मंच का चयन

CG :- राज्यस्तरीय प्रश्न मंच के लिए चयनित हुए पीजी कालेज कांकेर से फलेश्वर साहू और गोविंद सिन्हा. -
राज्यस्तरीय प्रश्न मंच के लिए चयनित हुए पीजी कालेज कांकेर से फलेश्वर साहू और गोविंद सिन्हा रेड रिबन क्लब द्वारा आयोजित जिलास्तरीय क्विज (प्रश्नमंच) प्रतियोगिता के लिए पीजी कालेज कांकेर से फलेश्वर साहू और गोविंद सिन्हा का चयन हुआ । इस प्रतियोगिता में 19 महाविद्यालय से प्रतिभागियों ने भाग लिया था जहां खेल , समसामयिकी, इतिहास और विश्व स्तर से संबंधित प्रश्न किये गए जिसमे पीजी कॉलेज कांकेर को प्रथम स्थान तथा शासकीय ईवी पीजी कालेज कोरबा को द्वितीय स्थान मिला, राज्यस्तर के लिए चयनित होने पर महाविद्यालय के रेड रिबन कार्यक्रम अधिकारी प्रो .भुनेश्वर सिंह कंवर ने हर्ष व्यक्त किया । चयनित होने पर दोनो छात्र में खुशी का माहौल है उन्होंने इस सफलता का श्रेय रेड रिबन कार्यक्रम आधिकारी प्रो. भुनेश्वर सिंह कंवर को दी उनके मार्गदर्शन उनके एवं सानिध्य में महाविद्यालय दोनो छात्रो को वर्चुअल क्विज (प्रश्न मंच ) कि वर्चुअल तैयारी महाविद्यालय रेडरिबन् क्लब के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. भुनेश्वर सिंह कंवर द्वारा कराई जाती थी । इससे गोविंद सिन्हा और फलेश्वर साहू लाभान्वित भी हो रहे थे। महाविद्यालय भौतिक रुप से संचालित होने पर भी उन्हे आगे प्रश्नोत्तरी की तैयारी निरन्तर कराई जाएगी ।
Birsa Munda Jayanti 2022: साहित्यकारों और रंगकर्मियों के लिए भी प्रेरणादायी हैं बिरसा आबा
बिरसा मुंडा की जयंती को पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रहा है. धरती आबा पर सैकड़ों किताबें, शोध पत्र और लेख प्रकाशित हो चुके हैं. डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्में, वेब सीरीज बन चुकी हैं. गीत और कविताएं लिखी जा चुकी हैं. यानी हर तरफ धरती आबा की जयगाथा की गूंज है.
Birsa Munda Jayanti 2022: एक वक्त था, जब बिरसा मुंडा के संघर्ष और बलिदान की गाथाएं झारखंड तक ही सीमित थीं. आज मंच का चयन सात समंदर पार तक गूंज पहुंच चुकी है. उनकी जयंती को पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रहा है. धरती आबा पर सैकड़ों किताबें, शोध पत्र और लेख प्रकाशित हो चुके हैं. डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्में, वेब सीरीज बन चुकी है़ं गीत और कविताएं लिखी जा चुकी हैं. यानी मंच का चयन हर तरफ धरती आबा की जयगाथा की गूंज है.
