विशेषज्ञों के कुछ सुझाव

रणनीति कैसे लागू करें

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Logistics Policy: लॉजिस्टिक पॉलिसी को लागू करने के लिए सरकार बनाएंगी खास रणनीति, नए इनोवेशन से कितना मिलेगा फायदा

लक्ष्मण रॉय ने आगे कहा कि सरकार वर्कशॉप के जरिए वेयर हाउस, ईज ऑफ लॉजिस्टिक सर्विसज पर एक्शन प्लान तैयार करेगी।

हर कोई यही चाहता है कि दिवाली के मौके पर आपका बुक किया हुआ सामान बगैर किसी झंझट के तुरंत आपके घर पहुंच जाए और सस्ते में पहुंच जाए । कुछ इसी तरह की सुविधा के लिए सरकार ने पिछले महीने लॉजिस्टिक पॉलिसी लागू की है। अब इस लॉजिस्टिक पॉलिसी को जमीन पर ज्यादा प्रभावशाली तरीके से लागू कराने के लिए एक खास रणनीति बनाई गई है। इसके तहत वर्कशॉप से लेकर अलग- अलग मुद्दों के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है।

लॉजिस्टिक पॉलिसी की सफलता पर जोर

इस पर विस्तार से जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने कहा कि सरकार की रणनीति है कि इस लॉजिस्टिक पॉलिसी को जमीन तौर पर रणनीति कैसे लागू करें ज्यादा से ज्यादा लागू किया जाए। जिसके चलते सरकार राज्य सरकारों और इंडस्ट्री के साथ अलग अलग वर्कशॉप कराएगी। देश को 6 जोन में बांटकर हर जोन में कॉन्फ्रेंस करेगी। इस कॉन्फ्रेंस के बाद अलग-अलग मुद्दे पर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।

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लक्ष्मण रॉय ने आगे कहा कि सरकार वर्कशॉप के जरिए वेयर हाउस, ईज ऑफ लॉजिस्टिक सर्विसज पर एक्शन प्लान तैयार करेगी। गति शक्ति के एक साल में 1380 इंफ्रा प्रोजेक्ट मॉनिटर करेगी। प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप ने 1300 विवादों को सुलझाया जाएगा।

लॉजिस्टिक पर अब तक क्या -क्या

बता दें कि एक साल पहले गति शक्ति को लॉन्च किया गया था। 17 सितंबर 2022 को लॉजिस्टिक पॉलिसी लॉन्च की गई। सरकार ने पॉलिसी के तहत चार अहम कदम उठाए थे। जिसमें से पहला सभी विभागों में तालमेल के लिए यूनिफाइड लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफॉर्म (ULIP) का गठन किया गया था। दूसरा यह कि सभी आंकड़े एक प्लेटफॉर्म IDS (इंटिग्रेशन रणनीति कैसे लागू करें ऑफ डिजिटल सिस्टम) पर दिखेंगे। वहीं तीसरा सरकार ईज ऑफ लॉजिस्टिक पर फोकस करेगी और दिक्कत आने पर SIG प्रॉब्लम दूर करेगा।

संचालन रणनीति भाग २ (Operational Strategy-2)

संचालन रणनीति

जैसे की हमने हमारे पहले आर्टिकल मे जाना की संचालन रणनीति आखिर होता क्या है? संचालन रणनीति (Operational Strategy) संगठन (Organizations) के सभी घटकों या फिर कहे विभागों के (Functions) कार्यों को पूरा करने के लिए रचना (Framework) प्रदान करता है | आसान भाषा मे समझे तो संचालन रणनीति (Operational Strategy) उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने की क्षमता प्रदान करती है| मजबूत संचालन रणनीति का इस्तेमाल नहीं करने से बहुत सी छोटी बड़ी कंपनियां आज मार्केट में रहने रणनीति कैसे लागू करें के लिए संघर्ष कर रहे है| इस आर्टिकल में हम जानेंगे की संचालन रणनीति रणनीति कैसे लागू करें कैसे बनाते हैं और रणनीति तैयार करते समय किन बातों पर विचार करने की जरूरत है|

10, 5, 3 का नियम (Rule of 10,5,3)

यह नियम हमें बताता है कि अलग-अलग तरह के निवेश में आम तौर पर कितने औसत सालाना रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है. इस नियम में निवेश को मोटे तौर पर तीन कैटेगरी में बांटा जाता है – 1. स्टॉक या शेयर, 2. बॉन्ड्स, एफडी जैसे डेट इंस्ट्रूमेंट्स और 3.सेविंग्स एकाउंट या अन्य लिक्विड इनवेस्टमेंट्स. इस नियम के हिसाब से इन तीनों तरह के निवेश पर औसत अनुमानित सालाना रिटर्न की दर इस तरह है :

  1. शेयर्स या स्टॉक : सालाना 10% औसत रिटर्न (हाई रिस्क)
  2. बॉन्ड्स या अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स : सालाना 5% औसत रिटर्न (रणनीति कैसे लागू करें मीडियम रिस्क)
  3. सेविंग्स डिपॉजिट या अन्य लिक्विड एसेट्स : सालाना 3% औसत रिटर्न (लो रिस्क)

यहां सालाना रिटर्न की सभी औसत दरें आम तौर 15 से 20 साल के दीर्घकालीन निवेश (long term investment) के लिए दी गई हैं. रिटर्न की दरों को जानबूझकर कंजर्वेटिव रखा गया है, ताकि अनुमानों के उम्मीदों के मुताबिक रणनीति कैसे लागू करें न रहने का जोखिम कम से कम रहे. इस नियम की मदद से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि लंबे समय के दौरान हम अपने निवेश पर रणनीति कैसे लागू करें औसतन कितना रिटर्न पाने की उम्मीद कर सकते हैं.

