विकल्प खरीदते समय विचार करने योग्य कारक

पहचान: क्रिया से पहले “क्या” या “किसको” लगाकर देखने से जो उत्तर आए, वही कर्म कारक कहलाता है।
उदाहरण:
1. प्रिती ने खाना खाया। (क्या खाया? ) “खाना”- “खाना” कर्म कारक है।
2. सूरज ने नीता को पढ़ाया। (किसको पढ़ाया?) “नीता को”- “विमला को” कर्म कारक है।
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क्या आप भी चाहते हैं कि आपकी अलमारी में सिर्फ आवश्यक कपड़े ही रहे? क्या आपको भी लगता है कि आपके आलमारी में फालतू कपड़ो का होना एक बहुत बड़ा सिरदर्द है? और पुराने कपड़ों को हटाकर उसमें नए कपड़े जोड़े जाएं। यह किस प्रकार करें?
अपनी अलमारी को update करने के लिए उसमें अनावश्यक और पुराने कपड़ों को हटाकर नए कपड़े रखने पढ़ते हैं इसके लिए खरीदारी बहुत आवश्यक है।
खरीदारी करना बहुत ही आसान है और यह काम हर किसी को बहुत पसंद होता है बल्कि लोग बहुत ही शौक और दिलचस्पी के साथ खरीदारी करते हैं।
ढेर सारी खूबसूरत कपड़े जो अपने मनपसंद की होती हैं उन्हें खरीदना और पहनना क्या काम बड़े चाव से सभी करते हैं।
परंतु असल में देखा जाए तो कोई भी कपड़ा देखने में तो बहुत ही खूबसूरत होता है लेकिन उसमें बहुत बारीकी से हर एक चीज को देखना पड़ता है जो बहुत से लोग अनदेखा कर देते हैं उन चीजों पर ध्यान नहीं देते।
कपड़े की गुणवत्ता को किस प्रकार परखें?
किसी भी कपड़े का प्रमुख बिंदु उस कपड़े की design और pattern और रंग होता है। इन तीनों चीजों से उस कपड़े की पहचान होती है।
आज के समय में हर व्यक्ति जब कपड़े खरीदने जाता है तो दुकानदार कोयह कहता है कि कुछ स्टाइलिश और फैशनेबल दिखाइए और उसके द्वारा दिखाए गए कपड़ों में वह व्यक्ति यह देखता है कि इसका रंग कैसा है, यह फैशनेबल है या नहीं और पहनने पर स्टाइलिश लगेगा कि नहीं उसके बाद ही कपड़ों का चयन करता हैं।
जब हम कपड़े खरीदने जाते हैं तो हमारे पास सैकड़ों विकल्प होते हैं जिनमें से बहुत ढेर सारे विकल्प हमें पसंद आ जाते हैं किसी के दुपट्टे खूबसूरत होते हैं, किसी सूट की डिजाइन अच्छी होती है, किसी कपड़े का कलर खूबसूरत होता है।
इस प्रकार हर कपड़े में कोई ना कोई छोटी मोटी कमी नजर आ जाती है जिसकी वजह से ना चाहते हुए भी हमें उसे छोड़ना पड़ जाता है।
निष्कर्ष
आशा करती हूं कि इस लेख में यह बताने समर्थ हुई हूं कि कपड़े खरीदते समय ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु कौन कौन से होते हैं।
अगर इन सभी तथ्यों पर ध्यान देकर कपड़े खरीदेंगे तो ज़रूर आपको बेहतरीन कपड़े प्राप्त होंगे और आप एक बेहतर विकल्प का चयन करने में सक्षम हो पाएंगे।
आशा है कि आप को मेरा Article पसंद आया होगा। मेरा लेख हिंदी में पढ़ने के लिए subscribe कर दीजिए और पसंद आया हो तो like और share करना मत भूलिएगा।
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क्या आप भी चाहते हैं कि आपकी अलमारी में सिर्फ आवश्यक कपड़े ही रहे? क्या आपको भी लगता है कि आपके आलमारी में फालतू कपड़ो का होना एक बहुत बड़ा सिरदर्द है? और पुराने कपड़ों को हटाकर उसमें नए कपड़े जोड़े जाएं। यह किस प्रकार करें?
अपनी अलमारी को update करने के लिए उसमें अनावश्यक और पुराने कपड़ों को हटाकर नए कपड़े रखने पढ़ते हैं इसके लिए खरीदारी बहुत आवश्यक है।
खरीदारी करना बहुत ही आसान है और यह काम हर किसी को बहुत पसंद होता है बल्कि लोग बहुत ही शौक और दिलचस्पी के साथ खरीदारी करते हैं।
ढेर सारी खूबसूरत कपड़े जो अपने मनपसंद की होती हैं उन्हें खरीदना और पहनना क्या काम बड़े चाव से सभी करते हैं।
परंतु असल में देखा जाए तो कोई भी कपड़ा देखने में तो बहुत ही खूबसूरत होता है लेकिन उसमें बहुत बारीकी से हर एक चीज को देखना पड़ता है जो बहुत से लोग अनदेखा कर देते हैं उन चीजों पर ध्यान नहीं देते।
कपड़े की गुणवत्ता को किस प्रकार परखें?