मनोज वाजपेयी ने नाटक 'धरती आबा' देख दिया था स्टैंडिंग ओवेशन
रांची विवि के आर्यभट्ट सभागार में 18 मई 2022 को बिहार आर्ट थिएटर के कलाकारों ने नाटक धरती आबा का मंचन किया़ लेखक ऋषिकेश सुलभ ने नाटक की कहानी भगवान बिरसा मुंडा के जन्म से पूर्व से शुरू की. दिखाया गया कि कैसे ग्रामीण, किसान और आदिवासी जमींदारों के चंगुल में फंस जाते हैं मंच का चयन और अंग्रेज भी जमींदारों का साथ देते हैं. इधर, बिरसा मुंडा चेचक से जूझ रहे ग्रामीणों के इलाज में जुटे हैं. इसी दौरान 1878 में जंगल कानून लागू हो जाता है़ धरती आबा मुंडा समाज की पीड़ा को देख आंदोलन छेड़ देते हैं और अपने प्राण की आहुति तक देते हैं. निर्देशक कुमार अभिषेक रंजन ने बताया कि रंगमंच पर बिरसा मुंडा का किरदार निभा रहे कलाकार ''विक्रांत चौहान'' का चयन उनकी उम्र (25 वर्ष) के कारण ही हुआ, ताकि मंच पर किरदार जीवंत लगे. जब नाटक का समापन हुआ, तो दर्शक दीर्घा में बैठे बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी भी खुद को रोक नहीं सके और स्टैंडिंग ओवेशन दिया.
Birsa Munda Jayanti 2022: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज आएंगी उलिहातू, भगवान बिरसा मुंडा को करेंगी नमन
फिल्म उलगुलान-एक क्रांति को अमेरिका में मिल चुकी है सराहना
नेशनल अवार्ड से सम्मानित फिल्म मेकर अशोक शरण की पहली फीचर फिल्म थी :उलगुलान-एक क्रांति. यह फिल्म 2005 में रिलीज हुई़ इसकी कहानी में धरती आबा का जीवन और संघर्ष है. इस फिल्म को प्रसाद लैब चेन्नई में 35 एमएम सिनेमा स्कोप विथ डॉल्बी डिजिटल साउंड के साथ तैयार किया गया. बिरसा मुंडा का किरदार बॉलीवुड एक्टर दीपराज राणा ने निभाया. पिछले वर्ष जनजातीय गौरव दिवस पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस फिल्म को दोबारा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया. उलगुलान-एक क्रांति की सराहना अमेरिका फिल्म फेस्टिवल में भी हो चुकी है.
मुंडारी भाषा में रिलीज हो चुकी है वेब सीरीज 'बिरसा आबा'
डुंबारीबुरू, खूंटी से 1.5 किमी दूर 'जोजोहातू अखड़ा' स्थित है. यहां के कलाकारों ने बिरसा मुंडा की जीवनी पर आधारित वेब सीरीज बिरसा आबा बनायी है़ निर्देशक और अभिनेता अनुराग कुमार बरदियार हैं. अभी तक 39 एपिसोड तैयार हो चुके हैं. अनुराग ने मुंडारी भाषा में पहली बार वेब सीरीज तैयार करने का निर्णय लिया़ विषय के रूप में अपने ही गांव के वीर सपूत का चयन किया. अखड़ा के कलाकारों को कहानी सुनायी़ पहला एपिसोड 26 अप्रैल 2020 को जोजोहातू अखड़ा के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुआ़ अभी वेब सीरीज तीसरे फेज में है, जहां अंग्रेज अधिकारी कैप्टन फोर्बिस बिरसा मुंडा को पकड़ने के लिए उनके गुट में शामिल होता है.
