए इसे Day Trading भी कहते है। एक दिन में शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव से intraday traders या day traders शेयर को खरीद और बिक्री करके प्रॉफिट कमाने का प्रयास करते हैं।

अगर आसान शब्दो में समझाए तो intraday trading का मतलब intraday traders बाजार के खुलने के बाद शेयर को खरीदते हैं और ठीक बाजार के बंद होने से पहले बेच देते हैं। अगर आपने अपना शेयर नहीं बेचा तो आपका ब्रोकर अपने आप position को square off कर देता है। वहीं अगर शेयर आपने NRML पर खरीदे हैं तो आपका ब्रोकर पोजिशन को delivery trade में बदल देगा।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए बाजार खुलने के बाद आपने किसी कंपनी के 500 शेयर को 1000 रुपये पर खरीद लिया। अगर आपको यह लगता है कि यह शेयर आज 1010 तक जाएगा। जैसे ही यह स्टॉक 1010 रुपये तक गया और आपने शेयर को बेच दिया। तो ऐसे में आपको 5000 रुपये का प्रॉफिट होगा। इसी तरह डे ट्रेडर्स कुछ घंटो में एक अच्छा प्रॉफिट कमा लेते हैं। इसी को intraday trading या day trading कहते हैं।

Intraday Trading कैसे करे?

Day Trading करने के लिए आपको online trading platform (जैसे कि Zerodha, Upstock, Angel broking आदि) अंगेलब्र पर अपना demat account खोलना पड़ेगा। बिना डिमैट खाता के आप किसी भी तरह की ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। इसलिए शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए डिमैट अकाउंट होना आवश्यक है। बता दूं कि intraday trading में काफी risk होता है। इसलिए डे ट्रेडिंग करने से पहले आपको कुछ खास जानकारी होना आवश्यक है। आइए तो फिर जानते हैं।

1. Intraday Trading करने के लिए आपके द्वारा चुने गए शेयर लिक्विड होना चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि जिस स्टॉक को आप खरीद रहे हैं उसमे वॉल्यूम हाई होना चाहिए। अगर किसी भी स्टॉक में वॉल्यूम कम है तो intraday trading के लिए उस share से दूर रहना चाहिए।

2. Intraday Trading करने के लिए सिर्फ 2 - 3 तीन अच्छे शेयरों का चुनाव करें।

3. शेयर के चुनाव से पहले बाजार का ट्रेंड देखे। इसके बाद ही intraday trading के लिए शेयर चुने।

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में शेयर की चाल में बहुत तेजी से मूवमेंट होता है। इसलिए ट्रेड लेने से पहले एंट्री प्राइस, टारगेट और सबसे महत्वपूर्ण स्टॉप लॉस पहले से तय कर लें। जिसे सही समय पर आप बाजार से बाहर निकल आए।

5. इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए उन शेयरों का चयन करना ज्यादा सही माना जाता है जो इंडेक्स या सेक्टर के साथ साथ चलते हैं।

6. सबसे महत्वपूर्ण कि share market risky होता है इसलिए उतने पैसे के ट्रेड ले जितना आपको loose करने में कोई दिक्कत ना हो।

Intraday Trading के फायदे क्या है?

Intraday Trading के advantages जाना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि यह फायदे अन्य ट्रेडिंग से डे ट्रेडिंग को भिन्य करते हैं।

1. निवेश या डिलीवरी की तुलना में इंट्राडे ट्रेडिंग में कम capital कि जरूरत होती है।

2. Intraday Trading में कम समय में प्रॉफिट कमा लेते हैं। लंबे समय तक आपको इंतजार नहीं करना पड़ता है।

3. अगर stock market में volatility ज्यादा हुई तो ज्यादा कमाई कर सकते हैं।

4. Day Trading में आपको leverage ज्यादा मिलता है। लेकिन लीवरेज सुविधा सभी ब्रोकर की अपनी अलग अलग होती है।

5. Day Trading में overnight risk नहीं होता है। वहीं होल्डिंग और लॉन्ग टर्म निवेश में overnight risk होता है।

6. Intraday Trading में आपको short selling कि भी सुविधा मिल जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि किसी स्टॉक को पहले बेच सकते हैं। इसके बाद कम रेट पर खरीद सकते हैं।

Intraday Trading के नुकसान क्या है?

