बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है?

क्रिप्टोकरंसी में वैध हो जाएगा लेनदेन?
वहीं, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा कि ऑनलाइन डिजिटल असेट्स (Online Digital Assets) को टैक्स के दायरे में लाने से आयकर विभाग के लिए देश में इस क्रिप्टोकरंसी के कारोबार की गहराई का पता लगाने, निवेशकों और उनके निवेश की प्रकृति को जानने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरंसी में लेनदेन वैध हो जाएगा।
मुश्किल होगा क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन! टैक्स को लेकर सरकार और सख्त
Indian Government on Cryptocurrency: बजट में एक साल में 10,000 रुपये से ज्यादा के ऑनलाइन डिजिटल करेंसी भुगतान पर एक फीसदी टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव है।
- एक फीसदी टीडीएस लगाने का प्रस्ताव एक जुलाई, 2022 से प्रभाव में आएगा।
- CoinMarketCap के अनुसार, शाम 4:45 बजे के करीब ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 2.01 लाख करोड़ डॉलर था।
- खबर लिखने के समय तक बिटकॉइन की कीमत 44,317.14 डॉलर थी।
Indian Government on Cryptocurrency: सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का काफी क्रेज है। कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग नियम भी लागू किए हैं। बात अगर भारत की करें, तो भारत सरकार फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर राहत देने के मूड में नहीं दिख रही है। सरकार ने वित्त विधेयक-2022 (Finance Bill 2022) में कुछ दबलाव करते हुए इसके लिए नियम और सख्त करने का प्रस्ताव रखा है।
सरकार ने अन्य डिजिटल एसेट से लाभ के साथ किसी भी नुकसान की भरपाई की अनुमति नहीं देकर क्रिप्टोकरेंसी पर कराधान (Tax on Cryptocurrency) के नियमों को कड़ा करने का प्रस्ताव किया। मंत्रालय ने लोकसभा सदस्यों को जारी वित्त विधेयक, 2022 में संशोधनों के तहत डिजिटल परिसंपत्तियों से लाभ के साथ नुकसान की भरपाई से संबंधित खंड से 'अन्य' शब्द को हटाने का प्रस्ताव किया है।
VDA में क्रिप्टोकरेंसी और NFT शामिल
इसका मतलब है कि 'वर्चुअल डिजिटल' संपत्तियों (VDA) के ट्रांसफर से होने वाले घाटे की अन्य वीडीए के स्थानांतरण से होने वाली आय के जरिए भरपाई की अनुमति नहीं होगी। वित्त विधेयक, 2022 के अनुसार वर्चुअल डिजिटल संपत्ति कोड या संख्या अथवा टोकन हो सकता है, जिसे स्थानांतरित किया जा सकता है या फिर उसे रखा जा सकता है अथवा इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापार किया जा सकता है। वीडीए में क्रिप्टोकरेंसी और 'नॉन फंजिबल टोकन' (NFT) शामिल है, जिसके प्रति हाल के दिनों में आकर्षण बढ़ा है।
एक अप्रैल से लगेगा टैक्स
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट (Budget 2022-23) में क्रिप्टो संपत्ति पर आयकर लगाने को लेकर चीजें स्पष्ट की गयी हैं। एक अप्रैल से ऐसे लेन-देन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत आयकर के साथ सेस और सरचार्ज लगाया जाएगा। यह टैक्स ठीक उसी प्रकार से लगेगा, जैसे लॉटरी जैसे सट्टे वाले लेन-देन से होने वाले लाभ पर लगता है।
क्रिप्टो पर रुख स्पष्ट कर सरकार: कांग्रेस
शुक्रवार को कांग्रेस ने देश में कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटने में असमानता की स्थिति का सामना करने और गरीबों एवं अमीरों के बीच खाई बढ़ने का दावा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर रुख स्पष्ट करना चाहिए।
(एजेंसी इनपुट- भाषा)
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Crypto latest news: इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में होगा क्रिप्टो से कमाई के लिए अलग कॉलम
सरकार ने बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरंसीज से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। इसके लिए आईटीआर फॉर्म में एक अलग कॉलम होगा।
हाइलाइट्स
- आईटीआर फॉर्म में क्रिप्टोकरंसी से इनकम के लिए होगा अलग कॉलम
- इसमें टैक्सपेयर्स को क्रिप्टोकरंसी से हुई इनकम का ब्योरा देन होगा
- बजट में क्रिप्टोकरंसी इनकम पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव
Cryptocurrency in Budget 2022: क्रिप्टो पर 1 फीसदी टीडीएस कमाई के लिए नहीं बल्कि नजर रखने के लिए लगाया है, यहां समझिए पूरा गणित
क्रिप्टोकरंसी में वैध हो जाएगा लेनदेन?