रिपोर्ट : अभिषेक रॉय, रांची
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जल्द जारी होगा टीजीटी पीजीटी-2022 विज्ञापन, युवा मंच की टीम ने उपसचिव से की मुलाकात
भारी बारिश के चलते चयन बोर्ड पर युवा मंच के पूर्व घोषित आंदोलन को स्थगित के बाद युवा मंच प्रयागराज ईकाई सचिव शीतला ओझा के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम ने उपसचिव नवल किशोर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने 15 जनवरी तक टीजीटी पीजीटी-2022 विज्ञापन जारी करने की उम्मीद जताई। उन्होंने बताया कि विज्ञापन के संबंध में चयन प्रक्रिया पहले से जारी है।
Dr Dileep Gangwar Institute, Kanpur
युवा मंच ने वार्ता के पूर्व प्रतियोगियों ने चयन बोर्ड पर विज्ञापन जारी करने, तदर्थ शिक्षकों के 22 हजार पदों को प्रस्तावित विज्ञापन में जोड़ने के लिए नारेबाजी कर आवाज बुलंद की गई। इस दौरान प्रयागराज ईकाई युवा मंच सचिव शीतला ओझा, ध्रुव कुमार चौधरी, आलोक शुक्ल, ओम प्रकाश, ज्ञान प्रकाश सिंह, मृत्युंजय तिवारी आदि मौजूद रहे।
सपा के पूर्व विधायक गोरख पासवान
युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि ऐडेड माध्यमिक विद्यालयों में मुख्यमंत्री द्वारा 2 जुलाई को 27 हजार पदों पर चयन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की गई थी, लेकिन इस घोषणा के सापेक्ष चयन बोर्ड के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बेहद कम पदों पर अधियाचन प्राप्त हुआ है जो कि चिंताजनक है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नये विज्ञापन में इन 22 हजार पदों को भी जोड़ने में आनाकानी की जा रही है।
एडवोकेट कुलदीप वर्मा, बाराबंकी
उन्होंने कहा कि 27 हजार पदों से कम विज्ञापन मंजूर नहीं किया जायेगा, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि अगर तदर्थ शिक्षकों के पदों को नये विज्ञापन में नहीं जोड़ा गया तो इस मामले में युवा सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधकों, जिला विद्यालय निरीक्षकों, चयन बोर्ड व सरकार की मिलीभगत से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तदर्थ शिक्षकों को हटाया नहीं जा रहा है, जोकि नये विज्ञापन में सबसे बड़ी बाधा है।
विवेक चौधरी, जिलाध्यक्ष, अपना दल (एस)
Gujarat Panchayat AajTak: केजरीवाल का गुजरात में सरकार बनाने का दावा, बोले- मैं मॉडर्न जमाने का अभिमन्यु हूं, मुझे चक्रव्यूह से निकलना आता है
Panchayat Aajtak Gujarat Elections 2022 : पंचायत आजतक में अरविंद केजरीवाल और AAP के सीएम कैंडिटेट इसुदान गढ़वी ने शिरकत की. इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दिल्ली मॉडल का उदाहरण दिया. केजरीवाल ने भाजपा से सवाल पूछा कि क्या मुफ्त शिक्षा और बिजली लोगों का अधिकार नहीं है? इसके साथ ही केजरीवाल ने गुजरात में सरकार बनाने का भी दावा किया.
गुजरात पंचायत आजतक
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 15 नवंबर 2022,
- (Updated 15 नवंबर 2022, 8:40 PM IST)
गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत आजतक के मंच पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने गुजरात में सरकार बनाने का दावा किया. उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता 27 साल के बाद बदलाव चाहती है. इसके साथ ही केजरीवाल ने ये दावा भी किया कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 5 सीटें आएंगी. पंचायत आजतक के मंच पर केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा अब डबल इंजन को जंग लग गया है. हम बिजली से चलने वाले इंजन हैं, कोयले से चलने वाले इंजन को अब जंग लग गया है. गुजरात में आप को कितनी सीटें आएंगी इसके सवाल पर केजरीवाल ने कहा, सीट देना न देना जनता के हाथ में है. इसका फैसला जनता को ही करना चाहिए. पंचायत आजतक के मंच पर लिखित में कहा कि कांग्रेस की 5 से कम सीटें आएंगी.
गुजरात में लोकप्रिय हैं इसुदान
राज्य के सीएम कैंडिटेट इसुदान गढ़वी के चयन को लेकर केजरीवाल ने कहा, इसुदान वीटीवी में कार्यक्रम करते थे. ये जनता के मुद्दे उठाते थे. इन्होंने किसानों के मुद्दे उठाए. कार्यक्रम के जरिए इन्होंने लोगों की समस्याओं का समाधान भी उठाया. पिछले साल के अंदर 10 हजार करोड़ किसानों के खाते में डलवाए. कोरोना काल में फीस की समस्या को हल कराया. 120 करोड़ रुपये गुजरात के संचालकों ने माफ किए. मैंने महसूस किया कि सारी ताकत राजनेताओं के पास है. मैं अपने मंच का चयन करियर में पीक पर था और जनता के लिए राजनीति में आ गया.