डे ट्रेडिंग के आपने फायदे तो जान लिए है। इसी को देखकर आप intraday trading करने के लिए तैयार हो गए होगे। आपको लग रहा होगा कि intraday trading करना बहुत आसान होता है। लेकिन बता दू कि इंट्रा डे ट्रेडिंग के अगर advantages है, तो उसके कुछ disadvantages भी हैं। जिन्हे आपको जानना जरूरी है। तो आइए इसके नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

1. डे ट्रेडिंग में कुछ समय में प्रॉफिट कमाया जाता है। तो दूसरी तरफ कुछ समय में पैसा गवाया भी जाता है।

2. डे ट्रेडिंग में आपको कोई fix return नहीं मिलता है। यानी कि यहां कोई fix salary नहीं होती है जिस पर आप डिपेंड हो सके।

3. Leverage, अगर आपका प्रॉफिट को मल्टीपल करने के लिए मददगार साबित होता है। तो दूसरी तरफ आपका नुकसान भी मल्टिप्ल करता है।

4. Intraday Trade के लिए आपका discipline होना जरूरी है। अगर आप discipline नहीं रहे तो बहुत बड़ा नुकसान कर सकते हैं।

5. Intraday Trading में आपको psychologically मजबूत होना पड़ता है। जो intraday traders के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती होती है।

यह भी जाने-

निष्कर्ष-

Intraday Trading काफी risky होता है इसलिए intraday करने से पहले आपको मार्केट के बारे में जानकारी होनी चाहिए। मतलब यह कि यहां आज हर कोई पैसे कमाना चाहता है। लेकिन 90% लोगो के सफल ना होने का कारण उन्हें मार्केट के बारे में सही से जानकारी नहीं होती है।

अगर कुछ लोगो को मार्केट के बारे में जानकारी भी होती है तो money management या psychologically मजबूत नहीं होते हैं। Intraday में अगर आप इमोशंस पर ट्रेड करेगे, तो आपको भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयरों में तेजी से उतार चड़ाव होते हैं। इसलिए किसी के सलाह पर ट्रेड बिल्कुल ना ले। ट्रेड लेने से पहले उसका लॉजिक आपके पास होना चाहिए। मतलब यह की किसी भी ट्रेड को लेने से पहले आपको research और समझ विकसित करने की आवश्यकता है।

उम्मीद करता हूं कि आपको हमारा आज का लेख intraday trading क्या है? पसंद आया होगा। अगर आपको शेयर बाजार के बारे में जानकारी चाहिए तो हमारे डे ट्रेडिंग क्या है साथ जुड़े रहे। साथ ही इस पोस्ट को social media platforms जैसे कि फेसबुक, वॉट्सएप, आदि पर अपने दोस्तो को जरूर शेयर करें। ताकि वह भी इंट्रा डे ट्रेडिंग के बारे में जानकारी हासिल कर सके।

intraday trading : जानिए इंट्रा डे ट्रेडिंग क्या है

इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading), जैसा कि नाम से समझ आ जाता है, एक दिन भर के अन्तराल (Same day ) में की जाने वाली खरीद और बिक्री (share purchase & Sale), एक शेयर (Share ) को जिस दिन ख़रीदा जाये, उसी दिन उस शेयर को मार्केट बंद होने से पहले बेच भी दिया जाये, तो इस तरह कि Trading को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा (Intraday Trading) जाता है।

इंट्रा डे ट्रेडिंग (INTRADAY TRADING) की खास बातें :

1- अगर आप ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेड करते है तो ऐसे में, आपको अपना सौदा उसी दिन पूरा करना होता है, अगर आप मार्केट बंद होने से पहले खुद सौदे को पूरा नहीं करते है तो मार्केट बंद के समय शेयर का भाव जो भी होगा, आपका ब्रोकर उसे बेचकर अपना मार्जिन मनी ले लेगा।

intraday trading

2- इंट्रा डे ट्रेडिंग में सभी ब्रोकर्स अपने ग्राहकों को इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए MARGIN MONEY देते है,
जैसे अगर आपके पास 10 हजार रूपये है , और आपका ब्रोकर 10 गुना MARGIN MONEY दे रहा है, तो आप 10 हजार का 10 गुना यानी 1 लाख तक के शेयर खरीद और बेच सकते है।