किसी भी कपड़े का प्रमुख बिंदु उस कपड़े की design और pattern और रंग होता है। इन तीनों चीजों से उस कपड़े की पहचान होती है।
आज के समय में हर व्यक्ति जब कपड़े खरीदने जाता है तो दुकानदार कोयह कहता है कि कुछ स्टाइलिश और फैशनेबल दिखाइए और उसके द्वारा दिखाए गए कपड़ों में वह व्यक्ति यह देखता है कि इसका रंग कैसा है, यह फैशनेबल है या नहीं और पहनने पर स्टाइलिश लगेगा कि नहीं उसके बाद ही कपड़ों का चयन करता हैं।
जब हम कपड़े खरीदने जाते हैं तो विकल्प खरीदते समय विचार करने योग्य कारक हमारे पास सैकड़ों विकल्प होते हैं जिनमें से बहुत ढेर सारे विकल्प हमें पसंद आ जाते हैं किसी के दुपट्टे खूबसूरत होते हैं, किसी सूट की डिजाइन अच्छी होती है, किसी कपड़े का कलर खूबसूरत होता है।
इस प्रकार हर कपड़े में कोई ना कोई छोटी मोटी कमी नजर आ जाती है जिसकी वजह से ना चाहते हुए भी हमें उसे छोड़ना पड़ जाता है।
निष्कर्ष
आशा करती हूं कि इस लेख में यह बताने समर्थ हुई हूं कि कपड़े खरीदते समय ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु कौन कौन से होते हैं।
अगर इन सभी तथ्यों पर ध्यान देकर कपड़े खरीदेंगे तो ज़रूर आपको बेहतरीन कपड़े प्राप्त होंगे और आप एक बेहतर विकल्प का चयन करने में सक्षम हो पाएंगे।
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Class 6 Hindi Grammar Chapter 8 कारक के भेद
Class 6 Hindi Grammar Chapter 8 कारक (Karak). Here, we will learn about कारक and कारक के भेद with examples and explanation for the exams preparation academic session 2022-2023. The complete definition of कारक and it’s all kinds are given here with suitable examples. Students can understand all the terms related to कारक and it’s use. Score more and clear your doubts by studying here class 6 Hindi Vyakaran chapter 8 Karak.
कक्षा 6 के लिए हिन्दी व्याकरण पाठ 8 कारक
कक्षा: 6 | हिन्दी व्याकरण |
अध्याय: 8 | कारक तथा इसके भेद |
Class 6 Hindi Grammar Chapter 8 कारक
कारक से आप क्या समझते हैं?
जो शब्द वाक्य में क्रिया का संज्ञा और सर्वनाम शब्दों के साथ संबंध बनाए, उसे कारक कहते हैं। संज्ञा का तीसरा विकारक तत्व है-कारक। कारक का अर्थ होता है क्रिया को करने वाला। इसका सीधा संबंध क्रिया से होता है। निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से पढ़िए:
- श्री राम, सीता और लक्ष्मण ने अयोध्या को छोड़ा।
- वे राजसी वस्त्रों को त्यागकर वन में गए।
- श्री राम ने रावण को बाण से मारा।
- श्री राम ने सीता को प्राप्त करने के लिए रावण को मारा।
- श्री राम के तरकश से बाण निकला।
- लक्ष्मण श्री राम जी के भाई थे।।
- युद्ध में रावण का अंत हुआ।
- हे छात्रो! धर्म की सदा विजय होती है।
- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- संप्रदान कारक
- अपादान कारक
- संबंध कारक
- अधिकरण कारक
- संबोधन कारक
- " बाढ़ के जल से पूरा घर डूब गया है" वाक्य में कारक चिह्न का सर्वाधिक उपयुक्त प्रयोग हुआ है
- यहा वाक्य में 'करण कारक' का प्रयोग हुआ है जिसका विभक्ति चिह्न 'से/के द्वारा' होता है।
- खेतों पर हल चल रहे हैं > खेतों में हल चल रहे हैं(अधिकरण कारक)
- किस डाली में आम लटक रहे हैं > किस डाली पर आम लटक रहे हैं ( अधिकरण कारक )
- तितली फूल में रस पी रही है > तितली फूल का रस पी रही है ( संबंध कारक )
उपर्युक्त वाक्यों में “ने”, “को”, “से”, “के लिए”, “से”, “के”, “का” तथा “हे” जैसे कुछ विशेष चिह्नों का प्रयोग हुआ है। यदि इन विशेष चिह्नों को हम वाक्यों से हटा दें तो हमें इनका अर्थ ठीक से समझ में नहीं आएगा और वाक्य अधूरे लगेंगे। वाक्यों का अर्थ भली प्रकार से जानने के लिए आवश्यकता है कि इन विशेष चिह्नों का प्रयोग किया जाए। ये सभी चिह्न कारकों के हैं। इन्हें कारकों की विभक्तियाँ या परसर्ग कहते हैं। कारकों का रूप प्रकट करने के लिए उनके साथ जो शब्द चिह्न लगते हैं, उन्हें विभक्ति या कारकों के चिह्न कहते हैं।