सरकार बनाने के बाद लोगों की समस्याओं को सुनेंगे
केजरीवाल ने कहा कि अगर मैं आंदोलन करके घर बैठ जाता तो आज भाजपा की सरकार होती. टीवी से राजनाति की तरफ रुख करने को लेकर इसुदान ने कहा, मेरे परिवार ने भी इसका विरोध किया था. हमारे परिवार में लोग राजनीति से नफरत करते हैं. राजनीति में आना मेरा शौक नहीं मजबूरी मंच का चयन है. मैं अरविंद केजरीवाल को गुरु माना है. गुजरात में हमारी सरकार आने के बाद 27 मिनिस्टर और मुख्यमंत्री दरबार लगाएंगे और समस्याओं को सुनेंगे और ऑन स्पॉट निर्णय लेंगे.
मुफ्त शिक्षा और इलाज देना फ्री की रेवड़ी नहीं
मुफ्त शिक्षा और इलाज को लेकर केजरीवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, इस देश के हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है और इसे मुहैया कराया सरकार की जिम्मेदारी है. 37 से ज्यादा विकसित देश ऐसे हैं जो अपने बच्चों को फ्री शिक्षा देते हैं. अगर हमें अमीर देश बनना है तो उन्हें फ्री शिक्षा देनी होगी. अगर कोई सरकार अच्छा इलाज नहीं मुहैया करा सकती उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. मुफ्त शिक्षा और इलाज देना फ्री की रेवड़ी नहीं है.
दिल्ली में सब मुफ्त देने के बाद भी हम प्रॉफिट में
केजरीवाल ने कहा कि गुजरात की जनता यह देख रही है कि किस तरह दिल्ली में मुफ्त बिजली के साथ अच्छे स्कूल और अस्पतालों का इंतजाम किया गया है. दिल्ली में सबकुछ मुफ्त कर दिया फिर भी हम लोग प्रॉफिट में चल रहे हैं. गुजरात का पैसा लूट कर ये लोग अपनी संपत्ति बना रहे हैं. कभी 2 हजार रुपये की नौकरी करने वाला एमएलए आज 20 हजार करोड़ का मालिक है. केजरीवाल ने कहा, मैं कट्टर ईमानदार हूं और कोई नेता ये सीने पर हाथ रख कर नहीं कह सकता है. शराब घोटाले में केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई की एफआईआर में कुछ नहीं है. इसमें लिखा है कि एक शराब वाले ने दूसरे शराब वाले को एक करोड़ दिए. यही ईडी की एफआईआर में हैं. इसमें मनीष सिसोदिया कहां से गलत है. लेकिन 800 अफसर इसी काम में लगे हैं कि मनीष को गिरफ्तार करो. इनके लोग घोटाले के अलग-अलग आंकड़े बता रहे हैं. लेकिन जब मनीष के घर रेड हुई तो कुछ भी नहीं मिला.
केजरीवाल ने कहा कि गुजरात के लोग कांग्रेस को वोट देकर अपना वोट बर्बाद न करें. कांग्रेस का भविष्य अंधकार में है. मैं यहां किसी को हराने और जिताने नहीं आया. मैं काम करने आया हूं. मैं मॉर्डन जमाने का अभिमन्यु हूं मुझे चक्रव्यूह से निकलना आता है.
गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों में दो चरणों में चुनाव हो रहा है. पहले चरण में 89 सीटों पर एक दिसंबर को चुनाव होगा और बाकी 93 सीटों पर 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. 8 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी.