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3- ब्रोकर को आपको होने वाले फायदे या नुकसान से कोई लेना देना होना होता है, आपने जो भी मार्जिन मनी लिया हुआ, उसको उतना मार्केट बंद होने से पहले वो वापस चाहिए होता है।

4- आप को इंट्रा डे ट्रेडिंग में सौदों को एक दिन में ही पूरा करना होता है, जैसे आज ख़रीदा तो आज ही बेचा और इस तरह आप सिर्फ एक दिन का ही रिस्क उठाते है।

5- शेयर मार्केट की पूरी जानकारी होने पर ही इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव बहुत तेजी के साथ होता है और नये निवेशक इसमें अक्सर करके फंस जाते हैं।

Author : Nitin Bansal

Disclaimer : यह केवल लेखक के विचार हैं । किसी भी नुकसान या फायदे के लिए लेखक या Aavaz.in उत्तरदायी नहीं होगा ।

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इंट्रा-डे ट्रेडिंग एक स्ट्रैटजी होती है जो किसी भी एसेट में एक सत्र के दौरान मूल्यों में आए तेज बदलाव का फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें निवेशक का पैसा काफी कम समय के लिए बाजार में रहता है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार में कमाई के लिए दो तरह की रणनीतियां अपनाई जाती हैं। पहली रणनीति में कमाई की उम्मीद रखने वाला वर्ग निवेशकों का होता है जो बाजार में पैसा पनपने के लिए छोड़ते हैं और समय के साथ ऊंचे रिटर्न हासिल करने की कोशिश करते हैं। वहीं दूसरा वर्ग ट्रेडर्स का होता है जो बाजार में छोटी-छोटी अवधि के कई ट्रेड यानी इंट्रा डे ट्रेड से अपना रिटर्न ऊंचा बनाते हैं। दोनो ही तरीकों के अपने फायदे और नुकसान हैं। हालांकि आम लोगों को जो वर्ग सबसे ज्यादा आकर्षित करता है वो वर्ग ट्रेडर्स का होता है, क्योंकि इसमें छोटी अवधि के दौरान ऊंची कमाई दिखती है।

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क्या होती है इंट्रा डे ट्रेडिंग

इंट्रा डे ट्रेडिंग का मतलब एक सत्र के अंदर ही कारोबार को पूरा करना होता है। आमतौर पर शेयर बाजार सुबह सवा 9 बजे से दोपहर बाद साढ़े तीन बजे तक खुला रहता है। अगर कोई कारोबारी सुबह कोई खरीद या बिक्री का सौदा करता है और शाम को इसी सौदे का उल्टा, यानी सुबह की खरीद पर शाम को बिक्री या फिर सुबह की बिक्री पर शाम को खरीद करता है तो इससे उसकी पोजीशन खत्म हो जाती है और एक ही दिन में वो वास्तविकता में बिना पैसे लगाए मुनाफा कमा लेता है। इसे ऐसे समझिए कि अगर कोई शख्स सुबह किसी शेयर को 100 रुपये में खरीदता है और शाम को वो 102 रुपये में इसी शेयर को बेच देता है तो अकाउंट में सुबह एक शेयर जुड़कर शाम को एक शेयर घट जाता है यानी बैंलेंस शून्य रहता है। वहीं खाते से 100 रुपये कटते हैं लेकिन 102 रुपये मिलते हैं यानी खाते में 2 रुपये बढ़ जाते हैं। इसका मतलब यह है कि आपके पोर्टफोलियो में बिना कोई शेयर बढ़े या घटे आपके बैंक खाते में 2 रुपये बढ़ जाते हैं।

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क्यों ट्रेडर्स करते हैं इंट्रा-डे ट्रेडिंग

इंट्रा डे ट्रेडिंग काफी जोखिम भरा काम है लेकिन इसमें माहिर ट्रेडर्स के लिए ये छोटी रकम से मोटा मुनाफा कमाने का तरीका भी है। दरअसल इंट्रा डे की मदद से आप एक ही रकम को बार बार इस्तेमाल कर हर ट्रेड से मुनाफा कमा सकते है। इसमें हर शाम पोजीशन खत्म करने से आपकी रकम अगले दिन नए सौदे के लिए फ्री हो जाती है। हालांकि इसमें जोखिम काफी ज्यादा होता है, ऐसे में इंट्रा डे सौदे करने के लिए या तो आपके पास बाजार की अच्छी समझ होनी चाहिए या फिर आपके पास बाजार को समझने वाला एक सलाहकार होना चाहिए। 5paisa आपको इसी तरह बाजार से जुड़ी अपनी टिप्स देता है जिसके जरिए आप इंट्रा डे में यानी एक दिन में ही बाजार में कमाई कर सकते हैं।