वहीं, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा कि ऑनलाइन डिजिटल असेट्स (Online Digital Assets) को टैक्स के दायरे में लाने से आयकर विभाग के लिए देश में इस क्रिप्टोकरंसी के कारोबार की गहराई का पता लगाने, निवेशकों और उनके निवेश की प्रकृति को जानने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरंसी में लेनदेन वैध हो जाएगा।
क्या बिटकॉइन से होने वाले मुनाफे पर इनकम टैक्स लग सकता है?
बिटकॉइन, इथेरियम, रिपल और डैश जैसी वर्चुअल करंसी बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? या क्रिप्टोकरंसीज, अभी हाल ही में फाइनैंशल.
भारत समेत दुनियाभर के कई देशों ने बिटकॉइन या अन्य वर्चुअल करंसीज को अभी तक कानूनी मान्यता नहीं दी है। अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन के इस्तेमाल का समर्थन किया है। इसकी कानूनी स्थिति के बावजूद, लोग अभी भी इनमें निवेश कर रहे हैं क्योंकि उनसे मिलने वाला रिटर्न, दूसरे तरीकों के मुकाबले काफी अधिक है।
भारत में वर्चुअल करंसी
देश में क्रिप्टोकरंसीज के बारे में काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल अपने 1 फरवरी के बजट भाषण में कहा कि क्रिप्टोकरंसीज, वैध मुद्रा नहीं हैं। उन्होंने एक ही बात को कई बार दोहराते हुए कहा कि रिजर्व बैंक भी कई बार इस पर अपनी राय व्यक्त कर चुका है। वित्त मंत्री की तरफ से अभी तक यह बात साफ नहीं की गई है कि अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करते समय क्रिप्टोकरंसीज पर टैक्स लगेगा या नहीं। उन्होंने इस सम्बन्ध में अभी तक कोई ठोस बयान भी नहीं दिया है कि वर्चुअल करंसीज से होने वाले प्रॉफिट या लॉस के साथ क्या किया जाएगा। इसलिए, इनकम टैक्स रिटर्न के लिए क्रिप्टोकरंसीज को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं।
इन वर्चुअल करंसीज का टैक्सेशन इस बात पर निर्भर करेगा बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? कि आप उनसे होने वाली कमाई का आप कैसे प्रयोग करते हैं।
व्यावसायिक आय के रूप में
यदि बिटकॉइन से होने वाली आमदनी, ट्रेडिंग के कारण हो रही है तो उसे व्यावसायिक आय माना जाएगा। मान लीजिए, आप नियमित रूप से बिटकॉइन खरीदते और बेचते हैं तो बिटकॉइन की बिक्री से होने वाले मुनाफे को व्यावसायिक आय माना जाएगा और उससे होने वाले नुकसान को व्यावसायिक नुकसान माना जाएगा। टैक्स देनदारियों का पता लगाने के लिए आप अन्य काल्पनिक व्यवसायों के आधार पर इससे होने वाले लाभ या नुकसान को सेट कर सकते हैं।
अन्य स्रोतों से होने वाली आय:
यदि इससे होने वाले प्रॉफिट, इसे एक निवेश के रूप में होल्ड करके बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? रखने पर वैल्यू में वृद्धि के कारण होता है तो इस मुनाफे को अन्य स्रोतों से होने वाली आय माना जाएगा। लेकिन इस अवशिष्ट आय को वेतन, पेशे, मकान संपत्ति से होने वाली आय के साथ जोड़ा नहीं जा सकता है, और इसे ‘अन्य स्रोतों से होने वाली आय’ में शामिल किया जाना चाहिए।
कैपिटल ऐसेट के रूप में
बिटकॉइन को कैपिटल असेट माना जाना चाहिए यदि आप इसे निवेश के उद्देश्य से खरीदते हैं और यदि आप उसे लम्बे समय तक होल्ड करके रखने के बाद बेचते हैं तो इस लाभ पर किसी अन्य पूंजीगत परिसंपत्ति की तरह पूंजीगत लाभ टैक्स लगेगा। इसलिए यदि आप 36 महीने से कम समय तक बिटकॉइन को होल्ड करके रखते हैं तो इससे होने वाले मुनाफे को अल्पकालिक पूंजीगत परिसंपत्ति माना जाएगा। अल्पकालिक पूंजीगत लाभ के मामले में, बिटकॉइन की बिक्री से होने वाले लाभ पर आपकी टैक्स सीमा के हिसाब से टैक्स लगेगा और साथ में अधिभार और शिक्षा उपकर भी लगेगा। लेकिन 36 महीने से ज्यादा समय तक होल्ड करके रखने पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ का नियम लागू होगा और इस पर 20% टैक्स और साथ में अधिभार और शिक्षा उपकर भी लगेगा और इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलेगा।
वर्चुअल करंसीज में अभी भी ट्रेड करना कितना सुरक्षित है?