दीपक चाहर ने क्यों कहा - सोच समझकर करना होगा अपने मैचों का चयन
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के मध्यम तेज गेंदबाज दीपक चाहर (Deepak Chahar) ने कहा है कि वह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में व्यस्तता के बाद अब समझने लगे हैं कि उन्हें सोच समझकर ही मैचों का चयन करना होगा। चाहर ने वर्ष 2018 में अफगानिस्तान के खिलाफ सितंबर में वनडे और जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ ट्वंटी 20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था।
दीपक चाहर का प्रदर्शन
चाहर ने वर्ष 2019 में भी सीमित ओवर प्रारूप में भारत की ओर से काफी प्रभावशाली प्रदर्शन किया और बंगलादेश के खिलाफ विश्व रिकाडर् बनाते हुये सात रन देकर छह विकेट निकाले। वहीं आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए भी उन्होंने प्रभावित किया। इसके बाद घरेलू ट्वंटी 20 टूर्नामेंट में चाहर ने राजस्थान के लिये भी जबरदस्त प्रदर्शन किया। लेकिन लगातार क्रिकेट के कारण उनकी पीठ के निचले हिस्से में खिंचाव आ गया और वह वेस्टइंडीज़ के खिलाफ तीसरे वनडे से बाहर हो गये। इसके बाद से चाहर ने माना है कि उन्हें अपने घरेलू क्रिकेट में खेलने को लेकर सही चयन करने की जरूरत है।
दीपक चाहर की गेंदबाजी में रफ्तार
चाहर ने एक अंग्रेजी दैनिक से कहा, ‘मेरी पीठ में खिंचाव बहुत मंच का चयन अधिक क्रिकेट मैच खेलने की वजह से हुआ है। रणजी ट्रॉफी शुरू होने से पहले मैं सभी मैच खेल रहा था। बल्कि पिछले दो वर्षों से ही ऐसा हो रहा है। ऐसे में मुझे अब सही तरीके से चयन करके खेलना होगा, नहीं तो मैं अधिक नहीं खेल सकूंगा।' वहीं मध्यम तेज़ गेंदबाज़ ने कहा कि वह पहले अपनी गेंदबाज़ी में 120 के बजाय 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार लाना चाहते थे लेकिन लगातार क्रिकेट खेलने से अब उनकी रफ्तार में कमी आयी है। उन्होंने कहा,‘‘ चोट के कारण मेरे वर्ष की शुरूआत अच्छी नहीं रही। लेकिन मेरा लक्ष्य बेहतर खेलते रहना है। मैं इसके लिये आवश्यक ट्रेनिंग और अभ्यास भी जारी रखूंगा ताकि मेरा पेस बेहतर हो सके। मैं जब से लगातार खेल रहा हूं मेरे रफ्तार में करीब दो से तीन किलोमीटर प्रति घंटे की कमी आयी है।'
दीपक चाहर आईपीएल
मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने भी संकेत दिए हैं कि चाहर मार्च-अप्रैल तक बाहर रह सकते हैं, लेकिन खुद चाहर ने माना कि वह अपने लिए कोई समयसीमा तय नहीं कर रहे हैं और आईपीएल में भी खेलेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैच फिटनेस बहुत ज़रूरी होती है। यदि आप पूरी तरह आराम करें और उसका सही उपयोग करें तो अपनी लय हासिल करने के लिये आईपीएल बहुत अच्छा मंच हो सकता है। दो महीने में आपको 14 ही मैच खेलने हैं जो बहुत अधिक नहीं हैं।'
दीपक चाहर किस बात से परेशान
चाहर ने कहा, ‘सबसे अधिक परेशानी मुझे बंगलादेश सीरीज के बाद हुई जहां हमें सात दिन में तीन मैच खेलने पड़े। इसके बाद मैंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलना शुरू किया जिसमें मैचों के बीच में काफी कम अंतर था। मंच का चयन ऐसे में मुझे 12 ही दिनों में करीब आठ से नौ मैच खेलने पड़े जो बहुत मुश्किल है। ऐसे मामलों में अब मुझे यह चयन मंच का चयन करना होगा कि कौन से मैच खेलने हैं और कौन से नहीं।' भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे में भी आपको लगातार मैच खेलने होते हैं। मैंने इस सत्र में विजय हजारे में पांच दिन में चार मैच खेले हैं, इससे मेरी चोट और बढ़ गई है।'