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एफएंडओ स्टॉक्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग

इंट्रा-डे ट्रेडिंग एक स्ट्रैटजी होती है जो किसी भी एसेट में एक सत्र के दौरान मूल्यों में आए तेज बदलाव का फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें निवेशक का पैसा काफी कम समय के लिए बाजार में रहता है और तेजी से ट्रेड की वजह से कुल रकम पर रिटर्न बेहद ऊंचे हो जाते हैं। इस रणनीति का फायदा एफएंडओ में भी उठाया जाता है जहां डेरिवेटिव्स में एक सत्र के दौरान आए तेज उतार-चढ़ाव से ऊंचे रिटर्न बनाए जाते हैं। वहीं एफएंडओ स्टॉक्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग का एक और फायदा मिलता है। दरअसल, मार्जिन की वजह से एफएंडओ स्टॉक्स में ट्रेड कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू के काफी कम अमाउंट पर किया जा सकता है यानी आप जितनी रकम सामान्य स्टॉक्स की ट्रेडिंग में लगाते हैं उतनी ही रकम से एफएंडओ में इससे कहीं ज्यादा बड़े सौदे कर सकते हैं। अगर आपकी गणित सही रहा तो एफएंडओ स्टॉक में इंट्रा डे रणनीति से आप अपना फायदा उतनी ही रकम पर कई गुना बढ़ा सकते हैं।

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हालांकि इस तरह की रणनीति में रकम डूबने के खतरे भी ज्यादा होते हैं ऐसे में आपको सही सलाह की जरूरत होती है। 5paisa का F&O segment पर पूरा फोकस है और एप आपको उसी रकम से तेजी के साथ ऊंचे रिटर्न पाने में मदद करता है. अगर आप अपनी रकम का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहते हैं तो 5paisa के साथ अकाउंट खोल कर बाजार में अपनी जर्नी शुरू करें और देखें कि कैसे कम रकम से भी ऊंचे रिटर्न हासिल किए जा सकते हैं।

Intraday Trading kaise kare in Hindi

दोस्तों, बात शेअर मार्केट की हो और Intraday कि चर्चा ना हो ऐसा हो सकता है क्या? इंट्राडे ट्रेडिंग दिखने में जितनी आसान दिखती है उतनी ही पेचीदा होती हैं.Intraday Trading Kaise kare इसीलिए आपके पैसे को सेफ रखने के लिये और उसे बढ़ाने के लिये हम आपके लिये Intraday Trading के नुस्खे बतायेंगे जिसे अगर आप समझते हैं तो बड़े आसानी से और विचारपुर्वक आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हों.
इंट्राडे ट्रेडिंग वहीं कर सकता है जो शेअर मार्कट का गणित समजता हैैं.आपने अभी अभी शेअर मार्केट पे आई सोनी कि वेबसेरिज देखी ही होगी जिसका नाम था स्कैम 1992 जो की भारत के सबसे बढे स्कैंम हर्षित मेहता पर बनी थी इसमें एक डायलॉग है जो कि देखा जाये तो इसमें बहुत सच्चाई हैं वह डाॅयलाॅग यह था कि शेअर मार्केट इतना बढ़ कुआं है कि हर एक कि प्यास बुझा सकता हैं, हालाकी यह सच भी लेकिन बिना नाॅलेज के यह आपको डुबा भी सकती हैं.

Intraday Trading Tricks & Tips in Hindi 2021

इससे पहले हमने आपको शेअर मार्केट के आधारित बहुत से विषय थे जिनके बारे में पुरे विस्तार से बताया है यह भी आप पढ़ सकते हैं.

इंट्रा-डे ट्रेडिंग क्या होती हैं?