कारक के भेद
कारक के आठ भेद होते हैं। विभक्ति चिह्नों सहित उनके विकल्प खरीदते समय विचार करने योग्य कारक नाम निम्नलिखित हैंपरसर्ग या कारक चिह्न हैं:
कर्ता कारक
जिससे क्रिया करने वाले का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहते हैं।
पहचान: क्रिया से पहले ‘कौन’ या ‘किसने’ लगाकर देखने से जो उत्तर आए, वही कर्ता कारक है।
उदाहरण:
1. राहित ने खाना खाया। (किसने खाना खाया?) “रोहित”- “रोहित” कर्ता कारक है।
2. अमन पुस्तक पढ़ रहा है। (कौन पढ़ रहा है?) “अमन”- अमन कर्ता कारक है।
कर्म कारक
(विभक्ति चिह्न- “को”)- वाक्य के जिस शब्द पर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं।
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क्या आप भी चाहते हैं कि आपकी अलमारी में सिर्फ आवश्यक कपड़े ही रहे? क्या आपको भी लगता है कि आपके आलमारी में फालतू कपड़ो का होना एक बहुत बड़ा सिरदर्द है? और पुराने कपड़ों को हटाकर उसमें नए कपड़े जोड़े जाएं। यह किस प्रकार करें?
अपनी अलमारी को update करने के लिए उसमें अनावश्यक और पुराने कपड़ों को हटाकर नए कपड़े रखने पढ़ते हैं इसके लिए खरीदारी बहुत आवश्यक है।
खरीदारी करना बहुत ही आसान है और यह काम हर किसी को बहुत पसंद होता है बल्कि लोग बहुत ही शौक और दिलचस्पी के साथ खरीदारी करते हैं।
ढेर सारी खूबसूरत कपड़े जो अपने मनपसंद की होती हैं उन्हें खरीदना और पहनना क्या काम बड़े चाव से सभी करते हैं।
परंतु असल में देखा जाए तो कोई भी कपड़ा देखने में तो बहुत ही खूबसूरत होता है लेकिन उसमें बहुत बारीकी से हर एक चीज को देखना पड़ता है जो बहुत से लोग अनदेखा कर देते हैं उन चीजों पर ध्यान नहीं देते।
कपड़े की गुणवत्ता को किस प्रकार परखें?
किसी भी कपड़े का प्रमुख बिंदु उस कपड़े की design और pattern और रंग होता है। इन तीनों चीजों से उस कपड़े की पहचान होती है।
आज के समय में हर व्यक्ति जब कपड़े खरीदने जाता है तो दुकानदार कोयह कहता है कि कुछ स्टाइलिश और फैशनेबल दिखाइए और उसके द्वारा दिखाए गए कपड़ों में वह व्यक्ति यह देखता है कि इसका रंग कैसा है, यह फैशनेबल है या नहीं और पहनने पर स्टाइलिश लगेगा कि नहीं उसके बाद ही कपड़ों का चयन करता हैं।
जब हम कपड़े खरीदने जाते हैं तो हमारे पास सैकड़ों विकल्प होते हैं जिनमें से बहुत ढेर सारे विकल्प हमें पसंद आ जाते हैं किसी के दुपट्टे खूबसूरत होते हैं, किसी सूट की डिजाइन अच्छी होती है, किसी कपड़े का कलर खूबसूरत होता है।
इस प्रकार विकल्प खरीदते समय विचार करने योग्य कारक हर कपड़े में कोई ना कोई छोटी मोटी कमी नजर आ जाती है जिसकी वजह से ना चाहते हुए भी हमें उसे छोड़ना पड़ जाता है।
निष्कर्ष
आशा करती हूं कि इस लेख में यह बताने समर्थ हुई हूं कि कपड़े खरीदते समय ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु कौन कौन से होते हैं।
अगर इन सभी तथ्यों पर ध्यान देकर कपड़े खरीदेंगे तो ज़रूर आपको बेहतरीन कपड़े प्राप्त होंगे और आप एक बेहतर विकल्प का चयन करने में सक्षम हो पाएंगे।
आशा है कि आप को मेरा Article पसंद आया होगा। मेरा लेख हिंदी में पढ़ने के लिए subscribe कर दीजिए और पसंद आया हो तो like और share करना मत भूलिएगा।
Answer (Detailed Solution Below)
सही विकल्प है - "बाढ़ के जल से पूरा घर डूब गया है।"
Key Points
कारक - संज्ञा और सर्वनाम के जिस रूप से उनका सम्बन्ध क्रिया के साथ जाना जाता हैं, उसकों कारक कहते हैं।