इस समय, निवेशक, बिटकॉइन में निवेश करने के लिए इसलिए इतने उत्सुक हैं क्योंकि यह सिर्फ उनकी पहचान को बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? ही गुमनाम नहीं रखता है बल्कि यह बहुत ज्यादा रिटर्न भी दे रहा है। भारत में इस बारे में कोई कानून नहीं है कि इस तरह की करंसी, वैध है या नहीं, इसलिए यह एक जोखिमपूर्ण निवेश बन जाता है। कुछ विशेषज्ञों का विचार है कि कुछ क्रिप्टोकरंसी एक्सचेजों के बंद होने का संभावित खतरा होने बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? के बावजूद निवेशकों के लिए तत्काल कोई खतरा नहीं है। इसलिए अपने इनकम टैक्स रिटर्न में बिटकॉइन की बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? बिक्री से होने वाले लाभ या नुकसान की घोषणा करके सुरक्षित रहने में ही फायदा है।
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Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को भारत में नहीं मिलेगी कानूनी वैधता, फाइनेंस सेक्रेटरी ने बताई ये वजह
फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन (T. V. Somanathan) ने क्रिप्टो में निवेश से बचने की सलाह दी और कहा कि इसकी कोई गारंटी नह . अधिक पढ़ें
- moneycontrol
- Last Updated : February 02, 2022, 21:38 IST
नई दिल्ली. देश के फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बुधवार को बड़ी बात कही. सोमनाथन ने कहा कि दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन (Bitcoin), इथीरियम या नॉन फंजीबल टोकन यानी एनएफटी (NFT) कभी वैध मुद्रा या लीगल टेंडर घोषित नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एसेट को सरकार की तरफ से कोई मंजूरी नहीं मिली है और इसके दाम प्राइवेट तरीके से सेट किए जाते हैं.
हालांकि सोमनाथन ने कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से लाई जाने वाली डिजिटल करेंसी कभी डिफॉल्ट नहीं होगी. आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा.
फाइनेंस सेक्रेटरी ने साफ कहा, ”बिटक्वाइन या इथीरियम या एनफटी…ये कभी लीगल टेंडर घोषित नहीं होंगे. क्रिप्टो एसेट ऐसी संपत्ति है जिसकी कीमत या वैल्यू दो लोगों के बीच निर्धारित होती है. उन्होंने कहा कि आप सोना खरीदें, हीरा खरीदें या क्रिप्टो खरीदें, लेकिन उसके दामों को सरकार कभी ऑथराइजेशन तय नहीं करती.”
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क्रिप्टो में निवेश से बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? बचने की सलाह देते हुए सोमनाथन ने कहा, “निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है. आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है, नुकसान हो सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है.”
‘क्रिप्टो एक सट्टा लेनदेन है’
क्रिप्टो पर टैक्स को लेकर सोमनाथन ने कहा, “क्रिप्टो एक सट्टा लेनदेन है, इसलिए हम इस पर 30 फीसदी की दर से बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? टैक्स लगा रहे हैं. बिटक्वाइन या इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता. उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है. क्रिप्टो के जरिए कमाई करने वालों को अब 30 फीसदी का पेमेंट करना होगा. यह सरकार की बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है? नई पॉलिसी है.”
फाइनेंस सेक्रेटरी ने कहा कि यह टैक्स केवल क्रिप्टो के लिए नहीं है, यह सभी सट्टा आय के लिए है. उदाहरण के लिए यदि मैं घोड़े की रेस से हुई कमाई को लेता हूं, तो उस पर भी 30 फीसदी टैक्स लगता है. किसी भी सट्टा लेनदेन पर पहले से ही 30 फीसदी टैक्स है. इसलिए हमने उसी दर से क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स लगाने का फैसला किया है.”
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