अगर हम किसी Stock को आज के दिन ही खरिदते है और आज के दिन हि बेचते हैं तो इस इंट्रा-डे कहते हैं.
अगर आपने उसे बेचा नहीं तो भी ऑटोमैटिक वह स्केअर अप यानी एक्सिट हो जाता हैं जैसे ही ट्रेंडिंग का समय खत्म होता हैं.
इंट्रा-डे में आपको कम पैसों में ज्यादा शेअर खरिदने मिलते हैं यानी ज्यादा नफा और इसका उल्टा ज्यादा रिस्क भी, कुछ भी हो जाये आपको नुकसान हो या फायदा वह दिन के आखिर में पता लग ही जायेंगा.

अगर आप इंट्राडे करते हैं तो हम कुछ टिप्स और ट्रिक्स आपको बताने जा रहे हैं.

इंट्रा-डे ट्रेडिंग करने के 7 टिप्स और ट्रिक्स:

1. ओवर ट्रेडिंग से दुर रहें

यह सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक बात है अगर आप नये नये स्टाॅक मार्केट में आहे हो तो क्योंकि ज्यादातर लोग इसी कारण नुकसान में रहते हैं.
ओवर ट्रेडिंग मतलब जादा ट्रेंड लेना और अपने रिस्क को बढाना.
जब हम इंट्रा-डे करना चाहते हैं तो पहले ही यह फिक्स करले कि आप कितने ट्रेंड ज्यादा से ज्यादा लेंगे इससे होगा ये कि आपका कॅपिटल बच जायेगा और आप अगले दिन ट्रेंड ले पायेंगे.
ज्यादातर लोग अगर थोड़े लाॅस में जाते हैं तो उसको रिकव्हर करने के लिये बादमें फिर बिना सोचे समझे ट्रेंड में घुस जाते हैं और ज्यादा नुकसान कर बैठते हैं.
एक बाद डे ट्रेडिंग क्या है हमेशा याद रखिये जिस दिन मार्केट आपके ऍनालायसिस में मेल खायेगा तब आपको प्रोफिट होना तय है लेकिन जबरदस्ती ट्रेंड ना लें इससे गलती होने कि जादा चान्सेस हो जाते हैं.

2. चुनिंदा स्टेटर्जी पर काम करें
इंट्रा-डे में यह छोटी छोटी बातें ही हिरो या जेरो बना देती हैं. बहुत से लोग ज्यादातर नये नये मार्केट में पैर रखनेवाले किसी स्टॅटर्जी को सुनते हैं या देखते हैं और उसी पे ट्रेंड करना चालु कर देते हैं थोड़े दिन उससे प्रोफिट भी मिलता हैं लेकिन एक दिन ऐसा आता है की यह काम नहीं करता तो उसे छोड़कर दुसरे स्टेटर्जी को ढुढने लग जाते हैंं, और वह भी किसी दिन नहीं चलती तो और कोई तिसरी स्टॅटर्जी,ऐसे में आपको लाॅस होना तय हैं क्योंकी कोई भी कितनी भी अच्छी स्टॅटर्जी हो वह १०० प्रतिशत कभी नहीं वर्क करेगी इसलिये चुनिंदा स्टेटर्जी पर ही काम करें भले एक दो दिन के लिये नुकसान हो लेकिन महिने के आखिर में या साल के एंड में आप उसे सही तरिके से फोलो करते हो तो आप फायदे में ही रहोगें.

3. स्टाॅपलाॅस लगाने कि आदत डालें

कितना भी आपको Confidence हो कि शेअर प्राइस आपके डायरेक्शन में जायेंगी लेकिन स्टाॅपलाॅस लगाना ना भुले क्योंकी किसी एक न्युज से या ज्यादा सेलर आने से कई बार एक ही केंडल में प्राइस गलत डायरेक्शन में जाता है इससे हमारा ज्यादा नुकसान हो सकता हैं इसलिये स्टाॅपलाॅस लगाने कि आदत हमेशा डाले.
टार्गेट सेट करना इतना महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन एक ट्रेंड में हमारा ज्यादा से ज्यादा कितना नुक्सान हम सह सकते उतना ही स्टाॅपलास आपका होना चाहिये और उसके हिसाब से आपको ट्रेंड में उतरना चाहियें.
अगर रिस्क को सही से हम मैनेज करना हम सिख गये तो‌ नुकसान होना नामुमकिन हैं.