पिछले दोनों रूल्स को मिलाकर इस्तेमाल करें

Rule of 10,5,3 का सबसे ज्यादा फायदा तब होगा, जब इसे बेहतर प्लानिंग के लिए Rule of 72 के साथ जोड़कर इस्तेमाल किया जाए. मतलब रणनीति कैसे लागू करें ये कि Rule of 10,5,3 के तहत बताए गए अनुमानित रेट ऑफ रिटर्न को Rule of 72 के फॉर्मूले में रखकर आप अनुमान लगा रणनीति कैसे लागू करें सकते हैं कि आपका कौन सा निवेश कितने साल में दोगुना होने की उम्मीद है. मसलन :

  • शेयर में निवेश पर अनुमानित रिटर्न 10% है. लिहाजा इसमें किया गया निवेश 72 / 10 = 7.2 साल में दोगुना होने की उम्मीद की जा सकती है.
  • बॉन्ड्स या अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में अनुमानित रिटर्न 5% है. लिहाजा इसमें किए गए निवेश के 72 / 5 = 14.4 साल में दोगुना होने की उम्मीद की जा सकती है.
  • सेविंग्स एकाउंट जैसे लिक्विड एसेट्स में निवेश पर रिटर्न की अनुमानित दर 3% है, इसलिए इसमें किए गए निवेश के 72 / 3 = 24 साल में दोगुना होने की उम्मीद की जा सकती है.

एसेट एलोकेशन का 100-Age Rule

सवाल ये है कि निवेश का फैसला क्या सिर्फ रिटर्न की दर के आधार पर ही करना चाहिए? जानकारों का मानना है कि हमेशा ऐसा करना ठीक नहीं होता, क्योंकि आमतौर पर ज्यादा रिटर्न के साथ ज्यादा जोखिम भी जुड़ा रहता है. निवेश का फैसला करते समय किसे कितना जोखिम लेना चाहिए, इसका फैसला करते समय निवेशक की उम्र का ध्यान रखना भी जरूरी है. क्योंकि आम तौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, जिससे इंसान की वित्तीय जोखिम उठाने की क्षमता कम हो जाती है.

किस उम्र में निवेशक को कितना जोखिम लेना चाहिए, यही रणनीति कैसे लागू करें जानने के लिए एसेट एलोकेशन का यह फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है :

100-Age = % Allocation in Equities.

यानी किसी निवेशक की उम्र को 100 में घटाने पर जो संख्या आती है, उसे इक्विटी में उतने फीसदी ही निवेश करना चाहिए. मिसाल के तौर पर अगर किसी निवेशक की उम्र 35 साल है, तो वो अपने पोर्टफोलियो का 100-35 = 65% हिस्सा शेयर्स में निवेश कर सकता है. लेकिन अगर निवेशक की उम्र 50 साल है, तो उसे 100-50=50% हिस्सा ही शेयर्स में लगाना चाहिए. बाकी हिस्सा कम जोखिम वाले सरकारी बॉन्ड्स या बड़े बैंकों की एफडी में रखा जा सकता है.

विकास के लिए संचार

Villagers take a pledge to keep themselves and their village healthy by adopting a more hygienic lifestyle so they could all benefit from a happy community.

विकास के सभी लक्ष्यों और सरकारकी प्राथमिकताओं के लिए व्यावहारिक और सामाजिक परिवर्तन की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से सकारात्मक व्यवहार और तरीकों को अपनाने और नकारात्मक लैंगिक मानदंडों को बदलने सहित नए मानदंडों को स्थापित करने के लिए |

इसके लिए संस्थाओं के एक सहयोगी माहौल बनाने की ज़रुरत है जो लैंगिक उत्तरदायी सामाजिक एवं व्यावहारिक परिवर्तन संचार (SBCC) एवं कार्यक्रमों को समझे, सहयोग दे और लागू कर सके | विकास के कार्यक्रमों के लिए वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, भारत में विकास के लिए संचार (C4D) को कार्यक्रम की उच्चतम गुणवत्ता प्राप्त करने के केंद्र में रखा गया है और यह यूनिसेफ की सभी सेक्टर की सामूहिक रणनीति है|

How to Write UPSC Essay in Hindi - निबंध की तैयारी कैसे करे - निबंध रणनीति

जानिये कैसे करे UPSC निबंध लिखने की तयारी – How to Write UPSC Essay in Hindi एक निबंध किसी एक विषय पर लेखक के तर्क का विश्लेषणात्मक प्रदर्शन को दर्शाता है। निबंध दो प्रकार के होते हैं – औपचारिक और अनौपचारिक। औपचारिक निबंध अवैयक्तिक विषयों पर केंद्रित होते है, जिसमे तथ्यात्मक सामग्री या आंकड़ों का प्रयोग करके उस विचार की पुष्टि की जाती हैं जिसपर निबंध केन्द्रित होता हैं। अनौपचारिक निबन्ध में भावनात्मक पहलू के साथ-साथ विश्लेषण ज्यादा महत्वपूर्ण होता हैं । यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में निबंध पत्र का आधार औपचारिक निबंध लेखन के विषय पर आधारित होता है। UPSC Essay

  • निबंध रणनीति कैसे लागू करें प्रकृति में अवैयक्तिक होना चाहिए और भावनात्मक पहलू कम होना चाहिए।
  • निबंध की भाषा में व्यक्ति के संदर्भ का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
  • एक औपचारिक निबंध हमेशा विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए लिखा जाना चाहिए है। UPSC Essay
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