4. ट्रेंड लेने से पहले एनालायसिस करें ट्रेंड लेने के बाद नहीं
जितना रिसर्च करना है वह ट्रेंड लेने से पहले करें बाद में या तो आपका स्टाॅपलाॅस हिट होना चाहिये या तो टार्गेट , कई लोग ट्रेंड में इंट्री लेने के बाद उसकी एनालिसिस करने बैठ जाते हैं और वह स्टाॅक प्राॅफिट भी दे रहा होगा तो भी आखिरी तक हम गलत स्टॅटर्जी से बाहर निकल जाते हैं और नुकसान कर बैठते हैं , एक बार अगर ट्रेंड ले लेते डे ट्रेडिंग क्या है हैं तो एक तो स्टाॅपलाॅस हिट करना चाहिये या तो आपका टार्गेट बिच में एनालिसिस करना बैठना गलत बात हैं.
अगर आप इमोशन नहीं कंट्रोल कर सकते तो कुछ भी नहीं प्रोफिट क्या पायेंगे.

5. इंट्रा-डे में टेक्निकल एनालाइसेस कि समझ होना जरुरी हैं

इंट्रा-डे में फंडामेंटल एनालासिस कि ज्यादा जरुरत नहीं होती लेकिन टेक्निकल एनालिसिस कि जानकारी होना बहुत जरुरी होती हैं. इंट्राडे में हम स्टाॅक को ज्यादा देर नहीं लेके करते इसलियें Fundamental Analysis ज्यादा मायने नहीं रखते लेकिन technical Analysis कि ज्यादा नाॅलेज होनी जरुरी है अगर आप Intraday Trading करना अथवा सिखना चाहतें हैं तो.

6. कम स्टाॅक को रखें वाॅचलिस्ट में
अगर आप सभी स्टाॅक की एनालायसिस करने बैठ जायेंगे तो यह नामुमकिन हैं की आपको फायदा होगा, लेकिन अगर आप कुछ 8 से 10 स्टाॅक पर हि ज्यादा ध्यान देकर उनमें ही ट्रेंड करने की सोचेंगे तो सही होगा क्योंकि अगर आप ज्यादा share पर ध्यान देंगे तो आप कन्फुज हो जायेंगे इसलिये जितना हो सके कम स्टाॅक्स को चुने इससे आप लक्ष ज्यादा देकर सही ट्रेंड लेनी कि प्रोबेबिलिटी को बढ़ा सकेंगे.
अगर आप चुनिंदा ही स्टाॅक में ज्यादा समय ट्रेंड करते हो तो उसकी Moment का पता आपको लग जायेगा कि यह स्टाॅक कितना Volatile हैं कितना Movement दिनभर दे सकता है यह आपको बाद में Predict करना आसान जायेगा.

7. पेड़ सब्सक्रिप्शन और न्युज के चक्करों में ना पड़ें

नये लोग जो भी इंट्रा-डे करने आ जाते हैं वह ज्यादा प्रोफिट कमानें के चक्कर में आ जाते हैं जो कि शुरुवात में न्युज देखकर या पेंड सब्सक्रिप्शन को पैसे देकर आ जाते हैं लेकिन सच कहे तो जबतक आप खुद मार्केट को पुरी तरह से ना समझते हो तब तक आप इसमे से किसी चक्कर में ना पड़ें क्योंकी पहले पहले देखने में यह काफी आसान लगता है लेकिन हम जब असली में इनके बताते ट्रेंड लेते हैं तो कई बार शुरवात में प्रोफिट होता भी है लेकिन ज्यादातर बार हम हमारा कॅपिटल भी बचा नहीं पाते.
ऐसा नहीं है कि सभी पेड़ सब्सक्रिप्शन और न्युज गलत होती है लेकिन जब-तब आपको शेअर मार्केट कि नाॅलेज ना हो तब तब इंट्रा-डे के चक्कर में ना ही पड़ना बेहतर हैं.

आपने क्या सीखा:

इस आर्टिकल में हमने आज सीखा कि Intraday Trading Kaise Kare उसके टिप्स, इंट्रा-डे ट्रेंडिंग के लिये ऐसे कौन कौन से टिप्स और ट्रिक्स है और यह करते वक्त हमें कौन कौन सी बातों का ध्यान रखना होता है यह भी सभी देखना होगा तभी जाके हम इंट्रा-डे में प्रोफिट कर सकते हैं नहीं तो १०० में से ९५ प्रतिशत लोग नुकसान ही करते हैं अगर हम इंट्रा-डे कि बात करें.

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